हल्द्वानी में पुलिस सुरक्षा बल, जिला अधिकारी और नगर निगम की टीम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर एक अवैध मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने पहुंचे तो वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और प्रशासन पर पत्थर फेकने लगी. इस हादसे में अभी तक दो लोगों की मौत और 50 से ज्यादा पुलिस कर्मीयों के घायल होने की खबर सामने आ रही है. उत्तराखंड राज्य सरकार ने दंगा करने वालों पर गोली चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं. मामले को काबू करने के लिए इलाके में कर्फ्यू लगाकर लोगों से सहयोग करने को भी कहा गया है.
Uttrakhand: हल्द्वानी की नगर पालिका टीम सूचना पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस सुरक्षा बल और जिले के अधिकारियों के साथ गांधी नगर में बने अवैध मस्जिद और मदरसे के पास पहुंची और जैसे ही बुलडोजर से अतिक्रमण को हटाने लगी वैसे ही मोहल्ले में रहने वाले सभी लोग यहां तक की महिलाएं सड़क पर उतर आईं. पुलिस ने कार्रवाई में कोई खलल ना पड़े इसके लिए बैरिकेड लगा रखा था, लेकिन लोगों ने बैरिकेड तोड़कर पुलिस, जिला अधिकारियों की टीम और नगर पालिका के सभी लोगों पर जमकर पथराव करना शुरु कर दिया था.
डीएम ने क्या बताया?
नैनीताल की जिला अधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि गैरकानून तरीके से बनाए मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने का नोटिस सभी पक्षों को हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे उत्तराखंड राज्य में जारी किया गया था. जिसमें नगर पालिका द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का विवरण और तारीक भी बताया गया है.
अल्पसंख्यक समाज के लोगों को इमारत के गैरकानूनी होने की जानकारी दी जाने के बाद भी उन्होंने पुलिस सुरक्षा बल, प्रशासन और नगर निगम की टीम पर हमला करने का प्लान बनाया था. अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शांत तरीके से चल रही थी कि अचानक से लोगों बड़ी संख्या में जमा हो कर प्रशासन और पुलिस सुरक्षा बल पर पत्थरों से और पेट्रोल बम से हमला करने लगे. इस पूरे कांड में 50 से ज्यादा पुलिस कर्मी और प्रशासन के अधिकारियों के घायल होने की खबर मिली है.
राज्य सरकार का कड़ा कदम
हल्द्वानी में हुई घटना ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया था, लेकिन हालात पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने दंगा करने वालों पर गोली चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं और जिन लोगों ने दंगा भड़काया है, उन पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। बता दें कि राज्य के उच्च न्यायालय (High Court) ने राज्य में हुए अवैध निर्माण और कब्जे की घटनाओं पर फैसला सुनाते हुए राज्य की सरकार और प्रशासन को उचित कदम उठाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कड़े लफ्जों में हाई कोर्ट के फैसले का पालन करने के आदेश जारी किए थे.
पिछले साल से ही कई जगहों पर बनाए गए अवैध मजार और जंगलों में अतिक्रमण के खिलाफ सरकार और प्रशासन ने मुहिम चला रखा था, जिसके अंतर्गत गांधी नगर में भी सरकार के फैसले का पालन करने और सरकारी संम्पत्ति पर किए गए गैरकानूनी कब्जे को हटाने की कवायद जारी थी.
जिला अधिकारी का दावा
जिला अधिकारी ने ये भी बताया कि जब सबसे पहले भीड़ हमला करने आई तो उसने इट और पत्थर का इस्तेमाल कर प्रशासन पर धावा बोला. जब दूसरी भीड़ पीछे से हमला करने आई थी, तो उसके पास पेट्रोल बम मौजूद था, जिसका इस्तेमाल इलाके में आतंक फैलाने और प्रशासन को सरकारी काम पूरा करने से रोकने का था.
भीड़ ने पूरी ताकत का इस्तेमाल कर हमे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी, लेकिन हमारा पहला काम आम आदमी की सुरक्षा के साथ-साथ हमारे लोगों की भी सुरक्षा थी, जिसे पुलिस टीम ने निभाया है. हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकार द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स ने कानूनी तौर पर सभी पक्षों को उनकी बात रखने और सबके साथ न्याय सुनिश्चित करने के काम को निष्ठा से किया है.
जिला अधिकारी वंदना सिंह ने मामले की और भी जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में दंगाइयों ने 20 बाइक और सुरक्षा बल की एक बस को जला दिया है, लेकिन सख्ती से सरकार और कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए अवैध निर्माण को जमीदोज जरूर किया जाएगा.
इस मामले पर केंद्र सरकार और यूपी सरकार कि भी नजर बनी हुई है, जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी कर दिया है. आने वाले लोकसभा चुनावों में भी इस घटना की गुंज सुनाई देने की आशंका है.
उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले में पिछले कुछ दिनों से तनाव का माहौल बना हुआ है, जिस कारण जिले में जगह-जगर पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. दरअसल बीते 8 फरवरी यानी की गुरूवार को हिंसा भड़क उठी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई है, और कई लोग घायल हो गए,जिसके बाद धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि जिला प्रशासन बनभूलपुरा में ‘नजूल भूमि’ पर कथित तौर पर अवैध रूप से बनी एक मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने गया था, जिसका वहां के रहने वालों ने कड़ा विरोध किया और इसके लिए लोग उग्र हो गए और ये हिंसा में तब्दील हो गया. इसमें लोगों ने सड़कों पर पत्थर बरसाए और आगजनी फैला दी. इस हिंसा के बाद पहाड़ के अन्य जिलों में भी तनाव की स्थिति बन गई, जिसके बाद से ही वहां पर पुलिस अलर्ट मोड पर है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर ये नजूल की जमीन क्या होती है.
क्या होती है नजूल की जमीन ?
आपने अपने देश के कई शहरों और कस्बों में ऐसे साइन बोर्ड देखें होंगे, जिसमें लिखा होता है कि, ‘यह नजूल की जमीन है’, भारत में जब ब्रिटिश शासन था तो उस समय देसी रियासतें हुआ करती थीं. जिसमें से कुछ रियासतें ब्रिटिश शासन की समर्थक थीं तो कुछ ने उनके खिलाफ कड़ा विरोध किया था, इन दोनों तरह की रियासतों के बीच कई लड़ाइयां भी हुई. कहा जाता है कि उस समय युद्ध में जो भी राजा अंग्रेजों से हार जाया करते थे, अंग्रेज उनसे उनकी ज़मीन छीन लेते थे. लेकिन साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो अंग्रेजों ने इन जमीनों को खाली कर दिया था, लेकिन उस समय राजाओं और राजघरानों के पास इन जमीनों को खुद का साबित करने के लिए दस्तावेज़ों नहीं थे, इसलिए सरकार ने इस तरही की जमीनों को ‘नजूल भूमि’ के रूप में चिह्नित कर दिया था.
नजूल भूमि पर किसका होता है हक ?
रिपोर्ट्स की मानें तो इन नजूल भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार के पास होता है, और राज्य सरकार इस तरह की भूमि को किसी को एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर आवंटित कर देती है और इसके लीज की अवधि 15 से 99 साल होती है. इस अवधि के समाप्त होने पर व्यक्ति स्थानीय प्रशासन के राजस्व विभाग को एक लिखित आवेदन देकर इस पट्टे को नया बनवा सकता है. सरकार इस नजूल भूमि को वापस लेने या पट्टे को नया करने से मना व रद्द करने के लिए स्वतंत्र होती है।
हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक से सरकारी संपत्ति की क्षति की कुल राशि 2.44 करोड़ को वसूलने के लिए नगर निगम ने नोटिस भेजा, दी गई समय सीमा पार करने पर कानूनी तरीके से पैसा वसूला जाएगा।
कुछ दिनों पहले 8 फरवरी को हिंसा और आगजनी से हल्द्वानी दहक रहा था, जिसका मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक है। इस आरोपी के खिलाफ हल्द्वानी नगर निगम ने बड़ा कदम उठाते हुए और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में वसूली का नोटिस भेज दिया है।
वसूली का 2.44 करोड़ का नोटिस
बता दें कि यह हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिया गया वसूली का नोटिस कुल 2.44 करोड़ रुपयेका है। इस नोटिस में मलिक के समर्थकों पर 'मलिक का बगीचा' मेंअतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला करने और नगर निगम की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की भी बात कही गई है।
नगर निगम ने इस नोटिस में 8 फरवरी की घटना के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर का भी जिक्र किया है, जिसमें आरोपी मलिक का नाम भी शामिल है। नगर निगम ने नुकसान हुई संपत्ति का प्रारंभिक आकलन 2.44 करोड़ रुपये का किया है, और मलिक को इसको चुकाने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया है, और उसको यह राशि हल्द्वानी नगर निगम में जमा करने के लिए कहा है। यदि मलिक दिए गए समय में पैसा नहीं देता है तो राशि उससे कानूनी तरीके से वसूली की जाएगी।
बसपा से लोकसभा चुनाव लड़ चुका है आरोपी
बता दें कि हल्दवानी की घटना का मुख्य आरोपी ने मोटा पैसा जमा करने के बाद नेता बनने का सपना देखा था। इसके लिए वह साल 2004 में फरीदाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए बसपा से टिकट लाकर चुनाव भी लड़ चुका है। लेकिन इस चुनाव में उसको हार का सामना करना पड़ा था।
शहरमें अवैध ढ़ांचे को हटाने से भड़का था दंगा
मलिकने हल्द्वानी में "अवैध संरचना" का निर्माण कराने का आरोप है, जिसको हटाने के दौरान शहर में 8 फरवरी को हिंसा भड़क गई थी। इसमें छह लोगों को मौतऔर 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिसमें कई पुलिसकर्मी और मीडिया के लोगभी शामिल थे। हिंसा में पुलिस बल और नगर निगम के कर्मचारियों पर हमला किया गया था, इसके अलावा एक पुलिस स्टेशन में आग भी लगाई गई थी। इस शर्मनाक हिंसा में पांच कथित दंगाइयों सहित छह लोगों की मौत हो गई थी, और 60 लोग घायल हो गए थे।
उत्तराखंड में भीषण सड़क हादसा हो गया, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई। जबकि 2 लोग घायल हुए हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इसके साथ मृतकों की शिनाख्त की जा रही है।
बेतालघाट क्षेत्र में हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक नैनीताल के पास बेतालघाट क्षेत्र के मल्ला गांव ऊंचाकोट मोटर मार्ग पर सोमवार देर रात करीब 10:30 बजे पिकअप 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। जिससे चालक समेत आठ लोगों की मौत हो गई। पिकअप में सवार दो नेपाली मजदूर भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
मजदूरी कर वापस लौट रहे थे सभी
बेतालघाट थानाध्यक्ष अनीस अहमद ने बताया कि पिकअप के खाई में गिरने की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया। वाहन चालक राजेंद्र कुमार (42) के अलावा नौ नेपाली मजदूर पिकअप में सवार थे। यह सभी क्षेत्र में पेयजल लाइन बिछाने का काम खत्म कर वापस लौट रहे थे, तभी हादसा हो गया। हादसे में जान गंवाने वाले नेपाली मजदूरों के नाम और उनके घर का पता अभी नहीं चला है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप, पुडुचेरी में मतदान कराया जाएगा. पहले चरण में इन राज्यों में 102 सीटों पर मतदान होगा.
पहले चरण में 21 राज्यों में वोट डाले जाएंगे
पहले चरण में जिन 21 राज्यों में वोट डाले जाएंगे उसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ राज्य की सीटें भी शामिल हैं। इस चरण में उत्तर प्रदेश की 8, बिहार की 4, पश्चिम बंगाल की 3, राजस्थान की 12, मध्य प्रदेश की 6, उत्तराखंड की 5, असम की 4, मेघालय की 2, मणिपुर की 2, छत्तीसगढ़ की 1, अरुणाचल की 2, महाराष्ट्र की 5, तमिलनाडु की 39, मिजोरम की 1, नागालैंड की 1, सिक्किम की एक, त्रिपुरा की एक, अंडमान एंड निकोबार की 1, जम्मू-कश्मीर की 1, लक्षद्वीप की 1, पुडुचेरी की 1 सीट पर वोट डाले जाएंगे.
यूपी की 8 सीटों पर होगी वोटिंग
उत्तर प्रदेश की जिन 8 सीटों पर मतदान होने वाले हैं उनमें सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत सीट शामिल हैं. सहारनपुर से राघव लखनपाल एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. वहीं, पीलीभीत सीट से इस बार योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट मिला है. वहीं, कैराना से बीजेपी ने प्रदीप चौधरी को मैदान में उतारा है. वहीं मुजफ्फरनगर में बीजेपी ने दो बार से लगातार सांसद संजीव बालियान को मैदान में उतारा है.बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी आरएलडी के उम्मीदवार चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है.नगीना लोकसभा सीट से बीजेपी ने ओम कुमार को उम्मीदवार बनाया है.मुरादाबाद निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी ने सरवेश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है और रामपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है.
पहले चरण में बिहार की चार सीटों पर चुनाव
पहले चरण में बिहार की चार सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इन चार सीटों में औरंगाबाद, गया, जमुई और नवादा सीट शामिल है. जमुई से एलजेपी (रामविलास) के अरुण भारती मैदान में हैं. अरुण भारती पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान के बहनोई हैं. वहीं, औरंगाबाद सीट पर बीजेपी ने सुशील कुमार सिंह को टिकट दिया है. इनका मुकाबला राजद के अभय कुमार सिन्हा से है.
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की इन सीटों पर चुनाव
पहले चरण के मध्य प्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इन छह सीटों में छिंदवाड़ा, बालाघाट, जबलपुर, मंडला, सीधी, और शहडोल सीट शामिल है. छिंदवाड़ा को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ का गढ़ भी कहा जाता है. छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को मैदान में उतारा है. यहां से बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है. वहीं, महाराष्ट्र की जिन छह सीटों पर वोट डाले जाएंगे उसमें गढ़चिरौली, चिमूर, रामटेक, चंद्रपुर, भंडारा-गोंदिया, नागपुर सीट शामिल है.
तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर वोट डाले जाएंगे
वहीं, पहले चरण के मतदान में तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस बार के चुनाव में बीजेपी दक्षिण के राज्यों खासकर तमिलनाडु में अपना फोकस बढ़ा दिया है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक कई बार तमिलनाडु का दौरा कर चुके हैं. तमिलनाडु की 39 सीटों में नीलगिरी, कोयंबटूर, पोलाची, डिंडीगुल, करूर, तिरुचिरापल्ली, पेरम्बलूर, तिरुवल्लुर, चेन्नई उत्तर, चेन्नई दक्षिण, चेन्नई सेंट्रल, नागपट्टिनम, तंजावुर, शिवगंगा, मदुरै, थेनी, श्रीपेरंबदूर, कांचीपुरम, अराक्कोनम, वेल्लोर, कृष्णागिरी, तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, धर्मपुरी, तिरुवन्नामलाई, अरणी, विलुप्पुरम, कल्लाकुरिची, सलेम, नामक्कल, इरोड, तिरुप्पुर, कुड्डालोर, चिदंबरम, मयिलादुथुराई, विरुधुनगर, रामनाथपुरम, थूथुकुडी और तेनकासी सीट शामिल है.
अग्निवीरों के लिए हरियाणा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, MP के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा ऐलान किया है. सीएम योगी के इस ऐलान के बाद अग्निवीरों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. दरअसल कारगिल विजय दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सीएम मोहन यादव और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि अग्निवीर जब अपनी सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस सेवा में, PAC में प्राथमिकता के आधार पर समायोजन की सुविधा दी जाएगी. उनके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में एक निश्चित आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
"10 लाख अग्निवीर अपनी सेवाएं दे रहे"
अग्निवीर पर आरक्षण के मसले पर सीएम योगी ने कहा, 'किसी भी देश और समाज के लिए प्रगति और समृद्धि के नए प्रतिमान स्थापित करने के लिए समय-समय पर किए जाने वाले सुधार जरूरी हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं और हमारी अर्थव्यवस्था को सम्मानजनक स्थान देने और भारत को पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए हर क्षेत्र में सुधार किए गए हैं.' उन्होंने कहा, 'हमें राष्ट्रीय सुरक्षा को समान महत्व देने की जरूरत है. इस सुधार के साथ सशस्त्र बल भी आगे बढ़े हैं. आज भारतीय सशस्त्र बल अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस है. यूपी और तमिलनाडु में रक्षा मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं. इस सुधार के साथ हमारी सशस्त्र सेनाएं इस गति से आगे बढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए अग्निवीर योजना को आगे बढ़ाया गया है. युवाओं के मन में उत्साह है. अग्निपथ योजना के तहत 10 लाख अग्निवीर अपनी सेवाएं देने के लिए आगे बढ़ रहे है.
हर चीज में बाधा डालना विपक्ष का काम- योगी
योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'सुधार, प्रगति और समृद्धि से जुड़ी हर चीज में बाधा डालना विपक्ष का काम है. वे लगातार ऐसा करते है विपक्ष ने इस मामले पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की. मुझे लगता है कि हमें राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च मानते हुए सशस्त्र बल सुधार पर आगे बढ़ना चाहिए. सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि अग्निवीर अच्छी योजना है लेकिन विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है.
MP में पुलिस और राज्य सशस्त्र बलों में मिलेगा आरक्षण
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भी अग्निवीर जवानों को पुलिस और राज्य सशस्त्र बलों में आरक्षण देने की घोषणा की. सीएम मोहन यादव ने कहा, 'आज कारगिल दिवस के अवसर पर हमारी सरकार ने निर्णय किया है कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छानुसार अग्निवीर जवानों को पुलिस एवं सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा.'
Noida: नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आई है। एक नामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने गए दो छात्र लापता हो गए हैं। दोनों छात्रों के लापता होने से स्कूल में हड़कंप मच गया है। वहीं, परिजनों रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने सेक्टर 58 थाना पुलिस को सूचना दी है। पुलिस ने टीमों का गठन कर दोनों छात्रों को तलाश कर रही है।
उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के 8वीं के छात्र हैं दोनों
जानकारी के मुताबिक, सेक्टर 58 थाना क्षेत्र के सेक्टर 56 उत्तराखंड पब्लिक स्कूल में मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले दो छात्र नैतिक ध्यानी और आर्यन कक्षा आठवीं में पढ़ते हैं। रोज की तरह दोनों गुरुवार को स्कूल गए थे। लेकिन छुट्टी होने के बाद काफी देर तक दोनों घर नहीं पहुंचे। इस पर परेशान परिजन बच्चों के बारे में पता करने स्कूल पहुंचे। यहां पता चला कि स्कूल तो आए थे। यह जानकारी लगते ही स्कूल में हड़कंप मच गया। वहीं, सूचना पर एसीपी अरविंद कुमार शुक्रवार को पुलिस बल के साथ स्कूल पहुंचे। यहां पुलिस ने परिजनों और स्कूली बच्चों से पूछताछ की। फिलहाल पुलिस दोनों बच्चों की तलाश कर रही है।
Noida: नोएडा के सेक्टर-56 स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल से लापता हुए दोनों छात्रों को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है। नोएडा जोन की पुलिस ने दोनों छात्रों को दिल्ली से बरामद किया है। दोनों छात्र आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर थे। फिलहाल पुलिस दोनों बच्चों को नोएडा लेकर आ गई है और परिजनों को सौंप दिया है। बच्चों के मिलने पर परिजनों पुलिस का आभार जताया है।
गुरुवार को स्कूल से लापता हो गए थे आठवीं के छात्र
बता दें कि सेक्टर 58 थाना क्षेत्र के सेक्टर 56 उत्तराखंड पब्लिक स्कूल में मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले दो छात्र नैतिक ध्यानी और आर्यन कक्षा आठवीं में पढ़ते हैं। गुरुवार को स्कूल से छुट्टी होने के बाद दोनों अपने घर नहीं पहुंचे थे। काफी देर इंतजार करने के बाद दोनों छात्रों के परिजन स्कूल पहुंचकर जानकारी ली। लेकिन कोई पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस भी सक्रिया हो गई और दोनों छात्रों की तलाश में जुट गई।
500 सीसीटीवी खंगालने के बाद नोएडा पुलिस को मिली सफलता
दोनों छात्रों को ढूंढने के लिए नोएडा जोन के ACP 2 अरविंद कुमार के नेतृत्व 5 टीमें गठित की गई थीं। ACP 2 और SHO सेक्टर 58 के नेतृत्व में टीम ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले तब जाकर बच्चों का पता चला। नोएडा पुलिस को दोनों बच्चे दिल्ली में आनंद विहार में मिले। दोनों बच्चों को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस की जांच में पता चला कि यूटी टेस्ट में दोनों छात्रों के कम नंबर आए थे। बच्चे परिजनों के डर की वजह से स्कूल की छुट्टी होने के बाद भाग गए थे।
एसीपी सेकंड अरविंद कुमार ने बताया कि उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के आठवी कक्षा के दोनों छात्रों को आनद विहार रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया गया है। बच्चों को ढूंढने के लिए 6 टीम लगाई गई थी। 500 सीवीटीवी कैमरे देखे गए, तब पुलिस ने कड़ी मशक्कत करके बच्चों को खोज पाई है।
Noida: गौतमबुद्ध नगर पुलिस को शनिवार को बड़ी सफलता हाथ लगी, जहां पुलिस ने गुरुवार को लापता हुए दो स्कूली बच्चों को आनंद विहार रेलवे स्टेशन से बरामद किया। पुलिस ने तगड़ी छानबीन और बड़े प्लान ऑफ एक्शन के बाद बच्चों को सही-सलामत पेरेंट्स के हवाले किया। इस दौरान गौतमबुद्ध नगर कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बच्चों से बात की। बच्चों के परिवारजनों ने कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को गुलदस्ता भेंट करके पूरी पुलिस टीम का धन्यवाद किया।
पेरेट्स से नाराज होकर स्कूल से भागे थे बच्चे
उत्तराखंड पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले दो बच्चे गुरुवार को लापता हो गए थे। जिसकी सूचना तुरंत ही पेरेंटस ने पुलिस को दी। पेरेट्स ने बताया कि स्कूल के गेट पर वो बच्चों का इंतजार कर रहे थे। पुलिस ने जब छानबीन की, तो पाया कि बच्चे पीछे के छोटे गेट से भाग निकले हैं। जानकारी के मुताबिक, बच्चे पेरेंट्स के सख्त रवैए से नाराज थे। फिर कम नंबर आने के बाद दोनों ने ये कदम उठाया था।
बच्चों को ढूंढने के लिए गठित की गई थीं 7 टीमें
पुलिस ने बताया कि अभिभावकों द्वारा कम्प्लेन करने के तुंरत बाद ही 7 पुलिस टीमों को गठन किया गया। जिसके बाद दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा की तमाम जगहों पर बच्चों को सर्च किया गया। इस दौरान आस-पास, सड़कों और मैट्रों स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। जिससे पता चला कि बच्चे खुद ही अपनी मर्जी से स्कूल से भागे हैं और आगे भी अपनी मर्जी से जा रहे हैं। जिसके बाद पुलिस को अंदेशा हुआ कि बच्चे पुलिस को देखकर छुप सकते हैं, इसलिए सादे कपडों में भी पड़ताल हुई। दो दिन के बाद शनिवार को आनंद विहार रेलवे स्टेशन से पुलिस ने बच्चों को बरामद किया।
पुलिस कमिश्नर ने की बच्चों की काउंसलिंग
पुलिस द्वारा बच्चों को सही सलामत बरामद किया गया। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बच्चों से मुलाकात की और समझाया। दोनों बच्चों से फेल होने के डर को निकालने की बात कही और आगे जाकर वो डॉक्टर, इंजीनियर बन सकते हैं, रॉकेट बना सकते हैं, तमाम बातें कहकर बच्चों को मोटिवेट किया। उन्होंने सीपी और सेक्टर-58 पुलिस की सराहना भी की। आपको बता दें, बच्चों को पकड़ने वाली टीम के लिए 20 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की गई है।
जारी रहेगी बच्चों की काउंसलिंग
पुलिस ने बताया कि एक्सपर्ट्स द्वारा बच्चों की काउंसलिंग जारी है। वो भविष्य में भी बच्चों की काउंसलिंग कराएंगे। साथ ही पेरेंट्स से कठोर रवैया न अपनाने की बात कही।
उत्तराखंड के चमोली जिले के पाताल गंगा इलाके में बड़ी लैंडस्लाइड की घटना सामने आई है। 37 सेकंड का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल है। ये लैंडस्लाइड की घटना पाताल गंगा में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे में सुरंग के ऊपर हुआ है। लैंडस्लाइड का वीडियो रोंगटे खड़े कर देने वाला है। वीडियो में पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकार नीचे आ रहा है। इसकी चपेट में सड़क का बड़ा हिस्सा आ गया। लैंडस्लाइड होने के बाद सड़क के एक बड़े हिस्से में सिर्फ धूल का गुबार ही नजर आ रहा था। ये गनीमत रही कि इसकी चपेट में कोई इंसान नहीं आया।
देखें वायरल वीडियो
लैंडस्लाइड से नेशनल हाईवे में अवरोध
मीडिया जानकारी के मुताबिक, पहाड़ का एक विशाल हिस्सा दरककर जमीन पर आ गिरा है। इस घटना के दौरान सड़क दोनों तरफ लोग ही लोग थे। साथ ही घटना से नेशनल हाईवे अवरुद्ध हो गया है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह घटना जोशीमठ के चुंडू धार में हुई। वीडियो में कुछ पर्यटक अपने मोबाइल फोन पर तबाही को कैद करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। जबकि अन्य लोग घबराहट में चीखते हुए और सुरक्षित स्थानों की ओर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।
जारी है मूसलाधार बारिश
मानसून के दस्तक देने के बाद से ही उत्तराखंड में इन दिनों मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। भारी वर्षा के बाद भूस्खलन से चारधाम समेत पर्वतीय रूटों पर यात्रियों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तराखंड में 200 से अधिक सड़कों पर बारिश और भूस्खलन के कारण ट्रैफिक ठप पड़ी हुई है।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
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