NOIDA: जिला अस्पताल की डिस्पेंसरी से लिए पैरासिटामोल सिरप के सैंपल फेल हो गये हैं। अब औषधि विभाग ने मरीजों को दिए जा रहे हैं पैरासिटामोल सिरप पर नोटिस जारी कर रोक लगा दी है।
मानकों पर सही नहीं उतरने पर लगाई रोक
दरअसल, ड्रग्स विभाग ने बीते जून महीने में नोएडा के सेक्टर-39 में स्थित जिला अस्पताल के डिस्पेंसरी का निरीक्षण किया। इस दौरान सिरप के सैंपल को कलेक्ट किया था। जिसे लैंब में परीक्षण के लिए भेजा गया। लेकिन मानकों पर खरा नहीं उतरने पर विभाग ने अब इस सिरप को मरीजों को देने पर रोक लगा दी है।
Noida: नोएडा में चोरों को पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है। इसलिए तो सरकारी संस्थाओं में चोरी करने से नहीं चूक रहे हैं। अब जिला अस्पताल के आवासीय परिसर में बने क्वार्टर से चोर नकदी समेत अन्य समान चोरी कर फरार हो गए।
18वीं मंजिल पर बने फ्लैट में चोरी
जानकारी के अनुसार सेक्टर 39 थाना क्षेत्र में स्थित जिला अस्पताल के आवास परिसर में स्टाफ के लिए बनी बिल्डिंग के 18 वीं मंजिल के फ्लैट में चोर घुस कर चोरी किया। यह फ्लैट CMO के अकाउंटेंट का है, जिसमें से चोरों ने गुरुवार की रात को 40 हज़ार की नगदी, तीन लाख की जवेलरी, टैबलेट, लेपटॉप और मोबाइल चार्जर व परफ्यूम तक चोरी करके ले गए। पीड़ित की शिकायत पर थाना सेक्टर 39 पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
43 गार्ड तैनात फिर भी हो गई चोरी
अस्पताल परिसर में बने आवासों मे हुई चोरी से हॉप्सिटल की सुरक्षा सावलो के घेरे में आ गई है। जिला अस्पताल में सुरक्षा के लिए 43 गार्ड की तैनाती है फिर भी आसानी से चोरी की घटना को फरार हो गए।
Noida: सेक्टर 39 थाना पुलिस ने पैदल घूम-घूम कर सुनसान इलाके में सूने पड़े फ्लैट और घरों से चोरी करने वाले शातिर चोर को गिरफ्तार किया है। नोएडा जिला अस्पताल परिसर में भी चोरी हुई को गिरफ्तार हुए चोर ने अंजाम दिया था।
जानकारी के मुताबिक सेक्टर 39 थाना पुलिस ने जिला अस्पताल परिसर में बनी बिल्डिंग में रह रहे सीएमओ के फ्लैट से 40 हजार रुपये और नगदी समेत अन्य सामान चोरी हो गए थे। पुलिस ने केस दर्ज जांच शुरू की थी। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने राजकीय डिग्री कॉलेज के पास से सुमिर शर्मा को गिरफ्तार किया है।
सुमिर ने जिला अस्पताल परिसर में चोरी के साथ अन्य जगह चोरी करने की वारदात को कबूला है। पुलिस को सुमिर शर्मा के कब्जे से चोरी के 10 लैपटॉप, 4 मोबाइल, 1 सोने की टिकली व 1 टैब, लैपटॉप चार्जर बरामद हुआ है।
Noida: जिला अस्पताल नोएडा में आने वाले मरीजों को सभी स्वास्थ्य सेवाएं मानकों के अनुरूप उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डीएम मनीष कुमार वर्मा ने मंगलवार को जिला अस्पताल नोएडा का औचक निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने बाल रोग विभाग, ए.आर.वी., डिस्पेंसरी, जन औषधि स्टोर एवं ओपीडी डिपार्मेंट का निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को सभी स्वास्थ्य सेवाएं मानकों के अनुरूप बेहतर ढंग से उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश सरकार द्वारा जो स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं योजनाएं संचालित की जा रही हैं उनका भी पात्र व्यक्तियों तक भरपूर लाभ पहुंचाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
डॉक्टर और स्टाफ समय ड्यूटी पर आएं
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान उपस्थित पंजिका का अवलोकन करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रतिदिन मॉनिटरिंग करें । इसके साथ ही डॉक्टर व स्टाफ को निर्देश दिए कि सभी निर्धारित समय अनुसार अपनी-अपनी ड्यूटी पर उपस्थित होकर दायित्वों का निर्वहन करें। जिला अस्पताल की डिस्पेंसरी में सभी दवाओं को रखने और मरीजों को किसी भी दवा को बाहर से न खरीदने का निर्देश दिया।
अस्पातल साफ-सुथरा रखने दे निर्देश
डीएमस ने जिला अस्पताल में सभी मूलभूत सुविधाओं को मानको के अनुरूप सुदृढ़ रखने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में साफ सफाई की व्यवस्था पर विशेष फोकस रखने के निर्देश दिए।
Noida: सेक्टर 39 क्षेत्र स्थित जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू अग्रवाल को फोन पर धमकी देने का मामला सामने आया है. फोन कर कहा, 'सुधर जाओ नहीं तो दोनों बच्चों को देख लूंगा'. डॉ. रेनू अग्रवाल ने थाना सेक्टर 39 में लिखित तहरीर दी गई है। बताया जा रहा है कि यह धमकी जिला अस्पताल में परफैक्ट लव्या वेंडर के निदेशक विक्रांत शर्मा ने दी है। जिसको लेकर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
दोबारा टेंडर न मिलने पर दी धमकी
जानकारी के मुताबिक, राजकीय संयुक्त जिला चिकित्सालय संदीप और योगेश डाटा एंट्री और वार्ड बॉय का काम करते हैं। इनके माध्यम से जिला अस्पताल में आउटसोर्स एजेंसी चलने वाले विक्रांत शर्मा ने सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल को धमकी दी है। बताया जा रहा है कि आउटसोर्स एजेंसी का टेंडर अस्पताल में खत्म हो गया था। दोबारा टेंडर लेने की फिराक में कंपनी का निर्देशक लगा था, लेकिन उसे टेंडर नहीं मिला। इसके बाद उसने यह धमकी दी है। थाना सेक्टर 39 के थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। मामले की जांच संबंधित चौकी इंचार्ज द्वारा की जा रही है. तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कर अन्य विधि कार्रवाई की जाएगी।
हाइटेक सिटी नोएडा के सेक्टर 39 जिला हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाओं का बेहद बुरा हाल है, इलाज के लिए यहां लंबी लाइने लगी हैं। करोड़ों रुपए की लागत से बने जिला अस्पाताल में स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने से शहरवासी परेशान हो गए हैं। यहां लोग दूर-दराज से इलाज कराने लोगों आते हैं, लेकिन उनको उचित ईलाज नहीं मिल पाता है।
लगानी पड़ रही लंबी कतारें
जिला अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे मरीजों को इस भीषण गर्मी में लंबी लाइने लगानी पड़ रहीं हैं। इलाज के लिए आए मरीजों ने बताया कि सुबह से लाइन में लगे हैं, लेकिन फिर भी समय पर इलाज नहीं हो मिल रहा है। करोड़ों रुपए की इमारत और मशीने लगाने के बाद भी लोगों को उचित इलाज नहीं मिल रहा है।
सुबह से एक्सरे का इंतजार, नहीं हो रहे अल्ट्रासाउंड
जो मरीज जिला अस्पताल में एक्सरे के लिए पहुंचे हैं, वो इस भीषण गर्मी में सुबह से एक्सरे होने के इंतजार में हैं। इंतजार के बाद भी एक्सरे नहीं हो रहे हैं। वहीं, मरीजों ने बताया कि वो यहां अल्ट्रासाउंड के लिए आए थे, लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। सुबह से ही अल्ट्रासाउंड के लिए लाइनें लगा रखी हैं। लेकिन रिपोर्ट लिखने तक अल्ट्रासाउंड नहीं किया जा गया है। मरीजों ने इसको लेकर नाराजगी जताई है। कुछ मरीजों ने बताया कि सुबह से लाइन में लगने के बाद भी अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल रही है।
जिला हॉस्पिटल में परेशान मरीजों का कौन है जिम्मेदार?
नोएडा के जिला अस्पताल में मरीजों को घंटो अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। कुछ मरीजों ने बताया कि वो डॉक्टर से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे सवाल उठता है कि इस भीषण गर्मी में ईलाज के लिए आए इन मरीजों की परेशानी का जिम्मेदार कौन है?
Noida: लंबे समय से नोएडा में जमे चिकित्सा अधिकारियों का इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को नोएडा जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल और सर्जन डॉ. राजेंद्र कुमार को मेरठ मंडल में ट्रांसफर करने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है दोनों अधिकारी गौतमबुद्ध नगर या उसके आसपास के जिलों में लंबे समय से तैनात हैं। ऐसे में अब इनका अधिक जरूरतमंद जिलों में ट्रांसफर किया जाना चाहिए।
डॉ. रेनू की नियुक्ति पर उठाया सवाल इसके साथ ही कोर्ट ने नोएडा जिला अस्पताल दूसरा सीएमएस में तैनात करने का निर्देश भी दिया है। बता दें कि डॉ. रेनू को जून 2023 में जिला अस्पताल का सीएमएस बनाया गया था। इसके पहले डॉ. राजेंद्र कार्यवाहक सीएमएस थे। कोर्ट ने कहा कि अगर डॉ. रेनू की कुशलता सिद्ध है तो उसका लाभ गौतमबुद्ध नगर के निवासियों तक ही क्यों सीमित रहना चाहिए।
27 वर्षों से मेरठ मंडल में कर रही नौकरी
गौरतलब है कि फिजीशियन डॉ. रेनू 20 अगस्त से पांच जुलाई 2002 तक गौतमबुद्ध नगर में सीएमओ कार्यालय में तैनात थी। इसके बाद 6 जुलाई 2002 से 31 जुलाई 2007 तक जिला अस्पताल में तैनात रहीं। एक अप्रैल 2008 से 16 जनवरी 2019 तक नोएडा प्राधिकरण में प्रतिनियुक्ति पर रहीं। 16 जनवरी से 17 जुलाई 2021 तक पुनः जिला अस्पताल में तैनात ह गईं। 17 जुलाई 2021 से आठ जनवरी 2022 तक जिला महिला अस्पताल मेरठ में सेवाएं दी। इसके बाद एसीएमओ गाजियाबाद रहीं लेकिन सेवाएं दिल्ली यूपी सदन में दी। 8 मार्च 1996 से डॉ. रेनू पश्चिमी उत्तर प्रदेश व गौतमबुद्ध नगर में तैनात रहीं। ऐसे में करीब 27 वर्षों से वह मेरठ मंडल के गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर में तैनात रही।
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