Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मेधा रूपम में शनिवार को सिटी पार्क और स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का निरीक्षण किया। एसीईओ ने सिटी पार्क में बने फुटपाथ के किनारे लो हाइट की डिजाइनर लाइट लगवाने के निर्देश दिए। वहीं, निरीक्षण के दौरान कुछ जगह फुटपाथ टूट पाया, उसे रिपेयर करने और पार्क में बने जिम व झूलों को भी मेनटेन करने के निर्देश दिए।
फुटबॉल टूर्नामेंट की तैयारी का लिया जायजा
इसके बाद एसीईओ ने शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का भी निरीक्षण किया। स्टेडियम में रविवार से आयोजित होने वाले संतोष ट्रॉफी फुटबॉल टूर्नामेंट की फाइनल तैयारी का जायजा लिया । टूर्नामेंट से जुड़ी तैयारी के बारे में संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। एसीईओ के निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ प्रबंधक उत्सव निरंजन, वरिष्ठ प्रबंधक वाईपी सिंह, प्रबंधक हरे कृष्णा चौधरी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के लिए खुशखबरी है। अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन फोर स्थित प्राधिकरण कार्यालय में एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग खुद बैठेंगी। उन्होंने मंगलवार 31 अक्तूबर से ही इसकी शुरुआत कर दी है। एसीईओ ग्रेनो वेस्ट के निवासियों से मिलीं और उनकी समस्याओं का निस्तारण किया।
काफी दिनों से हो रही थी मांग
प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग 07 नवंबर तक नियमित तौर पर इस दफ्तर में बैठेंगी। उसके बाद हर मंगलवार व बृहस्पतिवार को सुबह 10.30 बजे से इस दफ्तर में जन शिकायतों को सुनेंगी और उनका निस्तारण करेंगी। बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी प्राधिकरण के सीनियर स्तर के अधिकारी को टेकजोन फोर स्थित कार्यालय में बैठाने के लिए सीईओ एनजी रवि कुमार से मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए सीईओ के निर्देश पर एसीईओ ने ग्रेनो वेस्ट के दफ्तर में बैठना शुरू कर दिया है।
ग्रेनो वेस्ट के लोगों को नहीं जाना पड़ेगा नॉलेज पार्क ऑफिस
प्राधिकरण का मानना है कि इस पहल से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी । निवासियों को अब नॉलेज पार्क फोर स्थित प्राधिकरण के दफ्तर नहीं आना पड़ेगा। साथ ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट से जुड़ी शिकायतों के त्वरित निस्तारण में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 200 बिल्डर सोसाइटियां बन रही हैं। सेक्टर और गांव के निवासी इससे अलग हैं। यहां आबादी तेजी से बढ़ी है। आने वाले दिनों में यहां आबादी और बढ़ेगी। इसलिए निवासियों की सुविधा को देखते हुए प्राधिकरण ने इस ऑफिस का निर्माण कराया है, जिसे पूर्व में शुरू किया जा चुका है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सफाई व्यवस्था में लापरवाही करने पर पांच फर्मों पर कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने तीन फर्मों के मासिक भुगतान में से दो फीसदी की कटौती की है. दो अन्य फर्मों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
दो फर्मों पर पांच-पांच लाख जुर्माना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर छठ घाटों और शहर की सफाई व्यवस्था देखने का जायजा लेने के लिए एसीईओ अमनदीप डुली और एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने अलग-अलग जगहों का दौरा किया। एसीईओ अमनदीप डुली को कासना के मुख्य मार्ग के साइड वर्ज और सर्विस रोड पर जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे मिले। इसके बाद प्राधिकरण ने संबंधित फर्म एजी इनवायरो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
तीन फर्मों के भुगतान में दो फीसदी की कटौती
एसीईओ अमनदीप डुली ने हल्दौनी का भी जायजा लिया। इस दौरान कई जगह कूड़े के ढेर लगे मिले और झाड़ू भी नहीं लगाई जा रही थी। जिसके चलते मैसर्स साईंनाथ सेल्स एंड सर्विस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने सेक्टर 16बी व 16सी, गौड़ सिटी वन व टू, 130 मीटर रोड, सेक्टर-10 व टेकजोन-4 का भ्रमण किया। इस दौरान जगह-जगह कूड़े के ढेर मिले और झाड़ू भी नहीं लगाई गई थी। जिसके चलते मैसर्स एंटनी वेस्ट हैंडलिंग, मैसर्स आरआर फैसिलिटीज, मैसर्स बिमलराज आउटसोर्सिंग पर कार्रवाई करते हुए मासिक भुगतान में से दो-दो फीसदी धनराशि की कटौती करने के निर्णय लिया गया है।
फर्मों को दी गई चेतावनी
इन फर्मों को चेतावनी दी गई है कि अगर दोबारा लापरवाही मिली तो और कठोर कार्रवाई की जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडावासियों से शहर को साफ-सुथरा रखने में सहयोग की अपील की है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहरवासियों की समस्याओं को जल्दी से जल्दी समाधान करने के लिए एक बड़ी पहल की है। सफाई कर्मियों की हड़ताल से सीख लेते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने क्विक रेसपोंस टीम ( क्यूआरटी ) बनाने का फैसला किया है। हड़ताल या किसी अन्य विपरीत परिस्थितियों में यह टीम साफ-सफाई व्यवस्था को संभालेगी । खाली समय में उन जगहों की सफाई करेगी, जो वर्तमान समय में अछूते रह गए हैं। इसके साथ ही प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के प्रमुख बाजारों व सार्वजनिक जगहों पर रात में भी सफाई (नाइट स्वीपिंग) कराने का निर्णय लिया है।
सफाईकर्मियों के हड़ताल से लिया सबक
बता दें कि ठेकेदारों के अधीन सफाईकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रेटर नोएडा की सफाई व्यवस्था पर असर पड़ा है। कई दौर की वार्ता और अधिकांश मांगें मानने के बावजूद सफाईकर्मी हड़ताल की जिद पर अडे़ हैं। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर कॉन्ट्रैक्टरों ने अस्थाई सफाई कर्मियों की तैनाती कर सफाई व्यवस्था को संभाल लिया है। फिर भी भविष्य में इस तरह की परिस्थिति सामने आने पर सफाई व्यवस्था पर असर न पडे़, इसके लिए सीईओ ने क्विक रेसपोंस टीम का गठन करने का निर्णय लिया है।
कॉन्ट्रैक्टर के अधीन 300 सफाई कर्मियों की होगी क्यूआरटी
इस टीम में कॉन्ट्रैक्टरों के अधीन 300 सफाईकर्मी होंगे। ये स्वास्थ्य निरीक्षकों की निगरानी में सफाई व्यवस्था की कमान संभालेंगे। खाली समय में ये स फाईकर्मी उन जगहों की सफाई करेंगे जो किसी कारणवश मौजूदा मैनुअल स्वीपिंग व्यवस्था से अछूते रह गए हैं। प्राधिकरण ने एक और अहम फैसला लिया है, अब ग्रेटर नोएडा के बाजारों व प्रमुख सार्वजनिक स्थलों की रात में भी सफाई कराई जाएगी, जहां पर पब्लिक का आवागमन अधिक होता है। खासकर जगत फार्म, रामपुर मार्केट, तुगलपुर जैसे जगहों को इनमें शामिल किया गया है।
सार्वजनिक जगहों पर कूड़े के ढेर की सफाई कर सजाने की तैयारी
इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में ऐसे कई जगह हैं जहां पर कूड़े का ढेर लगा रहता है। ये सड़क से आते-जाते दिखते हैं। प्राधिकरण इन जगहों की सफाई कराकर सौंदर्यीकरण कराना चाह रहा है। इनको घूम-टहल के हिसाब से विकसित करना चाह रहा है। यहां बेंच लग जाएंगी। लोग यहां बैठकर गपशप कर सकेंगे। सीईओ ने इन निर्देशों पर शीघ्र अमल करने के निर्देश दिए हैं।
Greater Noida: सोसाइटी के सीवर को शोधित करने के लिए मानकों के अनरूप एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण व संचालन न करने वाले 37 बिल्डरों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ग्रेटर नोएडा की अलग-अलग सोसाइटी के निवासियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से शिकायत की थी कि एसटीपी से शोधित किए बिना ही सीवरेज को नाले में बहाया जा रहा है।
अशोधित सीवरेज को नाले में बहाने पर ग्रेनो प्राधिकरण ने की सख्ती
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक एरिया पर बनने वाले सभी प्रोजेक्टों को अपना एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाना और उसे फंक्शनल रखना अनिवार्य है, लेकिन कई सोसाइटियों के निवासी प्राधिकरण से लगातार शिकायत कर रहे थे कि उनके यहां एसटीपी नहीं बने हैं। कुछ सोसाइटियों में एसटीपी बने हैं तो वह फंक्शनल नहीं हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सर्वे में भी 37 सोसाइटियों में बने एसटीपी मानकों के अनुरूप नहीं मिले। इनमें से कुछ एसटीपी मानकों के अनुरूप बने नहीं हैं और कुछ का संचालन ठीक से नहीं हो रहा।
एक सप्ताह में मांगा जवाब
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी के निर्देश पर सीवर विभाग की तरफ से 37 बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में प्राधिकरण ने एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की षर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अपने रिहायशी प्रोजेक्ट में एसटीपी नहीं बनाए हैं, वे एसटीपी बनाकर शीघ्र चालू करें। जिन सोसाइटियों में बने हैं वे उनको नियमित रूप से संचालित करें। सीवर को शोधित करना अनिवार्य है। शोधित पानी को उद्यानीकरण में उपयोग करें। एनजीटीए की तरफ से भी इस बाबत सख्त आदेश दिए गए हैं। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सोसाइटियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद सुधार न हुआ तो एनजीटी के आदेशों के मद्देनजर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जल को प्रदूषित करने की किसी को अनुमति नहीं
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि जल को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसे प्रदूषित करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। जिन बिल्डर सोसाइटियों में एसटीपी नहीं बने हैं वे शीघ्र बनाकर उसे नियमित रूप से संचालित करें और जिन सोसाइटियों में बने हैं , लेकिन फंक्शनल नहीं है वे उनको तत्काल फंक्शनल करें। अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के मकसद से प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बहुत अहम फैसला लिया है। औद्योेगिक विकास आयुक्त व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता मेें मंगलवार को आयोजित 133वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लग गई है। इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मोर्टगेज परमिशन, प्रचलित एफएआर को क्रय करने, परियोजना पूरी करने के लिए समय वृद्धि का लाभ मिल सकेगा, जबकि फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे। हालांकि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा।
तीनों प्राधिकरणों के सीईओ की मौजूदगी में लगी मुहर
इस बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार व नोएडा के सीईओ डॉ एम लोकेश समेत तीनों प्राधिकरणों व बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। दरअसल, नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए गए। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 26 दिसंबर को आयोजित बोर्ड बैठक मेें प्रस्ताव रखे गए। फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के मकसद से प्राधिकरण चेयरमैन व बोर्ड के अन्य सभी सदस्यों ने इसे अंगीकृत करने पर तत्काल सहमति दे दी।
पूरा करने के लिए बिल्डरों को राहत
अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिहाज से कई राहत का ऐलान किया गया है। कोरोना महामारी के तहत बिल्डरों को 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शून्य काल का लाभ दिया जाएगा। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। यह केस टू केस पर लागू होगा। शून्यकाल का लाभ लेने के बाद बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा। शेष 75 प्रतिशत पैसा साधारण ब्याज के साथ तीन साल में जमा करना होगा। अब को-डेवलपर को परियोजना पूरी करने की अनुमति मिल सकेगी। प्राधिकरण की बकाया धनराशि देने की जिम्मेदारी दोनों की होगी। परियोजना की अनुपयुक्त भूमि को आंशिक सरेंडर करने की अनुमति होगी।
प्राधिकरण सरेंडर की गई भूमि के लिए पहले से भुगतान की गई राशि को बिल्डर के बकाए के साथ समायोजित करेंगे। प्राधिकरण का बकाया पैसा न देने पर आंशिक भाग का आवंटन रद्द कर सकेगा। बकाया राशि का सत्यापन एक स्वतंत्र सीए करेगा। इस पॉलिसी से लाभान्वित परियोजना के बायर्स से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रचलित दर पर अतिरिक्त एफएआर दिया जा सकेगा। परियोजना को पूरा करने के लिए समय विस्तार शुल्क के बिना अधिकतम तीन वर्ष मिलेगा। कुल ड्यूज के सापेक्ष 25 धनराशि जमा करने पर पीटीएम की अनुमति दी जाएगी। बकाया भुगतान अधिकतम तीन साल में जमा करना होगा।
खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा
सौ करोड़ रुपये तक के बकाये की राशि एक वर्ष के अंदर जमा की जाएगी। 500 करोड़ रुपये तक की राशि दो वर्षों में तथा इससे अधिक धनराशि तीन वर्ष में अदा करनी होगी। ड्यूज का 25 फीसदी धनराशि जमा करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की इस पहल से खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। सभी बने हुए फ्लैट की ओसी-सीसी हो जाएगी। फ्लैटों में रहने वाले खरीदारों के नाम जल्द रजिस्ट्री हो जाएगी। इससे खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा।
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू
प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू होंगी। ग्रुप हाउसिंग में यदि वाणिज्यिक हिस्सा है तो उसमें भी लागू होगा। टाउनशिप डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भी इसके दायरे में रहेंगे। ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट अगर एनसीएलटी अथवा कोर्ट में हैं तो वह इस पैकेज का लाभ तभी ले सकते हैं, जब वह अपना केस वापस लेंगे, लेकिन स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट, रिक्रिएशन एंटरटेनमेंट पार्क योजना में शामिल ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर ये सिफारिशें लागू नहीं होंगी। इसके अलावा व्यावसायिक, संस्थागत और औद्योगिक परियोजनाओं में ये सिफारिशें मान्य नहीं होंगी। बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मेधा रूपम, अमनदीप डुली, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, अन्नपूर्णा गर्ग, आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, यीडा की एसीईओ श्रुति समेत सभी वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।
20 हजार वर्ग मीटर तक के औद्योगिक भूखंडों के रेट बढ़ाने पर सहमति
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 20 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों की दरों में औसतन 12 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। 1000 वर्ग मीटर तक के सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 29238 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने पर सहमति बन गई है। इसी तरह 1001 वर्ग मीटर से लेकर 20,000 वर्ग मीटर तक सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 23975 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है। शेष आकार वाले भूखंडों की श्रेणी और कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
ग्रुप हाउसिंग प्रोेजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग अनिवार्य
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग 5% अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एकल भवनों में भी सिंगल पार्किंग जरूरी है। इससे सोसाइटियों में विजिटर्स की पार्किंग को लेकर होने वाले विवाद हल हो जाएंगे। यह व्यवस्था नए और पुराने, सभी प्रोजेक्टों पर लागू होंगे। इस प्रावधान पर जन सामान्य से आपत्ति/सुझाव मांगे जाएंगे। उसके बाद अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
औद्योगिक, आईटी व संस्थागत इकाइयों को बोर्ड से राहत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने निवेश व रोजगार को ध्यान में रखते हुए अब तक कंप्लीशन व फंक्शनल सर्टिफिकेट न ले पाने वाली औद्योगिक, आईटी व आईटीईएस को बडी राहत दे दी है। इन इकाइयों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट व फंक्शनल सर्टिफिकेट प्राप्त करनेे के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है। इसका लाभ लेने के लिए इन इकाइयों को निर्धारित शुल्क देना होगा। बोर्ड ने संस्थागत इकाइयों को भी बड़ी राहत दे दी है। अब तक पंजीकरण न करा पाने वाली इकाइयों को सशुल्क 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है। इसी तरह मानचित्र स्वीकृति व कंप्लीशन के लिए सशुल्क 31 दिसंबर 2025 तक का समय दिया गया है।
बकाया जल मूल्य पर ओटीएस योजना
ग्रेेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने पानी के बकायेदारों को भी बड़ी राहत दे दी है। बोर्ड ने 31 मार्च 2024 तक की लंबित देय जल मूल्य धनराशि पर कार्यालय आदेश जारी होने की तिथि से 31 जनवरी 2024 तक डिफॉल्ट धनराशि जमा करने पर कुल ब्याज में 40 फीसदी छूट मिलेगी। इसी तरह 01 फरवरी से 29 फरवरी तक जमा करने पर 30 फीसदी और एक मार्च से 31 मार्च 2024 तक जमा करने पर 20 फीसदी की छूट मिलेगी। प्राधिकरण का पानी के बकायेदारों पर करीब 34 करोड़ रुपये बकाया हैें।
सभी सेक्टरों में गंगाजल पहुंचाने के निर्देश
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने गंगाजल परियोजना की भी समीक्षा की। चेयरमैन ने इस परियोजना पर तेजी से काम करते हुए सभी सेक्टरों तक शीघ्र गंगाजल पहुंचाने के निर्देश दिए। अब तक करीब 40 सेक्टरों में गंगाजल पहुंच चुका है।
आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों को राहत
सेक्टर जीटा टू में आरपीएस 02 आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों की तरफ से जमा धनराशि को वापस किए जाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। लंबे समय से इंतजार कर रहे इस योजना के आवंटियों को बड़ी राहत मिल जाएगी।
आवासीय संपत्तियों के कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों मेें ढील
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने एकल आवासीय भवनों के लिए कंपनशनेट ग्राउंड पर कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों मेें राहत देने का निर्णय लिया है। मूल आवंटी की मृत्यु होने पर उनके वारिसानों ने कार्यपूर्ति की प्रक्रिया को पूरी नहीं की। इसी तरह मूल आवंटी की तरफ से कार्यपूर्ति के लिए आवेदन करने के पश्चात गंभीर बीमारी होने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। सेना या फिर अर्द्धसैनिक बलों के कार्यरत अधिकारी या कर्मचारी संवेदनशील जगहों पर ड्यूटी के चलते कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र नहीं ले सके। ऐसे सभी प्रकरणों में आवेदकों से आवेदन की तिथि के बाद समय विस्तरण सर्टिफिकेट नहीं लिया जाएगा।
तीनों प्राधिकरणों की एसओपी जल्द
नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की एसओपी जल्द बनाने की योजना है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मैसर्स सार्क एसोसिएट्स को तीनों प्राधिकरणों की नीतियों, नियम और विनिमय में समरूपता लाने की जिम्मेदारी दी है। इससे आवंटियों को बहुत सुविधा हो जाएगी।
प्राधिकरण व सीआरआरआई के मध्य एमओयू जल्द
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बीच एमओयू करने के लिए सहमति दे दी है। सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में आधुनिक तकनीक के जरिए सड़कों के निर्माण में और पारदर्शिता तथा गुणवत्ता बढ़ाने, वेस्ट मैटेरियल से बनी टाइल्स का फुटपाथ बनवाने, सड़कों का थर्ड पार्टी के रूप में असिस्मेंट करने, ट्रैफिक की प्लानिंग आदि में प्राधिकरण का सहयोग करेगा।
Greater Noida: गेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बैठक में किसानों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है। प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट व उच्च न्यायालयों के आदेशों से संबंधित अधिसूचनाओं के समस्त किसानों को 10 फीसदी विकसित आबादी भूखंड भी दिए जाने के प्रस्ताव पर बोर्ड ने सहमति दे दी है। अब इसे शासन के पास भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन के उपरांत इसे लागू किया जाएगा। किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
किसान लंबे समय से कर रहे थे मांग
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की तरफ से चेयरमैन मनोज कुमार सिंह के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा गया, जिस पर चेयरमैन ने इसे तत्काल स्वीकार कर लिया। अब इस पर अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा। वहां से अप्रूवल के बाद किसानों को अधिग्रहित जमीन का 10 फीसदी (अधिकतम 2500 वर्ग मीटर) मिल सकेगा। इससे लंबे समय से किसानों की लंबित मांग पूरी हो जाएगी। पात्र किसानों को आरक्षण पत्र जारी किए जाएंगे। विकसित भूखंड का आवंटन शीघ्र भूमि अर्जित कर दिया जाएगा।
किसानों को देना होग शपथ पत्र
अगर किसी पात्र किसान ने अवैध कब्जा कर रखा है तो उसे स्वेच्छा से अवैध कब्जा हटा लेने के बाद ही भूमि का आवंटन किया जाएगा। किसानों को शपथ पत्र देना होगा कि उनके पास आरक्षित या आवंटित भूखंड 2500 वर्ग मीटर से अधिक नहीं है। इस बाबत किसान की तरफ से अगर कोई याचिका या फिर विशेष अनुज्ञा अपील की गई है तो उसे वापस लिया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।
वेंडिंग जोन में किसानों को 33 फीसदी आरक्षण
किसानों की दूसरी मांग पर प्राधिकरण बोर्ड ने आपसी सहमति से भूमि विक्रय करने वाले किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत परियोजना प्रभावित मानकर उन्हें भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन के हिसाब से उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 (नये भूमि अधिग्रहण कानून) के तहत लाभ दिए जाने पर सकारात्मक फैसले के लिए शासन के पास भेजने पर हरी झंडी दे दी है। किसानों की तीसरी मांग के रूप में प्राधिकरण बोर्ड ने वेंडिंग जोन में किसानों को 33 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा किसानों की ही मांग पर प्राधिकरण बोर्ड ने लीज बैक के 533 में से शासन से अनुमोदित 296 पात्र किसानों को लीज बैक करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। जल्द ही पात्र किसान लीज बैक करा सकेंगे। इन फैसलों से बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिल सकेगा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने छपरौला में अधिसूचित एरिया पर अवैध कब्जे को बुधवार को ध्वस्त कर दिया और करीब 5000 वर्ग मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया है। प्राधिकरण की परियोजना विभाग के महाप्रबंधक व ओएसडी हिमांशु वर्मा ने बताया कि वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार के दिशा-निर्देशन में वर्क सर्किल एक की टीम ने छपरौला गांव में अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की।
5000 वर्ग मीटर जमीन कब्जा मुक्त
यह जमीन ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित एरिया में है। इस अवैध रूप से कब्जाने की कोशिश की जा रही थी। इसकी सूचना मिलने पर परियोजना विभाग की टीम प्राधिकरण के सुरक्षाकर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गई और लगभग 5000 पर मीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। उन्होंने कहा है कि इस जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
ग्रेटर नोएडा: रोजगार से बेदखल करने के विरोध में सीटू के बैनर तले पथ विक्रेताओं ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के समक्ष जोरदार तरीके से धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद सीटू के नेतृत्व में वेंडर्स ने अधिकारियों के सामने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
दिलाया जाएगा वेंडर्स को उनका हक:
सीटू जिलाध्यक्ष व पथ विक्रेता कर्मकार यूनियन गौतमबुद्धनगर के महामंत्री गंगेश्वर दत्त शर्मा ने ने कहा कि वेंडर्स का सत्यापन कर उन्हें व्यवस्थित करने के बजाय प्राधिकरण द्वारा वेंडर्स को रोजगार करने से रोकना पथ विक्रेता अधिनियम 2014 और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली का खुला उल्लंघन है जिसे हमारी यूनियन कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और इस मसले पर वेंडर्स को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए जोरदार तरीके से आवाज उठाई जाएगी।
अखिल भारतीय किसानसभा का समर्थन:
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि सीटू के नेतृत्व में वेंडर्स के आंदोलन को अखिल भारतीय किसान सभा पूरा समर्थन करती है और उनके आंदोलन में हम लोग भी हिस्सेदारी करेंगे।
सीटू जिला सचिव रामस्वारथ ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक वेंडर्स की समस्या का समाधान नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा। दोपहर 3:00 बजे फिर दोबारा धरना स्थल पर आकर प्राधिकरण के अधिकारियों ने वार्ता किया और और शीघ्र समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिए जाने के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ।
ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट को आरआरटीएस से जोड़ने के लिए रूट तय करने को लेकर अहम बैठक हुई। NCRTC की टीम ने ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के समक्ष आरआरटीएस के लिए 3 वैकल्पिक रूटों पर प्रस्तुतिकरण दिया। सीईओ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और एनसीआरटीसी की संयुक्त टीम बनाकर इन तीनों ही वैकल्पिक रूटों का सर्वे करने के बाद फाइनल करने के निर्देश दिए। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा व ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जोड़ते हुए नोएडा एयरपोर्ट जेवर तक आरआरटीएस चलाने की योजना है। इसे दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस से जोड़ा जाएगा। यह रूट गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चार मूर्ति चौक (गौड़ चौक) होते हुए एयरपोर्ट तक बनेगा। चार मूर्ति चैक से आरआरटीएस के तीन वैकल्पिक रूटों का सुझाव दिया गए हैं।
तीनों वैकल्पिक रूट इस प्रकार हैं-
पहला रूट, चार मूर्ति चौक से 130 मीटर चौड़ी रोड पर प्राधिकरण दफ्तर और परी चौक होते हुए नोएडा एयरपोर्ट तक प्रस्तावित किया गया है। दूसरा रूट, 60 मीटर रोड से होकर और तीसरा रूट चार मूर्ति चौक से नॉलेज पार्क-5, सूरजपुर और कासना होते हुए नोएडा एयरपोर्ट ले जाने का सुझाव है।
’ट्रैफिक जरूरतों के हिसाब से होना चाहिए रूट’
इस टीम में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ, नियोजन और परियोजना विभाग तथा एनसीआरटीसी के अधिकारी शामिल होंगे। सीईओ ने एक सप्ताह के भीतर रूट का मौके पर सर्वे कर सुझाव देने को कहा है। इस बीच प्राधिकरण की तरफ से रूट पर यूटीलिटी रिपोर्ट दी जाएगी और एनसीआरटीसी की तरफ से रूट का विस्तृत रिपोर्ट बनाकर प्राधिकरण को दिया जाएगा। सीईओ ने इस काम को प्राथमिकता पर लेते हुए रूट को शीघ्र फाइनल करने के निर्देश दिए हैं। एनजी रवि कुमार ने यह भी कहा कि जो भी रूट फाइनल करें, वह वर्तमान के साथ ही भविष्य में ट्रैफिक की जरूरतों के हिसाब से होना चाहिए, ताकि ग्रेटर नोएडावासियों को कहीं पर भी कंजेशन की परेशानी न झेलनी पड़े।
बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद
इस बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, जीएम वित्त विनोद कुमार, जीएम प्लानिंग लीनू सहगल, जीएम प्रोजेक्ट हिमांशु वर्मा, ओएसडी नवीन कुमार सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक सुधीर कुमार व एनसीआरटीसी के अधिकारीगण मौजूद रहे।
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October 05, 2024