Noida: यूपी के सबसे अमीर और आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले नोएडा में हर चुनाव दिलचस्प होता है। इस बार भी सियासत की बिसातें बिछ चुकी हैं, मोहरे मैदान में उतर चुके हैं। एक तरफ भाजपा ने दो बार से सांसद डॉ. महेश शर्मा को जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतारा है। वहीं, सपा ने डॉ. महेंद्र नागर तो बसपा ने राजेंद्र सोलंकी पर भरोसा जताया है। वैसे भारत में चुनाव मुद्दों पर नहीं जाति और धर्म के आधार पर होता है। इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियां जातीय समीकरण के आधार पर उम्मीदवार तय करती हैं। आइए जानते हैं कि गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) की सीट पर जातीय समीकरण क्या है।
नोएडा सीट का जातिगत समीकरण
गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट पर जातिगत समीकरण काफी अहम माना जाता है। इस संसदीय क्षेत्र में गुर्जर, ठाकुर और दलित के साथ-साथ मुस्लिम और ब्राह्मण वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है। पिछले लोकसभा में इस क्षेत्र में ठाकुर वोटर्स की संख्या 4 लाख से अधिक थी। जबकि ब्राह्मण वोटर्स की भी करीब 4 लाख थी। वहीं, मुस्लिम वोटर्स (करीब 3.5 लाख), गुर्जर (करीब 4 लाख) के साथ-साथ दलित वोटर्स की संख्या भी करीब 4 लाख थी। ऐसे में ब्राह्मण, ठाकुर समाज के वोटों के सहारे दो बार से डॉ. महेश शर्मा संसद पहुंच रहे हैं। वहीं, 2009 में जब पहली बार यह सीट अस्तित्व में आई तो बसपा ने बाजी मारी थी। अभी तक इस सीट पर सपा की साइकिल नहीं दौड़ पाई है।
2019 के आम चुनाव में क्या रहे नतीजे
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 13 उम्मीदवार मैदान में थे। मुख्य मुकाबला बीजेपी के डॉक्टर महेश शर्मा और बहुजन समाज पार्टी के सतवीर के बीच था। सतवीर यहां पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साझा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे। डॉक्टर महेश शर्मा ने चुनाव में 830,812 वोट हासिल किए थे। जबकि सतवीर 493,890 वोट मिले। महेश शर्मा ने यह चुनाव 336,922 मतों के अंतर से जीत था। जबकि कांग्रेस के डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में गौतम बुद्ध नगर सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 21,07,718 थी. जिसमें पुरुष 11,62,408, महिला वोटर्स की संख्या 9,45,107 थी। इसमें से 13,92,952 (66.5%) वोटर्स ने वोट डाले । NOTA के पक्ष में 8,371 (0.4%) वोट डाले गए थे।
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December 17, 2022