Greater Noida: दादरी क्षेत्र स्थित जारचा रोड स्थित मनीराम कॉलोनी के पास रंजिश को लेकर दो पक्षों में झगड़ा के बाद फायरिंग हुई। इसमें हिस्ट्रीशीटर कुलदीप उर्फ कुल्लू के पेट में और दूसरे पक्ष के आदेश के पैर में गोली लगने से घायल हो गये। दोनों घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
पैर और पेट में लगी गोली
पुलिस ने दावा किया कि आदेश के पैर में लगी गोली की घटना संदिग्ध लग रही है। एहतियातन गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, मिलक खटाना गांव निवासी वीशू ने सूचना दी कि उसके भाई आदेश को हिस्ट्रीशीटर कुलदीप उर्फ कुल्लू ने गोली मार दी है। आदेश के दाहिने पैर में घुटने के नीचे गोली लगी है। गांव पहुंचकर पता चला कि कुलदीप के भी पेट में गोली लगी है।
दोनों पक्षों में चल रही है पुरानी रंजिश
जांच में पता चला कि लगभग एक साल पहले आदेश के परिवार में शादी थी। यहां कुलदीप ने हर्ष फायरिंग की। इसका आदेश व उसके परिजन ने विरोध किया। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में रंजिश चल रही है। रविवार देर शाम को नगर के जारचा रोड स्थित मनीराम कॉलोनी के पास आदेश व कुल्लू तीन चार साथियों के खड़े हुए थे। तभी दोनों में कहासुनी हो गई। इसके बाद फायरिंग की घटना हुई।
गोली लगने की घटना संदिग्ध
एडीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार ने बताया कि घायल
दोनों पक्षों में पहले से ही विवाद है। आदेश के पैर में गोली लगने की घटना संदिग्ध लग रही है। आदेश का पुलिस निगरानी में इलाज कराया जा रहा है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ईकोविलेज-1 सोसाइटी में डिलीवरी बॉय ने रेप की कोशिश नहीं बल्कि रेप किया था। इसका खुलासा पीड़िता ने जब बयान दर्ज कराया तब खुलासा हुआ। पीड़िता के वीडियो रिकार्डिंग में दर्ज किए गए बयान में दुष्कर्म की बात सामने आई है जिसके बाद केस में दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी गई है।
फरार होने के बाद मेरठ और हापड़ के होटल में छुपा था आरोपी
गौरतलब है कि पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस की टीमें पांच शहरों में दबिश दे रही थी। पुलिस व स्वाट टीम ने अच्छेजा गांव निवासी सुमित को रविवार को खैरपुर गांव के पास से गिरफ्तार कर थाने ला रही थी तभी सेक्टर-3 के पास दरोगा भरत सिंह की सरकारी पिस्टल छीनकर भागने लगा। इस पर बिसरख कोतवाली प्रभारी की टीम ने घेराबंदी करने पर आरोपी ने फायरिंग कर दी। वहीं जवाबी फायरिंग में पुलिस की गोली पैर में लगने से आरोपी जमीन पर गिर पड़ा और पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि फरार होने के बाद आरोपी मेरठ और हापुड़ के ओयो होटल में रुका था। इसके अलावा बागपत में अपने जीजा की मदद से एक फार्म हाउस में रुका था।
अवैध शराब बेचने के आरोप में जा चुका है जेल
एडीसीपी सेंट्रल नोएडा हृदेश कठेरिया ने बताया कि डिलीवरी बॉय सुमित इससे पहले अवैध शराब बेचने के मामले में जेल जा चुका है। जबकि आरोपी का भाई मनोज बादलपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। इसके बावजूद भी आरोपी ब्लिंकिट कंपनी से जुड़कर डिलिवरी बॉय का काम कैसे कर रहा था, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
मदद के बहाने घर में घुसकर किया रेप
दर्ज एफआईआर के मुताबिक सेक्टर-20 में रहने वाली पीड़िता की बड़ी बहन का विवाह सोसाइटी में रहने वाले युवक से तय हुई है। मंगेतर के राजस्थान निवासी रिश्तेदार की मृत्यु होने पर परिजन पीड़िता को फ्लैट और डॉगी की देखभाल के लिए छोड़कर गए थे। इसी बीच शुक्रवार तड़के डॉगी ने बच्चे दिए। इस पर युवती ने ऑनलाइन दूध और अंडे आर्डर किए थे। वहीं, जब सुमित ऑर्डर लेकर पहुंचा तो पीड़िता ने डॉगी की देखभाल के लिए मदद मांगी। मदद के दौरान फ्लैट में घुसकर सुमित ने पीड़िता से दुष्कर्म किया। विरोध करने पर आरोपी ने पीड़िता को घायल कर फरार हो गया।
भाई का फर्जी दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की
पुलिस की जांच में पता चला है कि डिलीवरी बॉय सुमित ने भाई अमित के नाम पर फर्जी पहचान पत्र बना लिया। हालांकि उसमें आरोपी ने अपना फोटो लगाया था। इसी पहचान पत्र से आरोपी ने नौकरी हासिल की। आरोपी के हिस्ट्रीशीटर भाई भी ब्लिंकिट कंपनी में कुछ दिन पहले तक डिलीवरी बॉय की नौकरी कर रहा था। पुलिस ने ब्लिंकिट कंपनी से 24 घंटे में जवाब मांगा गया है। बिसरख कोतवाली प्रभारी ने बताया कि आरोपी सुमित ने अपनी पहचान छुपाकर और फर्जी पहचान पत्र बनाकर नौकरी हासिल की थी।
Greater Noida: थाना बिरसख क्षेत्र में सिक्योरिटी गार्ड की हत्या करने वाले हिस्ट्रीशीटर बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। मुठभेड़ में शातिर बदमाश योगेंद्र उर्फ मेजर के पैर में गोली लगने से घायल हो गया। जबकि एक साथी अंधेरा का फायदा उठाकर फरार हो गया। पुलिस ने घायल बदमाश को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो बदमाश ने शुरू कर दी फायरिंग
जानकारी के मुताकि, थाना बिसरख पुलिस द्वारा गोपनीय सूचना के आधार पर चेकिंग के दौरान एक मोटरसाइकिल सवार 2 संदिग्ध व्यक्तियों को 6 प्रतिशत प्लॉट पर रूकने का इशारा किया गया। लेकिन बाइक सवार रुकने की बजायतेज रफ्तार से रोजायाकूबपुर की तरफ जाने वाले रास्ते पर भागने लगे। इस पर पुलिस टीम द्वारा पीछा करने पर मोटरसाइकिल फिसलकर गिर गई और पीछे बैठे एक व्यक्ति ने फायरिंग शुरू कर दी।
बदमाश ने सिक्योरिटी गार्ड की बुरी तरह की थी पिटाई
पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की तो बदमाश योगेन्द्र उर्फ मेजर निवासी रोजा याकूबपुर के पैर में गोली लगने से घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। घायल बदमाश के कब्जे से 1 तमंचा, 2 कारतूसऔर एक मोटर साइकिल बरामद हुई है। वहीं, एक अन्य बदमाश अंधेरे के फायदा उठाकर भाग गया। घायल योगेन्द्र उर्फ मेजर उपरोक्त थाना बिसरख का हिस्ट्रीशीटर भी है, जिसके विरूद्ध लूट/डकैती के दर्जनों मुकदमे दर्ज है। योगेन्द्र उर्फ मेजर ने गुरुवार को सिक्योरिटी गार्ड धीरज कुमार रोजा याकूबपुर जमकर पिटाई की थी, जिससे उसकी इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही थी।
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाएगा। टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में 3-1 से आगे है। इस मैच में अगर टीम इंडिया जीत हासिल कर लेती है तो वह सीरीज को 4-1 से अपने नाम कर लेगी। इस दौरान 112 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में ऐसा चौथी बार होगा जब कोई टीम 5 मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला हारने के बाद सीरीज को 4-1 से अपने नाम कर ले।
112 साल बाद ऐसा करने वाली तीसरी टीम होगी इंडिया
वहीं सीरीज पर कब्ज़ा जमाने के बाद अब भारतीय टीम के रणबांकुरों की नज़र इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट मुकाबले को जीतने की ओर है। वहीं दूसरी ओर इस जीत के साथ ही एक और रिकॉर्ड भारतीय टीम के नाम हो जाएगा। आप भी सोच रहे होंगे कि अब हम किस रिकॉर्ड की बात कर रहे हैं। दरअसल अगर टीम इंडिया धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट जीत जाती है तो वो पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 112 साल बाद ऐसा करने वाली तीसरी टीम बन जाएगी जिसने पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच हारने के बाद बाकी बचे चारों मुकाबले जीते हों। टेस्ट इतिहास की बात करें तो अब तक ऐसा तीन बार हो चुका है जिसमे दो बार ऑस्ट्रेलिया ने साल 1897 - 1898 और 1901 - 1902 में किया है और इंग्लैंड ने 1912 में ऐसा कारनामा किया था।
देवदत्त पडिक्कल का डेब्यू पक्का!
धर्मशाला टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ युवा और खूंखार लेफ्ट हैंड ओपनर देवदत्त पडिक्कल को डेब्यू करने का मौका मिल सकता है। उन्हें आउट ऑफ फॉर्म रजत पाटीदार की जगह अंतिम 11 में शामिल किया जा सकता है। देवदत्त पडिक्कल अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। उन्होंने मौजूदा रणजी सीजन में रनों का अंबार लगाया है। वहीं पिछले रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों की बात करें तो देवदत्त पडिक्कल ने 4 में से 3 रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों में शतक जड़ा है जबकि एक में अर्धशतक ठोका है।
कौन हैं देवदत्त पडिक्कल ?
आपको बता दें कि 23 साल के देवदत्त पडिक्कल ने अपने प्रथम श्रेणी करियर में अब तक 31 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 53 पारियों में 44 की एवरेज से 2227 रन ठोके हैं। उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 6 शतक और 12 अर्धशतक ठोके हैं। इसके अलावा देवदत्त पडिक्कल को आईपीएल का भी अच्छा अनुभव है। उन्होंने आईपीएल में अब तक 57 मुकाबले खेले हैं, जिसमें पडिक्कल ने 1 शतक और 9 अर्धशतक के बूते 1521 रन बनाए हैं। बता दें कि देवदत्त पडिक्कल भारतीय टीम के लिए 2 टी20 भी खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 38 रन बनाए हैं।
होली में गुजिया खाना तो सबको पसंद है, लेकिन क्या आप जानते है पहली बार कहां बनाई गई थी गुजिया,अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे है। दरअसल हर साल होली से पहले देशभर में गुजिया बनाई जाती है लोग रंगों में सराबोर होने के साथ गुजिया का भी खूब लोग लुत्फ़ उठाते हैं। गुजिया और होली का नाता भी काफी पुराना है। गुजिया भारत के अतीत की परछाई है, बिल्कुल समोसे की तरह जैसे समोसा वेस्ट एशिया से सफर करते हुए, मध्य भारत तक पहुंच गया। उसी तरह गुजिया का भी इतिहास है।
गुजिया की शुरुआत काफी पुरानी है
गुजिया एक मध्यकालीन व्यंजन है जो मुगल काल से पनपा और कालांतर में त्योहारों की स्पेशल मिठाई बन गई। इसका सबसे पहला जिक्र 13वीं शताब्दी में एक ऐसे व्यंजन के रूप में सामने आता है जिसे गुड़ और आटे से तैयार किया गया था। ऐसा माना जाता है कि पहली बार गुजिया को गुड़ और शहद को आटे के पतले खोल में भरकर धूप में सुखाकर बनाया गया था और ये प्राचीन काल की एक स्वादिष्ट मिठाई थी। गुजिया के इतिहास में ये बात भी सामने आती है कि इसे सबसे पहली बार उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बनाया गया था और वहीं से ये राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार और अन्य प्रदेशों में प्रचलित हो गई।
कृष्ण भगवान को इस मिठाई का भोग लगाया जाता
ऐसा माना जाता है कि होली में सबसे पहले ब्रज में ठाकुर जी यानी कृष्ण भगवान को इस मिठाई का भोग लगाया जाता है। होली के त्योहार में इसे विशेष रूप से तैयार किया जाता है क्योंकि इसका चलन ब्रज से ही आया और ब्रज में ही होली के दिन पहली बार गुजिया का भोग लगाया गया था। तभी से ये होली की मुख्य मिठाई के रूप में सामने आयी। हालांकि अब ये मिठाई होली के अलावा भी कई त्योहारों जैसे दिवाली और बिहार में छठ पूजा में भी बनाई जाती है। इस प्रकार गुजिया का इतिहास काफी पुराना है और अपनी खूबियों और बेहतरीन स्वाद की वजह से ये हमारे त्योहारों का मुख्य हिस्सा बन गयी। इसलिए आप भी गुजिया खाइए और होली की खूब मस्ती करिए।
Lucknow: माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा में हार्ट अटैक से मौत के बाद रात में ही यूपी में अलर्ट जारी हो गया था। वहीं देर रात मुख्तार का परिवार बांदा पहुंचा। जिनकी देखरेख में सुबह पोस्टमार्टम हुआ। वहीं, मुख्तार अंसारी की मौत पर छोटे बेटे उमर अंसारी ने कई सवाल खड़े किए हैं. मीडिया से बातचीत में उमर ने कहा कि आईसीयू के बाद पिता को सीधे तन्हाई बैरक में डाल दिया था। पिता ने उन्हें फोन पर अपनी खराब हालत के बारे में बताया था।
प्रशासन ने नहीं दी मौत की जानकारी
उमर अंसारी ने कहा कि प्रशासन से आधिकारिक रूप से पिता की मौत की जानकारी नहीं दी गई। हकीकत पूरा देश जान चुका है। मैं दो दिन पहले पिता को देखने आया था लेकिन मुझे रोक दिया गया। 19 मार्च को खाने में उन्हें जहर दिया गया था। जिसकी उन्होंने न्यायालय में इसकी शिकायत भी की थी।
हॉस्पिटल से सीधा तन्हाई बैरक में डाल दिया
उमर अंसारी ने कहा कि वे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। न्याय पालिका पर पूरा विश्वास है. जो व्यक्ति अपनी मुट्ठी भी बंद न कर पाता हो, जो शख्स इतना कमजोर हो कि उसे जेल प्रशासन खुद लेकर आईसीयू आता हो, उसको फिट बताकर दोबारा जेल भेज दिया जाए, यह कैसे उचित है? उमर ने कहा कि पिता को आईसीयू से आने के 14 घंटे बाद सीधे तन्हाई बैरक में भेज दिया दिया। दो दिन कैसे रात बिताई होगी ये मैं सोच सकता हूं. उन्होंने मुझे 3 बजे फोन कर बताया कि वह चलने लायक भी नहीं हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने अपनी किताबों में कई बदलाव करते हुए हाल के कुछ वर्षों में हुए संवेदशील विषयों को हटा दिया है। एनसीईआरटी ने 12वीं पॉलिटिकल साइंस की नई किताब के अध्याय 8 में शामिल अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस और 2002 के गुजरात दंगों के कुछ उदाहरण हटा दिए हैं। इसके अलावा हिंदुत्व के संदर्भ को हटाना और मणिपुर के भारत में विलय के संदर्भ में भी बदलाव किया गया है।
12वीं पॉलिटिकल साइंस से अयोध्या विध्वंस के कुछ संदर्भ हटाए गए
एनसीईआरटी ने 12वीं पॉलिटिकल साइंस की नई किताब के अध्याय 8 में शामिल अयोध्या विध्वंस के कुछ संदर्भ हटा दिए गए हैं। "राजनीतिक लामबंदी की प्रकृति के लिए राम जन्मभूमि आंदोलन और अयोध्या विध्वंस की विरासत क्या है?" इसे बदलकर "राम जन्मभूमि आंदोलन की विरासत क्या है?" कर दिया गया है। उसी अध्याय में बाबरी मस्जिद और हिंदुत्व की राजनीति के कुछ संदर्भ हटा दिए गए हैं।
पहले इस अध्याय के पैराग्राफ में लिखा था
कि "चौथा, कई घटनाओं की परिणति दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे (जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता है) के विध्वंस के रूप में हुई। इस घटना ने देश की राजनीति में विभिन्न बदलावों का प्रतीक और शुरुआत की और इस पर बहस तेज हो गई। भारतीय राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता की प्रकृति। ये घटनाक्रम भाजपा और 'हिंदुत्व' की राजनीति के उदय से जुड़े हैं। "
अब इस अध्याय को बदलकर लिखा गया है
कि "चौथा, अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर पर सदियों पुराने कानूनी और राजनीतिक विवाद ने भारत की राजनीति को प्रभावित करना शुरू कर दिया जिसने विभिन्न राजनीतिक परिवर्तनों को जन्म दिया. राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन, केंद्रीय मुद्दा बन गया, जिसने दिशा बदल दी धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्चा की परिणति सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले (9 नवंबर, 2019 को घोषित) के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रूप में हुई."
राजनीति में बदलावों के कारण अपडेट किया सिलेबस
अध्यायों के बदलावों को लेकर NCERT ने कहा है कि देश की राजनीति में हाल के कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जिसकी वजह से सिलेबस को अपडेट किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि बदलाव रूटीन अपडेट का हिस्सा हैं और नए पाठ्यक्रम ढांचे (एनसीएफ) के अनुसार नई किताबों के विकास से जुड़े नहीं हैं। यह बदलाव अन्य के अलावा कक्षा 11 और 12 की राजनीति साइंस की किताबों में भी किए गए हैं। NCERT की करिकुलम ड्राफ्टिंग कमेटी द्वारा तैयार किए गए बदलावों की डिटेल्स देने वाले एक डॉक्यूमेंट के अनुसार, राम जन्मभूमि आंदोलन के संदर्भों को "राजनीति में नए विकास के अनुसार" बदल दिया गया है।
11वीं कक्षा की किताबों में धर्मनिरपेक्षता के अध्याय में बदलाव
वहीं NCERT ने 11वीं कक्षा की किताबों में धर्मनिरपेक्षता पर अध्याय 8 में पहले लिखा गया था कि "2002 में गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से अधिक लोगों का नरसंहार किया गया था, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम थे." इसे बदलकर "2002 में गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों के दौरान 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे" कर दिया गया है। वहीं इस बदलाव के पीछे NCERT ने तर्क दिया है कि "किसी भी दंगे में सभी समुदायों के लोगों को नुकसान होता है। यह सिर्फ एक समुदाय नहीं हो सकता।"
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर क्या बदलाव हुए
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर पहले की पाठ्यपुस्तक में लिखा था कि "भारत का दावा है कि यह क्षेत्र अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को आज़ाद पाकिस्तान के रूप में वर्णित करता है". बदले हुए संस्करण में कहा गया है, "हालांकि, यह भारतीय क्षेत्र है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है और इसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (POJK) कहा जाता है।" बदलाव के पीछे एनसीईआरटी का तर्क यह है कि "जो बदलाव लाया गया है वह जम्मू-कश्मीर के संबंध में भारत सरकार की ताजा स्थिति से पूरी तरह मेल खाता है"
मणिपुर पर किताबों में पहले क्या था और अब क्या है
मणिपुर पर, पहले कहा गया था कि "भारत सरकार मणिपुर की लोकप्रिय निर्वाचित विधानसभा से परामर्श किए बिना, सितंबर 1949 में विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए महाराजा पर दबाव डालने में सफल रही। इससे मणिपुर में बहुत गुस्सा और आक्रोश पैदा हुआ, जिसके परिणाम उसका अहसास अभी भी किया जा रहा है." बदले हुए संस्करण में कहा गया है कि "भारत सरकार सितंबर 1949 में महाराजा को विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मनाने में सफल रही."
अन्य कक्षाओं के लिए किताबों में कोई बदलाव नहीं
NCERT ने पिछले सप्ताह सीबीएसई स्कूलों को जानकारी दी थी कि कक्षा 3 और 6 के लिए नई किताबें तैयार की जा रही है, जबकि एनसीएफ के अनुसार अन्य कक्षाओं के लिए किताबों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि बदलावों की सीरीज अब उन किताबों में पेश की जाएगी जो अभी बाजार में नहीं आई हैं, जबकि नया सत्र शुरू हो चुका है।
आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक प्रचार, मतदान और वोटिंग के दौरान कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं, जो दशकों तक लोगों को याद रहती हैं। ऐसा ही एक किस्सा हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट से जुड़ा है। जब करनाल लोकसभा सीट के लिए वोटों की गिनती सुप्रीम कोर्ट में हुई थी।
1962 में रामेश्वर ने कांग्रेस उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था
1962 के लोकसभा चुनाव में करनाल लोकसभा सीट से जनसंघ पार्टी के प्रत्याशी रामेश्वर नंद ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार को बड़े अंतर से हराया था। इस जीत के बाद सांसद बने स्वामी रामेश्वर नंद ने अपने भाषण से पूरी पार्लियामेंट को हिला कर रख दिया। इसके बाद स्वामी रामेश्वर नंद को प्रसिद्धि मिली। कांग्रेस पार्टी के पास कोई ऐसा नेता नहीं था, जो स्वामी रामेश्वर नंद को टक्कर दे सके।
जीत के गुमान में रामेश्वर नंद ने इंदिरा गांधी की दी थी चुनौती
स्वामी रामेश्वर नंद को इस बात का गुमान हो गया था कि उन्हें कोई नहीं हरा सकता। यहां तक की उन्होंने पीएम इंदिरा गांधी को भी चुनौती दे दी थी। कहा था कि अगर उनके सामने अगर इंदिरा गांधी भी चुनाव लड़े तो वो हार जाएंगी। इसके बाद जब 1967 में लोकसभा चुनाव हुए तो करनाल सीट से आए नतीजों से हर कोई हैरान था।
कांग्रेस ने दिव्यांग माधवराम को बनाया उम्मीदवार
साल 1967 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बड़े असमंजस में थी कि करनाल लोकसभा सीट पर किस प्रत्याशी को उतारा जाए, जो स्वामी रामेश्वर नंद को हरा सके। चिंतन मंथन के बाद कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानी रहे माधव राम शर्मा को करनाल लोकसभा सीट से मैदान में उतारा। माधव राम शर्मा गरीब के साथ दिव्यांग भी थे। ट्रेन हादसे में उनकी एक टांग चली गई थी।
पहली बार स्वामी रामेश्वर नंद को 55 वोटों से हराया
1967 में जब रामेश्वर नंद और माधवराम शर्मा के बीच टक्कर हुई। उस समय करनाल और पानीपत विधानसभा में विधायक भी जनसंघ पार्टी के थे। पानीपत में उस समय विधायक फतेहचंद हुआ करते थे। तब गली, चौराहों और नुक्कड़ों पर चुनावी नारा यही गूंजता था। फतेह फतेह चंद की, जय रामेश्वरम नंद की। 1967 में चुनाव के बाद जब परिणाम आया तो सबको चौंका दिया। पंडित माधव राम शर्मा ने स्वामी रामेश्वर नंद को 55 वोटों से हरा दिया था।
आईपीएल क्रिकेटरों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है। जहां से उनके करियर को ग्रोथ जरूर मिलती है। जहां पर किए गए बेहतरीन प्रदर्शन उनकी लाइफ की कामयाबी की सीढ़ी बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ किया है राजस्थान रॉयल्स के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने। युजवेंद्र भले ही अबतक टी20 वर्ल्ड कप का एक भी मैच ना खेल पाए हों लेकिन ये आईपीएल इतिहास के सबसे कमाल के गेंदबाजों में से एक हैं। चहल ने आईपीएल में एक बार फिर कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसके बाद क्रिकेट वर्ल्ड उन्हें सिर नवा कर सलाम कर रहा है। दरअसल युजवेंद्र चहल ने आईपीएल में मोहम्मद नबी को आउट कर 200 विकेट पूरे कर लिए हैं। वो पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जो इस आंकड़े तक पहुंचे हैं। चहल ने ये मुकाम मुंबई इंडियंस के खिलाफ मुकाबले में हासिल किया।
चहल ने 24 अप्रैल 2013 को आईपीएल में अपना डेब्यू किया
युजवेंद्र चहल ने 24 अप्रैल, 2013 को आईपीएल में अपना डेब्यू किया था। 11 साल बाद ये खिलाड़ी 200 विकेट तक पहुंचा है। आपको बता दें कि चहल ने 200 विकेट के लिए 153 मैच खेले हैं और उनका इकॉनमी रेट 7.72 है। चहल ने इस लीग में 139 विकेट आरसीबी के लिए झटके हैं वहीं राजस्थान रॉयल्स के लिए वो अबतक 61 विकेट चटका चुके हैं। बड़ी बात ये है कि युजवेंद्र चहल ने एम चिन्नास्वामी जैसे ग्राउंड में काफी मैच खेले हैं और उस मैदान पर वो आईपीएल के सबसे कामयाब गेंदबाज हैं।
एबी डिविलियर्स ने ट्वीट कर चहल को बधाई दी
युजवेंद्र चहल की इस उपलब्धि पर दुनिया उन्हें सलाम कर रही है। वहीं एबी डिविलियर्स ने ट्वीट कर इस खिलाड़ी को बधाई दी। डिविलियर्स ने उन्हें आईपीएल में गेंदबाजों का राजा बताया। इसके अलावा कई खिलाड़ियों और कोच ने युजवेंद्र को उनकी सफलता पर ट्विट कर बधाई दी। युजवेंद्र चहल की पत्नी धनश्री भी इस सफलता से गदगद हो उठीं। वहीं इस खिलाड़ी का सबसे बड़ा लक्ष्य टी20 वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाना होगा। अगले हफ्ते तक टीम इंडिया के स्क्वाड का ऐलान हो सकता है जिसमें युजवेंद्र चहल जगह बना सकते हैं। बता दें टी20 फॉर्मेट में चहल का प्रदर्शन कमाल रहा है लेकिन इसके बावजूद ये खिलाड़ी अबतक टी20 वर्ल्ड कप का एक भी मैच नहीं खेला है। चहल को 2021 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में जगह ही नहीं मिली। 2022 में वो स्क्वाड में तो चुने गए लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने को नहीं मिला।
ग्रेटर नोएडा से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां दिनदहाड़े एक शख्स के घर के बाहर फिल्मी अंदाज में फायरिंग की गई, जिसके बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है, दावा किया जा रहा है कि गांव के ही कुछ युवकों ने पहले गाली गलौज की फिर गुस्से में आकर गोलियां चला दी, हालांकि गोली किसी को लगी नहीं, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है,.
ये नाम आए सामने
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला जारचा थाना इलाके के मिल्क खटाना गांव का है, जहां एक शख्स के घर के बाहर गांव के सचिन, कुलदीप उर्फ कल्लू, सागर, सोनू नाम के युवकों ने पहले गाली गलौज की, फिर गुस्से में आकर फायरिग कर दी, सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने बताया है कि कोई जनहानि नहीं हुई है, शांति व्यवस्था कायम है, बता दें पुलिस ने तहरीर लेकर जांच शुरू कर दी है, बताया जा रहा है कि सचिन और कुलदीप दोनों हिस्ट्रीशीटर है,
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