अब किसी भी थाने में दर्ज करा सकेंगे FIR, एक जुलाई से लागू होंगे ये तीन नियम; जनता को मिलेगी सहूलियत

एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा। पुराने तीन कानूनों में बदलाव से आम आदमी को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब वह कहीं से भी एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि तीन नए कानून लागू होने के बाद मुकदमों को वापस लेना आसान नहीं होगा। अदालत में लंबित आपराधिक मुकदमे को वापस लेने के लिए पीड़ित को कोर्ट में अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।

पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना मुकदमा वापस लेने की सहमति अदालत नहीं देगी। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे कि वीडियो और फोटो इत्यादि को नए कानून में जगह दी गई है। मारपीट की छोटी घटनाओं, गालीगलौज या छोटे अपराध में जमानत टूटने के मामले में वारंटी को हथकड़ी लगाए बगैर पुलिस थाने ले जाएगी। शर्त यह रहेगी कि आरोपी का पुराना आपराधिक इतिहास न हो। इसी तरह से आपराधिक मुकदमों में अब तारीख पर तारीख वाला हिसाब-किताब नहीं चलेगा। तीन वर्ष में मुकदमे का निस्तारण करने की बाध्यता नए कानून में है।

By Super Admin | June 29, 2024 | 0 Comments

पुलिस कमिश्नर ने तीनों नए कानूनों के बारे में विस्तार से दी जानकारी, आप भी जानिए

Noida: गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह द्वारा थाना सेक्टर-39 पर निर्मित प्रभारी निरीक्षक कार्यालय का लोकार्पण किया। इसके साथ ही स्थानीय नागरिकों के साथ संवाद करते हुए उन्हें तीनों नए कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023) के बारे में बताया।

कम समय केस का होगा निपटारा
पुलिस कमिश्नर ने लोगों व विवेचकों को तीनों नये कानूनों के बारे में जानकारी देते महत्वपूर्ण बदलावों व कानूनों से जुड़े तथ्यों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीनों कानूनों में नागरिकों को सुविधा देने के लिए बदलाव किए गये है। जिनमे कई नए महत्वपूर्ण प्रावधान दिये गये है। जिससे कम समय में विवेचनाओं का निष्पक्ष व गुणवक्तापूर्ण निस्तारण किया जाएगा।

डिजिटल साक्ष्य से जल्द मिलेगा न्याय
पुलिस कमिश्नर ने सभी विवेचकों को साक्ष्य संकलन/संग्रहित करने के महत्व के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों में दिये गये सभी प्रावधानों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए विवेचनात्मक कार्रवाई की जाए। डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के महत्व को समझते हुए विवेचनात्मक कारवाई के दौरान उनका सही तरीके से उपयोग किया जाए, जिससे पीड़ितों को शीघ्र व उचित न्याय दिलाया जा सके। विवेचकों को कानूनों में बदलाव से संबंधित बुकलेट वितरित की गयी। इस मौके पर अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था शिव हरि मीणा, डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह, एडीसीपी नोएडा मनीष कुमार मिश्र, एसीपी प्रवीण कुमार सिंह, एसीपी शैव्या गोयल, थाना प्रभारी व कई स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

By Super Admin | July 02, 2024 | 0 Comments

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