New Delhi: केंद्र सरकार की ओर से आज अंतरिम बजट पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण में लोकसभा चुनाव से पहले बजट को संतुलित पेश किया। वित्त मंत्री ने सदन में बजटीय भाषण में कहा कि 2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आया। यह 2005-2014 के दौरान आए FDI से दोगुना था। हम विदेशी पार्टनर्स से बाइलेटरल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी कर रहे हैं।
25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला
वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
जुलाई में पेश होगा पूर्ण बजट
11.8 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 4 करोड़ से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा मिला है। जुलाई 2024 में पूर्ण बजट में हमारी सरकार विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करेगी। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं। पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं।
3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का निर्णय
मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। देश में टूरिज्म सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा और विदेशी निवेश को भी बढ़ावा दिया जाएगा। लखपति दीदी योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना से महिलाओं के जीवन में बदलाव और आत्मनिर्भरता आई है।
फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा
वित्त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा।आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा। फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा, डेयरी विकास के क्षेत्र में अच्छा काम होगा, दुग्ध किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा।फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा, डेयरी विकास के क्षेत्र में अच्छा काम होगा, दुग्ध किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा।
2 करोड़ घर ग्रामीणों क्षेत्रों में बनाए जाएंगे
वित्त मंत्री ने कहा कि जब पीएम मोदी ने 2014 में काम शुरू किया, तब देश भारी चुनौतियों का सामना कर रहा था। हमने जनता के हित में काम शुरू किया, जनता को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर दिए हैं। देश में नई उम्मीद जागी है। हमने व्यापक विकास की बात की, हम 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास'। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत अगले 5 साल में ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ घर और बनाए जाएंगे।
महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक लोन दिए
नपीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 78 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की गई है, उनमें से कुल 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ है। पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं। पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं। मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों की आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और कल्याण… हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारी सरकार में 1.4 करोड़ युवाओं को स्किल इंडिया मिशन का लाभ मिला है। 7 IITs, 16 IIITs, 15 AIIMS और 7 IIMs खोले गए हैं। 11.8 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 4 करोड़ से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा मिला है।
25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकाला
हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। हमारी सरकार ने हर घर जल, बिजली, गैस, वित्तीय सेवाएं, जन-जन को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने का काम किया है। खाद्यान्न की चिंताओं को दूर कर 80 करोड़ से अधिक लोगों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय बढ़ी है । हम लोगों को सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को खत्म किया है। हमारी सरकार ने हर घर जल, बिजली, गैस, वित्तीय सेवाएं, जन-जन को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने का काम किया है।
Greater Noida लगभग चार दिनों से चले आ रहे किसानों के प्रदर्शन का आज पांचवा दिन है. लगातार दिन-रात के धरने पर ड़टे किसान केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे. 1 फरवरी को राष्ट्रपति के भाषण के बाद बजट सत्र का आरंभ हुआ. लेकीन वित्त मंत्री के पेश किए अंतरिम बजट में किसानों को कोई राहत मिलते न दिखाई देने पर लोगों किसान संगठनों ने धरने को और तीव्र करने की घोषणा कर दी.
किसान सभा ने आयोजीत किया धरना
सतीश यादव की अध्यक्षता में सैकड़ों महिला-पुरुष किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बजट की प्रतियां जलाई. धरने के दौरान लोगों से मुखातिम होते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि 1 फरवरी को संसद के पटल पर रखी गई अंतरिम बजट को किसान विरोधी बताते हुए सरकार को पूंजीपतियों की सरकार बताते हुए अपनी नाराजगी जाहीर की.
सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से किसानों का जीना हुआ मुशकिल
जिला अध्यक्ष डॉ. सतीश वर्मा ने प्रेस रिलीज में यह भी कहा कि सरकार पूंजीवादियों के लाखों-लाख करोड़ रुपए के कर्ज को मॉफ कर देती है, मगर वहीं पर कर्ज के बोझ तले दबा गरीब किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, जिसपर सरकार की कोई नजर नहीं पड़ती. खाद, बिजली-डिजल और अन्य उप्करण की व्यस्था करना किसानों के लिए मुशकिल होता जा रहा है, मगर मंहेगाई की मार खत्म ही नहीं हो रही.
सरकार शुरु से ही अध्यादेश लाकर कानून बदलने की कोशिश कर रही है.
किसानों ने अपनी व्यथा का जीक्र करते हुए यह भी कहा कि जबसे मोदी सरकार केंद्र में आई है तबसे चार बार भूमि अधिग्रहण कानून को अध्यादेश लाकर बदलने की कोशिश कर चुकी है. किसान सभा संयोजक मामले पर रोशनी डालते हुए बताते हैं कि 10% आबादी प्लाट और नये कानूनों को लागू करने की मांग को लेकर किसान सभा 7 तारीक को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापंचायत का आयोजन करेंगे और उसके बाद 8 तारीख से संसद की ओर मार्च करेंगे.
बड़े स्तर पर आंदोलन करके सरकार को नाराजगी व्यक्त करने का इरादा
किसान महापंचायत ने 21 मुद्दों को रेखांकित करते हुए बताया है कि 19 मुद्दों का सामाधान प्राधिकरण स्तर पर होगा. प्राधिकरण ने कई मसलों पर कार्रवाई शुरु भी कर दी है, 10% प्लाट एवं नए कानून को लागू करने का मुद्दा बोर्ड बैठक में पास होने के बाद शासन की मंजूरी के लिए आगे जाएगा. किसानों ने सरकार को आम चुनाव से पहले ही इस मुद्दे पर ठोस फैसला लेने के लिए अपनी इच्छा जाहीर की है वरना किसान संगठन सरकार के रवैये को देखते हुए प्राधिकरण को बंद करने का फैसला भी कर सकतें है.
यूपी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बजट में किसको कितना फायदा मिलने वाला है, किसानों और ग्रामीणों के लिए इस बजट में क्या है। क्या वाकई फाइलों का सबसे बजट साबित होगा या फिर वाकई में इस बजट में किसानों, ग्रामीणों और महिलाओं को भी ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में.
Lucknow: यूपी सरकार ने प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बार बजट में ऐसा क्या है जो अन्य बजट से अलग बनाता है। इस बार के बजट में महिलाओं, ग्रामीणों और किसानों के लिए बजट में बड़े एमाउंट को प्रस्तावित किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए वित्तीय साल 2024-25 में 7350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित की गई है।
ग्रामीणों क्षेत्रों में हेल्थ सेक्टर पर फोकस
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना की तैयारी है। इस कार्य के लिए 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए साल 2024-25 में 300 करोड़ रूपये सरकार खर्च करने जा रही है। वहीं राज्य कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की व्यवस्था भी इस बजट में है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सालयों में भी उपचार की व्यवस्था की गई है। निजी चिकित्सालय में इलाज करवाने पर राज्य सरकार पूरा खर्च वहन करेगी।
चिकित्सा शिक्षा पर सरकार का जोर
इस बार के बजट में चिकित्सा सुविधा के साथ डॉक्टर्स की पढ़ाई के लिए कॉलेज की भी व्यवस्था है। प्रदेश में अभी 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार और 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा है। 14 जिलों में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। जबकि 16 जिलो में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज की बनाए जाने की योजना है। वहीं राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग कॉलेज की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 कर दी गई है। इसके अलावा वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलटीसीजी (दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ) के नए नियमों में बदलाव के लिए वित्त विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के अनुसार संशोधन इसलिए किया जा रहा है ताकि करदाताओं को कम टैक्स का भुगतान करना पड़े। यह संशोधन पुरानी प्रणाली के तहत या बिना इंडेक्सेशन के घटी दरों पर कर देनदारी की गणना करने और दोनों में जो कम हो उसके भुगतान का विकल्प देने केलिए किया जा रहा है।
वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पुरानी संपत्ति की बिक्री से मिलने वाले पूंजीगत लाभ का इस्तेमाल कर नई अचल संपत्ति खरीदने वालों को इस संशोधन से लाभ मिलेगा। अचल संपत्तियों की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की गणना में इंडेक्सेशन लाभ को हटाने के बजट 2024-25 के फैसले की विपक्षी दलों और कर पेशेवरों ने तीखी आलोचना की थी। 23 जुलाई को पेश बजट में एलटीसीजी कर की दर को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया था। लेकिन नई प्रणाली में इंडेक्सेशन लाभ को हटाने का एलान किया गया था। अब इस बदलाव में संशोधन के लिए प्रस्ताव लाया गया है।
विधेयक में प्रमुख संशोधन 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों की बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ लागू करने से जुड़ी है। इसके अनुसार जिन एकल व्यक्तियों या एचयूएफ (अविभाजित हिंदू परिवार) ने 23 जुलाई, 2024 से पहले घर खरीदे हैं, वे इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से नई योजना के तहत या इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान कर सकते हैं। सीतारमण ने कहा कि सभी परिसंपत्ति वर्गों को एक दर के तहत लाने के लिए बजट में इंडेक्सेशन लाभ को हटाने का प्रस्ताव किया गया था, न कि राजस्व बढ़ाने के लिए।
दिग्विजय बोले- महंगाई घटाने पर ध्यान दें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में विनियोग विधेयक (नंबर 2) 2024 पेश किया। इस विधेयक के जरिए भारत की समेकित निधि से वित्तीय वर्ष 2024-25 में खर्च के लिए एक निश्चित धनराशि को अधिकृत किया जाना है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने जम्मू कश्मीर विनियोग (नंबर 3) विधेयक भी ऊपरी सदन में पेश किया। लोकसभा ने पिछले हफ्ते ही ये दोनों विधेयक पारित किए थे। इन विधेयकों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार का ध्यान अमीरों और गरीबों के बीच आर्थिक असमानता कम करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को कीमतों को नियंत्रण में रखने और रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए।
10 साल महंगाई बढ़ रही है लेकिन आमदनी नहीं
कांग्रेस नेता ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने सिर्फ बड़ी कंपनियों के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि लोगों की घरेलू बचत कम हो रही है, जो यह साबित करता है कि गरीबी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ रही है लेकिन आमदनी वही है जो 10 साल पहले थी।सिंह ने कहा, "मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अरबपतियों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है। गरीब और गरीब होते हुए और अमीर ज्यादा अमीर होते गए।" सिंह ने देश के 300 धनाढ्य परिवारों पर दो प्रतिशत की दर से संपत्ति कर लगाने की भी वकालत की। सिंह ने वित्तमंत्री से कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सभी दवाओं और यंत्रों पर सीमा कर हटाने की भी मांग की। उन्होंने स्वास्थ्य बीमा पर लगने वाले 18% जीएसटी को भी हटाने की मांग की।
New Delhi: एनडीए सरकार 3 कार्यकाल का पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में पेश किया। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने सबसे अधिक बार बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री बन चुकी हैं। सीता रमण ने 7वीं बार पेश बजट पेश किया है। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार 6 बार बजट पेश किया था। इसके साथ ही पिछले 6 दशक में लगातार 5 साल वित्त मंत्री रहने का भी रिकॉर्ड सीता रमण ने बनाया है। संसद में पहला पेपरलैस बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है। बता दें कि आजादी के बाद से अब तक देश में 88 बार आम बजट पेश हो चुका है। इसमें 78 बार पूर्ण बजट और 9 बार अंतरिम बजट पेश हो चुका है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं हैं।
1. खेती में उत्पादकता
2. रोजगार और क्षमता विकास
3. समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4. विनिर्माण और सेवाएं
5. शहरी विकास
6. ऊर्जा सुरक्षा
7. अधोसरंचना
8. नवाचार, शोध और विकास
9. अगली पीढ़ी के सुधार
सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की घोषणा
वित्त मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है। जिसके तहत छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इससे 1 करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली मिल सकेगी। यह योजना इसे और बढ़ावा देगी।
काशी की तरह बोधगया में बनेगा कॉरिडोर
पर्यटन के विकास पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान है। बोधगया के महाबोधि मंदिर के लिए कॉरिडोर निर्माण का एलान किया गया है। गया के विष्णुपद मंदिर के लिए कॉरिडोर बनेगा। यह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास पर आधारित होंगे। राजगीर भी बौद्ध और जैन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए विकास जाएगा।
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11 लाख करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। यह सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% होगा। निजी क्षेत्र द्वारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके लिए वित्तपोषण और सक्षम नीतियां बनाई जाएंगी।
पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि 'हमने पीएम गरीब कल्याण योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया। इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ हो रहा है। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा। इससे पांच साल में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ होगा। इन योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अंतरिम बजट में हमने विकसित भारत को रोडमैप को देने का वादा किया था।'
कृषि क्षेत्र के लिए 1.5 लाख करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस फंड से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। किसानों द्वारा खेती के लिए 32 खेत और बागवानी फसलों की 109 नई उच्च उपज वाली और जलवायु लचीली किस्में जारी की जाएंगी। अगले 2 वर्षों में, 1 करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग द्वारा समर्थित प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा।
पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा
वित्त मंत्री ने कहा कि फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा। इसकी अधिकतम राशि 15 हजार रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा। सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
बिहार के लिए 26 हजार करोड़ रुपये का ऐलान
वित्त मंत्री ने बजट में बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया है। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। इसके साथ ही बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने में भी मदद होगी। बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा।
आंध्र प्रदेश को खास अनुदान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध। इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी। विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास होगा। आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन। अधिनियम में रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तर तटी आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान।
एक करोड़ युवाओं को टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इसके तहत युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। उन्हें एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सातवां और मोदी सरकार-3.0 का पहला बजट पेश कर दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उन्होंने कुल 48 लाख 20 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। उन्होंने रक्षा जरूरतों को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा मंत्रालय को सर्वाधिक 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले साल के 5.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा क्षेत्र का कुल बजट भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है। मोदी सरकार में दूसरे नंबर पर रहने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घरेलू पूंजी खरीद के लिए 1,05,518 करोड़ रुपये का आवंटन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और गति प्रदान करेगा।मोदी सरकार में तीसरे नंबर पर रहने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंत्रालय को कुल 2,19,643.31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 1,43,275.90 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय पुलिस बलों के लिए चिह्नित है। वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में गृह मंत्रालय को 2,02,868.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। बड़ी बात ये है कि राजनाथ सिंह के मंत्रालय को अमित शाह के गृह मंत्रालय से करीब तिगुना आवंटन मिला है।
OPS और 8वां वेतन आयोग गायब; फिर आंदोलन की राह पकड़ेंगे 'बाबू'
बजट में पुरानी पेंशन बहाली, जिसके लिए विभिन्न केंद्रीय संगठन लंबे समय से आवाज उठा रहे थे, का जिक्र तक नहीं किया गया। इतना ही नहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की। केंद्रीय बजट में सरकार का अपने कर्मचारियों के लिए सख्त संदेश है। बजट में 'पुरानी पेंशन बहाली', जिसके लिए विभिन्न केंद्रीय संगठन लंबे समय से आवाज उठा रहे थे, का जिक्र तक नहीं किया गया। इतना ही नहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 'आठवें वेतन आयोग' के गठन को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की। एक तरह से वित्त मंत्री का सरकारी कर्मियों के लिए सख्त संदेश है कि उन्हें एनपीएस में ही रहना होगा। उन्होंने बजट भाषण के दौरान कहा, वे नेशनल पेंशन सिस्टम को लेकर सरकारी कर्मचारियों की चिंताओं से अवगत हैं। इस बाबत जल्द ही एक समाधान की घोषणा की जाएगी।
पीएम की सुरक्षा में नहीं होगी चूक, SPG के बजट में इजाफा
पीएम मोदी की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए केंद्रीय बजट में 'एसपीजी' की हिस्सेदारी बढ़ा दी गई है। 2023-24 के बजट में एसपीजी को 446.82 करोड़ रुपये मिले थे। इस बार 506.32 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप 'एसपीजी' को अब ज्यादा मजबूती प्रदान की जाएगी। पीएम की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए केंद्रीय बजट में 'एसपीजी' की हिस्सेदारी बढ़ा दी गई है। 2023-24 के बजट में एसपीजी को 446.82 करोड़ रुपये मिले थे। इस बार 506.32 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के बजट में भी वृद्धि की गई है। देश के दो बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ और बीएसएफ में नई बटालियन खड़ी होने की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। खुफिया तंत्र यानी आईबी के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। जहां 2023-24 के दौरान आईबी के लिए 3,268.94 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे, वहीं इस बजट में गुप्तचर ब्यूरो का बजट 3,823.83 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
ब्रेस्ट और लंग कैंसर के प्रमुख दवाओं पर नहीं लगेगी कोई सीमा शुल्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पूर्ण बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ों के कैंसर प्रयोग होने वाली दवाओं के लिए कस्टम ड्यूटी में छूट की घोषणा की है। कैंसर की तीन प्रमुख दवाओं के लिए सीमा शुल्क में पूरी छूट की घोषणा की गई है। जानकारों का कहना है कि इससे मरीजों को बहुत मदद मिलेगी। जिन दवाओं को छूट मिली है उनमें ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब शामिल हैं जिनका प्रयोग कुछ प्रकार के कैंसर में लक्षित कैंसर थेरेपी के लिए किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक छूट के बाद इलाज की लागत में 20% तक की कमी आ सकती है।ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन एक एंटीबॉडी -ड्रग कंजुगेट है जिसका उपयोग मुख्य रूप से HER2-पॉजिटिव स्तन कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है जो शरीर के अन्य भागों (गों मेटास्टेटिक) में फैल गया हो। गैस्ट्रिक कैंसर जैसे अन्य प्रकार के कैंसर में उपयोग के लिए इस पर शोध किया जा रहा है। वहीं ओसिमर्टिनिब एक टारगेटेड थेरेपी है जिसका प्रयोग ईजीएफआर जीन में म्यूटेशन के साथ फेफड़ों के कैंसर (एनएससीएलसी) के इलाज के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से उन कैंसर के खिलाफ प्रभावी है जो ईजीएफआर अवरोधकों की पिछली पीढ़ियों के लिए प्रतिरोध विकसित कर चुके हैं। डर्वालुमैब एक इम्यूनोथेरेपी दवा है। इसका उपयोग फेफड़ों के कैंसर (एनएससीएलसी) और यूरोथेलियल कार्सिनोमा (मूत्राशय कैंसर) के इलाज के लिए किया जाता है।
तेलंगाना के सीएम रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री से मांगा इस्तीफा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य के लिए कुछ भी एलान न किए जाने को लेकर निराश जताई और कहा कि आज का केंद्रीय बजट तेलंगाना के प्रति केंद्र के रवैये को दर्शाता है। वहीं उन्होंने राज्य के साथ नाइंसाफी का भी आरोप लगाया है। वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट केवल 'कुर्सी बचाओ' बजट है। बजट केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए है। सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना के साथ हुए अन्याय के बारे में जवाब देना चाहिए। उन्हें तेलंगाना के लोगों से माफी मांगनी चाहिए और मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना चाहिए।
बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं, हीं ऐसा क्यों बोले अशोक गहलोत
बजट में राजस्थान की अनदेखी पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्रप्रदेश और बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया है। भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन पूरे बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं था।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर अशोक गहलोत ने कहा- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है। ऐसा लगा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्रप्रदेश एवं बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो। भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे के बगैर प्रधानमंत्री का कोई भाषण समाप्त नहीं होता था।
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