Lucknow: शहरों में गाड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब शहरों में बनने जा रहे सभी घरों में पार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए कैबिनेट बैठक में बड़े निर्णय को मंजूरी दे दी है। अब 500 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड पर भवन निर्माण में अगर भूतल पर पार्किंग की व्यवस्था की जाती है तो रहने के लिए ऊपर एक अतिरिक्त मंजिल बनाई जा सकेगी।
EWS कॉलोनी पर नियम लागू नहीं
300 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड पर पार्किंग के लिए दो मीटर ऊंचाई का ही स्टिल्ट फ्लोर बनाने पर 12.50 मीटर ऊंचाई में एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण किया जा सकेगा। गाड़ियों से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भवनों में चार्जिंग स्टेशन बनाने की व्यवस्था भी की है। हालांकि पार्किंग का नियम ईडब्यूएस कॉलोनी पर लागू नहीं होगा।
वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए फैसला
अभी डेढ़ दशक पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 के अनुसार ही विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद के क्षेत्र में भवनों के निर्माण संबंधी मानचित्र पास किए जाते हैं। 15 सालों में गांव से पलायन के चलते शहरों में आबादी का दबाव बढ़ने के साथ ही गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसलिए पार्किंग की गंभीर समस्या भी खड़ी होती जा रही है। ऐसे में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा संबंधित उपविधि को संशोधित करते हुए नए सिरे से तैयार किए गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट ने भविष्य में उपविधि में किसी तरह के और संशोधन को मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री को देने का भी निर्णय किया।
Lucknow: उत्तर प्रदेश में शराब के शौकीनों को झटका लगेगा। यूपी सरकार की कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई है। इसमें कई बदलाव किए गए हैं। पहली अप्रैल 2024 से अंग्रेजी शराब, बियर और भांग की लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। इससे पहली अप्रैल से अंग्रेजी शराब 10 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है। इसके ओकेजनेली लाइसेंस अब केवल 12 घंटे के लिए लाइसेंस मिल सकेंगे।
पुलिस की मनमानी पर लगेगी रोक
साथ की बीयर की दुकान के बगल खाली पड़े जगह का इस्तेमाल लाइसेंस धारक माडल शॉप के तौर पर कर सकेंगे। इसके साथ पुलिस के मनमानी पर रोक लगाई गई। पुलिस को निरीक्षण और चेकिंग के लिए आबकारी विभाग से अनुमति लेने पड़ेगी। फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण के माध्यम से कराए जाने का प्रस्ताव है। देसी मदिरा की दुकानों के एमजीयू में 10 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। देसी मदिरा की फुटकर दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस किधर 32 रुपए प्रति बल्क लीटर वार्षिक के आधार पर निर्धारित करने का प्रस्ताव किया गया है।
यूपी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बजट में किसको कितना फायदा मिलने वाला है, किसानों और ग्रामीणों के लिए इस बजट में क्या है। क्या वाकई फाइलों का सबसे बजट साबित होगा या फिर वाकई में इस बजट में किसानों, ग्रामीणों और महिलाओं को भी ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में.
Lucknow: यूपी सरकार ने प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बार बजट में ऐसा क्या है जो अन्य बजट से अलग बनाता है। इस बार के बजट में महिलाओं, ग्रामीणों और किसानों के लिए बजट में बड़े एमाउंट को प्रस्तावित किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए वित्तीय साल 2024-25 में 7350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित की गई है।
ग्रामीणों क्षेत्रों में हेल्थ सेक्टर पर फोकस
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना की तैयारी है। इस कार्य के लिए 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए साल 2024-25 में 300 करोड़ रूपये सरकार खर्च करने जा रही है। वहीं राज्य कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की व्यवस्था भी इस बजट में है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सालयों में भी उपचार की व्यवस्था की गई है। निजी चिकित्सालय में इलाज करवाने पर राज्य सरकार पूरा खर्च वहन करेगी।
चिकित्सा शिक्षा पर सरकार का जोर
इस बार के बजट में चिकित्सा सुविधा के साथ डॉक्टर्स की पढ़ाई के लिए कॉलेज की भी व्यवस्था है। प्रदेश में अभी 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार और 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा है। 14 जिलों में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। जबकि 16 जिलो में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज की बनाए जाने की योजना है। वहीं राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग कॉलेज की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 कर दी गई है। इसके अलावा वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
Lucknow: उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। किसानों को अब प्रदेश सरकार मुफ्त बिजली की सुविधा देने जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्ष में हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया है। प्रदेश में किसानों को मुफ्त बिजली दिए जाने का मुद्दा लगातार उठाया जा रहा था। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के डेढ़ करोड़ किसानों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। ये योजना एक अप्रैल साल 2023 से लागू होने जा रही है। किसानों को बिजली मुफ्त दिए जाने की बात बीजेपी के घोषणापत्र में भी की गई थी। सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए थे। अब योगी कैबिनेट ने इस पर निर्णय लेकर लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को बड़ी राहत दे दी है।
किसानों से किया वादा पूरा
उत्तर प्रदेश में किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा प्रदेश सरकार की घोषणा पत्र में भी शामिल था, जिसके चलते इस मांग का मामला लगातार गरमा रहा था। यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इस संबंध में पिछले दिनों मांग दोहराई थी। सरकार से बजट में पहले की घोषणा के अनुसार किसानों की तत्काल फ्री बिजली देने, ग्रामीण और शहर सभी को 24 घंटे बिजली आपूर्ति, डिस्ट्रीब्यूशन चैनल को अधिक मजबूत करने की मांग उठाई। अब योगी सरकार इस प्रकार की मांगों पर फैसला लेती दिख रही है
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन
इसके अलावा, प्रदेश कैबिनेट ने हाइड्रोजन नीति को भी मंजूरी दी है। कैबिनेट के इस निर्णय से प्रदेश के अलग-अलग शहरों में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, हाइड्रोजन बस सहित अन्य वाहन चलाने की योजना साकार हो सकेगी। प्रदेश में यूपीनेडा की ओर से ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी बनाई गई है। अब इसे लागू करने की तैयारी है। इस पालिसी को मंजूरी मिलने के बाद अन्य वाहनों के साथ ही पाइप्ड नेचुरल गैस में मिलाकर प्रयोग किया जा सकेगा। केंद्र सरकार की ओर से नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया है। अब इसे राज्यों को लागू करना है।
कैबिनेट में इसे भी मंजूरी
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