Greater Noida: न्यू ग्रेटर नोएडा एनसीआर में और खास होगा। यह शहर हाइटेक व मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रदूषण से मुक्त और पहले से भी अधिक हरा भरा होगा। इस षहर में औद्योगिक निवेश पर अधिक जोर होगा। इसके चारों ओर ट्रकर्स प्वाइंट विकसित किये जाएंगे। माल-ढुलाई और सभी तरह की यूटिलिटी के लिए विशेष कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे।
ग्रेनो के ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 पर सभी स्टैक होल्डर्स की हुई बैठक
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मास्टर प्लान 2041 को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसके मुताबिक मास्टर प्लान 2041 के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा का कुल क्षेत्रफल 55970 होगा। ग्रेटर नोएडा फेस टू के अंतर्गत 140 गांव शामिल किए जाएंगे, जबकि फेस वन 117 गांव हैं। मास्टर प्लान 2041 में ग्रेटर नोएडा फेस वन व टू की कुल आबादी 40 लाख होने का आकलन है। ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर सुझाव प्राप्त करने के मकसद से प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने शुक्रवार को एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अमनदीप डुली, एसीईओ आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग व सभी स्टैक होल्डर्स के साथ बैठक की और ड्राफ्ट मास्टर प्लान सभी से सुझाव लिए गए।
सीईओ एनजी रवि कुमार ने पर्यावरण और मजबूत इंफ्रा पर दिया जोर
ग्रेटर नोएडा 2041 में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2021 मास्टर प्लान की तुलना में उद्योगों को अधिक महत्व दिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा फेस टू में उद्योगों के माल ढुलाई को सुगम बनाने के लिए विशेष कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इसके चारों ओर षहर के मुख्य प्रवेश प्वाइंट ट्रकों केे लिए अलग-अलग जगहों पर ट्रकर्स प्वाइंट विकसित किए जाएंगे। इस नए ग्रेटर नोएडा में वितरण से संबंधित सभी बिजली के तार भूमिगत होंगे, सिर्फ ट्रांसमिशन लाइन ही बाहर से दिखेंगी। मास्टर प्लान 2041 के अप्रूव्ड होने के बाद बिजली का भी मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी एनपीसीएल को दी गई है।
इस शहर के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सभी तरह की यूटिलिटी के लिए विशेष कॉरिडोर विकसित किया जाएगा, ताकि मेनटेनेंस के कार्यों के लिए बार-बार सड़कें न खोदनी पड़ें। नए शहर में प्रदूषण पर विशेष फोकस किया जाएगा। प्रदूषण विभाग से इस पर स्टडी करने को कहा गया है। तालाब या किसी भी तरह के जल स्रोत से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
जल स्रोतों से छेड़छाड़ न करने और अधिक हरियाली पर विशेष ध्यान
सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए एक अच्छा और प्रदूषण मुक्त शहर का प्लान तैयार करना हम सभी का दायित्व है। इसलिए कोई भी व्यक्ति या विभाग मास्टर प्लान पर खुलकर सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी नेचुरल ड्रेन से छेड़छाड़ न किया जाए, बल्कि उसे और सौंदर्यीकृत किया जाए। ड्रेन के दोनों तरफ कम से 50-50 मीटर की दूरी को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाना चाहिए। उसके दोनों तरफ ग्रीनरी विकसित की जाए। इस ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर पब्लिक के सुझावों पर अब 8 नवंबर को सुबह 11 बजे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चतुर्थ तल पर स्थित बोर्ड रूम में सुनवाई होगी, जिसमें प्राप्त सुझावों को समायोजित कर फाइनल मास्टर प्लान पर बोर्ड से अप्रूवल ली जाएगी और शासन से अनुमति लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बैठक में जीएम नियोजन लीनू सहगल, ओएसडी हिमांशु वर्मा, ओएसडी नवीन कुमार सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक नियोजन सुधीर कुमार के अलावा यमुना विकास प्राधिकरण, बुलंदशहर विकास प्राधिकरण, हापुड़-पिलखुआ विकास प्राधिकरण, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड, जल निगम, एनटीपीसी, यूपीएसआरटीसी, एनीपीसीएनल, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईजीएल आदि सभी संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
ग्रेटर नोएडा: इन दिनों ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी लगातार एक्शन मोड में दिखाई दे रही है. बिसरिख में बने अधिसूचित एरिया में बने अवैध निर्माण पर अथॉरिटी ने बड़ा कदम उठाया. अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट पर प्रशासन का डंडा चला. साथ ही अवैध जमीन पर कालोनी काटने कोशिश कर रहे लोगों को अथॉरिटी ने रोका. मौके पर टीन से की गई फेसिंग को भी उखाड़ फेंका है. इस कार्रवाई का विरोध करने वालों के खिलाफ अथॉरिटी ने FIR दर्ज कराने के लिए बिसरिख थाने में तहरीर भी दी है. जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है.
परियोजना के OSD ने दी जानकारी
मामले की पूरी जानकारी देते हुए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के परियोजना विभाग के OSD हिमांशु वर्मा ने बताया कि कुछ कालोनाइजर बिसरख के पास अवैध कब्जे की कोशिश कर रहे थे. जिसकी संख्या- खसरा नंबर 814 है जहां लगभग 12 हजार वर्ग मीटर जमीन है. वर्क सर्किल तीन के प्रबंधक प्रशांत समाधिया और सहायक प्रबंधक गौरव बघेल के नेतृत्व में टीम ने मौके पर जाकर अवैध निर्माण को रुकवाया. साथ ही टीन से की गई फेंसिंग को हटा दिया.
विरोध करने पर सीखाया सबक
अथॉरिटी द्वारा की गई कार्रवाई का कालोनाइजर भी किया. जिसके खिलाफ अब कार्रवाई की तैयारी की गई है. अथॉरिटी ने वहां मौजूद लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए तहरीर भी दे दी है. इसके साथ ही अथॉरिटी के ओएसडी हिमांशु वर्मा ने चेतावनी दी है कि अगर कोई प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति ने अवैध कब्जे की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद से हड़ंकप मचा हुआ है
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में अब घर बनाने और उद्योग लगाने की सोच रहे लोगों को जोर का झटका लगा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सभी श्रेणी में संपत्ति की आवंटन दर में 5 से साढ़े पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है। नई दरें 1 अप्रैल 2024 से लागू मानी जाएंगी। यह निर्णय औद्योगिक विकास आयुक्त एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में लिया गया। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में विकास से जुड़ी कई परियोजनाएं आने वाली हैं। जिनमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो, मल्टी माडल लॉजिस्टक हब एवं ट्रांसपोर्ट हब जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शामिल हैं।
संपत्ति आवंटन की दरें होंगी निर्धारित
चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में औद्योगिक, आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत, बिल्डर आदि सभी श्रेणी में आवंटन दरों में 5.30 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दी है। जिसके अनुसार, उद्योगों के लिए 9920 रुपये से लेकर 30788 रुपये प्रति वर्गमीटर तक उद्योग श्रेणी में आवंटन दर 9920 रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 30788 रुपये प्रति वर्गमीटर तक की गई है। अभी यह दरें 9920 रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 29238 रुपये प्रति वर्गमीटर तक थीं। अलग-अलग सेक्टर व क्षेत्रफल के भूखंडों के हिसाब से दरें अलग अलग हैं। दर वृद्धि से प्राधिकरण क्षेत्र में उद्योग लगाना महंगा हो गया है।
आवासीय प्लाट के दर बढ़ा
ग्रेटर नोएडा में घर बनाना भी अब महंगा हो गया है। प्राधिकरण ने आवासीय श्रेणी में आवंटन दर अलग-अलग सेक्टर में 31887 रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 47227 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दी है। अभी यह दरें 30282 रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 44850 रुपये प्रति वर्गमीटर थीं। बिल्डर श्रेणी में आवंटन दर 38484 रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 54493 रुपये प्रति वर्गमीटर तक की गई हैं। वर्तमान में यह दरें 36547 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 51750 रुपये प्रति वर्गमी. थीं। प्राधिकरण के अनुसार इस श्रेणी में संपत्ति की बाजार दर 41610 रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 81250 रुपये प्रति वर्गमीटर तक हैं।
एकमुश्त लीज रेंट 15 गुना हुआ
वहीं, प्राइवेट श्रेणी में भी भूखंड महंगे हो गए है। इस श्रेणी में भूखंड अलग-अलग सेक्टर व आकार के हिसाब से 14294 रुपये प्रति वर्गमी. से लेकर 27245 रुपये प्रतिवर्गमी तक की गई हैं। नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी एकमुश्त लीज रेंट में बढ़ोतरी कर दी है। अभी तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वार्षिक लीज रेंट का 11 गुना लेता था, लेकिन अब इसे 15 गुना लिया जाएगा। तीन माह के दौरान आवंटी एकमुश्त लीज रेंट वार्षिक लीज रेंट का 11 गुना के हिसाब से भुगतान कर सकेंगे। हालांकि आवासीय संपत्ति के लिए पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022ठंड से ठिठुरा उत्तर भारत, पहाड़ों पर बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, UP में रेड अलर्ट
January 04, 2023