क्या नजूल की जमीन को लेकर छिड़ी थी हल्द्वानी में हिंसा, क्या है इसके पीछे का राज ? Explainer

उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले में पिछले कुछ दिनों से तनाव का माहौल बना हुआ है, जिस कारण जिले में जगह-जगर पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. दरअसल बीते 8 फरवरी यानी की गुरूवार को हिंसा भड़क उठी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई है, और कई लोग घायल हो गए,जिसके बाद धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है.

बता दें कि जिला प्रशासन बनभूलपुरा में ‘नजूल भूमि’ पर कथित तौर पर अवैध रूप से बनी एक मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने गया था, जिसका वहां के रहने वालों ने कड़ा विरोध किया और इसके लिए लोग उग्र हो गए और ये हिंसा में तब्दील हो गया. इसमें लोगों ने सड़कों पर पत्थर बरसाए और आगजनी फैला दी. इस हिंसा के बाद पहाड़ के अन्य जिलों में भी तनाव की स्थिति बन गई, जिसके बाद से ही वहां पर पुलिस अलर्ट मोड पर है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर ये नजूल की जमीन क्या होती है.

क्या होती है नजूल की जमीन ?

आपने अपने देश के कई शहरों और कस्बों में ऐसे साइन बोर्ड देखें होंगे, जिसमें लिखा होता है कि, ‘यह नजूल की जमीन है’, भारत में जब ब्रिटिश शासन था तो उस समय देसी रियासतें हुआ करती थीं. जिसमें से कुछ रियासतें ब्रिटिश शासन की समर्थक थीं तो कुछ ने उनके खिलाफ कड़ा विरोध किया था, इन दोनों तरह की रियासतों के बीच कई लड़ाइयां भी हुई. कहा जाता है कि उस समय युद्ध में जो भी राजा अंग्रेजों से हार जाया करते थे, अंग्रेज उनसे उनकी ज़मीन छीन लेते थे. लेकिन साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो अंग्रेजों ने इन जमीनों को खाली कर दिया था, लेकिन उस समय राजाओं और राजघरानों के पास इन जमीनों को खुद का साबित करने के लिए दस्तावेज़ों नहीं थे, इसलिए सरकार ने इस तरही की जमीनों को ‘नजूल भूमि’ के रूप में चिह्नित कर दिया था.

नजूल भूमि पर किसका होता है हक ?

रिपोर्ट्स की मानें तो इन नजूल भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार के पास होता है, और राज्य सरकार इस तरह की भूमि को किसी को एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर आवंटित कर देती है और इसके लीज की अवधि 15 से 99 साल होती है. इस अवधि के समाप्त होने पर व्यक्ति स्थानीय प्रशासन के राजस्व विभाग को एक लिखित आवेदन देकर इस पट्टे को नया बनवा सकता है. सरकार इस नजूल भूमि को वापस लेने या पट्टे को नया करने से मना व रद्द करने के लिए स्वतंत्र होती है।

By Super Admin | February 12, 2024 | 0 Comments

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