GREATER NOIDA: प्राधिकरण की कमान संभालने के बाद नए CEO रवि कुमार एनजी लगातार एक्शन में हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पिछले CEO के कार्यकाल में कई कम अनुभव वाले अधिकारियों को महत्वपूर्ण विभाग बांटे गये थे, जिन्हें अब वापस लिए जा रहे हैं।
कई महीने से पेंडिंग हैं उद्यमियों की फाइलें
एक-तरफ सरकार लगातार उद्योग को बढ़ावा देने में जुटी है, ताकि प्रदेश की अर्थव्यस्था को नए मुकाम तक ले जाया जा सके। इसके लिए यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का भी ग्रेटर नोएडा में आयोजन किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्राधिकरण के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के चलते उद्यमियों और आवंटियों के महत्वपूर्ण फाइलें 4-4 महीनें से विभाग के चक्कर काट रही हैं। जिससे आवंटियों और उद्यमियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नए CEO से जगी उम्मीदें
प्राधिकरण के नए CEO रवि कुमार एनजी लगातार आवंटियों और उद्मियों के साथ बैठकें कर रहे हैं और उनकी परेशानियों को सुन रहे हैं। इसके अलावा जिन विभागों में इनकी फाइलें अटकी पड़ी हैं, उसे तत्काल निवारण के आदेश भी नए CEO की तरफ से दिए जा रहे हैं। जिसके बाद नए सीईओ से आवंटियों और उद्यमियों की उम्मीदें बढ़ी हैं। इसके साथ ही अब ये भी उम्मीद की जा रही है कि अब ऐसे अधिकारियों को ही महत्वपूर्ण विभाग और जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी, जो ईमानदारी से उद्मियों, आवंटियों और आम लोगों के के मसले का निवारण करेंगे।
GREATER NOIDA: वियतनाम ने ग्रेटर नोएडा स्थित आईआईटीजीएनएल के लॉजिस्टिक हब में निवेश की इच्छा जताई है। वियतनाम लॉजिस्टिक्स बिजनेस एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल भारत में चार दिन के विशेष दौरे पर आया है। जो बुधवार को ग्रेटर नोएडा आया, जहां प्राधिकरण की ACEO मेधा रूपम और ACEO अमनदीप डुली ने प्रतिनिधिमंडल को IITGNL की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टी मॉडल लाजिस्टिक हब (MMLH) और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) के बारे में प्रस्तुतीकरण के जरिए जानकारी दी।
IITGNL देश का सबसे स्मार्ट टाउनशिप
प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप देश की सबसे स्मार्ट टाउनशिप में से एक है। ये प्लग एंड प्ले सिस्टम पर बसाई गई है, उद्योग लगाने के इच्छुक निवेशकों को बहुत ही कम समय में भूखंड आवंटित किया जाता है । उद्योग लगाने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं विकसित कर दी गई हैं। भूखंड आवंटित होते ही उद्यमी उद्योग लगा सकते हैं। राष्ट्रीय राजधानी के करीब होने के साथ ही ये टाउनशिप रोड, रेल और एयर कनेक्टीविटी के मामले में अन्य शहरों से बहुत बेहतर है।
'MMLH और MMTH प्रोजेक्ट पर भी तेजी से काम'
ACEO अमनदीप डुली ने बताया कि MMLH और MMTH प्रोजेक्ट को लाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। अगले 2 से 3 महीनों में एमएमएलएच के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा । प्रतिनिधिमंडल ने एमएमएलएच परियोजना के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का दौरा भी किया। आईआईटीजीएनएल के कंपनी सेक्रेटरी पतंजलि दीक्षित ने प्लग एंड प्ले सिक्टम, ऑटोमेटेड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, विद्युत सब-स्टेशन आदि सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने टाउनशिप के इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना करते हुए एमएमएलएच में निवेश की इच्छा जताई।
GREATER NOIDA: आवंटियों और उद्मियों का काम बेवजह लटकाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अब कार्रवाई होगी। ये बात ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नए CEO रवि कुमार एनजी ने कही। जनसुनवाई से मिली शिकायत के बाद सीईओ ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ये चेतावनी दी। सीईओ ने कहा कि आवंटियों और उद्मियों के काम को अधिकारियों को तय समय में निपटाना होगा।
शिकायत के बाद CEO की चेतावनी
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से आवंटियों को समय वृद्धि, मोर्टगेज परमिशन, नो-ड्यूज सर्टिफिकेट, पेमेंट अपडेशन, भूखंडों का चिन्हांकन डिमार्केशन, लीज डीड निष्पादन, ट्रांसफर मेमोरंडम, पेमेंट वेरीफिकेशन आदि कार्य कराने होते हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने आवंटियों, किसानों और आम लोगों से नियमित रूप से मिल रहे हैं। सीईओ के सामने ये शिकायत आई है कि इन सामान्य कार्यों के लिए बेवजह तय समय से अधिक विलंब किया जा रहा है। इससे आवंटी भी परेशान होता है और प्राधिकरण की छवि भी धूमिल होती है। इस तरह की शिकायतों पर सीईओ ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी विभागों के लिए कार्यालय आदेश जारी किया है।
संबंधित अधिकारियों को निर्देश
सीईओ ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सचेत कर दें। भविष्य में इस प्रकार की कोई शिकायत आवंटी से प्राप्त हुई तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी ही जिम्मेदार होंगे।
नोएडा प्राधिकरण NOIDA AUTHORITY के नए-नए CEO लोकेश एम को आए कुछ ही दिन हुए हैं। उनके सामने नई-नई चुनौतियां सामने खड़ी हैं। जिसमें सबसे पहले हैं, अधिकारियों के रवैये को सुधारना। जनता के प्रति अधिकारियों के रवैये ठीक नहीं हैं। CEO लोकेश एम खुद सड़कों पर उतरकर लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं। शनिवार को सीईओ सेक्टर-34 में लोगों के बीच पहुंचे, जहां उन्होंने जनता दरबार लगाया और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान सीईओ के सामने एक मार्मिक तस्वीर उस वक्त दिखी, जब एक बुजुर्ग उनके सामने पहुंचकर रोने लगा। सीईओ ने भी इस मौके पर नई मिशाल पेश की। उन्होंने ना सिर्फ बुजुर्ग को चुप कराया, बल्कि उसकी समस्याओं को भी सुना
‘साहब गुमराह करते हैं अधिकारी’
बुजुर्ग अयूब ने CEO को अपनी तकलीफ सुनाई, बुजुर्ग ने बताया कि वो पर्थला सेक्टर-122 में कई सालों से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं लेकिन पानी की किल्लत के कारण उन्हें काफी तकलीफ हो रही है। उनके यहां पानी की लाइन नहीं है। इसकी शिकायत कई बार जल अधिकारी से कर चुके हैं। परंतु अधिकारी द्वारा उन्हें केवल गुमराह किया जा रहा है। मजबूर होकर अब आपके पास आया हूं। यह देख वहां मौजूद डीजीएम जल ने कहा कि सोमवार को आकर मुझसे मिलिए। इस बात पर बीच में टोकते हुए सीईओ बोले- सोमवार को क्यों, आज ही मौके पर जाइए। इसके बाद लोगों ने सीईओ की सराहना की। सेक्टर-34 में जनसुनवाई के बाद सीईओ ने सेक्टर-112 और सेक्टर-122 का निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं।
GREATER NOIDA: उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सवा लाख तिरंगा बांटेगा। प्राधिकरण के सभी विभागों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। प्राधिकरण के OSD प्रोजेक्ट विशु राजा ने मंगलवार को सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक की। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए RWA, अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को भी जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने अति शीघ्र तिरंगा तैयार कराकर बंटवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
प्राधिकरण ने अभियान को सफल बनाने का उठाया बीड़ा
दरअसल, आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने देशवासियों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करने के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा कार्यक्रम शुरू किया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी इस अभियान को सफल बनाने का बीड़ा उठाया है। प्राधिकरण ने सवा लाख तिरंगा बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्राधिकरण की तरफ से सभी विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। मंगलवार को इसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी विशु राजा ने प्राधिकरण के सभी विभागों के साथ बैठक की। ओएसडी ने सभी विभागों को अति शीघ्र तिरंगा तैयार कराकार बंटवाने और उसे लोगों के घरों पर लगवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
लोगों से लिया जाएगा सहयोग
इस काम में आवासीय सेक्टरों की RWA और सोसाइटियों में अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से सहयोग लिया जाएगा। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के माध्यम से भी लोगों को घरों पर तिरंगा लगाने के लिए जागरूक किया जाएगा। ओएसडी ने घर पर तिरंगा लगा फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करने के निर्देश दिए। ग्रेटर नोएडा के प्रमुख चौराहों पर तिरंगे की फ्लैक्सी लगाई जाएगी। फ्लैक्सी , होर्डिंग आदि के जरिए शहर भर में प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन ने रोडवेज बसों, सार्वजनिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, गैर सरकारी संगठनों, रेस्टोरेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, टोल प्लाजा, पुलिस चौकी आदि जगहों पर भी तिरंगा फहराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
LUCKNOW/NOIDA: नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी CAG की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गड़बड़ी में डेवलपमेंट अथॉरिटी नंबर 1 पर है। आबकारी विभागों की अनियमितताओं से सरकार को करीब 1276 करोड़ का नुकसान हुआ है। ये खुलासा उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान किया गया।
मानसून सत्र के दौरान CAG रिपोर्ट पेश की गई है। जिसमें 2018-19 में लोकल ऑडिट में सबसे ज्यादा अनियमितता नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों का लेखा-जोखा पेश किया गया है। इस रिपोर्ट में विकास प्राधिकरणों और नोएडा प्राधिकरण के साथ-साथ आबकारी, बिजली, नगर निगम समेत कई विभागों में हजारों करोड़ का घोटाला सामने आया है। इस रिपोर्ट के आने के बाद से यूपी में हड़कंप मच गया है।
लापरवाही की वजह से 3640 करोड़ का नुकसान
वित्त मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में लोकल ऑडिट रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न नगर निकायों में गृहकर निर्धारण, आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने और निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर नियम का उल्लंघन करने की बात सामने आई है। इसके अलावा बिल्डरों को अनुचित लाभ पहुंचाने, भूमि आवंटन के कार्यों में गड़बड़ी भी शामिल है। जिससे सरकार को करीब 3,362 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
करोड़ की रकम का लेखा-जोखा नहीं
नगर निकायों और विकास प्राधिकरणों में 8,170 करोड़ रुपये का घोटला किया गया है। केवल नगर निगमों में ही 640 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई हैं। इसके अलावा कैग रिपोर्ट में 5 विभाग ऐसे हैं जिनमें अफसरशाही की लापरवाही की वजह से 3,640 करोड़ रुपए का नुकसान बताया गया है। यानी, करोड़ की रकम का लेखा-जोखा विभाग के पास नहीं है।
नोएडा प्राधिकरण में 2313 करोड़ का घोटाला
लोकल ऑडिट टीम ने रिपोर्ट जारी की है जिसमें नोएडा प्राधिकरण में 2,313 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इसके अलावा
इन विभागों से सबसे ज्यदा घोटाले की रिपोर्ट है इसमें नगर निगम और जल संस्थान शामिल है, जिससे 640.77 करोड़ की अनियमितता का खुलासा किया गया है। और नगर पालिका परिषद का 357.73 करोड़, चिकित्सा शिक्षा विभाग में 746.22 करोड़
विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में 326.39 करोड़, और नगर पंचायतों ने 108.25 करोड़ का घोटाला किया है। इसके अलावा इस लिस्ट में यूपी की बिजली विभाग भी शामिल है जिसका नाम घोटालों की लिस्ट में अक्सर पाया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक यूपी बिजली विभाग में 36.22 करोड़ का घोटाला किया गया है।
अधिकारियों की लापरवाही से 1446 करोड़ रुपए का नुकसान
CAG रिपोर्ट में ITC का भी आंकड़ा पेश किया गया। जिसमें अधिकारियों की लापरवाही का खुलासा है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ब्याज वसूलने में नाकामयाब रहे हैं। जिसकी वजह से सरकार को करीब 1446 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
GREATER NOIDA: देविका गोल्ड होम्ज़ सोसाइटी में अव्यवस्थाओं का अंबार है। आलम ये है कि सोसाइटी में रहने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। यहां बारिश के समय बेसमेंट में पानी भर जाता है। साथ ही बिल्डर द्वारा रजिस्ट्री भी अब तक नहीं की गई है। जिसे लेकर शुक्रवार को नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान की अगुवाई में देविका गोल्ड होम सोसाइटी के लोगों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ से मिलकर इसकी जानकारी दी।
सोसाइटी में फैली अव्यवस्थाओं से लोग परेशान
सोसाइटी में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं, जिसे लेकर लोगों का खासी नाराजगी है। इसके अलावा रजिस्ट्री लोगों के बड़ी सिरदर्दी बनी हुई है। लोगों की शिकायत पर सीईओ रवि कुमार एनजी ने ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को निर्देश दिया कि जल्द इस मामले का संज्ञान लिया जाए और बिल्डर को इस संबंध में नोटिए भेजने को भी सीईओ ने कहा। साथ ही सीईओ ने आश्वासन दिया कि जल्द बिल्डर-बायर्स की मीटिंग कर समस्या का निराकरण कराया जाएगा।
मेंटिनेंस के बाद भी सुविधा नहीं
सोसाइटी निवासी दीपक दुबे ने बताया कि वो यहां पर पिछले 4 साल से रह रहे हैं। लेकिन बिल्डर ने जो भी सुविधाएं देने का वादा किया था, उसे नहीं दी जा रही हैं। जबकि मेंटिनेंस का रकम बराबर बिल्डर वसूल रहा है। यहां तक कि लोगों ने बिल्डर पर अनदेखी का आरोप लगाया, जिससे जर्जर हो रही बिल्डिंग से कभी भी हादसा हो सकता है।
सोसाइटी में क्या-क्या हैं समस्याएं?
NOIDA: सेक्टर-14A में रह रहे 4 IAS और 2 IPS अधिकारियों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। इन अधिकारियों का दूसरे जिले में ट्रांसफर हो चुका है, इसके बावजूद अभी तक सरकारी आवास नहीं खाली किया गया। जिसके बाद आवास खाली करने को लेकर नोटिस जारी किया गया।
आवास खाली करने को 7 दिन का समय
सेक्टर-14A में IAS और IPS के लिए सरकारी आवास बनाए गये हैं। जहां पर जिले में पोस्टेट अधिकारियों को सरकारी आवास दिया गया है। यहां पर अब उन अधिकारियों के आवास खाली करवाए जा रहे हैं। जिनकी तबादला दूसरे जिले में हो चुका है। इसके बावजूद उनका परिवार अभी भी यहीं पर रह रहा है या फिर अभी तक उन्होंने अपना सामान यहां से नहीं हटाया। अब इन अधिकारियों को मकान खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
रितु माहेश्वरी ने भी काफी दिन तक नहीं खाली किया था मकान
इसके पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की CEO रितु माहेश्वरी के सरकारी आवास को लेकर मीडिया में खबरें आईं थी। रितु माहेश्वरी के मकान नहीं खाली करने की वजह से प्राधिकरण के नव-नियुक्त सीईओ लोकेश एम को किराए के मकान पर रहना पड़ा था। फिलहाल अभी जिन अधिकारियों का तबादला इस जिले से हो चुका है, उन्हें मकान खाली करने को लेकर नोटिस दे दिया गया है।
GREATER NOIDA: प्राधिकरण बोर्ड ने किसानों की मांग पर फैसला सुना दिया है। शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 131वीं बोर्ड बैठक में किसानों के पक्ष में फैसला लिया गया। औद्योगिक विकास आयुक्त और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के CEO एनजी रवि कुमार, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम और यमुना प्राधिकरण के एसीईओ कपिल सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मेधा रूपम समेत बोर्ड के प्रतिनिधिगण भी शामिल हुए, इस बैठक में नियोजन की तरफ से तीनों प्रस्ताव रखे गये, जिस पर बोर्ड ने मुहर लगा दी है।
किसानों की मांग पर बोर्ड की मुहर
पहला, अब तक जो किसान प्राधिकरण से मिली आबादी की जमीन पर घर नहीं बना पाए हैं, वो किसान अब बिना विलंब शुल्क के निर्माण कर सकते हैं। हांलाकि प्राधिकरण ने शर्त रखी है कि अगर किसानों ने जमीन परिवार के बाहर बेची तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी। दूसरा, किसानों को आवंटित आबादी भूखंडों के उप-विभाजन की न्यूनतम सीमा 40 मीटर कर दी गई है जो कि अब तक 120 मीटर थी। बशर्ते ये विभाजन मूल काश्तकार और उनके उत्तराधिकारी गण के बीच नियोजन के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही किया जाएगा। तीसरा, ग्रामीण आबादी पर निर्माण की अधिकतम ऊंचाई नोएडा के समान करते हुए 11 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर कर दी गई है।
मतलब साफ है कि भविष्य में किसान आबादी के भूखंडों पर मूल किसान या फिर उनके उत्तराधिकारीगण को मिली जमीन पर भवन निर्माण करते समय विलंब शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन अगर किसान ने परिवार के बाहर किसी व्यक्ति को भूखंड बेचा तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी।
NOIDA: काफी दिनों से प्राधिकरण के सामने प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बड़ी संख्या में सोमवार को विधायक पंकज सिंह के आवास पर पहुंचे और सड़क पर बैठ गए। प्राधिकरण में सुनवाई नहीं होने पर किसानों ने विधायक के आवास के सामने पहुंचे और मांगों को रखा।
किसानों से मिले विधायक पंकज सिंह
जब किसान विधायक के आवास पर पहुंचे तो उस वक्त वो वहां मौजूद थे। किसानों की बात सुनने विधायक तत्काल किसानों के बीच पहुंचे और उनकी मांगों को गंभीरता से सुना। इस मौके पर विधायक पंकज सिंह ने उन्हें आश्वसन दिया कि उनकी मांगों को अधिकारियों के सामने मजबूती से उठाया जाएगा। साथ ही समाधान का भी प्रयास किया जाएगा।
समझौता पूरा नहीं हुआ तो किसानों के आंदोलन का करूंगा नेतृत्व: पंकज सिंह @PankajSinghBJP pic.twitter.com/Lx8MfbkMKv
— Now Noida (@NowNoida) August 21, 2023
'नहीं सुने तो मैं धरने का करूंगा नेतृत्व'
किसानों से बात करते हुए विधायक ने कहा कि उन्होंने पहले भी किसानों की मांग को मजबूती से उठाया है और उसका समाधान भी करवाया है। किसानों को भरोसा देते हुए विधायक बोले जिन मांगों को लेकर किसान उनके पास आए हैं, उन्हें प्राधिकरण के आला अफसर के सामने रखा जाएगा। अगर अफसरों ने उनकी बात नहीं मानी तो वो खुद किसानों के धरने का नेतृत्व करेंगे।
प्राधिकरण के अफसरों के सामने मजबूती से रखूंगा किसानों की मांगः पंकज सिंह @CeoNoida pic.twitter.com/o2CAwyhhuE
— Now Noida (@NowNoida) August 21, 2023
क्या है किसानों मांग?
किसान पिछले कई दिनों से प्राधिकरण के सामने धरना दे रहे हैं। किसानों की मांग है कि उन्हें 10 परसेंट का प्लाट दिया जाए। साथ ही आबादी का भी पूरी तरह से समाधान हो। जिस पर विधायक ने कहा कि उनकी सभी मांगों का 15 दिन के भीतर समाधान किया जाएगा।
किसानों को समझाने पहुंचे पुलिस अधिकारी
बड़ी संख्या में किसानों के विधायक आवास पर पहुंचने की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल भी पहुंच गया। डीसीपी हरीश चंद्र और एसीपी प्रथम रजनीश वर्मा खुद विधायक आवास पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास करते दिखाई दिए। किसानों ने आवास के सामने सड़क को घेर प्रदर्शन किया।
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