GREATER NOIDA: प्राधिकरण बोर्ड ने किसानों की मांग पर फैसला सुना दिया है। शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 131वीं बोर्ड बैठक में किसानों के पक्ष में फैसला लिया गया। औद्योगिक विकास आयुक्त और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के CEO एनजी रवि कुमार, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम और यमुना प्राधिकरण के एसीईओ कपिल सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मेधा रूपम समेत बोर्ड के प्रतिनिधिगण भी शामिल हुए, इस बैठक में नियोजन की तरफ से तीनों प्रस्ताव रखे गये, जिस पर बोर्ड ने मुहर लगा दी है।
किसानों की मांग पर बोर्ड की मुहर
पहला, अब तक जो किसान प्राधिकरण से मिली आबादी की जमीन पर घर नहीं बना पाए हैं, वो किसान अब बिना विलंब शुल्क के निर्माण कर सकते हैं। हांलाकि प्राधिकरण ने शर्त रखी है कि अगर किसानों ने जमीन परिवार के बाहर बेची तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी। दूसरा, किसानों को आवंटित आबादी भूखंडों के उप-विभाजन की न्यूनतम सीमा 40 मीटर कर दी गई है जो कि अब तक 120 मीटर थी। बशर्ते ये विभाजन मूल काश्तकार और उनके उत्तराधिकारी गण के बीच नियोजन के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही किया जाएगा। तीसरा, ग्रामीण आबादी पर निर्माण की अधिकतम ऊंचाई नोएडा के समान करते हुए 11 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर कर दी गई है।
मतलब साफ है कि भविष्य में किसान आबादी के भूखंडों पर मूल किसान या फिर उनके उत्तराधिकारीगण को मिली जमीन पर भवन निर्माण करते समय विलंब शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन अगर किसान ने परिवार के बाहर किसी व्यक्ति को भूखंड बेचा तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी।
GREATER NOIDA: हजारों की संख्या में किसान आज (मंगलवार) प्राधिकरण (GREATER NOIDA AUTHORITY) के गेट पर तालाबंदी करने जा रहे हैं। किसान अतिरिक्त मुआवजे और दूसरे मुद्दे को लेकर प्राधिकरण के अफसरों को कार्यालय में ही कैद करेंगे। इसे लेकर किसानों ने तैयारियां पहले ही शुरू कर दी थी। 119 दिन से धरना दे रहे किसान लगातार अपनी मांग को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
समाधान नहीं मिलने पर किसानों का हल्लाबोल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के मुद्दे को लेकर प्राधिकरण को चिट्ठी भी लिखी, लेकिन अभी तक किसानों के मामले का समाधान नहीं निकला। जिसके चलते किसानों में रोष है और अब किसानों ने प्राधिकरण पर तालाबंदी करने का फैसला लिया है। महाआंदोलन की चेतावनी किसानों ने प्राधिकरण को पहले ही दे दी थी।
जानबूझकर हमारे मुद्दे को लटकाया गया: किसान
अब किसान अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं। किसानों का कहना है कि उनके वाजिब मुद्दों को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है। इसके बावजूद किसान अपने हक की लड़ाई बिना थके लड़ते रहेंगे।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण कार्यालय में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्किल यूनिवर्सिटी बनवाने और 6 नए थाने बनवाने के संबंध में प्राधिकरण द्वारा किसानों को आश्वासन दिया गया। इसके अलावा ईएसआई अस्पताल बनवाने को लेकर भी प्राधिकरण द्वारा विभाग को पत्र लिखे जाने का आश्वासन दिया गया।
किसानों के लिए न्यूनतम मजदूरी का भी प्रस्ताव
इसके अलावा किसानों के लिए न्यूनतम मजदूरी प्रस्ताव की अंतर धनराशि का प्रस्ताव बोर्ड में रखे जाने का निर्देश दिया गया। घरौनी का प्रस्ताव प्राधिकरण क्षेत्र में बनाए जाने को लेकर शासन से मंजूरी प्राप्त होने के संबंध में अग्रिम कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके अलावा लीज बैंक में ब्याज माफी संबंधित प्रकरण पर शासनदेश प्राप्त होने पर कार्यवाही किये जाने को लेकर भी अवगत कराया गया।
किसानों को जल्द मिलेंगे बढ़े हुए मुआवजे की राशि
जो गाँव बाँध से यमुना की तरफ हैं, उनकी पेरीफेरल रोड 07 फुट ऊँचा बनाए जाने की सहमति दी गयी। किसान संगठनो की मांग के कम में दनकौर, जगनपुर अफजलपुर और फतेहपुर अट्टा ग्रामों का 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा वितरण अपर जिलाधिकारी कार्यालय से किये जाने का प्रस्ताव प्राधिकरण बोर्ड द्वारा पास किया जा चुका है। जल्द ही अपर जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से उपरोक्त तीनों गांवों का अतिरिक्त मुआवजा वितरण शुरू किया जायेगा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर किसानों का धरना जारी है। आज किसानों के बीच किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत खुद ट्रैक्टर चलाकर किसानों के धरने के बीच पहुंचे।
प्राधिकरण और प्रशासन पर साधा निशाना
पिछले 13 दिनों से किसान ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर अपनी कई मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। किसानों का जोश और बढ़ गया, जब उनके बीच उनके नेता राकेश टिकैत पहुंचे। किसानों ने जोरशोर से राकेश टिकैत का स्वागत किया। जिसके बाद राकेश टिकैत ने प्राधिकरण और प्रशासन पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने प्राधिकरण पर कई आरोप लगाए। राकेश टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की बात नहीं सुन रहे हैं। लेकिन उनको किसानों की बात सुननी पड़ेगी।
जमीन पर पहले किसानों का हक- टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण के अफसर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जबकि यहां की जमीन पर पहले किसानों का हक है, ना कि प्राधिकरण का। इसलिए प्रशासन और प्राधिकरण को किसानों की बात सुननी पड़ेगी।
'अफसर बैठकर सुने किसानों की मांग'
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की जमीन एयरपोर्ट में जा रही है। कई किसान ऐसे भी हैं, जिनके पास अब जमीन नहीं बची। राकेश टिकैत बोले अधिकारियों के पास तो कई मकान हैं लेकिन जिनकी जमीन जा रही है, वो अब बेघर हो रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर, कमिश्नर और प्राधिकरण के अफसरों को बैठकर किसानों की बात सुननी चाहिए। जिससे किसान परेशान ना हो।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को दिन निकलते ही किसान एकत्रित हो गए। किसान जिला अधिकारी कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान उत्तर प्रदेश सरकार पर आक्रोशित हैं। उन्होंने ने कहा कि सरकार किसानों से किए हुए वादा पूरा नही कर रही है। भारी संख्या में किसान जिला अधिकारी कार्यालय के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानो की ये है मांग:
किसान सरकार द्वारा किये गए वादों को पूरा न करने को लेकर आक्रोशित हैं. किसानों की मांग है कि सरकार अपने किए हुए वादे पूरा करें। किसान नेता ने बताया कि हम सभी किसान मुफ्त सिंचाई, गन्ना भुगतान के साथ-साथ एमएसपी की गांरटी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने कहा था कि हम गन्ना का समर्थन मूल्य बढाएगें लेकिन इन्होंने नही बढाया और सरकार ने बोला था कि हम किसानों की आय दोगुना कर देगें लेकिन किसानों की आय को और नीचे पंहुचा दिया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार कोई भी आ जाए हमारी मांग किसानों के हक में ही रहेगी।
मांग पूरी नही हुई तो करते रहेगें आन्दोलन:
किसान नेता ने कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नही हुई तो ऐसे आन्दोलन चलता रहेगा। किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए अन्यथा किसान यूनियन अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने पर बाध्य होगी। यदि आन्दोलन में किसी प्रकार की क्षति होती है तो उसका जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा।
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