नीट पेपर लीक मामले में पूरे देश में भयंकर हंगामा जारी है। छात्रों में पेपर लीक को लेकर प्रसाशन के खिलाफ काफी नाराजगी है। इस मसले में रवि अत्री का नाम चर्चा में हैं, जिसे इसका मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। लेकिन रवि अत्री के पिता गोरख सिंह ने इसे पूरी तरह से गलत बताया है। उनका कहना है कि बेटे को फंसाया जा रहा है।
रवि अत्री के पिता गोरख सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है जो उसके साथ के दोस्त थे, वो रवि का नाम ले देते है। मेरे बेटे ने कोई पैसा नही कमाया है, मेरा बेटा लगभग दो-तीन महीने से मेरठ जेल में बंद है, तो मेरा बच्चा कैसे पेपर लीक करवा सकता है? दो-तीन महीने पहले यूपी पुलिस उसको गिरफ्तार किया था, यूपी पुलिस कांस्टेबल की भर्ती मामले को लेकर’।
आगे उन्होंने अपनी मध्यवर्गीय जीवनशैली को दिखाते हुए कहा कि इस मामले ( यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा लीक) में भी मेरे बेटे को फंसाया गया है, हमारा बेटा पेपर लीक करवाता, तो हम अच्छी जिंदगी नही जीते, हमारा घर ऐसा नहीं होता पुराने जमाने का। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि जब वो नोएडा जेल में रवि से मिले और इस बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है।
पिता ने कहा पढ़ाई के लिए गया था कोटा
बताया जाता है कि रवि अत्री साल 2007 में मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था, जहां पर वो सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया। इस पर पिता गोरख नाथ ने कहा कि वो कोटा पढ़ने गया था, बाद में जब उनका वहां मन नहीं लगा, तो वापस आ गया।आपको बता दें, मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवि ने पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ दी और पेपर लीक के धांधली में कूद पड़ा।
रवि अत्री का नाम यूपी में कई प्रायोगिक परीक्षाओं को लीक कराने में सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी रवि अत्री का नाम सामने आया है। इसी मामले में यूपी एसटीएफ ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. सीबीआई मामले में एक्शन मोड में नजर आ रही है. इसी कड़ी में एजेंसी ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें पेपर लीक गैंग का किंगपिन शशिकांत पासवान भी शामिल है. साथ ही इस गैंग से जुड़े दो छात्र भी हत्थे चढ़े हैं. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार हुए छात्र भरतपुर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट हैं. शशिकांत नाम का किंगपिन पहले गिरफ्तार हुए पंकज और राजू का साथी है. ये सभी लोग पेपर सॉल्व करने के लिए हजारीबाग में 5 मई की सुबह मौजूद थे. जो छात्र गिरफ्तार हुए उसमें से एक फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है और दूसरा सेकेंड ईयर का छात्र है. इनकी पहचान कुमार मंगलम और दीपेंद्र शर्मा के रूप में हुई है.
रॉकी ने सीबीआई के सामने उगले कई राज
पेपर लीक कांड में रॉकी अब तक का सबसे बड़ा राजदार साबित हुआ है. रॉकी ने सीबीआई के सामने पेपर सॉल्व करने वाले एमबीबीएस छात्रों का राज उगला जिसके बाद पटना AIIMS के चार मेडिकल स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी हुई. रॉकी के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ करने में सुरेंद्र नाम के एक शख्स ने भी अहम भूमिका निभाई थी. सीबीआई ने सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है और उसे भी चार मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ रिमांड पर लिया है. सुरेंद्र ने ही लीक किया हुआ पेपर सॉल्व करने के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को राजी किया था.
पेपर लीक का मास्टमाइंड संजीव फरार
साल 2010 से कई एग्जाम के पेपर लीक मामले में इसका नाम आता रहा है. संजीव मुखिया पहले बिहार के सबसे बड़े शिक्षा माफिया रंजीत डॉन के साथ काम करता था, फिर उसने खुद अपना गैंग बना लिया. हाल ही में BPSC एग्जाम का पेपर संजीव मुखिया और उसके गैंग ने लीक करवाया था. संजीव मुखिया फरार है और उसकी तरफ से अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई है. संजीव मुखिया पेपर लीक गिरोह को नालंदा से ही ऑपरेट किया करता था. संजीव नालंदा उद्यान महाविद्यालय में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत रहा है.
एम्स पटना से जुड़े हैं पेपर लीक के तार
इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 19 जुलाई को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में झारखंड के रांची से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट को हिरासत में लिया था. 2023 बैच की छात्रा की पहचान राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) की सुरभि कुमारी के रूप में हुई है और वह रामगढ़ जिले की निवासी है. इस छात्रा पर भी 5 मई को हजारीबाग में पेपर सॉल्व करने के लिए मौजूद होने का आरोप है. वहीं सीबीआई ने 18 जुलाई को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के चार एमबीबीएस छात्रों समेत पांच लोगों को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था. एम्स-पटना के छात्रों पर नालंदा के कुख्यात ‘सॉल्वर गैंग’ को लीक हुए पेपर को हल करने में मदद करने का आरोप है. मामले में गिरफ्तार पांचवें शख्स की पहचान सुरेन्द्र कुमार के रूप में हुई, जिसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि एम्स-पटना के छात्रों को 5 मई को आयोजित परीक्षा से पहले लीक हुए पेपर को सॉल्व करने के लिए पटना के एक होटल में ले जाया गया था.
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October 05, 2024