Greater Noida: अवैध पार्किंग को लेकर रविवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण दादरी में टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन अजगर के आवाहन पर पहुंचे किसानों ने टोल कर्मचारियों पर अवैध वसूली का आरोप लगाया। इसके साथ ही गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने किसानों और ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया।
टोल कर्मचारियों पर मारपीट का लगाया आरोप
इस दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि आसपास के गांव के लोगों से भी टोल टैक्स वसूला जा रहा है। किसानों ने कहा कि कई बार लुहारली टोल प्लाजा पर पर उनके साथ मारपीट भी हो चुकी है। धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अवैध पार्किंग बंद करने के लिए टोल प्रबंधक को ज्ञापन भी दिया।
हाइवे पर ट्रक खड़े रहने से होते हैं हादसे
सचिन भाटी ने बताया कि नेशनल हाईवे पर सेथली और नगला के बीच रिलायंस और अल्ट्राटेक की अवैध पार्किंग बनी हुई है। इन अवैध पार्किंग की ट्रक अधिकतर हाईवे पर खड़ी रहती है, जिसकी वजह से निकालने के लिए कम जगह मिलता है और आए दिन हादसे से होते रहते हैं।
टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि अवैध पार्किंग को लेकर कई बार टोल प्लाजा प्रबंधन और पुलिस से शिकायत की जा चुकी है। लेकिन सुनवाई नहीं हुई किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस और टोल प्लाजा प्रबंधन की मिली भगत से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
Noida: अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने सीटू के साथ मिलकर जिला कलेक्ट्रेट पर बड़ी संख्या में गंगेश्वर दत्त शर्मा पर 4 जनवरी को हुए हमले के दोषी हमलावरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त करने की उठाई मांग
इंजीनियरिंग संस्थान मानीताऊ पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हमला करने वाले गुंडा ठेकेदार का लाइसेंस रद्द किया जाए. हमलावरों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गैंगस्टर गुंडा एक्ट लगाकर जेल भेजा जाए। साथ ही दोषी दरोगा, जिसके संरक्षण में गुंडो ने हमला किया था उसे सस्पेंड किया जाए। गुंडा ठेकेदार का लेबर डिपार्टमेंट से जारी लाइसेंस रद्द किया जाए। सुबह 11:00 बजे सैकड़ो की संख्या में सीटू और किसान सभा के कार्यकर्ता इकट्ठे हुए नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट के परिसर में पहुंचे और धरना स्थल पर धरना शुरू कर दिया। पुलिस की ओर से एसीपी एवं जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने आकर ज्ञापन प्राप्त किया और मांगों के संदर्भ में तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया।
किसानों की चेतावनी को गंभीरता से नहीं ले रहा प्रशासन
प्रदर्शन कर रहे किसानों को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि इंजीनियरिंग उद्योग में ठेके पर मजदूर रखना कानून प्रतिबंधित है। इसके बावजूद लेबर डिपार्टमेंट द्वारा दबंग किस्म के एवं गुंडा लोगों को लाइसेंस देकर श्रमिकों का दमन किया जा रहा है। जिसकी इंतहा सीटू के जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा पर हुए हमले के साथ हो गई। सभी मजदूर एवं किसान संगठनों में इस बात को लेकर भारी रोष है। इस संबंध में 6 जनवरी को प्रदर्शन कर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई थी परंतु प्रशासन ने मामले को हल्के में लिया है। जिसके कारण आज फिर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
पूरा जिला बंद करने की दी चेतावनी
उन्होंने गुंडा ठेकेदार का लाइसेंस रद्द किया जाए और हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही दोषी दरोगा को सस्पेंड कर कार्रवाई की जाए। एक हफ्ते में ऐसा नहीं किया गया तो मजबूरन सभी मजदूर किसान संगठनों को 16 फरवरी को पूरे जिले को बंद करना पड़ेगा। मजदूरों का शोषण और मजदूरों पर हमला उनके नेताओं पर हमला कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा के अन्नदाता लगातार धरना प्रदर्शन करके अपनी मांग को पूरा कराने की गुहार लगा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को ग्रेटर नोएडा के किसानों ने ‘चक्काजाम’ प्रदर्शन किया। बीते दो महीने से धरना देने के बाद सोमवार को किसानों ने ट्रैक्टर और ट्रॉली से प्राधिकरण का घेराव किया। जिसमें बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और ट्रॉली सिलसिलेवार तरीके से खड़े नजर आए।
छावनी में तब्दील हुआ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
काफी समय से लंबित पड़ी अपनी समस्याओं का निस्तारण न होने के बाद सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर ‘चक्काजाम’ धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए, जिसमें महिलाओं की भी भारी मात्रा थी। जानकारी के मुताबिक, सोमवार दोपहर को भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय के बाहर पहुंच गए थे। किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर रोड को जाम कर दिया और धरना प्रदर्शन करना शुरु कर दिया।
इन मुद्दों पर हो रहा प्रदर्शन
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसानों अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसमें 10 प्रतिशत भूखंड और 64 प्रतिशत मुआवजे की मांग शामिल है। किसान लंबे समय से नई जमीन अधिग्रहण कानून की मांग को लेकर प्राधिकरण के चक्कर काट रहे है। जिसके बाद आज भारी संख्या में किसानों ने एक साथ प्रदर्शन करके अपना आक्रोश प्रकट किया।
भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती
किसानों ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि अब उनके सब्र का बांध टूट गया है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को भी मौके पर तैनात किया गया है।
नोएडा फेस वन थाना क्षेत्र के सेक्टर 6 के नोएडा प्राधिकरण के ऑफिस पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों की संख्या किसान नोएडा प्राधिकरण के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। मौके पर पुलिस की टीम भी मौजूद है।
नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसान कर रहे धरना प्रदर्शन
नोएडा प्राधिकरण के ऑफिस के बाहर हजारों की संख्या में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के नेतृत्व में ये धरना प्रदर्शन हो रहा है। किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन लेने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने किसानों की समस्याओं समाधान नहीं किया है। किसानों को 64 प्रतिशत का मुआवजा और10 प्रतिशत प्लॉट नहीं मिला है। अपनी इन्हीं मांगे के साथ किसान नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर धरने पर पहुंचे हैं।
भारी संख्या में तैनात है सुरक्षाबल
किसानों ने लगातार नोएडा प्राधिकरण के अफसरों से मुलाकात की, साथ ही प्रदर्शन और नारेबाजी भी कर चुके हैं। जिसके बाद ये नियोजित धरना प्रदर्शन जारी है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा में नोएडा प्राधिकरण पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह और एडीसीपी मनीष कुमार वर्मा एसीपी प्रथम प्रवीण कुमार खुद मौके पर मौजूद हैं।
बारिश के बचाव के साथ पहुंचे किसान
नोएडा में इन दिनों लगातार बारिश जारी है। इसलिए किसान बारिश में परेशानी ना हो इसलिए किसान पूरी व्यवस्था के साथ पहुंचे हैं। उनका साफ कहना है कि प्राधिकरण के अधिकारियों से कई बार बात हुई है कि वह आबादी की जमीन के मामले में फैसला करें। आबादी को ना तोड़े। इसी मामले में नोएडा प्राधिकरण के अलावा पुलिस प्रशासन की टीम भी महापंचायत में पहुंची। शाम तक प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता होगी। किसान यूनियन का साफ कहना है कि अगर नोएडा प्राधिकरण उनकी हमारे मांगे नहीं मानेगा तो यह दूसरा गाजीपुर बनेगा।
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December 17, 2022