गौतमबुद्ध नगर के किसान अपनी कई मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला प्रशासन के स्तर से सुनवाई नहीं होने पर किसान आज महापंचायत करने जा रहे हैं। जिसके बाद किसानों के दिल्ली कूच करने की संभावना है। अब किसानों की महापंचाय को देखते हुए जिले भर में धारा-144 लागू कर दी गई है।
Noida: अपनी तमाम मांगों को लेकर गौतमबुद्ध नगर के किसान लगातार आंदोलित है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे किसान बुधवार को महापंचायत करेंगे। यहां से 8 फरवरी को किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। किसान यूनियन अपनी मांगों के लिए गुरुवार यानि 8 फरवरी को दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। किसान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके पहले गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट ने सीआरपीसी (CRPC) की धारा-144 के तहत 7 और 8 फरवरी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सख्त पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही कई मार्गों पर डाइवर्जन की ट्रैफिक एडवाइजरी जारी दी गई है।
धारा-144 लागू
किसानों की महापंचायत से पहले गौतमबुद्ध नगर में धारा-144 लागू कर दी गई है। किसानों ने दिल्ली के संसद भवन के घेराव करने की चेतावनी भी दी है। किसानों की महापंचायत और दिल्ली मार्च को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर पुलिस अलर्ट हो गई है। यहां पर 7 और 8 फरवरी को सख्त पाबंदी लागू कर दी गई है।
कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्जन
कई मार्गों पर डाइवर्जन की ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है। महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान अपने ट्रैक्टर और निजी वाहनों से ग्रेटर-नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंचेंगे। किसानों की बड़ी संख्या में पहुंचने पर यातायात व्यवस्था चरमरा सकती है। जिसके चलते जिले में ट्रैफिक एडवायजरी जारी की गई है। दादरी, तिलपता, सूरजपुर, सिरसा, रामपुर-फतेहपुर, 130 मीटर एवं ग्रेटर-नोएडा के अन्य मार्गो पर ट्रैफिक का डायवर्जन किया जाएगा।
कब से प्रदर्शन कर रहे किसान
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसान यूनियन लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले साल दिसंबर महीने से किसान जिले भर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिग्रहीत अपनी भूमि के बदले बढ़े हुए मुआवजे और विकसित भूखंडों की मांग को लेकर किसान आंदोलित हैं। इसी के मद्देनजर किसान समूहों ने अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को 'किसान महापंचायत' और गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में संसद तक विरोध मार्च का आह्वान किया है।
लोकसभा के 200 से ज्यादा पूर्व सांसदों को लुटियन जोन्स का बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। ये वैसे नेता हैं, जो चुनाव हार चुके हैं या जिनकी सांसदी खत्म हो चुकी है लेकिन अभी भी नियमों के मुताबिक एक महीने की मियाद पार करने के बावजूद उन बंगलों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। इन नेताओं को लुटियन से मोह भंग नहीं हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि ऐसे पूर्व सांसदों को लोकसभा की हाउसिंग कमेटी ने जल्द से जल्द अपने बंगले सरेंडर करने को कहा है ताकि नए सांसदों को बंगले आवंटित किए जा सकें।
खुद खाली नहीं किए तो टीम करवाएगी खाली
बता दें कि पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा के भंग होने के एक महीने के भीतर अपने सरकारी आवास खाली करने होते हैं।बावजूद पूर्व सांसद बंगला खाली नहीं कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, "अगर पूर्व सांसद बंगले खाली करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ बेदखली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और टीमों को उनके पते पर भेजा जाएगा।
नए सांसदों को एक महीने बाद भी बंगला नहीं मिला
बता दें कि लोकसभा की हाउस कमेटी सांसदों को आवास आवंटित करती है, जबकि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाला संपदा निदेशालय मंत्रियों को बंगले आवंटित करता है। सूत्रों ने कहा कि अभी तक नए मंत्रियों को कोई बंगला आवंटित नहीं किया गया है, जबकि मोदी सरकार-3.0 के शपथ ग्रहण किए एक महीने से ज्यादा हो चुके हैं।
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