बिहार राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार, विधानसभा में बहुमत साबित करने की बारी

Bihar: 27 जनवरी के बाद बिहार की सियासत में आए भूचाल के बाद जेडीयू और भाजपा के गठबंधन की सरकार तो बिहार में बहाल हो गई मगर एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ| अपने महागठबंधन के साथी राजद (आर.जे.डी) को छोड़कर नीतीश कुमार फिर एक बार अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ बिहार लोकसभा चुनाव से एक साल पहले ही एनडीए की सरकार बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर काबिज हो गए|

राज्यपाल के सामने ली शपथ

28 जनवरी को बिहार के राज्यपाल-श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिती में नीतीश कुमार ने अपने गठबंधन के साथियों के साथ 9वीं बार संविधान की शपथ लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला| उनके साथ-साथ भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उप-मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेते हुए 28 जनवरी को बिहार में फिर एक बार नई सरकार का गठन किया|

एक सप्ताह बाद मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार

सामान्य प्रशासन, निगरानी, निर्वाचन और गृह विभाग समेत कुल छह विभागों को नीतीश कुमार ने अपने अधिकार क्षेत्र में रखा| डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को वित्त, वाणिज्य-कर, पंचायती राज, स्वास्थ समेत कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी दी गई तो वहीं डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को शिक्षा, जल संसाधन, भवन निर्माण, खान एवं भूतत्व के साथ अन्य विभाग मिला है|

बजट सत्र में बहुमत साबित करने की चुनौती

विधानसभा के पटल पर बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार पर बहुमत साबीत करने की चुनौती खड़ी हो गई है. जो पहले फरवरी को 'वोट ऑफ कॉफिडेन्स' पड़ने वाला था उसकी तारीक बढ़ाकर 12 फरवरी कर दी गई है. 12 तारीक को ही विधानसभा के नए सभापति का भी चुनाव होना है, जिस पद पर अभी आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी हैं, माना जा रहा है कि एनडीए इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है.

मंत्रिमंडल में कौन-कौन

विजय कुमार चौधरी को संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है, विजेन्द्र प्रसाद यादव को ऊर्जा मंत्रालय और ग्रामिण कार्य मंत्री बनाया गया है, डॉ. प्रेम कुमार को सहकारिता एवं आपदा प्रबंधन मत्री नियुक्त किया गया है, श्रवन कुमार को ग्रामिण विकास और समाज कलयाण के महकमे की जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं पर संतोष कुमार सुमन और सुमित कुमार सिंह के बीच सूचना प्रौवैधिकी और विज्ञान मंत्रालय का बंटवारा किया गया है.

By Super Admin | February 03, 2024 | 0 Comments

तेजस्वी के अपने ही बने 'दुश्मन', दिया नीतीश का साथ, हो गया बिहार में बड़ा 'खेला'

हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था, हमारी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था. ये चंद लाइनें आज बिहार की सियासत में दिग्गज नेता तेजस्वी यादव पर बिल्कुल फिट बैठती है क्योंकि उनके अपनों ने ही उनके साथ बड़ा धोखा कर दिया है. दरअसल जिस वक्त नीतीश कुमार को बिहार की विधानसभा में विश्वासमत साबित करने जाना था ठीक उससे पहले तेजस्वी की पार्टी के विधायक उनके आवास पर दिखे. जिनका नाम चेतन आनंद है. सीएम नीतीश कुमार के साथ देखे जाने पर सियासी हलचल बिहार में और बढ़ गई है. बता दें चेतन आनंद बिहार के दबंग राजनेता आनंद मोहन के बेटे है जो शिवहर सीट से राजद के विधायक हैं.

मिड नाइट 'आनंद' को लेकर हुआ था ड्रामा

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देर रात तेजस्वी के आवास पर इसी विधायक को लेकर हंगामा देखने को मिला था. दरअसल तेजस्वी के आवास पर पुलिस चेतन आनंद को ही खोजने पहुंची थी. लेकिन तब चेतन ने दावा किया था वो तेजस्वी के साथ है और वो यहां अपनी मर्जी से है. लेकिन फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले सीएम आवास पहुंचकर चेतन आनंद ने सियासी अटकलें बढ़ा दी है.

फ्लोर टेस्ट से पहले नंबर गेम की लड़ाई

ऐसा दावा है कि बिहार में होने फ्लोर टेस्ट को लेकर खेला हो सकता है. एक ओर NDA की ओर से दो विधायक गायब होने कीसूचना है तो वहीं दूसरी ओर चेतन आनंद का नीतीश के साथ आना एक बड़ा सियासी संदेश दे रहा है. बहुमत परीक्षण की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे-वैसे नंबरगेम भी तेजी से बदल रहा है.

हो सकता है बिहार में 'खेला'

आपको बता दें बिहार में कुल विधानसभा की सीटें 243 है. ऐसे में बहुमत के लिए नीतीश सरकार को 122 विधायकों का समर्थन चाहिए. NDA के पास 128 विधायकों का समर्थन है जो की सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है लेकिन कई विधायक विधानसभा में मौजूद नहीं है. जिसको लेकर नंबरगेम बिगड़ सकता है.

By Super Admin | February 12, 2024 | 0 Comments

बिहार में NDA गठबंधन की सीटों का ऐलान, किसके खाते में आईं कितनी सीटें, जानें

बिहार में लोकसभा चुनावों के लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है। जिसका बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने एनडीए नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनडीए गठबंधन की सभी सीटों का ऐलान करते हुए कहा "कि फॉर्मूले पर चर्चा हुई और एनडीए गठबंधन में शामिल सभी दलों ने इसे स्वीकार कर लिया हैं।" वहीं बिहार में बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं चिराग पासवान की पार्टी को 5, मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 1 सीट और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 1 सीट मिली है। गौर करने वाली बात ये है कि इसमें पशुपति पारस की लोकजन शक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है।

बीजेपी इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी

पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, औरंगाबाद, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगुसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सूर, सासाराम और अररिया से बीजेपी चुनाव लड़ेगी।

जदयू इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी
बाल्मिकी नगर, सीतामढी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालन्दा, जहानबाद और शिवहर से जदयू चुनाव लड़ेगी ।

चिराग पासवान पांच सीटों पर मैदान में उतरेंगे
वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई गया सीट पर जीतन राम मांझी की पार्टी चुनाव लड़ेगी. इसी तरह उपेंद्र कुशावाहा की पार्टी करकट लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी।

बिहार में सात चरणों में होंगी वोटिंग

बिहार में भी सात चरणों 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को चुनाव होने हैं। पहले चरण में बिहार की 4 सीट पर वोटिंग होगी। दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें चरण में 5-5 सीटों पर वोटिंग होगी। इसके अलावा छठवें और सातवें चरण में 8-8 सीट पर वोटिंग होनी है।

साल 2019 में NDA के खाते में आईं थीं 39 सीटें

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में में एनडीए (भाजपा,जदयू और एलजेपी) ने शानदार जीत हासिल की थी। एनडीए ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि महागठबंधन के खाते में केवल एक किशनगंज सीट थी। जिस पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत ने जीत हासिल की थी।

By Super Admin | March 18, 2024 | 0 Comments

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