Noida: नोएडा पुलिस व एसटीएफ ने अवैध हथियार लेकर घूम रहे दो आरोपियों पर शिकंजा कसा है. सेक्टर-39 नोएडा पुलिस व एसटीएफ शनिवार को गोपनीय सूचना के आधार पर राजकीय डिग्री कॉलेज के गेट के सामने बने शौचालय के पास से अवैध हथियार के साथ कमलजीत वर्मा व जसवन्त सिंह को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के कब्जे से 2 अवैध पिस्टल 32 बोर, 4 कारतूस, 2 मैगजीन, 2 मोबाइल फोन और 2000 रूपये नगद बरामद हुए हैं।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं, जो अवैध पिस्टल को बिहार के जिला मुंगेल से कम दामों में खरीद लाते हैं. इसके बाद एनसीआर के आस-पास के जिलो में 50,000-70,000 रूपये में बेचते है।
रबूपुरा पुलिस ने अवैध हथियार के साथ युवक को किया गिरफ्तार
इसी तरह थाना रबूपुरा पुलिस ने अवैध हथियार के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. बता दें कि शनिवार को थाना रबूपुरा पर सूचना मिली कि ग्राम मिर्जापुर में कुछ लोग आपस में झगड़ा कर रहे थे. इस दौरान गांव के ही मनोज द्वारा तमंचा लहराया गया था. पुलिस ने इसके बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. इसी बीच थाना रबूपुरा पुलिस द्वारा गोपनीय सूचना के आधार पर मनोज उर्फ पप्पू को देवी माता मन्दिर से गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से एक अवैध तमंचा, एक कारतूस बरामद किया गया है.
Noda: थाना सेक्टर 113 नोएडा पुलिस व एसटीएफ ने सेक्टर 112 पुलिया के पास से मुठभेड़ के बाद 50 हजार इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार बदमाश शामली, मुजफ्फर नगर , मेरठ , गाजियाबाद व बागपत जिले में लूट,डकैती और हत्या आदि की घटनाओं का अंजाम दे चुका है. शातिर बदमाश मुनव्वर उर्फ मन्ना उर्फ छोटा भाई ग्राम तीतरवाडा , थाना कैराना शामली का रहने वाला है. बदमाश एक संगठित गिरोह बनाकर लोगों को घरों में बंधक बनाकर लूट एवं डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम देता था. पुलिस को बदमाश के कब्जे से 1 तमंचा 315 बोर, 1 खोखा कारतूस व एक जिन्दा कारतूस मोटर साईकिल बरामद हुआ है.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त अपने साथियों के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनाकर लूट डकैती व हत्या जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम देता है. जिसके विरुद्ध शामली मुजफ्फर नगर, मेरठ, गाजियाबाद व बागपत हत्या, लूट व डकैती के कई मुकदमें दर्ज है. अभियुक्त लोगों को घरों में बंधक बनाकर लूट/डकैती आदि की घटना को अंजाम देता था. पुलिस के पूछताछ में आरोपी से पता चला कि बदमाश थाना लोनी जनपद गाजियाबाद के लूट व डकैती के मुकदमें में 50 हजार का इनामी . बदमाश मुनव्विर उर्फ मन्ना उर्फ छोटू भाई 2021 में गाजियाबाद के थाना लोनी क्षेत्र में एक परिवार को बंधक बनाकर लूट की थी, जिसमें 06-07 मोबाईल, नकदी, सोने चादी के जेवरात, एक गाड़ी स्कार्पियों की लूट की गई थी . इस मामले में अन्य सभी अभियुक्त गिरफ्तार हो गये थे. लेकिन मुनव्विर उर्फ मन्ना उर्फ छोटू भाई फरार चल रहा था. थाना सेक्टर 113 पुलि ने सेक्टर 112 में पुलिया के पास घेराबन्दी की तो पुलिस पार्टी पर फायर करने लगा. इसके बाद पुलिस ने घेराबन्दी कर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया।
Noida: नोएडा स्पेशल टास्क फोर्स ने फ़र्ज़ी पासपोर्ट बनाने वाले दलाल को गिरफ्तार किया है। मेरठ के रहने वाले दलाल ने ड्रग्स फैक्ट्री चला रहे नाइजीरियन और चीनी नागरिको का पासपोर्ट बनाया था।
Stf ने दोनों इंटरनेशनल गिरोह से पूछताछ क बाद मेरठ के रहने वाले मुजीबुर्रहमान को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
Greater Noida West: नोएडा पुलिस और एसटीएफ ने एक बहुत बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। वेबसीरीज जामताड़ा की तर्ज पर फर्जी कॉल सेंटर के जरिए पूरा गिरोह विदेशी लोगों को ठग रहे थे। नोएडा STF और बिसरख पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में अमेरिकन नागरिकों से ठगी करने वाले इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। चार साल से ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित महागुन मायवुड सोसायटी में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। आरोपियों के कब्जे से मर्सडीज़ समेत 8 लग्ज़री कार , कैश 4 लाख कैश, दुबई, सिंगापूर, थाईलैंड की करेंसे और करोड़ो डॉलर बरामद किया है। गैंग का सरगना अंकुर गुप्ता भी मौके से गिरफ्तार हुआ है।
एमबीए पास है गिरोह का सरगना
कॉल सेंटर ठगी मामले के सरगना एमबीए पास अंकुर गुप्ता ने सात वर्षों तक कॉल सेंटरों में विभिन्न पदों पर काम किया। आरोपी ने 19 साल में कॉल सेंटर के कर्मचारी से लेकर मोबाइल इंपोर्ट और फिर अमेरिकी नागरिक नितिन सिंह की मदद से आईफोन की तस्करी की। इसके बाद विदेशियों से ठगी करने का कॉल सेंटर शुरू कर दिया। एसटीएफ ने बताया कि अंकुर गुप्ता (39) ने एमबीए के बाद वर्ष 2004 से लेकर 2011 के बीच विभिन्न कॉल सेंटरों में नौकरी की। 2011-12 में करोल बाग दिल्ली में मोबाइल फोन इंपोर्ट कर दिल्ली एनसीआर के बाजार में बेचने का धंधा शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई।
हांकांग में हिमांशु ने अंकुर को दी ठगी का प्रशिक्षण
इसके बाद नितिन की मदद से अंकुर ने अमेरिका से आईफोन को तस्करी कर हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने और फिर बाजार में बेचने का काम शुरू किया। इसी बीच उसकी मुलाकात गुजरात के अगड़िये मुकेश शाह से हो गई। 2019 में मुकेश ने हांगकांग में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु से कराई। हिमांशु फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेन्टर चलाकर अमेरिका के नागरिकों से धोखाधड़ी करता था। हिमांशु ने ही उसे विदेशियों से ठगी करने के अवैध धंधे का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले तरुण के साथ मिलकर अंकुर कॉल सेंटर चलाने लगा।
कर्मचारियों को वेतन के साथ इन्सेंटिव भी मिलता था
एसटीएफ ने बताया कि कॉल सेंटर से पकड़े गए आरोपियों को सरगना 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन देता था। इसके साथ ठगी के बदले इंसेंटिव देता था। कुछ आरोपी ठगी की रकम में 20 से 30 फीसदी की हिस्सेदारी पर भी काम करते थे। हांगकांग के जिस खाते में रकम हस्तांतरित की जाती थी। उस खाता धारक को भी आरोपी कमीशन देते थे। इस खाते से अंकुर गुप्ता व तरुण को क्रिप्टो करेंसी या नकद के जरिये भुगतान मिलता था।
इस तरह करते ठगी
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों को नई बीमा पॉलिसी देने, बंद पॉलिसी चालू कराने, मोबाइल बैकिंग में आने वाली दिक्कतें और पासवर्ड आदि मुहैया कराने का भी झांसा देकर ठगी का शिकार बनाते थे।
Noida: विदेशी साइबर ठगों को भारतीय बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले तिब्बती नागरिक को यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी फर्ज़ी दस्तवेज से भारतीय पासपोर्ट बनवाकर कई देशों की यात्रा कर चुका है। एसटीएफ को विदेशी नागरिकों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों को तैयार करके भारतीय नागरिकता के दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट इत्यादि बनाने के सम्बन्ध में सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इसके बाद नोएडा एसटीएफ के एडीसीपी राजकुमार मिश्रा के नेतृत्व में टीम गिरोह निगरानी कर रही थी।
पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार
सटीक सूचना पर नोएडा एसटीएफ यूनिट ने 10 सितंबर को तथाकथित चन्द्रा ठाकुर पुत्र रमेश ठाकुर निवासी 2 ई 4 फ्लोर, एलआईजी फ्लैट पैकेट - बी सेक्टर-3 द्वारिका दिल्ली को पूछताछ के लिए लाया गया। पूछताछ में साईबर फ्रॉड के लिए बैंक खाते विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने के साक्ष्य प्राप्त होने पर एंव तथाकथित चन्द्रा ठाकुर को तिब्बती नागरिक होने की पहचान को छिपाते हुए पश्चिमी बंगाल से कूटरचित दस्तावेज तैयार करके फर्जी पासपोर्ट बनाने के साक्ष्य उपलब्ध होने पर गिरफ्तार कर लिया गया।
14 साल की उम्र में ही आ गया था भारत
गिरफ्तार अभियुक्त छीन्जों थारचिंन उर्फ Chanjan @ Chandra Thakur @ Tanzin S/o Losang R/o Khaba Toukur Ganzi Tibet उपरोक्त ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 37 साल है। जब वह 14 वर्ष का था, तब वह भागकर लासा तिब्बत आ गया। जहां से 50-60 लोगों के ग्रुप के साथ ढुकला नेपाल आया और लगभग 3 माह कांठमांडू के रिफ्यूजी सेन्टर में रहा। वहां से दिल्ली के बुद्धविहार रिफ्यूजी सेंटर आया। करीब एक माह बाद वीर बिलिंग हिमाचल प्रदेश के स्कूल में पढाई शुरू की और लगभग 3 वर्ष पढाई करने के बाद दिल्ली भाग आया था। इसके बाद धर्मशाला एवं दिल्ली के विभिन्न रेस्टोरेंन्टों आदि में चार वर्ष तक काम किया। फिर वर्ष 2008 में मजनू का टीला दिल्ली में आकर रहने लगा।
2013 में बनवाया फर्जी पासपोर्ट
धीरे-धीरे न्यूरोड काठमाण्डू नेपाल से चायनीज इलेक्ट्रानिक सामान एवं अन्य चीजों को वहां से लाकर चोरी छिपे दिल्ली के मार्केट में बेचने लगा। धीरे-धीरे इसको चायनीज भाषा का अच्छा ज्ञान हो गया। वर्ष 2010-11 में फेसबुक पर महिला से दोस्ती के चलते गंगटोक सिक्किम आ गया और एक होटल पर कुक का काम करने लगा। यहीं पर इसकी मुलाकात दार्जिलिंग में होटल चलाने वाले एक लड़के से हो गयी और फिर वह दार्जिलिंग आकर रहने लगा। दार्जिलिंग में रहते हुए फर्जी भारतीय नाम "चन्द्रा ठाकुर" के नाम से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि बनाकर 2013 में भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया।
भारतीय पासपोर्ट पर कई देशों की यात्रा की
इसके बाद छीन्जों थारचिन ने चीन, मलेशिया, थाईलैण्ड, दुबई जैसे कई देशों की यात्राएं की। 2021 में नेपाल यात्रा के दौरान काठमाण्डू में “ली” नामक चायनीज से मुलाकात हुई थी। ली ने उसको नेट बैंकिंग सहित भारतीय बैंक के करंट एकाउन्ट को उपलब्ध कराने को कहा। जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के गैंमिंग ऐप, लॉगिन ऐप, ट्रेडिट ऐप में किया जाना था। ली ने बसन्त कुंज दिल्ली के फार्म हाउस में रह रहे छीन्जों थारचिंन से संपर्क करवाया। जिसके बाद अभियुक्त छीन्जों थारचिन ने अपने पूर्व परिचित जॉर्डन से अकाउन्ट की व्यवस्था करने को कहा। जॉर्डन के साथ भारतीय बैंक अकाउन्ट इन्हें उपलब्ध कराने लगा और उसके बदले कैश पैसा लेने लगा। अभियुक्त ने एक भारतीय बैंक एकाउन्ट, चायनीज को उपलब्ध कराया गया था।
26 भारतीय अकाउंट की डिटेल आकाओं को दी
इस एकाउन्ट में लगभग साढे चार करोड रूपये का ट्रान्जेक्शन होने के बाद खाता धारक ने दिल्ली के जीटीवी एन्क्लेव थाने पर 09-12-2021 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें छीन्जों थारर्चिन (तिब्बती) जेल गया था और लगभग 9 माह जेल में रहा था। जॉर्डन इस अभियोग में सह अभियुक्त है। जेल से छूटने के बाद छीन्जों थारचिंन की मुलाकात द्वारिका के रहने वाले नन्दू उर्फ नरेन्द्र यादव से हुई, जो पहले से ही चायनीज के संपर्क में था। जो उनको पैसा लेकर इण्डियन एकाउन्ट उपलब्ध कराता था। छीन्जों थारचिन, नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चायनीज के संपर्क में आ गया और भारतीय व्यक्तियों के एवं फर्मों के बैंक खाते की जानकारी विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने लगा। जिसका प्रयोग वे लोग साईबर क्राईम में कर रहे थे। छीन्जों थारचिंन ने वर्ष - 2023 में चन्द्रा ठाकुर के नाम से बना पासपोर्ट खत्म होने पर वर्ष 2024 में दिल्ली के पते पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पुनः पासपोर्ट प्राप्त कर लिया। पूछताछ में लगभग 26 भारतीय बैंक अकाउन्ट प्रकाश में आये हैं, जिनके सम्बन्ध में गहन छानबीन की जा रही है।
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October 05, 2024