नोएडा: पड़ोसी देश बांग्लादेश से भारत आई सोनिया अख्तर की वीजा अवधि पूरी हो चुकी है। हालांकि सोनिया अपने देश वापस नही जाना चाहती है। उसने कहा कि वो अपने पति की तलाश में अपने सवा साल के बेटे को हक दिलाने आई है और बिना न्याय मिले वो यहां से नही जाएंगी।
न्याय मिलने तक नही जाएंगी वापस:
आगे उसने कहा कि अगर उसे बांग्लादेश भेजा गया तो न्याय हासिल करने के लिए वीजा लेकर फिर भारत वापस आएंगी। बता दें सोनिया की वीजा अवधि तीन दिसंबर को पूरी हो चुकी है। इससे पहले ही सोनिया ने बढ़वाने के लिए आवेदन किया था। वीजा अवधि न बढ़ने पर उसने बांग्लादेश जाने के लिए एक्जिट पास की मांग की है। लेकिन अभी इस आवेदन का निस्तारण नहीं हुआ है। सोनिया का कहना है कि वह कानूनी ढंग से भारत आई है और न्याय मिलने तक यहीं रहना चाहती है।
ये है पूरा मामला:
सोनिया के अनुसार बांग्लादेश में रहने के दौरान सौरभकांत तिवारी ने ही उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। सोनिया ने शुरू में शादी से मना कर दिया था। मगर सौरभ की कंपनी के अधिकारी ने सोनिया को समझाया। हिंदू धर्म के अनुसार पहले से विवाहित होने के कारण सौरभ दूसरा विवाह नहीं कर सकता था। इसके चलते सौरभ ने पहले अपना धर्म परिवर्तन कर निकाह किया। बांग्लादेश का शपथ पत्र और निकाहनामा भी सोनिया के पास मौजूद है। सोनिया बांग्लादेश से अपने पड़ोसी से एक लाख रुपये का कर्ज लेकर आई थी। इनमें से 25 हजार रुपये टिकट आदि में ही खर्च हो गए थे।
सोनिया इसके पहले भी आ चुकी हैं भारत:
जानकारी के मुताबिक सोनिया पहली बार एक मई को भारत आई थी। करीब एक सप्ताह तक जिले रूककर पुलिस से शिकायत की थी। ठोस कार्रवाई नहीं होने पर वह लौट गई थी। इसके बाद तीन अगस्त को फिर भारत आई। तब से ग्रेटर नोएडा स्थित शिवालिक होम्स निवासी पति सौरभकांत को पाने के लिए संघर्ष कर रही है। सोनिया ने अपने वकील डॉ. एपी सिंह की मदद से गौतमबुद्ध नगर पुलिस के अलावा, महिला आयोग, पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से गुहार लगा चुकी हैं।
Greater Noida: बांग्लादेश से अपना इश्क मुकम्मल करने आई सोनिया अख्तर कानूनी लड़ाई बीच में छोड़कर बेटे के साथ अपने वतन लौट गई है। हालांकि सोनिया अख्तर ने जाते-जाते कहा है कि वह अपने बेटे को पिता का हक दिलाने के लिए फिर से भारत आएगीं। सोनिया ने बांग्लादेश जाते समय कहा कि उसके वीजा की समय सीमा खत्म हो गई है, इसलिए वह वापस जा रही है। वह गैर कानूनी ढंग से लड़ाई नहीं लड़ना चाहती। वहीं, सोनिया को अपने बेटे को बांग्लादेश ले जाने के लिए सौरभ तिवारी से लिखित अनुमति भी लेनी पड़ी है।
लगभग डेढ़ साल तक लड़ी कानूनी लड़ाई
बता दें कि ग्रेटर नोएडा स्थित शिवालिक होम्स निवासी सौरभ तिवारी की तलाश के लिए पहली बार एक मई 2023 को सोनिया पति भारत आई थी। करीब एक सप्ताह तक रुककर पुलिस से शिकायत की थी। ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण बांग्लादेश लौट गई थी। इसके बाद तीन अगस्त को फिर भारत आई और वकील डॉ. एपी सिंह की मदद से गौतमबुद्ध नगर पुलिस के अलावा, महिला आयोग, पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से गुहार लगाई थी। इसके साथ ही न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया था। इस दौरान सोनिया शिवालिक होम्स सोसाइटी में बेटे के साथ रहने लगी।
बांग्लादेश में किया था सौरभ से निकाह
सोनिया ने बताया था कि बांग्लादेश में रहने के दौरान सौरभ तिवारी ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। शुरू में उसने शादी से इन्कार कर दिया था। लेकिन सौरभ की कंपनी के अधिकारी ने उसको समझाया कि हिंदू धर्म के अनुसार पहले से विवाहित होने के कारण सौरभ दूसरा विवाह नहीं कर सकता था। इसके बाद सौरभ ने अपना धर्म परिवर्तन किया और फिर उससे निकाह किया था। लेकिन भारत में आने के बाद सौरभ तिवारी अपने पहली पत्नी व बच्चों के साथ रहने लगे।
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October 05, 2024