Greater Noida: सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद ग्रेनो वेस्ट में अवैध निर्माण जारी है। शाहबेरी गांव में अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कराने पर मेसर्स गणेश इंफाटेक के बिल्डर दिल्ली के आदर्श नगर के सचिन कंसल और बीटा-एक सेक्टर के अतुल जिंदल पर केस दर्ज हुआ है।
5 साल पहले 2 मकान गिरने से 9 लोगों की हुई थी मौत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक नाजिम खान ने बिसरख कोतवाली में केस दर्ज कराया है। आरोप लगाया है कि प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में शाहबेरी गांव आता है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां निर्माण पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद प्राधिकरण की बिना अनुमति के सचिन और अतुल अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कर रहे हैं। अवैध निर्माण करने से कई बार रोका गया है, इसके बावजूद भी नहीं माने। बता दें कि शाहबेरी गांव में पांच साल पहले दो अवैध भवन गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद यहां 90 से अधिक अवैध निर्माण के केस दर्ज हो चुके हैं। कई बिल्डर व अन्य आरोपियों को गैंगस्टर आदि के केस में जेल भी भेजा जा चुका है। बिरसख थाने में दर्ज एफआईआर में आरोपियों पर लैंडयूज बदलकर अवैध निर्माण करने का आरोप लगाया गया है।
जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ रवि कुमार ने बताया कि यदि किसी अधिकारी ने इस तरह की गड़बड़ी कराते हुए लैंड यूज बदलवाया है। यदि इसमें किसी अधिकारी की संलिप्तता पाई जाएगी तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
Greater Noida: सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद शाहबेरी में अवैध निर्माण जारी है। अवैध रूप से दुकानों का निर्माण करवाने पर तीन बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक यहां पर 20 से अधिक दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। अवैध रूप से रात में दुकान का निर्माण करवाने पर गणेश इंफ्राटेक बिल्डर के मालिक सचिन और अतुल जिंदल पर केस दर्ज किया गया है।
रोक के बावजूद निर्माण कार्य जारी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक नाजिम खान ने बिसरख कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। आरोप है कि प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में शाहबेरी गांव आता है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां निर्माण कार्य पर रोक लगाई है। इसके बावजूद प्राधिकरण को बिना जानकारी दिए बिल्डर निर्माण कार्य करवा रहा है। इन्हें अवैध निर्माण करने से कई बार रोका गया है।
अवैध निर्माण भवन गिरने से 9 लोगों की हुई थी मौत
बिसरख कोतवाली में आईपीसी की धारा-188 और 447 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। शाहबेरी में पांच साल पहले दो अवैध भवन गिरने से 9 लोगों की जान गई थी। यहां हुए हादसे के बाद अब तक 90 से अधिक अवैध निर्माण के केस दर्ज हो चुके हैं। इसी मामले में बिल्डर के साथ अन्य आरोपियों को गैंगस्टर के केस में जेल भी भेज गया है।
बिना अधिकारियों के सहमति के कैसे बदला लैंडयूज
आरोप है कि लैंडयूज बदलकर अवैध निर्माण किया गया है। सवाल ये उठता है कि लैंडयूज किसने बदलवाया। बिना प्राधिकरण के अधिकारियों के सहमति के शाहबेरी में लैंडयूज कैसे बदल गया। इससे पहले भी शाहबेरी में हुए अवैध निर्माण पर अधिकारियों के मिलीभगत के आरोप लग चुके हैं। वहीं अब इस मामले पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि अगर इसमें अधिकारियों की सहभागिता मिलती है तो उनके खिलाफ भी केस दर्ज करवाए जाएंगे।
Noida: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार अपराधियों की संपत्ति के साथ अवैध निर्माणों पर लगातार बुलडोजर चल रहा है। इसके बावजूद अवैध अतिक्रमण करने वाले सबक नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण ने अवैध फार्म हाउस पर बुलडोजर के माध्यम से ध्वस्त करा दिया है।
75 हजार वर्गमीटर में बने थे फार्म हाउस
जानकारी के मुताबिक डूब क्षेत्र में कुंडली गांव के पीछे सेक्टर 151 और 156 में करीब 50 अवैध फार्म हाउस बने थे। प्राधिकरण के बार-बार नोटिस देने के बावजूद फार्म हाउस संचालक अवैध निर्माण नहीं हटा रहे थे। इसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने मंगलवार को पुलिस की मौजूदगी में करीब 75 हजार वर्गमीटर में अवैध तरीके से बने फॉर्म हाउस पर बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि अवैध तरीके से बने और भी फार्म हाउसचिन्हित किया गए हैं। जल्दी इन पर भी कार्रवाई की जाएगी। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपील की है अवैध निर्माण खुद हटा लें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
फार्म हाउस संचालकों में दहशत
नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया। वहीं, अवैध फार्म हाउस संचालक विरोध करते रहे लेकिन प्राधिकरण का बुलडोजर चलता रहै। इस कार्रवाई से फार्म हाउस संचालकों में दहशत का माहौल है।
Noida: अवैध निर्माण को ध्वस्त करने पहुंची प्राधिकरण की टीम पर हमला हुआ है। पर्थला गांव में अवैध निर्माण को गिराने गई प्राधिकरण की टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। लोगों ने ना सिर्फ वाहनों के शीशे तोड़ा, बल्कि अधिकारियों के साथ भी मारपीट की गई। जिसका वीडियो भी सामने आया है।
क्या है पूरा मामला
ग्रामीणों का आरोप है कि प्राधिकरण टीम ने हनुमान मंदिर को तोड़ दिया है। जिसके चलते ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और लोगों ने प्राधिकरण की टीम पर हमला बोल दिया। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बचती नजर आ रही है।
Greater Noida: प्राधिकरण के एसीईओ एनजी रवि कुमार ने अंसल गोल्फ लिंक के निवासियों से कहा है कि जिन लोगों ने बायलॉज का उल्लंघन नहीं किया है और कोई व्यावसायिक गतिविधि भी नहीं कर रहे हैं, उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर प्राधिकरण से उनको नोटिस जारी हो गया है तो उसे वापस ले लिया जाएगा। लेकिन जिन लोगों ने निर्माण करने में बायलॉज का उल्लंघन किया है या व्यावसायिक गतिविधि कर रहे हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा। प्राधिकरण ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। सीलिंग के विरोध में बृहस्पतिवार को प्राधिकरण दफ्तर आए अंसल गोल्फ लिंक के निवासियों से मुलाकात के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने यह बात कही।
स्वीकृत मैप के अनुसार निर्माण नहीं करा रहे लोग
दरअसल, अंसल गोल्फ लिंक को 1997-98 में फ्री होल्ड जमीन आवंटित हुई है। इसमें करीब 600 आवंटी हैं। इन भूखंडों पर निर्माण के लिए प्राधिकरण के नियोजन विभाग से मैप स्वीकृत किया गया है, लेकिन कई निवासियों ने इन भूखंडों पर स्वीकृत मैप के हिसाब से निर्माण नहीं कर रखा है। बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर रखा है। कई ऐसे भी आवंटी हैं, जो होटल-पीजी जैसी कई अन्य व्यावसायिक गतिविधि भी कर रहे हैं, जो कि गलत है।
प्राधिकरण 29 भवनों को किया सील
प्राधिकरण को सूचना मिली तो सर्वे कराया गया, जिसमें 88 भूखंडों पर गलत निर्माण या फिर व्यावसायिक गतिविधि पाई गई। प्राधिकरण की तरफ से इन आवंटियों को नोटिस जारी किए गए। नोटिस के बाद हाल ही में प्राधिकरण ने 29 भवनों को सील कर दिया है, जिसके विरोध में अंसल गोल्फ लिंक के निवासी बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ से मिले। उन्होंने सीलिंग खुलवाने की अपील की। सीईओ ने स्पष्ट किया कि अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधि को बंद करते हुए शपथपत्र देना होगा कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी नहीं की जाएगी तभी सीलिंग हटाई जाएगी।
अवैध निर्माण तुरंत रोकने के दिए आदेश
सीईओ ने यह भी साफ किया कि अगर किसी व्यक्ति ने अवैध निर्माण या कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं कर रखा है और फिर भी नोटिस जारी हो गई है तो उनको घबराने की जरूरत नहीं है। उनकी नोटिस वापस ले ली जाएगी। बैठक में यह भी शिकायत मिली कि जिन भूखंडों पर नया निर्माण हो रहा है, उनमें भी नियमों की अवहेलना की जा रही है। जिस पर सीईओ ने अपने अधीनस्थों को अवैध निर्माण तत्काल ध्वस्त करने के निर्देश दिए। इस बैठक के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ अमनदीप डुली, एसीईओ आशुतोष द्विवेदी, जीएम नियोजन लीनू सहगल समेत कई वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ननवा का राजपुर में हुए अवैध निर्माण को ढहा कर 43 हजार वर्ग मीटर जमीन को मुक्त करा लिया। जमीन की कीमत करीब 87 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
अवैध रूप से कर रहे थे प्लाटिंग
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा ने बताया कि गांव ननवा का राजपुर प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में है। कुछ कालोनाइजर गांव के खसरा नंबर -37 और 112 की करीब 43670 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध प्लॉटिंग कर लिए थे। अवैध निर्माण हटाने के लिए धारा दस की नोटिस भी जारी कर दी गई थी। अवैध निर्माण न हटाने पर विगत 15 जनवरी को एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर भी दे दी गई है।
43670 वर्ग मीटर जमीन कब्जा मुक्त
बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम ने दोपहर 1:00 बजे से कार्रवाई शुरू की। प्राधिकरण की पुलिस की मौजूदगी में तीन डंफर और तीन जेसीबी व अन्य अधिकारियों- कर्मचारियों के सहयोग से अवैध निर्माण को ढहा दिया। टीम ने करीब 43670 वर्ग मीटर जमीन को मुक्त करा लिया है। इस जमीन की कीमत करीब 87 करोड़ रुपये आंकी गई है। ओएसडी हिमांशु वर्मा ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होेंने हर वर्क सर्किल को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
Noida : नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम. के निर्देश पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में प्राधिकरण के अफसरों ने सेक्टर-86 में अवैध निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। अधिकारियों ने कार्रवाई कर करोड़ों रुपए की जमीन को कब्जे से मुक्त कराया। इस अभियान के दौरान मौके पर फेस-2 थाने की पुलिस भी तैनात रही।
भूमाफिया बना रहा था दुकानें और कमरे
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इलाबांस गांव में खसरा संख्या-179 प्राधिकरण की भूमि है। कुछ लोग अवैध निर्माण कर इसे कब्जाने की कोशिश कर रहे थे। भूमाफिया द्वारा यहां पर पांच दुकानें और आवासीय कमरे बनाए जा रहे थे। शिकायत मिलने पर जमीन खाली करने के लिए कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया और न ही कब्जा हटाया। इसके बाद नोएडा पुलिस और अथॉरिटी की संयुक्त टीम ने बुलडोजर से अतिक्रमण को हटाकर जमीन को कब्जा मुक्त कराया है। यह जमीन करीब 9700 वर्गमीटर है। जिसकी कीमत 30 करोड़ रुपए है।
कार्रवाई में ख़र्च पैसे अतिक्रमण करने वालों से वसूला जाएगा
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि इस कारवाई में 6 जेसीबी का इस्तेमाल किया गया। करीब दो घंटे तक कार्रवाई चली। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। प्राधिकरण के अधिकारियों ने अधिसूचित अथवा अधिग्रहित एरिया में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। साथ ही आसपास के अन्य लोगों को अवैध निर्माण ख़ुद ही ध्वस्त करने का आदेश दिया है। अगर ये लोग ख़ुद अवैध निर्माण नहीं तोड़ेंगे तो प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। इस कार्रवाई में आने वाला ख़र्चा भी अवैध अतिक्रमण करने वाले लोगों से वसूला जाएगा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने भूमाफियाओं पर शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। बिसरख के जलपुरा गांव में प्राधिकरण की भूमि पर बिल्डर और कॉलोनाइजर द्वारा अवैध निर्माण कराए जा रहे थे। इस मामले में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक द्वारा 9 कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। बिसरख थाना पुलिस ने कॉलोनाइजरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
स्टे के बावजूद बिल्डर कर रहा निर्माण
बता दें कि बिसरख और जलपुरा क्षेत्र में प्राधिकरण की अर्जित जमीन खसरा नंबर 773 पर कॉलोनाइजरों अवैध कॉलोनी काटकर उसे पर फ्लैट और विला बना दिए हैं। इस जमीन पर हाई कोर्ट से स्टे होने के बावजूद भी लगातार बिल्डर अवैध निर्माण कर रहे हैं। शनिवार को प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि अवैध निर्माण जारी है। इस पर प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक गौरव बघेल ने बिसरख पुलिस से लिखित शिकायत की। जिस पर बिसरख पुलिस ने 9 कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
देवेंद्र यादव निवासी ग्राम सोरखा, कुलदीप निवासी बिसरख, भारत, आदेश, अभिषेक निवासी बिसरख जलालपुर, पिंक पढलनी, निवासी नैनीताल, सर्वेश निवासी सेक्टर 24 और प्रिंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
केस दर्ज होेने के बाद भी नहीं रोका काम
वहीं, रविवार को फिर प्राधिकरण की टीम को सूचना मिली कि अवैध निर्माण चल रहा है। इस पर प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची और काम को रुकवाया ओर कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किए हैं। अब जल्दी प्राधिकरण अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करेगी।
Greater Noida: नोएडा में भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद है कि पर्यावरण से भी छेड़छाड़ करने से चूक नहीं रहे हैं। कॉलोनी बनाने के चक्कर में बाग को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बाग के पेड़ो को काटककर और उन्हें नुकसान पहुंचाकर कॉलोनी बसा रहे हैं। जबकि प्राधिकरण बेखबर है।
चौहानपुर गांव में चल रहा खेल
जानकारी के मुताबिक, ईकोटेक थर्ड थाना क्षेत्र के चौहानपुर गांव में आम के बाग में ही कॉलोनी बसाई जा रही है। कॉलोनाइजर ने आम के बाग में काट अवैध कॉलोनी का निर्माण करवा रहा है। कॉलोनी बसाने के लिए धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई करवा रहा है। इसके साथ ही कॉलोनाइजर हरे भरे पेड़ो पर तेजाब डालकर सूखा रहे हैं। आरोप है कि प्राधिकरण और वन विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है। बता दें कि आम के बाग को बचाने के लिए प्राधिकरण ने इस जमीन का अधिग्रहण नहीं किया था।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बार फिर अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्राम तुस्याना की अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जमीन और बिसरख के डूब क्षेत्र की जमीन पर बन रहे अवैध निर्माण को तोड़ दिया है। दोनों जगह पर प्राधिकरण की टीम ने करीब 1.60 हजार वर्ग मीटर जमीन मुक्त कराई है। तुस्याना में अधिग्रहण से मुक्त कराई गई जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ रुपये होने का आकलन है।
50 हजार वर्ग मीटर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा ने बताया 'कि गांव तुस्याना के खसरा नंबर 987, 988 और 989 की जमीन प्राधिकरण की अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जमीन है। कॉलोनाइजर इस जमीन पर कॉलोनी काट रहे थे। शनिवार को परियोजना विभाग के वर्क सर्किल 3 के प्रभारी मनोज सचान, प्रबंधक प्रशांत समाधिया, सहायक प्रबंधक गौरव बघेल व सहायक प्रबंधक मनोज चौधरी की टीम प्राधिकरण के सुरक्षाकर्मियों के साथ मौके पर पहुंची और अवैध अतिक्रमण को ढहा दिया। टीम ने करीब 50 हजार वर्ग मीटर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया है। 5 जेसीबी और दो डंफर का इस्तेमाल कर यह कार्रवाई की गई। इसी तरह बिसरख के डूब क्षेत्र में खसरा नंबर 1, 2 व 3 की लगभग 1.10 लाख वर्ग मीटर जमीन को भी अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए प्राधिकरण ने कब्जे में ले लिया है। यह प्राधिकरण की अधिग्रहित व कब्जा प्राप्त जमीन है।'
ओएसडी ने अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
ओएसडी ने चेतावनी दी है 'कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।' उन्होंने परियोजना विभाग के सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा है 'कि अवैध रूप से जमीन कब्जा कर काटी जा रही कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई न फंसाएं। अगर किसी कॉलोनाइजर से अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदा है तो रजिस्ट्री का प्रपत्र लेकर पुलिस से शिकायत करें। साथ ही इसकी एक कॉपी प्राधिकरण को भी उपलब्ध कराएं ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।' ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा है 'कि ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है। ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।'
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October 05, 2024