Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में बिल्डर व अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन की तरफ से फ्लैट खरीदारों का हक दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से गठित समिति ने मंगलवार को बैठक की। इस बैठक में प्राधिकरण, क्रेडाई और फ्लैट खरीदारों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने, सोसाइटी में एओए का गठन, सोसाइटी का आईएफएमएस फंड का हस्तांतरण, बार के नाम प्लेटो की रजिस्ट्री फायर सिस्टम को दुरुस्त कराने आदि मसलों का हल निकालने पर चर्चा हुई। क्रेडाई ने भी इन मुद्दों को शीघ्र हल कराने का आश्वासन दिया है। अब इस समिति की अगली बैठक अगले साल 3 जनवरी को होगी।
बिल्डर-बायर्स के बीच विवादों को सुलझाने के लिए कमेटी गठित
ग्रेटर नोएडा में करीब 200 सोसाइटियां विकसित हो रही हैं। इनमें तमाम सोसाइटियां ऐसी हैं, जिनके निवासियों व बिल्डर या अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के बीच विवाद होते रहते हैं। कभी बायस के पक्ष में रजिस्ट्री न होने को लेकर,ट्रांसफर मेमोरंडम के लिए एनओसी जारी न करने पर तो कभी सोसाइटी में अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के गठन को लेकर अथवा कभी सोसाइटी के आईएफएमएस फंड का हस्तांतरण न किए जाने पर विवाद होता रहता है। इन विवादों को शीघ्र निस्तारित करने के लिए प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने एसीईओ की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति गठित कर दी। प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव इस समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। शेष 8 सदस्य नामित किए गए हैं, जिनमें प्राधिकरण के अधिकारियों के अलावा क्रेडिट के प्रतिनिधि शामिल हैं।
सडीएस इंफ्राटेक, नंदी इंफ्राटेक, हवेलियां बिल्डर्स, सुपरटेक व रूद्रा बिल्डवेल की हुई बैठक
इस समिति की पहली बैठक 21 नवंबर को संपन्न हुई थी और इस मंगलवार 12 दिसंबर को इस समिति की दूसरी बैठक हुई है, जिसमें एसडीएस इंफ्राटेक, नंदी इंफ्राटेक हवेलिया बिल्डर्स, सुपरटेक ईको विलेज वन और रुद्रा बिल्डवेल के प्रोजेक्ट से जुड़े विवादों को सुलझाने पर चर्चा की गई। प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि सेक्टर ओमेगा 2 स्थित एसडीएस इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट एनआरआई रेजिडेंसी सोसायटी में लिफ्ट की समस्या सामने आई, जिसे शीघ्र हल करने के निर्देश दिए गए हैं। अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन को समिति हैंडओवर करने की प्रक्रिया भी फरवरी तक पूरी करने को कहा गया है। नंदी इंफ्राटेक के सेक्टर 10 स्थित अमात्रा होम्स में फ्लैट खरीदारों ने रजिस्ट्री का मुद्दा उठाया।
बिल्डर को रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए
बैठक में बिल्डर को ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जल्द लेकर रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए गए। लिफ्ट की समस्या यहां भी सामने आई, जिसको शीघ्र हल करने को कहा गया है। हवेलिया बिल्डर के खरीदारों ने एओए गठित न किए जाने और सोसाइटी में अवैध निर्माण को तोड़ने का मसला उठाया। समिति ने बिल्डर को फरवरी तक चुनाव कराने और एओए गठित करने के निर्देश दिए। साथ ही अवैध निर्माण को भी शीघ्र तोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह सुपरटेक ईको विलेज वन की लिफ्ट की समस्या और रुद्रा बिल्डवेल के केबीनोज फ्लैट बायर्स ने रजिस्ट्री का मुद्दा उठाया। बिल्डर की तरफ से समिति को बताया गया कि ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट लेने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही रजिस्ट्री भी शुरू हो जाएगी। इस बैठक में क्रेडाई की तरफ से गीतांबर आनंद, दिनेश गुप्ता सुबोध गोयल, सुशांत गुप्ता और संजय राणा के अलावा प्राधिकरण की तरफ से नामित अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 20 हजार फ्लैट खरीदारों को अधर में लटकाने को लेकर 32 बिल्डरों को अल्टीमेटम दिया है। प्रधाकिरण बकायदारों को नोटिस जारी कर वार्ता के लिए बुलाएगा। वहीं, देश की प्रतिष्ठित लॉ फर्मों से विधिक राय लेकर प्राधिकरण बिल्डरों के खिलाफ न्यायालय में अपील भी करेगा। जिन बिल्डरों ने कार्रवाई पर स्टे लिया है, उनके खिलाफ मजबूत पैरवी कर संपत्ति को अटैच की प्रक्रिया भी शुरू होगी।
बकाया राशि का 25 फीसदी न जमा करने से रजिस्ट्री लटकी
बता दें कि अधिकतर बिल्डरों ने कोर्ट स्टे आदेश लिया है प्राधिकरण की लचर पैरवी के चलते मामला अटका है। इस तरह कुल बकाया राशि का 25 फीसदी नहीं जमा कर 20 हजार फ्लैट खरीदारों को अधर में लटकाने वाले इन बिल्डरों की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में 96 बिल्डर परियोजनाएं हैं। इसमें 32 बिल्डरों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ नहीं लिया है। जिसके चलते 20 हजार बायर्स अधर में हैं।
राज्य सरकार ने घर खरीदारों को दी राहत
राज्य सरकार ने प्राधिकरण को आदेश दिया है कि रुकी हुई बिल्डर परियोजनाओं में रजिस्ट्री में हुई देरी पर खरीदारों से नहीं वसूले। सरकार ने रजिस्ट्री में देरी पर लगने वाले जुर्माने की वसूली पर दी छह महीने की छूट दी है। जिसे 40 हजार खरीदारों को 100 करोड़ की राहत मिलने की उम्मीद है। अभी तक प्राधिकरण में 17 हजार खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो चुका है। 2300 से अधिक को मालिकाना हक प्राधिकरण दिला चुका है। बाकी बिल्डरों ने अभी पैसा जमा नहीं किया है, जिससे खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो पाई हैं।
Greater Noida: जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति ने भूजल दोहन करने वाले नोएडा के छह बिल्डरों पर 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यूनिएक्सेल डेवलपर्स पर सबसे अधिक 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि बाकी पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
यूनिएक्सेल डेवलपर्स पर सबसे अधिक जुर्माना
जिला भूगर्भ जल अधिकारी अंकिता राय ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-154 व 153 में छह बिल्डर प्रोजेक्ट पर अवैध भूजल दोहन मिला था। भूजल दोहन करने वाले इन छह बिल्डर प्रोजेक्टों पर 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जिनमें यूनिएक्सेल डेवलपर्स पर 10 लाख और मॉन्ट्री अटायर, जैम विजन टेक, किंग पेस इंफॉर्मेशन, मदरसन व पारस एवेन्यू पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बिल्डर अगर तत्काल जुर्माना जमा नहीं किया तो राशि को दोगुना कर दिया जाएगा। इसके बाद रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर वसूली की जाएगी।
वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर की गहनता से होगी जांच
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की समीक्षा बैठक में कहा कि भूगर्भ जल विभाग को सभी आवासीय सोसाइटियों, सरकारी भवनों और कार्यालय में वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर की गहनता से जांच करनी होगी। सभी का रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सक्रिय होना चाहिए।
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