Noida: रविवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव नोएडा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लिया था। वहीं सोमवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी नोएडा पहुंचे। उन्होंने कुछ इस अंदाज में सपा पर पलटवार किया। सेक्टर-37 पहुंचे भूपेंद्र चौधरी का बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वगात किया। यहां पर प्रदेश अध्यक्ष ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किये, साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू भी लगाई।
सपा पर BJP का पलटवार
रविवार को नोएडा पहुंचे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा था। जिस पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि आज बीजेपी का काम बोलता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार गरीबों के लिए काम कर ही है, उन्होंने कहा कि आज भारत देश दुनिया का नेतृत्व करने की तरफ है। भूपेंद्र चौधरी ने इस दौरान चंद्रयान की सफलता और G-20 सम्मलेन का भी जिक्र किया।
BJP सरकार का काम बोलता हैः भूपेंद्र चौधरी pic.twitter.com/Ugn18j8y9v
— Now Noida (@NowNoida) October 2, 2023
'जनता का BJP को समर्थन'
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी की सरकार कानून-व्यवस्था और विकास पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम अपने कार्यों को जन-जन तक पहुंचा भी रहे हैं। पत्रकारों के लोकसभा चुनाव की तैयारी पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया, पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, सांसद महेश शर्मा और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर मौजूद रहे।
Greater Noida: लोकसभा चुनाव में जहां नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, समर्थक भी इससे पीछे नहीं हैं। दादरी बंबावड़ गांव में लोकसभा चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशी को जिताने के लिए समर्थकों में विवाद हो गया। इसके बाद सपा समर्थकों ने भाजपा समर्थक फिरे उर्फ धीरेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया। धीरेंद्र के सिर में गंभीर चोट गंभीर चोट लगने की वजह निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर है। वहीं, पीड़ित के बेटे ने मोहल्ले के चार लोगों के खिलाफ के दर्ज कराया है। पुलिस दो आरोपियों को हिरासत में लेर पूछताछ कर रही है।
दादरी पुलिस के अनुसार, 15 अप्रैल की शाम को फिरे और सपा समर्थक दर्शन व मांगेराम गांव में बैठकर चुनावी चर्चा कर रहे थे। इस बीच दोनों पक्षों में बहस हो गई। आरोप है कि फिरे ने भाजपा के जीतने का दावा किया तो दर्शन और मांगेराम गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद फिरे पर लाठी-डंडों से सपा समर्थकों पर हमला कर दिया,जिससे वह घायल हो गया। शोर शराबा होने पर दर्शन, मांगेराम, आजाद और रोहित भाग गए। पीड़ित को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यूपी बीजेपी के दो अहम नेताओं की खटपट का विपक्ष जमकर मजा ले रहा है. अब दोनों नेताओं के बीच मची इस तनातनी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी निशाना साधने लगे हैं. देखा जाए तो लोकसभा चुनावों के दौरान यूपी में मिली जीत के बाद से ही अखिलेश यादव आसमान में हैं. इसके साथ ही लगातार बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं. अब मामला इस कदर बढ़ गया है कि अखिलेश यादव और केशव मौर्य खुलकर सोशल मीडिया पर एक दूसरे के खिलाफ टीका-टिप्पणी करने लगे हैं.
अखिलेश ने मौर्य को बताया दिल्ली का मोहरा
असल में यह तो बात सही है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सरकार और पार्टी के बीच खींचतान की खबरें हैं. लखनऊ की प्रदेश कार्यकारिणी मीटिंग से लेकर दिल्ली तक इसकी चर्चा है. इन चर्चाओं के बीच अखिलेश यादव ने पहले तो केशव मौर्य को सौ सीट लेकर सीएम बनने का ऑफर दिया और अब अखिलेश यादव ने केशव मौर्य को दिल्ली का मोहरा बता दिया है. लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य को दिल्ली का मोहरा बताया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मौर्य जी दिल्ली वाई-फाई का पासवर्ड हैं. जातिवाद का सवाल उठाने वाले अब देखें कौन अधिकारी कहां बैठा है.
अखिलेश सपा को समाप्त होने से बचाने पर दें ध्यान- मौर्य
अखिलेश ने इधर ये सब कहा कि उधर केशव प्रसाद मौर्य ने भी ट्वीट कर दिया. केशव मौर्य ने लिखा कि कांग्रेस का मोहरा बन चुके सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी बीजेपी को लेकर गलतफहमी पालने, अति पिछड़ों को निशाना बनाने, अपमान करने की जगह सपा को समाप्त होने से बचाने पर ध्यान दें. बीजेपी 2027 में 2017 दोहरायेगी, कमल खिला है खिलेगा, खिलता रहेगा.
अखिलेश के ऑफर ने मचाया था तहलका
इसके अलावा समाजवादी पार्टी की तरफ से 100 लाओ, सरकार बनाओ वाला ऑफर दोहराया गया है. समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि मॉनसून ऑफर अभी भी जारी है. हमारा ऑफर सार्वजनिक है. बीजेपी से जो लाए, वो सरकार बनाए. बता दें कि ये बात तब शुरू हुई थी जब केशव प्रसाद मौर्य की योगी से नाराजगी की चर्चाओं के बीच अखिलेश ने सबसे पहले ये ऑफर देकर तहलका मचा दिया था.
लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यूपी बीजेपी के नेतृत्व को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यानी बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले। यूपी की सियासी हलचल के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर करारा हमला बोला है।
भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ''भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। जनता के बारे में सोचनेवाला भाजपा में कोई नहीं है।''
सीएम ने बुलाई प्रभारी मंत्रियों की बैठक
वहीं, विधानसभा उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बैठक बुलाई है। इसमें सभी 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के प्रभारी बनाए गए मंत्री शामिल होंगे। हर सीट पर तीन-तीन मंत्रियों के अलावा संगठन से एक-एक पदाधिकारी की तैनाती की गई है। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव भाजपा के लिए काफी अहम हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने उपचुनाव की कमान स्वयं अपने हाथों में ले ली है।
केशव मौर्य और भूपेंद्र चौधरी की दिल्ली में नड्डा से मुलाकात
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद खुलकर शुरू हुई बयानबाजी और 2027 को लेकर शुरू हुई भविष्यवाणी से चिंतित भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश की पूरी थाह लेनी शुरू कर दी है। मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सरकार और संगठन दोनों के प्रतिनिधियों को बुलाया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से अलग-अलग मुलाकात कर चुनाव बाद कार्यकर्ताओं की मनोदशा एवं जातियों में बंटे वोटरों को विकास के लिए प्रोत्साहित करने व आगामी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों पर चर्चा की।
दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। लंबे अरसे बाद प्रदेश में ऐसा माहौल बना था जिसमें नेतृत्व बदलाव की चर्चा छिड़ गई थी। कई नेताओं की ओर से ऐसे बयान दिए जाने लगे थे कि 2027 का चुनाव जीतना है तो बदलाव जरूरी होगा। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल उत्तर प्रदेश में बदलाव की बात भी नहीं सोची जा रही, लेकिन उपचुनाव के नतीजों को गौर से देखा जाएगा।
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