NOIDA: हरियाणा के नूंह में हुए हिंसा का विरोध देश भर में शुरू हो गया है। नोएडा में VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नूंह हिंसा के विरोध में पैदल मार्च निकाली। जिसमें सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के खिलाफ noida में VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन @noidapolice @dmgbnagar pic.twitter.com/Q3RNStaTU0
— Now Noida (@NowNoida) August 2, 2023
DM आवास तक पैदल मार्च
बजरंग दल और VHP के कार्यकर्ताओं ने नोएडा स्टेडियम से डीएम कैंप कार्यालय तक पैदल मार्च यात्रा निकाली। सैकड़ों की संख्या में शामिल कार्यकर्ताओं ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
Greater noida: बेहतर कानून-व्यवस्था और उद्योग सेट-अप करने के बेहतरीन माहौल के चलते हरियाणा टेक्सटाइल एसोसिएशन ने प्रदेश में इंडस्ट्री लगाने की इच्छा जताई है। हरियाणा टेक्सटाइल एसोसिएशन और निवेशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और यूपी में इंडस्ट्री लगाने की इच्छा जताई।
दो हज़ार करोड़ निवेश करने की जताई इच्छा
हरियाणा टेक्सटाइल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने दो हजार करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छा जताई। एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से बताया कि यहां पहले चरण में 50 औद्योगिक ईकाइयों के माध्यम से लगभग 25 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही 5 हजार करोड़ की वार्षिक बिक्री से विदेशी मुद्रा और एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी होगी। 21 सदस्य प्रतिनिधिमंडल में हांगकांग से मोबाइल पार्ट बनाने वाली कंपनी कुनशान क्यूटेक के सीईओ भी शामिल हुए।
उद्योग लगाने वाली कंपनियों को जमीन उपलब्ध करवाने के निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव को जल्द से जल्द उद्योग लगाने के सभी फॉर्मिलटी पूरा करने और जमीन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। हरियाणा टेक्सटाइल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। सीएम योगी ने प्रतिनिधिमंडल के एक-एक सदस्य के साथ बारी-बारी विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर उत्तर प्रदेश एमएसएमइ स्टार्टअप के चेयरमैन सचिन गोयल, एआईएम के अध्यक्ष सतप्रकाश शर्मा, जितेन्द्र पारीक जी, भूपेंद्र सिंह जी, प्रताप अरोरा जी, नरेश शर्मा जी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
चंडीगढ़: कुत्तों के काटने की घटना इस बीच तेजी से बढ़ा है। हालांकि कुत्ता पालने वालों के लिए सख्त नियम जरूर बनाए गये हैं। लेकिन आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या बड़ी समस्या बनी हुई है। नगर निगमों की ओर से इन आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत जो प्रयास किए जा रहे हैं वो नाकाफी साबित हो रहे हैं। इस बीच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर डॉग बाइट के पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश जारी किया है।
HC ने जताई चिंता
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा को अब डॉग बाइट पर पीड़ितों को मुआवजा देना होगा। जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज की बेंच ने डॉग बाइट से जुड़ी याचिकाओं का निपटारा करते ये आदेश जारी किया। पंजाब हाईकोर्ट ने पशुओं के कारण सड़क पर होने वाले हादसों पर भी चिंता जताई है।
डॉग बाइट पर मिलेगा मुआवजा
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक कुत्ते के काटने से संबंधित मामलों में पीड़ितों को हर दांत के निशान पर 10,000 रुपए न्यूनतम मुआवजा दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के अलावा चंडीगढ़ को इस तरह के मुआवजे का निर्धारण करने के लिए समितियां बनाने के लिए कहा है। ये समितियां संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता में गठित की जाएंगी।
Noida: डूब क्षेत्र में बने फॉर्म हाउस अय्याशी के अड्डे बनते जा रहे हैं। ताजा मामला एक्सप्रेस-वे थाना क्षेत्र का है। जहां डूब क्षेत्र में अवैध फॉर्म हाउसों में आए दिन शराब पार्टियां होती रहती हैं। ऐसे ही एक फॉर्म हाउस पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने संयुक्त छापेमारी की।
क्या है पूरा मामला
एक्सप्रेस-वे थाना पुलिस को सूचना मिली कि डूब क्षेत्र में बने एक अवैध फॉर्म हाउस में शराब पार्टी की जा रही है। सूचना के आधार पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने संयुक्त छापेमारी की। जब आबकारी विभाग के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो वहां पर शराब पार्टी चल रही थी। आबकारी विभाग ने मौके से 58 ऐसी शराब की बोतलें जब्त की जो हरियाणा मार्का थी। जब्त की गई शराब की कीमत लगभग 65 से 70 हजार रुपये आंकी जा रही है।
चार आरोपी भी गिरफ्तार
पुलिस ने फॉर्म हाउस से चार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान वकुल, राहुल, सूरज सिंह और राहुल कसाना के रूप में हुई है। ये आरोपी फॉर्म हाउस में लोगों को हरियाणा मार्का अंग्रेजी शराब परोस रहे थे। मौके से आबकारी विभाग ने 5 पेटी अंग्रेजी शराब भी जब्त की है।
एक बार फिर पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली में डेरा जमाने की तैयारी में है. जिसको लेकर शासन-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है. 13 फरवरी को होने वाले किसानों के दिल्ली कूच से पहले ही पुलिस ने शंभू बॉर्डर को सील कर दिया है. साथ ही हरियाणा पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाड़ेबंदी शुरू कर दी है. अबकी बार हाईवे पर बड़े-बड़े पत्थरों के साथ नुकीले तार भी सड़कों पर लगाए गए है. क्योंकि पिछली बार किसानों ने ट्रैक्टरों से पत्थरों को नदी में फेंक दिया था.
प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी
हरियाणा-पंजाब के किसानों ने जिस तरह से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का बड़ा ऐलान किया है उसके बाद से पुलिस के साथ-साथ अब सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की भी 50 कंपनियां तैनात कर दी गई है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी किसान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं अन्यथा बड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया पर निगरानी, इंटरनेट बंद
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है. दिल्ली कूच से पहले ही हरियाणा सरकार ने इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश के मुताबिक हरियाणा राज्य के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोड़कर, मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी डोंगल सेवाएं आदि निलंबित है. बता दें कि हरियाणा सरकार का ये आदेश 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से 13 फरवरी की रात 11:59 बजे तक लागू रहेगा.
दिल्ली कूच क्यों कर रहे किसान ?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने MSP की गारंटी के लिए कानून बनाने समेत कई मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ये ऐलान किया है. ऐसा दावा है कि 13 फरवरी को 26 से ज्यादा किसान संघों के 'दिल्ली चलो' प्रदर्शन करने वाले है. जिसके लिए पुलिस-प्रशासन ने कमर कस ली है.
आज हर किसी की निगाहें किसानों के दूसरे आन्दोलन पर टिकी हैं. जहां एक ओर किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार से कड़े कदमों की आस में बैठे हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार इस आन्दोलन को बिना किसी हल और मांग को पूरा किये बिना खत्म करना चाहती है. बता दें कि ये किसानों का पहला आन्दोलन नहीं है इससे पहले भी किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे थे और देश की अर्थव्यवस्था को उथल-पुथल कर दिया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं साल 2021 की.जब पहली बार देश का अन्नदाता सड़कों पर उतरा था जिसके कारण पंजाब और हरियाणा सरकार को 3500 करोड़ रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा था. अभी 2021 में हुए पहले आंदोलन की भरपाई भी नहीं हो पाई थी कि एक बार फिर किसानों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. जिससे एक बार फिर देश की अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ने वाली है. वहीं दूसरी ओर पंजाब में किसानों को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में पुलिस प्रशासन ने कई लेयर में सुरक्षा व्यवस्था खड़ी कर दी है.
हड़ताल से अर्थव्यवस्था को लगेगी करोड़ों की चोट
भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल (एसोचैम) के अनुसार साल 2021 में किसानों की हड़ताल से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रतिदिन 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था और वहीं दूसरी ओर केवल उत्तर रेलवे को इस आंदोलन के कारण 891 करोड़ रुपये के राजस्व और 2,200 करोड़ रुपये की कुल कमाई का नुकसान झेलना पड़ा था.
रोकने के लिए प्रशासन की तैयारियों पर एक नज़र
पंजाब के संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के सिद्धूपुर गुट ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है जिससे हरियाणा के व्यापारी भी एक बार फिर परेशान हो गए हैं. हालांकि प्रशासन ने किसानों को पंजाब में रोकने की कवायद शुरू करते हुए सीमावर्ती जिलों में पुलिस प्रशासन ने कई लेयर में सुरक्षा व्यवस्था तैयार की है.
सिरसा के डबवाली में 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स तैनात
सिरसा में कुल 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स पहुंच चुकी है वहीं डबवाली में पंजाब के साथ लगती दो सीमाओं पर चार कंपनियों को तैनात किया गया और राजस्थान के अजमेर, जयपुर, हरियाणा के सोनीपत, कैथल, पंजाब के जालंधर से अर्द्धसैनिक बलों की नौ कंपनियां अकेले डबवाली पुलिस जिला में पहुंच गई हैं. जिनमें से छह कंपनियां डबवाली शहर में तैनात रहेंगी साथ ही प्रशासन ने सिरसा के घग्गर पुल को वन वे कर दिया.
शंभु टोल बंद होने से 70 लाख राजस्व का नुकसान
10 फरवरी को ही शंभू बार्डर को बंद कर दिया गया और ये टोल प्लाजा अभी आगामी आदेशों तक बंद ही रहेगा. वहीं टोल प्लाजा बंद होने से सरकार को रोजाना करीब 70 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. पंजाब से दिल्ली वाया अंबाला कूच करने वाले किसानों को पंजाब में ही रोकने के लिए आठ लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इसमें सबसे पहले सरियों की कीलों वाली लेयर बनाई गई है और फिर 7 फुट ऊंची कंकरीट की दीवार, रेडिमेड कंकरीट की दीवार, सरिए, कीलों वाली लेयर, कटीले तार के अलावा करंट की व्यवस्था भी प्रशासन ने की है
पंजाब की सीमाएं सील, सड़कों पर ठोंकी कीलें
फतेहाबाद जिला प्रशासन ने पंजाब के साथ लगती सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है. सड़कों पर कील गाड़ दी हैं. सीमेंट के पिलर्स को क्रेन से उठाकर सड़कों के बीचों-बीच रख दिया गया है. टोहाना से पंजाब व चंडीगढ़ को जाने वाले हाईवे 148बी मार्ग पर थ्री लेयर बैरिकेड्स क्रंकीट की दीवार, मिट्टी के ऊंचे ढेर तथा बड़े-बड़े पत्थरों को मार्ग में डाला गया है. हाईवे 148बी मार्ग पर मनियाना सहित गांव सिंबलवाला को भी सील कर दिया है और हिसार रोड पर दो नहरों के पुलों के दोनों ओर कंक्रीट की दीवार व बैरिकेड्स लगाकर पूरी तरह से बंद कर दिया है. जिसके चलते अब हिसार, बरवाला व उकलाना से आने वाले वाहनों को लिंक मार्गों से होकर आना पड़ेगा.
अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनियां तैनात
जींद में पंजाब से आने-जाने के लिए हरियाणा के दो मुख्य बॉर्डर हैं. गांव दातासिंह वाला बॉर्डर, महासिंह वाला बॉर्डरों को प्रशासन द्वारा पूरी तरह से सील कर दिया गया है. प्रशासन ने गांव दातासिंह वाला बॉर्डर के पास एक तरफ की सड़क को टैंट के पर्दों से पूरी तरह ढक दिया है. कंटीली तार व सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. वहीं गांव उझाना के पास सिरसा ब्रांच नहर पर पानी की पाइप व सीमेंट के बैरिकेड्स लगाकर एक तरफ रास्ता बंद कर दिया गया है. रोडवेज की 20 बस अर्धसैनिक बलों को देने से कई रूट प्रभावित रहे.
रूट डायवर्ट एडवाइजरी जारी
सभी मार्ग व्यवसायिक वाहनों के लिए बंद कर दिये गए हैं. पुलिस ने भारी वाहन चालकों के लिए रूट एडवाइजरी जारी की है. 13 फरवरी से प्रस्तावित किसान संगठनों द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान के संबंध में पुलिस ने ट्रक चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. हरियाणा से गुजरते हुए पंजाब, चंडीगढ़ को जाने वाले सभी मार्ग व्यवसायिक वाहनों के लिए 11 फरवरी से बन्द कर दिये गए हैं.
16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी
किसान, मजदूर और कर्मचारी संगठन 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी में जुट गए हैं. 10 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय श्रमिक संगठनों और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन बैठक कर हड़ताल की रणनीति बनाई. किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठन, ट्रेड यूनियन सीटू, इंटक, एटक, एमएमएस, एआइयूटीयूसी से जुड़े सभी मजदूर संगठनों, खेत मजदूर संगठनों, सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा कर्मचारी महासंघ व अन्य कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.
दिल्ली की तरफ प्रदर्शन करते आ रहे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले तो भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दे दी चेतावनी।
किसानों ने अपनी मांगो को मनवाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च के चलते हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ दिए, जिसके बाद भगदड़ के जैसे हालात बन गए और वहां पर बवाल शुरू हो गया है।
किसानों के प्रदर्शन के कारण भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। भगदड़ जैसे हालात होने के कारण पुलिस और सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को 200 मीटर पीछे तक धकेल दिया है। पुलिक ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सड़क को कंक्रीट की दीवारों से बंद कर दिया गया है।
हरियाणा पुलिस ने दागे आंसू गैस गोले
बता दें किदिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को पंजाब पुलिस ने तो बिना किसी रुकावट के आगे जाने दिया, लेकिन जब प्रदर्शनकारी किसान मार्च करते हुए पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए थे। यहां पर हरियाणा पुलिस ने उनको रोकने के लिए रास्तों को बड़े-बड़े कंक्रीट के बैरिकेड्स से जाम कर रखा था, जिसको किसान लांघने की तैयारी में थे। इसी दौरान पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दाग दिए, जिससे वहां भगदड़ मच गई।
सरकार पर भड़के राकेश टिकैत
अब किसानों के प्रदर्शन पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि, देश में बड़ी पूंजीवाद कंपनिया हैं, जिन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बना ली है। उन पार्टीयों ने देश पर कब्जा कर लिया हैं इसलिए अब दिक्कतें तो आएंगी।
कर्नाटक के बेंगलुरू में उन्होंने आगे कहा कि, अगर किसानों के साथ कोई अन्याय हुआ और सरकार ने उनके लिए कोई दिक्कत पैदा की तो ना ही वो किसान ज्यादा दूर हैं और न दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है।"
आंदोलन में नहीं शामिल है बीकेयू
किसानों के चल रहे इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन शामिल नहीं है, जिस पर राकेश टिकैत का कहना है कि, "ये मार्च को किसान यूनियन ने बुलाया है। इन संगठनों ने पिछले आंदोलन में खुद को दूर रखा था और इनमें से किसी संगठन ने हमसे संपर्क भी नहीं किया है। सब अपने तरीके से कार्यक्रम कर रहे हैं, लेकिन सरकार जो कर रही है वो गलत कर रही है। उनको बातचीत करके समस्या को सुलझाना चाहिए और सरकार कील वगैरह का इस्तेमाल न करे।"
प्रदर्शन, बंद और चक्का जाम करना कोई आसान नहीं होता है. इस तरह के प्रदर्शनों में जहां एक ओर आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी में उथल-पुथल हो जाती है, वहीं दूसरी ओर इन प्रदर्शनों का हिस्सा बनने वालों की जिंदगी में भी कुछ कम मुश्किलें नहीं आती हैं. बता दें कि पिछले डेढ़ दशक में दुनियाभर में पहले से तीन गुना ज्यादा प्रदर्शन हुए हैं. इनमें से 23 प्रतिशत प्रदर्शन ऐसे थे, जो तीन महीने या उससे ज्यादा समय तक चले, लेकिन ये सारे ही प्रदर्शन सफल नहीं होते हैं, बल्कि इसका एक सेट पैटर्न है. वहीं शोध की मानें तो कुछ खास तरीके और संख्या के साथ हुए प्रदर्शन ही अपनी मांगें पूरी करवा पाते हैं. आज हम इन प्रदर्शनों की बात इसलिये कर रहे हैं क्योंकि एक बार फिर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसान आंदोलन शुरू हो चुका है. दो साल पहले कृषि कानून निरस्त कराने में भी इस प्रोटेस्ट ने बड़ी भूमिका निभाई थी. किसानों के दिल्ली कूच करने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, कि किसानों का ये दूसरा आंदोलन कामयाब होगा भी या नहीं.
ग्लोबल प्रोटेस्ट ट्रैकर से की जा रही निगरानी
यहां हम आपको एक वेबसाइट के बारे में बताते हैं, जिसका नाम है ग्लोबल प्रोटेस्ट ट्रैकर जो कि दुनिया भर में हो रहे प्रदर्शनों पर नज़र रखती है. इस वेबसाइट के मुताबिक साल 2017 से अब तक 400 से ज्यादा ऐसे प्रदर्शन हुए, जिन्हें काफी बड़ा माना जा सकता है, इनमें से 23 प्रतिशत विरोध 3 महीने या उससे ज्यादा चले. भारत का नाम भी इसमें शामिल है। बीते समय में यहां कई बड़े एंटी-गवर्नमेंट प्रोटेस्ट हुए, जैसे शाहीन बाग और कृषि कानून पर और अब एक बार फिर किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमा हैं. डेढ़ दशक में 3 हजार से ज्यादा प्रोटेस्ट से पिछले 15 सालों में कई बदलाव हुए. जाहिर है कि बदलाव होंगे तो बहुत लोग ऐसे भी होंगे, जो उससे सहमत नहीं रहेंगे। यही लोग विरोध के लिए निकल पड़ते हैं. वर्ल्ड प्रोटेस्ट- ए स्टडी में कहा गया है कि साल 2006 से 2020 के दौरान 101 देशों में 3 हजार से ज्यादा विरोध हुए.
शांतिपूर्ण प्रदर्शन को मिलता है लोगों का सहयोग
आए-दिन होने वाले प्रदर्शनों को लेकर सर्वे कहते हैं कि इनमें से बहुत कम ही ऐसे होते हैं, जिनकी मांगे पूरी हो जाएं। इंटरनेशनल सेंटर ऑफ नॉनवायलेंट कन्फ्लिक्ट के अनुसार ऐसे प्रोटेस्ट की सफलता की गारंटी ज्यादा रहती है, जिनमें हिंसा न हो, शांति से किए जा रहे धरना प्रदर्शनों के सफल होने की गुंजाइश बाकियों से 50 प्रतिशत से भी ज्यादा होती है. वहीं हिंसक प्रदर्शन अक्सर कुचल दिए जाते हैं या फिर प्रदर्शनकारियों में ही दो फांक हो जाती है.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी को झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में बराही फाटक के पास एक कार में आए कुछ हमलावरों ने राठी और उनके तीन गनमैनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। पुलिस के मुताबिक इस गोलीबारी में गाड़ी की अगली सीट पर बैठे राठी और उनके तीनों गनमैन घायल हो गए। घटना के बाद हमलावर अपनी कार में फरार हो गए। घायलों को ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनेलो के मीडिया सेल के इंचार्ज राकेश सिहाग ने नफे सिंह राठी की मौत की पुष्टि की है। राठी के गले और कमर में गोलियां लगी हैं। हमले के वक्त राठी अपनी फॉर्च्यूनर कार में सवार थे जबकि हमलावर आई-20 कार से आए थे। झज्जर के एसपी अर्पित जैन ने कहा "कि इस मामले में क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और स्पेशल टास्क फोर्स को लगा दिया गया है। वारदात के पीछे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके करीबी काला जठेड़ी पर शक जताया जा रहा है। शुरुआती जांच में हत्या के पीछे प्रॉपर्टी का विवाद बताया जा रहा है। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
सुरक्षा उपलब्ध ना कराने का आरोप
इनेलो नेता अभय चौटाला ने बताया कि नफे सिंह राठी की झज्जर जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसको लेकर इनेलो नेता ने सरकार पर राठी की जान को खतरा होने के बावजूद सुरक्षा उपलब्ध कराने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
कांग्रेस नेता भूपेंदर सिंह हुड्डा ने दी श्रद्धांजलि
वहीं कांग्रेस नेता भूपेंदर सिंह हुड्डा ने कहा, "कि हरियाणा में इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की गोली मारकर हत्या करने का समाचार बेहद दुःखद है। जो कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को दर्शा रहा हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवाला पिट चुका है। प्रदेश में आज कोई भी अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहा है। दिवंगत आत्मा को मेरी श्रद्धांजलि और परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि परिवारजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
कौन थे नफे सिंह राठी
इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी हरियाणा की राजनीति में एक चर्चित चेहरा रहे हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के करीबी माने जाते थे। पार्टी में वह मजबूत पकड़ रखते थे। वह एक जाट नेता थे और बहादुरगढ़ के जाटवाड़ा गांव से ताल्लुक रखते थे। नफे सिंह राठी 2 बार बहादुरगढ़ नगर परिषद के चेयरमैन और हरियाणा विधानसभा में 2 बार विधायक रह चुके थे। साथ ही हरियाणा की पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। राठी एक बार रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके थे। वो कुश्ती संघ (भारतीय स्टाइल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे।
Haryana: लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। यहां भाजपा और जजपा का गठबंधन टूट गया है। चंडीगढ़ में भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ राजभवन इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक दोपहर एक बजे फिर से शपथ ग्रहण समारोह होगा। सूत्रों के अनुसार, जजपा प्रमुख और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपनी सरकारी गाड़ियां लौटा दी हैं। सूत्रों के अनुसार, जजपा विधायक देवेंद्र बबली भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
चंडीगढ़ में चल रही बैठक
सूत्रों के अनुसार विधायक दल की बैठक सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हो रही है। बैठक में नया नेता चुना जाएगा। बैठक में ही तय होगा कि पार्टी चुनाव में मनोहर लाल के नेतृत्व में ही उतरेगी या कोई नया चेहरा सामने आएगा। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल के कुछ चेहरे बदले जाएंगे।
निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को दिया समर्थन
वहीं सिरसा के विधायक और हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा ने कहा है कि गठबंधन (बीजेपी-जेजेपी) लगभग टूट चुका है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी सभी 10 सीटें जीतेगी। अब जेजेपी के बिना भी हरियाणा सरकार जीतेगी।
लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर नहीं बनी बात
इसी बीच हरियाणा के निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने कहा कि हमने पहले ही सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार को अपना समर्थन दे दिया है। सीएम से मुलाकात में लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हुई। वहीं नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा कि हमने पहले ही बीजेपी को समर्थन दे दिया था। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर सहमति न बनने से गठबंधन टूटा है। जननायक जनता पार्टी ने दिल्ली में बैठक बुलाई है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास पर चर्चा में पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक शामिल होंगे।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022