ग्रेटर नोएडा में आवंटित संपत्ति के एवज में किए गए भुगतान का चालान सही है या फिर कोई गड़बड़ी है, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अब इसका पता आसानी से चल जाएगा। प्राधिकरण ने एचडीएफसी बैंक के सहयोग से हाई सिक्योरिटी क्यूआर कोड तैयार कराया है। जिसे बुधवार को लांच कर दिया गया। अब हर चालान पर दो क्यूआर कोड बने होंगे, जिसे स्कैन करते ही चालान का वेरीफिकेशन हो जाएगा। वित्तीय लेनदेन को और सुरक्षित बनाने और चालान में गड़बड़ी को रोकने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर एचडीएफसी बैंक के सहयोग से हाई सिक्योरिटी क्यूआर कोड तैयार किया गया है।
हाई सिक्योरिटी फीचर्स से लैस क्यूआर कोड तैयार किया गया
एचडीएफसी बैंक के सर्कल प्रमुख तापस दास और क्लस्टर प्रमुख हेमंत नंदा ने बताया कि प्राधिकरण के पेमेंट गेटवे के माध्यम से लेन-देन की सभी रसीदों और चालान पर हाई सिक्योरिटी फीचर्स से लैस क्यूआर कोड तैयार किया गया है। आवंटी भुगतान के लिए जब भी चालान जनरेट करेगा, उस पर क्यूआर कोड अंकित रहेगा। चालान की एक कॉपी प्राधिकरण के रिकॉर्ड में भी लगा दी जाएगी। इसी क्यूआर कोड से जब चाहें, वेरीफिकेशन हो जाएगा। चालान पर दो क्यूआर कोड होगा। एक क्यू आर कोड से भुगतान की सामान्य डिटेल आ जाएगी और दूसरे क्यूआर से रीयल टाइम पेमेंट। इसमें भुगतान का मोड सहित अन्य जरूरी जानकारी अंकित रहेगी। इससे चालान में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी।
प्रदेश का पहला सरकारी विभाग जहां क्यूआर कोड से होगा चालान
बैंक का दावा है कि हाई सिक्योरिटी फीचर्स से लैस क्यूआर कोड के जरिए वित्तीय चालान का वेरीफिकेशन करने वाला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रदेश में पहला सरकारी विभाग बन गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि वित्तीय लेनदेन का वेरीफिकेशन करने के लिए यह सबसे कारगर तरीका साबित होगा। इसका फायदा सभी को मिलेगा। अगर किसी ने गलत चालान लगाया तो क्यूआर कोड से तत्काल पकड़ में आ जाएगा। साथ ही वेरीफिकेशन में लगने वाला समय भी बचेगा।
कार्यक्रम में मौजूद रहे अधिकारी
इस दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीएम वित्त विनोद कुमार, डीजीएम अभिषेक जैन, जीएम प्लानिंग लीनू सहगल, ओएसडी हिमांशु वर्मा, ओएसडी नवीन कुमार सिंह, सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. , एसीईओ सुनील कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारीगण और एचडीएफसी बैंक से गौरव सिंह व एसपी सिंह भी मौजूद रहे।
ग्रेटर नोएडा में आधुनिक तकनीक के जरिए सड़कों के निर्माण में और पारदर्शिता, गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्राधिकरण ने सोमवार को केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान दिल्ली के साथ एमओयू साइन कर लिया है। प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग और सीआरआरआई दिल्ली की प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. अंबिका बहल ने हस्ताक्षरित एमओयू का आदान-प्रदान किया। सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में वेस्ट मैटेरियल से बनी टाइल्स का फुटपाथ बनाने समेत कई अन्य कार्यों में भी सहयोग करेगा।
सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर एमओयू साइन
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर विकास कार्यों में आधुनिक तकनीकों की मदद से गुणवत्ता सुधारने के लिए सीआरआरआई के साथ एमओयू साइन कर लिया गया है। सीआरआरआई की तकनीकी सहायता से ग्रेटर नोएडा में सड़कों के निर्माण में पारदर्शिता तथा गुणवत्ता और बढा़ने में मदद मिलेगी। साथ ही वेस्ट मैटेरियल से बनी पेवर ब्लॉक टाइल्स का इस्तेमाल कर फुटपाथ बनाने में भी सहयोग करेगा। इससे पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम और एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग व परियोजना विभाग की टीम सीआरआरआई परिसर में जाकर तकनीकों का अध्ययन कर चुकी है। एमओयू के दौरान सीआरआरआई से मिलने वाली सेवाओं पर भी चर्चा की गई।
पेवर ब्लॉक टाइल्स वेस्ट मैटेरियल से बनेगा फुटपाथ
एमओयू होने से सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में सड़कों को ईको फ्रेंडली बनाने, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सड़क निर्माण का एस्टीमेट तैयार करने, सड़कों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने समेत कई बिंदुओं पर अपनी कंसल्टेंसी देगा। प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा में फुटपाथ बनाने के लिए पॉलिथीन व अन्य कंस्ट्रक्शन वेस्ट मैटेरियल से तैयार पेवर ब्लॉक टाइल्स का भी इस्तेमाल करेगा। प्राधिकरण सीआरआरआई को वेस्ट मैटेरियल देगा, जिसके एवज में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ग्रेटर नोएडा को सस्ती दरों पर पेवर ब्लॉक टाइल्स उपलब्ध कराएगा। इसका इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा में सड़कों के किनारे फुटपाथ बनाने में किया जाएगा। पेवर ब्लॉक टाइल्स वेस्ट मैटेरियल से बनेंगी। ये पेवर ब्लॉक टाइल्स पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होंगी। इसकी दरें कम होने से पैसों की बचत भी होगी। ये टाइल्स लंबे समय तक चलेंगी। इनके रखरखाव पर भी बहुत कम खर्च होगा।
कार्यक्रम में मौजूद रहे अधिकारीगण
इस दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक आरए गौतम, राजेश गौतम के अलावा सीआरआरआई की टीम के अधिकारीगण मौजूद रहे।
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