आज ग्रेनो वेस्ट की निराला एस्टेट सोसायटी के निवासियों ने गृह-आंदोलन किया, क्योंकि लोगों को मूलभूत सुविधाएं नही मिल रहीं। बिल्डिंग के बेसमेंट में पिलर में दरार आने से लोगों में डर का माहौल है। निवासियों ने बिल्डर को कई बार सूचित किया, लेकिन बिल्डर के कान पर जूं तक नही रेंग रही थी।
बीते एक हफ्ते में 150 से ज्यादा परिवार हुए बीमार
पिछले एक हफ्ते में दूषित पानी की वजह से 150 से ज्यादा परिवार बीमार हुए। लेकिन बिल्डर ने पानी को टेस्ट तक नही कराया। ओपन जिम टूटे पड़े हैं, बच्चों को खेलने की जगह मैट फटी हुई है, जिससे आए दिन बच्चे घायल होते हैं। क्लब हाउस में आधे लोगों को बिल्डर एंट्री नहीं दे रहा है, ऐसी बहुत सारी समस्याएं हैं जिसका कोई निदान बिल्डर नहीं कर रहा है।
पूरे पैसे देने पर भी नहीं मिल रही सुविधा
सोसाइटी के लोगों का कहना है कि विडंबना यह है कि सभी निवासी पैसे पूरे दे रहे है, लेकिन सुविधा के नाम पर जीरो मिल रहा है। लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और सेल्स आफिस पेर लोगों में हंगामा किया।
किसने किया आंदोलन?
इस समस्या से परेशान कुमार सौरभ, शशिभूषण सिंह, अमित शर्मा, प्रवीण चौहान, अर्जुन सिंह, गगन मेहरोत्रा, संदीप सिन्हा, शेखर मिश्रा, आर एस चाहर जी, राहुल कुमार, श्रीमंतों जी, प्रशांत शर्मा, दिनेश ढूंढ़ियाल, आर के सक्सेना, पुष्कर और अन्य 200 निवासियों ने आंदोलन किया।
Greater Noida West: ग्रेनो वेस्ट के निराला एस्टेट सोसायटी में लिफ्ट की फंसने की घटना आम हो गई है। इस सोसायटी में पिछले तीन दिनों में दो बार लिफ्ट की अटकने की घटना सामने आ चुकी है। निराला एस्टेट सोसायटी के टावर-4 की लिफ्ट में दादी और पोती करीब सवा घंटे तक फंसे रहे। बताया जा रहा है पावर कट जाने के चलते दादी और पोती लिफ्ट में सवा घंटे तक फंसे रह गये। चिखाने-चिलाने और अलॉर्म बजाने के बावजूद लिफ्ट में फंसी बुजुर्ग और बच्ची को एक घंटे से ज्यादा वक्त तक कोई मदद नहीं मिली। एक घंटे बाद जब सीसीटीवी पर सुरक्षाकर्मियों की नजर पड़ी और बुजुर्ग महिला के साथ बच्ची को फंसा देखा गया, उसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने करीब 20 मिनट के बाद दोनों को लिफ्ट से बाहर निकाला।
कैसे हुआ हादसा
दरअसल, अंकित का परिवार टावर नंबर-4 के 17वीं मंजिल पर रहता है। गुरुवार की दोपहर को जब अंकित अपने नौकरी पर चले गये तो उनकी मां और दो साल की बेटी नीचे रही रह गये थे। अंकित के जाने के बाद दोनों अपने फ्लैट में जा रहे थे, इस वक्त पावर कट के चलते लिफ्ट फंस गई। लिफ्ट 12वें और 13वें मंजिल के बीच में अटकी थी। हालांकि कुछ देर बाद ही जनरेटर के पावर बैकअप तो आ गया लेकिन लिफ्ट फंसी रह गई।
अलार्म से भी नहीं मिली कोई मदद
लिफ्ट 12वें और 13वें मंजिल के बीच में अटकी थी, दोपहर का वक्त था, आस-पास किसी के मौजूद नहीं होने की वजह से शायद बुजुर्ग महिला की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी होगी लेकिन लिफ्ट में लगे अलार्म के दबाने के बावजूद भी किसी को इसकी जानकारी नहीं हुई। जिससे ये सवाल खड़ा होता है कि कोई लिफ्ट में अगर फंस गया है और वो मदद मांग रहा हो तो कैसे मांगे। एक घंटे बाद सुरक्षाकर्मियों को लिफ्ट में बुजुर्ग और बच्ची के फंसी होने के बारे में तब पता चला, जब उनकी नजर सीसीटीवी की तरफ पड़ी, तब जाकर 20 मिनट बाद दोनों को बाहर निकाला जा सका। सवाल ये कि इतनी गर्मी में बुजुर्ग महिला और बच्ची सवा घंटे तक फंसे रहे, कई बार लिफ्ट में फंसने के बाद दम घुटने से मौत की भी खबर सामने आ चुकी है, इसके बावजूद मेंटिनेंस विभाग और सुरक्षाकर्मी पावर कट के बाद लिफ्ट को सीसीटीवी में क्यों चेक नहीं किये।
तीन दिन में दूसरी बार लिफ्ट अटकने की घटना
ऐसा नहीं है कि निराला एस्टेट सोसायटी में लिफ्ट के फंसने की पहली घटना हुई हो, वैसे तो इसके पहले लिफ्ट के फंसने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। तीन दिन पहले भी टावर नंबर-9 की लिफ्ट में मां और बेटे करीब 15 मिनट तक फंस गए थे। लगातार लिफ्ट अटकने की घटना से सोसायटी निवासियों में नाराजगी है। इसे लेकर कई बार सोसायटी निवासी प्रदर्शन भी कर चुके हैं लेकिन मेंटिनेंस विभाग अब भी सोया हुआ है।
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October 05, 2024