नोएडा और ग्रेनो में फ्लैट खरीदारों को मिली बड़ी राहत, जल्द होगी रजिस्ट्री और मिलेगा पजेशन

Noida: लाखों घर खरीदने वालों और बिल्डरों की समस्याओं का हल निकालने के लिए गठित अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट अब उत्तर प्रदेश में भी लागू होगी। मंगलवार को यूपी कैबिनेट के बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ नोएडा-एनसीआर के 2.40 लाख फ्लैट आवंटियों की न केवल रजिस्ट्री होगी बल्कि बिल्डर की लापरवाही की वजह से प्राधिकरणों द्वारा लगाई गई पेनाल्टी भी माफ होगी। इस फैसले से केवल यूपी के ही लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये के रीयल इस्टेट प्रोजेक्ट्स की राह की बाधाएं खत्म होंगी।

पहले चरण में 1 लाख फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत

अमिताभ कांत समिति की संस्तुति के आधार पर बिल्डरों को छूट देने के बाद अब नोएडा और ग्रेनो के करीब एक लाख फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। पहले चरण में फ्लैटों के निर्माण और कब्जे के अलावा रजिस्ट्री हो पाएगी। हालांकि इसके लिए बिल्डरों को छूट के बाद बकाये की राशि चुकानी होगी। दूसरे चरण में एक लाख से अधिक फ्लैट खरीदारों को चरणबद्ध तरीके से राहत मिलेगी। क्योंकि इनके मामले अभी कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में फंसे हुए हैं।

बिल्डरों को ब्याज में मिलेगी छूट

बता दें कि सरकार की ओर से बिल्डरों को 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक और एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक की कोविड की अवधि को जीरो पीरियड घोषित किया गया है। इस अवधि के लिए बिल्डरों को ब्याज से छूट मिलेगी। इसके अलावा उनको दंडात्मक ब्याज से मुक्ति मिलेगी। बिल्डरों को बकाये का 25 प्रतिशत तुरंत जमा कराने के बाद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) मिलना शुरू हो जाएगा। बाकी 75 प्रतिशत राशि तीन साल में जमा करनी होगी। इस तरह से बिल्डरों को बकाये से पूरी मुक्ति मिल जाएगी और फ्लैट खरीदारों को वर्षों का सपना पूरा होने का रास्ता खुल जाएगा।

नोएडा में 118 प्रोजेक्ट

जानकारी के मुताबिक नोएडा में कुल 118 परियोजनाएं हैं। इनमें से 24 में किसी तरह का बकाया नहीं है। बची हुई 87 परियोजनाओं में बिल्डरों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इनमें से 14 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट में हैं। वहीं, 17 परियोजनाएं एनसीएलटी में हैं। 26 परियोजनाएं अधूरी तो 30 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। पहले चरण में नोएडा की 56 परियोजनाओं के 31,700 फ्लैट खरीदारों को फायदा होगा। इनमें से अधूरी परियोजनाओं के 25 हजार और पूरी हो चुकी परियोजनाओं के 6700 खरीदार शामिल हैं। इन परियोजनाओं पर प्राधिकरण का 7800 करोड़ रुपये बकाया हैं। बकाये में करीब 1800-1900 करोड़ की छूट को हटा दें तो बिल्डरों से बाकी बचे हुए पैसे जमा कराने के बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री और कब्जे की कवायद की जा सकेगी।

ग्रेटर नोएडा में 191 प्रोजेक्ट


इसी तरह से ग्रेनो में कुल 191 परियोजनाएं हैं। इनमें से 50 परियोजनाओं पर एक बकाया नहीं है। 124 परियोजनाओं के बिल्डरों को डिफॉल्टर श्रेणी में रखा गया है। इनमें से 28 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट और एनसीएलटी में हैं। इनमें से बाकी बची 96 परियोजनाओं के करीब 68 हजार फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। हालांकि इन बिल्डरों पर प्राधिकरण का 5568 करोड़ का बकाया है। अगर छूट की राशि घटा दें तो करीब 4200 करोड़ रुपये बचते हैं, जिसे नियम के तहत चुकाना होगा।

By Super Admin | December 20, 2023 | 0 Comments

नोएडा प्राधिकरण के बड़े बकायेदार बिल्डरों की अब खैर नहीं, सीईओ ने इस विभाग को सौंपी जिम्मेदारी

Noida: नोएडा में बड़े बकायेदार बिल्डरों पर अब नोएडा प्राधिकरण आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू)  की शिकंजा कसेगा। अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के बाद भी ऐसे बिल्डरों ने प्राधिकरण का बकाया नहीं चुकाया। जिसकी वजह से हजारों फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री अटकी हुई है। इन बिल्डरों ने फ्लैट खरीदारों से बुकिंग के नाम पर पैसे लिए गए लेकिन बिल्डिंग ही नहीं बनाई।

बिल्डर न पैसे जमा कर रहे न रजिस्ट्री
बता दें नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बिल्डर-खरीदार मामले को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में रजिस्ट्री के वर्तमान हालात पर पेश की गई रिपोर्ट से पता चला कि अभी भी फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। कुछ ही खरीदारों की रजिस्ट्री हुई है। बड़े बकायेदार बिल्डर न तो बकाया पैसे जमा कर रहे हैं और न ही रजिस्ट्री करवा रहे हैं। इस पर सीईओ ने नाराजगी जताते हए संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।

मंजूरी मिलने के बाद भी 50 फीसदी फ्लैटों की रजिस्ट्री
बता दें कि अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के लागू होने के बाद 28 बिल्डर परियोजनाओं में 2558 फ्लैटों की रजिस्ट्री की मंजूरी मिली है।  लेकिन अभी तक तक सिर्फ 1298 फ्लैटों की रजिस्ट्री हुईं है। इसे देखते हुए प्राधिकरण के सीईओ ने आदेश दिया है कि जिन बिल्डरों ने 25 प्रतिशत राशि जमा कराई और फ्लैटों की रजिस्ट्री की मंजूरी मिली है। इसके बाद वह रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं। उन्हें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से निर्माण रोके जाने के एवज में दी जा रही जीरो पीरियड के छूट का लाभ न दिया जाए।

By Super Admin | September 04, 2024 | 0 Comments

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