रजिस्ट्री-पज़ेशन की मांग को लेकर घर ख़रीदारों ने किया प्रदर्शन, सरकार से पूछा- कब दिवाली की खुशियां हमारे घरों में आएगी?


Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रजिस्ट्री और रुके प्रोजेक्ट को शुरु करवाने की मांग को लेकर लगातार घर ख़रीदारों ने 48वें हफ़्ते भी प्रदर्शन किया। घर ख़रीदारों ने दिवाली के बावजूद एकमूर्ति पर जुटे और सरकार से अपील की कि उन्हें उनका घर और घर का मालिकाना हक़ दिया जाए।

सरकार ने नहीं पूरा किया वादा


नेफ़ोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा है कि 48 रविवार से घर ख़रीदार शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने वादा किया था कि जल्द घरों की रजिस्ट्री शुरु होगी और जो घर नहीं बने हैं उन्हें बनाने का काम भी शुरू होगा। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। उम्मीद थी दिवाली तक घर ख़रीदारों के लिए खुशखबरी आएगी, लेकिन घर ख़रीदार अब भी सिर्फ़ इंतज़ार कर रहे हैं।

पूरे पैसे देने के बावजूद नहीं मिला मालिकाना हक


आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे मिहिर गौतम, अनिल रात्रा, महेश यादव, अनुपमा मिश्रा और अमित दयाल ने कहा कि सरकार ने हमें निराश किया है। एक तरफ़ मुफ़्त में घर देने के दावे किए जा रहे हैं और दूसरी तरफ़ जिन्होंने पूरे पैसे दे दिए हैं उन्हें घर नहीं मिल रहा है, उनके घरों की रजिस्ट्री नहीं हो रही। 13 साल बाद भी बिना रजिस्ट्री के लोग अपने मकानों में किरायेदार ही हैं। वहीं जिन्हें घर नहीं मिला है वो भी किरायेदार बने रहने पर मजबूर हैं। घर ख़रीदारों का कहना है आंदोलन लगातार जैरी रहेगा। आंदोलन का एक साल पूरा होने पर भूख हड़ताल में बड़ी संख्या में घर ख़रीदार शामिल होंगे।

By Super Admin | November 13, 2023 | 0 Comments

निवासियों का सपना टूटा और बिल्डरों के सपनों पर फिरा पानी, मेट्रो आने से बिल्डरों की होती चांदी

Greater Noida West: बढ़ती आबादी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर सिफड़ ग्रेटर नोएडा वेस्ट वासियों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो के प्रस्ताव को मंजूरी ना मिलने पर अब लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में रविवार को अलग-अलग सोसायटी में रह रहे सैकड़ों लोग हाथ में बैनर लेकर सड़कों पर निकल आए और सांसद से मेट्रो की मांग करने लगे। लंबे समय से मेट्रो का इंतजार कर रहे ग्रेटर नोएडा वेस्ट वासियों का सब्र का बांध टूट गया। दरअसल, यहां लंबे समय से मेट्रो रूट प्रस्तावित है, लेकिन हाल ही में पीएमओ की तरफ से इस रूट को निरस्त कर दिया है। इससे नाराज ग्रेनो वेस्ट निवासियों ने अलग-अलग स्थान पर मेट्रो की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रेटर नोएडा वेस्ट वासियों ने अब नही चलेगा कोई बहाना, कब आएगी मेट्रो, बहुत हुआ चुनावी वादा, कब आएगी मेट्रो का करो पक्का वादा जैसे नारे लगाए।

सांसद से सवाल- कब तक आएगी मेट्रो?

नेफोमा अध्यक्ष अन्नु खान ने कहा कि हम पिछले 12 साल से मेट्रो का इंतजार कर रहे थे। बिल्डर भी लोगों को ये बताकर फ्लैट बेचा कि यहां पर जल्द मेट्रो की सुविधा लोगों को मिलने जा रही है। लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद अब ये पता चल रहा है कि केंद्र सरकार ने मेट्रो रूट को ही खारिज कर दिया। निवासियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो वो वोट भी नहीं देंगे।

जनता के साथ छलावा

मेट्रो की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक निवासी का आरोप है कि पिछले 12 साल से ग्रेटर नोएडा वेस्ट को स्मार्ट सिटी बताकर यहां पर प्रोजेक्ट को बेचे जा रहे हैं। यहां लोगों को कई तरह के सपने दिखाए गये लेकिन अब लग रहा है कि हमारे साथ केवल छलावा हुआ है। उन्होंने कहा कि आलम ये है कि यहां पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा तक नहीं दी गई।

By Super Admin | November 26, 2023 | 0 Comments

जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन के बाद घर की रजिस्ट्री और मेट्रो की मांग को लेकर भूख हड़ताल की तैयारी

Greater Noida West: मेट्रो, रजिस्ट्री, आईआरपी की मनमानी और रुके प्रोजेक्ट शुरू करने की मांग को लेकर रविवार को एकमूर्ति पर बड़ी संख्या में घर खरीदारों ने प्रदर्शन किया। जंतर-मंतर के सफल प्रदर्शन के बाद सभी लोगों ने मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा की और रजिस्ट्री, मेट्रो, रुके प्रोजेक्ट शुरू करने की मांग और आईआरपी की मनमानी के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की।

नेताओं ने मेट्रो पर लगातार ठगा

नेफ़ोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि भूख हड़ताल पर विचार किया जा रहा है। लगातार मांगों से सरकार को अवगत करा रहे हैं लेकिन समाधान अभी तक नहीं मिला है। विरोध प्रदर्शन में अहम भूमिका निभा रहे मिहिर गौतम ने कहा है कि नए साल में भूख हड़ताल पर सभी लोगों से राय ली जा रही है। सभी तैयार हैं कि मांगों के समर्थन में हमें जल्द से जल्द भूख हड़ताल करनी चाहिए। नेफ़ोवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपांकर कुमार, राजकुमार, रोहित मिश्रा, महेश यादव, रवींद्र सिन्हा, आरसी भट्ट, अंबिका सिंह, सुधांशु किशोर, वीके सक्सेना, समीर भारद्वाज, सुमन लता, अंबिका सिंह, शिव सुथर का कहना है कि नेताओं ने मेट्रो पर लगातार ठगा है। हर चुनाव में वादा किया जाता है लेकिन मेट्रो को लेकर कोई काम नहीं होता है। अब हम वादों के झांसे में नहीं आने वाले हैं।

ग्रेनो वेस्ट को बेहतर शहर बनाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे

लगातार विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे अनिल रात्रा, अजय कठुरिया, गंगेश कुमार, अशोक श्रीवास्तव, सोनपाल गुप्ता, पीके श्रीवास्तव, एलडी शर्मा, योगेश, वैभव, प्रतीक, आदित्य, संजय सहित मौजूद सभी लोगों का कहना है कि रुके प्रोजेक्ट में काम नहीं हो रहे, रजिस्ट्री पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। आखिर कब तक ग्रेटर नोएडा वेस्ट समस्याओं का शहर बना रहेगा। सभी लोगों का कहना है सरकार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के साथ सौतेला व्यवहार बंद करना चाहिए। विरोध प्रदर्शन में सभी लोगों ने कहा है कि हम एकजुट रहेंगे और किसी भी हालत में अब नहीं रुकेंगे और मिलकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट को बेहतर शहर बनाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

By Super Admin | December 18, 2023 | 0 Comments

कोलकाता की घटना को लेकर ग्रेनो में महिलाओं ने निकाला कैंडल मार्च, पूछा-क्या वह सच में आजाद हैं?

Greater Noida West:  कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल महिला जूनियर डॉक्टर के साथ गैंगरेप और उसकी हत्या को लेकर पूरे देश में महिलाओं ने आक्रोश व्यक्त किया है। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। 15 अगस्त की रात  लगभग 11:30 बजे  अलग-अलग उम्र की लगभग 50 महिलाएं विरोध मार्च में भाग लेने के लिए गौर सिटी 1 में एकत्र हुईं। उनकी आवाजें गुस्से और निराशा से भरी थीं। महिलाओं ने पीड़ित के लिए न्याय और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की।

क्रूरता के सामने चुप नहीं रहेंगी
गौर सिटी 1 में कल रात इकट्ठा हुई महिलाओं ने कहा कि वे ऐसी क्रूरता के सामने चुप नहीं रहेंगी। उनकी आवाज़ें,  भारत भर में कई अन्य लोगों की आवाज़ों के साथ यह याद दिलाती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा और आज़ादी की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है। एक ऐसे देश में जो अपनी आज़ादी का जश्न मनाता है, सवाल यह है कि क्या उसकी महिलाएँ सचमुच आज़ाद हैं?

स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही महिलाएं
मार्च में भाग लेने वाली सुधृति दत्ता ने मेडिकल छात्रा की माँ होने के नाते अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए अपने डर को साझा किया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बावजूद  भारत में महिलाएं अभी भी वास्तव में स्वतंत्र महसूस करने के लिए संघर्ष कर रही हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा एक सतत चिंता बनी हुई है।

By Super Admin | August 16, 2024 | 0 Comments

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