BCCI ने खिलाड़ियों के मनमाने रवैये को खत्म करने के लिए एक नया नियम बनाया है इसके तहत खिलाडियों के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना अनिवार्य कर दिया है। जिसके बाद कई खिलाड़ियों के करियर पर संकट मंडरा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में तो इस बात का दावा किया जा रहा है कि लगातार ईशान किशन BCCI के नियमों की अनदेखी कर रहे थे जिसके चलते ऐसा फैसला जय शाह ने लिया. जिसने कई दिग्गज खिलाड़ियों को भी टेंशन में डाल दिया है. ऐसे में ये भी जानते है कि आखिर BCCI ने अचानक ये नियम क्यों बनाया है.
'बहानेबाजी नहीं होगी खिलाड़ियों की बर्दाश्त'
दरअसल IPL दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली क्रिकेट लीग है और यहां खेलने पर प्लेयर्स को पैसा और शोहरत दोनों मिलती हैं। आईपीएल में खेलकर कई स्टार क्रिकेटर ने अपना करियर बनाया है। जिसके कारण खिलाड़ी फिट होने का बाद भी घरेलू क्रिकेट में खेलना पसंद नहीं करते हैं। निस कारण से BCCI ने ये फैसला लिया है जिसके अनुसार भारतीय टीम की ओर से खेलने वाले सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियों को अब रेड बॉल क्रिकेट खेलना ही होगा और BCCI इसके लिए कोई भी बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी। फिर चाहे वो स्टार खिलाड़ी, विराट कोहली या मोहम्मद शमी ही क्यों ना हों।
जय शाह ने सेलेक्टर्स, कोच, कैप्टन को दिए पावर
BCCI सचिव जय शाह ने राजकोट टेस्ट मैच से पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया था। जय शाह ने कहा "कि भारत के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों को घरेलू सर्किट में अनिवार्य रूप से रेड बॉल क्रिकेट खेलना होगा" बीसीसीआई इसके लिए कोई बहाना बर्दाश्त नहीं करेगा।" साथ ही कहा "कि अगर कोई खिलाड़ी टीम मैनजेमेंट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने से इनकार करता है, तो चीफ सेलेक्टर्स के चेयरमैन को खुद ही फैसला लेने की छूट दी जाएगी और यदि सेलेक्टर्स के चेयरमैन (अजीत अगरकर), आपके कोच (राहुल द्रविड़) और आपके कप्तान (रोहित शर्मा) इसके लिए कह रहे हैं तो आपको रेड बॉल से क्रिकेट खेलना होगा।"
केवल IPL में खेलने वाले खिलाडियों को कड़ा संदेश
BCCI के इस नये नियम के ऐलान के साथ ही ईशान किशन, कुणाल पंड्या और दीपक चाहर जैसे खिलाडियों को जो सीधे आईपीएल खेलने के लिए उतरते हैं उनको एक स्पष्ट संदेश मिल गया है कि उनको भी अपनी घरेलू टीमों के लिए खेलना होगा। वहीं BCCI के इस नियम की सराहना भी होनी चाहिए क्योंकि डोमेस्टिक रेड बॉल क्रिकेट से स्टार खिलाड़ियों का मोह भी खत्म होता जा रहा है।
NCA की सलाह के अनुसार ही होती हैं चीजें
जय शाह ने इस दौरान यह भी कहा "कि यह बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट अकादमी की गाइडेंस के अनुसार होना था, एनसीए से हमें जो भी सलाह मिलती है। उसी के अनुसार चीजें होती हैं।" साथ ही जय शाह ने कहा "कि मान लीजिए किसी खिलाड़ी की बॉडी व्हाइट और रेड बॉल क्रिकेट को संभालने में सक्षम नहीं है, फिर हम जबरन खिलाड़ी पर कुछ भी थोपना नहीं चाहते हैं। यह नियम यह उन पर लागू होता है, जो फिट और यंग हैं। हम किसी के नखरे को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह संदेश सभी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों के लिए है।"
एक ओर जहां टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान की चर्चा चारों ओर छिड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर उनके छोटे भाई मुशीर खान ने भी अपनी बल्ले से ऐसी तबाही मचाई जिसने सबको हैरान कर दिया. अंडर-19 वर्ल्ड में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद रणजी ट्रॉफी में भी अपने नाम के झंडे गाड़ दिए है. मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने उतरे मुशीर खान ने अपने बल्ले से मैदान में शतकीय पारी खेली. साथ ही मुश्किल में फंसी मुंबई टीम को अपनी बल्लेबाजी के दम पर बाहर निकाला.
दिग्गज नहीं दिखा पाए कमाल
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुशीर ने मुंबई के लिए 2022 के अंत में ही रणजी डेब्यू कर लिया था. लेकिन शुरुआती 3 मैच में सिर्फ 92 रन ही बनाने वाले मुशीर ने रणजी ट्रॉफी में अपने कमबैक मैच में शतक लगाया. बड़ौदा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में अच्छी बल्लेबाजी की. साथ ही दिग्गज खिलाड़ियों की टेंशन को बढ़ा दिया है. बता दें मुंबई को पृथ्वी शॉ ने तेज शुरुआत दी थी. लेकिनल वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके और महज 33 बनाकर आउट हो गए. जबकि मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे का बल्ला फेल रहा वो महज 13 गेंद पर 3 रन बनाकर आउट हुए. इस मुश्किल घड़ी में मुशीर और हार्दिक तोमर ने मिलकर अच्छा प्रदर्शन किया.
डोमेस्टिक क्रिकेट में मुशीर का शतक
बता दें मुशीर खान के घरेलू क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में ये पहला शतक है. 179 गेंदों पर उन्होंने अपना शतक पूरा किया. इस दौरान उन्होंने अपनी शतकीय पारी में 6 चौके मारे. उनकी बल्लेबाजी ने सबका ध्यान अब उनकी ओर भी आकर्षित कर दिया है. रिपोर्ट्स की मानें तो मुशीर खान ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में कमाल की बैटिंग की थी. अंडर-19 वर्ल्ड कप में दो शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे. उनसे पहले शिखर धवन ही यह कमाल कर पाए थे
सरफराज खान के बाद अब उनके छोटे भाई मुशीर खान भी मैदान पर उतर आए हैं। देखा जाए तो दोनों भाई एक से बढ़कर एक हैं। एक ओर सरफराज हैं जिन्होंने राजकोट टेस्ट में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए तो वहीं दूसरी ओर उनके छोटे भाई मुशीर खान उनसे भी एक कदम आगे हैं। मुशीर खान ने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच में बड़ौदा के खिलाफ दोहरा शतक लगाया है।
18 चौकों की बदौलत पूरा किया दोहरा शतक
मुशीर खान ने बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच की पहली पारी में 357 गेंदों का सामना करते हुए 203 रन बनाए। जिसमें वो आखिर तक नाबाद रहे। उनकी इस पारी में 18 चौके शामिल रहे। मुशीर के दोहरे शतक की बदौलत मुंबई ने पहली पारी में 384 रन बनाए।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा स्कोर
आपको बता दें कि सरफराज के भाई मुशीर के बल्ले से निकला दोहरा शतक उनके फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा स्कोर है। ये उनके फर्स्ट क्लास करियर की सबसे बड़ी पारी है, जो कि सिर्फ चौथे मैच में ही आई है। इससे पहले उन्होंने 3 फर्स्ट क्लास मैचों में बस 96 रन बनाए थे। इस दोहरे शतक को जड़कर 18 साल 362 दिन के मुशीर रणजी ट्रॉफी में ऐसा करने वाले मुंबई के दूसरे युवा बल्लेबाज बन गए हैं। जबकि पहले स्थान पर वसीम जाफर के नाम है, जिन्होंने 18 साल 262 दिन में दोहरा शतक मुंबई के लिए लगाया था।
मुश्किल हालात को मौके की तरह भुनाया
रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान बड़ौदा के खिलाफ मुशीर का दोहरा शतक सिर्फ उनके कीर्तिमानों के लिए ही खास नहीं है। बल्कि, ये इनिंग जिन हालातों में खेली गई, वो हालात भी खास हैं। मैच के दौरान पृथ्वी शॉ, अजिंक्य रहाणे समेत 4 विकेट 100 रन के अंदर गंवाकर मुंबई की टीम एक वक्त मुश्किल में दिख रही थी। लेकिन, मुशीर ने इस हालात को खुद के लिए मौके की तरह भुनाया और दोहरा शतक जड़कर खुद के साथ- साथ टीम की भी नइया पार लगा दी।
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाएगा। टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में 3-1 से आगे है। इस मैच में अगर टीम इंडिया जीत हासिल कर लेती है तो वह सीरीज को 4-1 से अपने नाम कर लेगी। इस दौरान 112 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में ऐसा चौथी बार होगा जब कोई टीम 5 मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला हारने के बाद सीरीज को 4-1 से अपने नाम कर ले।
112 साल बाद ऐसा करने वाली तीसरी टीम होगी इंडिया
वहीं सीरीज पर कब्ज़ा जमाने के बाद अब भारतीय टीम के रणबांकुरों की नज़र इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट मुकाबले को जीतने की ओर है। वहीं दूसरी ओर इस जीत के साथ ही एक और रिकॉर्ड भारतीय टीम के नाम हो जाएगा। आप भी सोच रहे होंगे कि अब हम किस रिकॉर्ड की बात कर रहे हैं। दरअसल अगर टीम इंडिया धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट जीत जाती है तो वो पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 112 साल बाद ऐसा करने वाली तीसरी टीम बन जाएगी जिसने पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच हारने के बाद बाकी बचे चारों मुकाबले जीते हों। टेस्ट इतिहास की बात करें तो अब तक ऐसा तीन बार हो चुका है जिसमे दो बार ऑस्ट्रेलिया ने साल 1897 - 1898 और 1901 - 1902 में किया है और इंग्लैंड ने 1912 में ऐसा कारनामा किया था।
देवदत्त पडिक्कल का डेब्यू पक्का!
धर्मशाला टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ युवा और खूंखार लेफ्ट हैंड ओपनर देवदत्त पडिक्कल को डेब्यू करने का मौका मिल सकता है। उन्हें आउट ऑफ फॉर्म रजत पाटीदार की जगह अंतिम 11 में शामिल किया जा सकता है। देवदत्त पडिक्कल अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। उन्होंने मौजूदा रणजी सीजन में रनों का अंबार लगाया है। वहीं पिछले रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों की बात करें तो देवदत्त पडिक्कल ने 4 में से 3 रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों में शतक जड़ा है जबकि एक में अर्धशतक ठोका है।
कौन हैं देवदत्त पडिक्कल ?
आपको बता दें कि 23 साल के देवदत्त पडिक्कल ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में अब तक 31 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 53 पारियों में 44 की एवरेज से 2227 रन ठोके हैं। उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 6 शतक और 12 अर्धशतक ठोके हैं। इसके अलावा देवदत्त पडिक्कल को आईपीएल का भी अच्छा अनुभव है। उन्होंने आईपीएल में अब तक 57 मुकाबले खेले हैं, जिसमें पडिक्कल ने 1 शतक और 9 अर्धशतक के बूते 1521 रन बनाए हैं। बता दें कि देवदत्त पडिक्कल भारतीय टीम के लिए 2 टी20 भी खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 38 रन बनाए हैं।
अगर हम सरफराज खान और मुशीर खान के लिए ये कहें कि एक सेर तो दूसरा सवा सेर तो गलत नहीं होगा। जहां एक ओर सरफराज अपनी विरोधी टीम के पसीने छुड़ा देते हैं तो दूसरे जनाब के लिए ये कहना गलत नहीं होगा कि वो हारी बाजी को जिताने का दम रखते हैं। जहां सरफराज खान ने पिछले कुछ सीजनों में मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में जमकर रन बरसाए लेकिन इसके बावजूद भी वो कमाल नहीं कर सके जो उनके छोटे भाई मुशीर ने इस रणजी सीजन में कर दिया। अंडर-19 वर्ल्ड कप में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में भी यही दम दिखाया।
मुंबई ने रिकॉर्ड 42वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया
दरअसल गुरुवार 14 मार्च को मुंबई और विदर्भ के बीच रणजी ट्रॉफी फाइनल का आखिरी दिन था, जहां विदर्भ की दमदार कोशिशों के बावजूद खिताब मुंबई की झोली में ही आया। विदर्भ की पारी 368 रन पर खत्म हो गई और इस तरह मुंबई ने 169 रनों से ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इस जीत के कई सितारों में से एक मुशीर खान भी थे, जिन्होंने फाइनल में बैटिंग और बॉलिंग में कमाल करते हुए टीम को खिताब तक पहुंचाया। इस ऑलराउंडर के कमाल के प्रदर्शन की मदद से मुंबई ने रिकॉर्ड 42वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया।
सरफराज सेर तो मुशीर सवा सेर
मुंबई और विदर्भ के बीच रणजी ट्रॉफी के फाइनल की पहली पारी में नाकाम होने के बाद मुशीर ने दूसरी पारी में जबरदस्त वापसी की। मुशीर ने इस पारी में 136 रन बनाए और टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया। इसके बाद मुशीर ने विदर्भ के कप्तान करुण नायर समेत टॉप ऑर्डर के 2 विकेट हासिल कर टीम की जीत की बुनियाद रखी। मुशीर ने इस प्रदर्शन के दम पर वो कर दिखाया, जो रनों का अंबार लगाने के बावजूद बड़े भाई सरफराज भी नहीं कर सके। न सिर्फ मुशीर ने मुंबई के साथ रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता, बल्कि फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए। 19 साल के इस युवा ऑलराउंडर को इनाम में 50 हजार रुपये मिले, जिसे वो शायद ही कभी भूलेंगे पायेंगे। आपको बता दें कि सरफराज मुंबई के लिए रणजी का खिताब नहीं जीत सके और न ही फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने थे, लेकिन उनके भाई ने ये दोनों ही कमाल कर दिखाए।
मुशीर में टीम इंडिया की कमी को पूरा करने का दम
अगर आने वाले वक्त की बात करें तो मुशीर टीम इंडिया में अपनी जगह के लिए दावा ठोक सकते हैं क्योंकि उनमें वो काबिलियत है, जिसकी तलाश टीम इंडिया को रहती है। एक दमदार बैटर होने के साथ ही एक उपयोगी स्पिनर होना मुशीर की खासियत है। मुशीर ने इस सीजन की सिर्फ 5 पारियों में ही 433 रन ठोंके, जिसमें 2 शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं, इसके साथ ही 5 विकेट भी झटके हैं। भारतीय टीम में पिछले कुछ सालों में ऐसे खिलाड़ियों की कमी देखने को मिली है, जो टॉप ऑर्डर में अच्छी बैटिंग के साथ ही गेंद से भी मदद कर सकें। देखा जाए तो ये कहना गलत नहीं होगा कि मुशीर टीम इंडिया की कमी को पूरा करने का दम रखते हैं।
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