राष्ट्रपति से किसान नेताओं पर दर्ज केस वापस लेने और उत्पीड़न बंद करने की लगाई गुहार, एसकेएम ने सौंपा ज्ञापन

Noida: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान नेता युद्धवीर सिंह को हिरासत में लेने सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम अपर जिलाधिकारी नितिन मदान को ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कॉरपोरेट समर्थक कृषि अधिनियमों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने लंबा धरना दिया गया था। दिल्ली पुलिस सहित केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों द्वारा कई किसान नेताओं को फंसाने के लिए केस दर्ज कर जानबूझकर किए गए अनुचित कार्यों की ओर खींचना चाहते हैं।

9 दिसंबर को हुआ था समझौता, फिर भी उत्पीड़न जारी

ज्ञापन में आगे लिखा है ' केंद्र सरकार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षरित 9 दिसंबर 2021 के लिखित पत्र के आधार पर एसकेएम के साथ एक समझौता किया था। जिसके आधार पर किसान संघर्ष को स्थगित कर दिया गया था। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था (पैरा : 2 ए और बी) कि उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा की राज्य सरकारें किसान संघर्ष से संबंधित सभी मामलों को तुरंत वापस लेने के लिए पूरी तरह सहमत हैं। साथ ही, पत्र में केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में उसकी एजेंसियों और प्रशासन ने किसानों के संघर्ष से संबंधित सभी मामलों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की थी। अन्य सभी राज्य सरकारों से भी किसानों के संघर्ष के खिलाफ ऐसे सभी मामलों को वापस लेने का अनुरोध करने की बात कही थी।

गृह मंत्रालय ने किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने का दिया था प्रस्ताव

राज्यसभा में प्रश्न संख्या 1158, दिनांक 19.12.2022 के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया था, ''गृह मंत्रालय में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, किसानों के खिलाफ 86 मामले वापस लेने का प्रस्ताव आया है और गृह मंत्रालय ने ऐसा करने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा, रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बलों द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया है।"

किसान नेताओं को किया जा रहा है गिरफ्तार

लगभग दो वर्षों के बाद, युद्धवीर सिंह, जो एसकेएम के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के महासचिव हैं, को 29 नवंबर 2023 को सुबह 2 बजे इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यह दावा करते हुए कि वे गिरफ्तार कर लिया गया कि वह 2020-21 के दिल्ली में ऐतिहासिक किसान संघर्ष से संबंधित मामले में आरोपी हैं। इस कार्रवाई के कारण अंतर्राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए कोलंबिया जाने वाली उनकी उड़ान छूट गई। हालांकि, बाद में किसान आंदोलन के कड़े विरोध के कारण दिल्ली पुलिस को उन्हें रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

किसान नेताओं को कोर्ट के लगाने पड़ रहे चक्कर

राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में आगे लिखा है कि ' हरियाणा के रोहतक के बीकेयू नेता वीरेंद्र सिंह हुड्डा को दिल्ली पुलिस के सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन से 22 नवंबर 2023 को एक नोटिस मिला था। जिसमें उन्हें एक मामले में पेश होने का निर्देश दिया गया था। किसान आंदोलन के विरोध के मद्देनजर दिल्ली पुलिस को नोटिस वापस लेने की सार्वजनिक रूप से घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसी तरह 7 दिसंबर 2022 को बीकेयू के प्रभारी अधिकारी अर्जुन बलियान को नई दिल्ली हवाई अड्डे पर नेपाल जाने से रोक दिया गया। पंजाब के एसकेएम नेता सतनाम सिंह बेहरू और हरिंदर सिंह लोकोवाल दिल्ली किसान संघर्ष से संबंधित मामलों में दिल्ली के तीस हजारी और पटियाला हाउस अदालतों में अदालती प्रक्रियाओं का सामना कर रहे हैं।

किसान नेता युद्धवीर सिंह को हिरासत में लिया गया

हाल ही में युद्धवीर सिंह को हिरासत में ले लिया गया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली संघर्ष से संबंधित मामलों में एसकेएम नेताओं के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी किया है। एसकेएम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि क्या गृह मंत्रालय के पास ऐसी कोई जानकारी है। यदि हां, तो लोकतंत्र में पारदर्शिता बरतते हुए सभी लुक आउट नोटिसों को सार्वजनिक करें।

केंद्र और राज्य सरकार समझौते का कर रही उल्लंघन

एसकेएम किसान नेताओं को आपराधिक मामलों में फंसाने के किसी भी कदम को नरेंद्र मोदी सरकार और एसकेएम के बीच हुए समझौते का खुला उल्लंघन मानती है। इस प्रकार यह केंद्र सरकार और उसके लोगों द्वारा विश्वास का उल्लंघन है। किसानों का यह संघर्ष घरेलू और विदेशी कॉर्पोरेट पूंजी के तहत कृषि के कॉर्पोरेटीकरण को लागू करने के खिलाफ किसानों और खेत मजदूरों और ग्रामीण गरीबों के हितों की रक्षा के लिए एक जन विद्रोह था। यह ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ स्वतंत्रता के संघर्ष की तरह एक देशभक्तिपूर्ण आंदोलन था और केंद्र सरकार को तीन कॉर्पोरेट समर्थक कृषि अधिनियमों को वापस लेने के लिए मजबूर करने में सफल रहा।

कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों का विरोध करते रहेंगे

दो साल के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद, केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेट ताकतों की सेवा करने के उद्देश्य से, हाल ही में 'न्यूज़क्लिक पर दर्ज एफआईआर' में किसानों के संघर्ष के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। किसानों के संघर्ष को राष्ट्र-विरोधी, विदेशी और आतंकवादी ताकतों द्वारा वित्त पोषित बताया गया है। एसकेएम ऐसे निराधार आरोपों का पुरजोर खंडन करता है और इसे भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर और मीडिया पर हमला मानता है। हम दृढ़तापूर्वक यह आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ किसी भी प्रकार के जन प्रतिरोध को कमजोर करने के लिए उच्च स्तरीय साजिश की जा रही है।

नौकरशाहों पर की जाए कड़ी कार्रवाई

हम केंद्र सरकार को प्रतिशोध की किसी भी कार्रवाई से दूर रहने और एसकेएम के साथ लिखित आश्वासनों का उल्लंघन न करने का निर्देश देने के लिए भारत के राष्ट्रपति से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं। हम आपसे केंद्र सरकार को उन नौकरशाहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने का आग्रह करते हैं, जिन्होंने प्रतिशोध की भावना से काम किया है और किसान कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामलों में हेरफेर करने की साजिश रची है।

इन लोगों ने मिलकर सौंपा ज्ञापन

राजे प्रधान पवन खटाना, रॉबिन नागर, बेली भाटी, सुनील प्रधान, अनित कसाना, अमित डेढा, भगत सिंह, तुगलपुर, जरीफ, शरीफ, इंद्रीश तुगलपुर, विनोद पंडित, श्रीचंद तवर, अजीत गैराठी, पवन नागर, अजीपाल नंबरदार, योगेश, संदीप खटाना, शमशाद सैफी, पिनटु खली, रामनिवास, अवधेश, प्रेमपाल, बोबी, महेश चपराना, अमन संदीप चपराना, राजू चौहान, ललित चौहान, सोनू मंगरौली, भूषण छपरौली, बिननू भाटी, धर्मपाल सवामी, लाला यादव, सुभाष सिलारपुर आदि सैकड़ो किसानों की मौजूदगी में ज्ञापन सौंपा गया।

By Super Admin | December 11, 2023 | 0 Comments

जिला अधिकारी कार्यालय पर किसानों का जोरदार धरना प्रदर्शन, जानें क्या है किसानों की मांग

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को दिन निकलते ही किसान एकत्रित हो गए। किसान जिला अधिकारी कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान उत्तर प्रदेश सरकार पर आक्रोशित हैं। उन्होंने ने कहा कि सरकार किसानों से किए हुए वादा पूरा नही कर रही है। भारी संख्या में किसान जिला अधिकारी कार्यालय के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसानो की ये है मांग:

किसान सरकार द्वारा किये गए वादों को पूरा न करने को लेकर आक्रोशित हैं. किसानों की मांग है कि सरकार अपने किए हुए वादे पूरा करें। किसान नेता ने बताया कि हम सभी किसान मुफ्त सिंचाई, गन्ना भुगतान के साथ-साथ एमएसपी की गांरटी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने कहा था कि हम गन्ना का समर्थन मूल्य बढाएगें लेकिन इन्होंने नही बढाया और सरकार ने बोला था कि हम किसानों की आय दोगुना कर देगें लेकिन किसानों की आय को और नीचे पंहुचा दिया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार कोई भी आ जाए हमारी मांग किसानों के हक में ही रहेगी।

मांग पूरी नही हुई तो करते रहेगें आन्दोलन:

किसान नेता ने कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नही हुई तो ऐसे आन्दोलन चलता रहेगा। किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए अन्यथा किसान यूनियन अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने पर बाध्य होगी। यदि आन्दोलन में किसी प्रकार की क्षति होती है तो उसका जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा।

By Super Admin | January 05, 2024 | 0 Comments

10 फीसदी आबादी प्लॉट के मुद्दे पर किसान सभा प्राधिकरण के खिलाफ करेगी आंदोलन

Noida: अखिल भारतीय किसान सभा की रोजा गांव की कमेटी ने आंदोलन की तैयारी के लिए जनसभा का आयोजन किया। जनसभा सेन समाज के बारात घर में हुई, जिसकी अध्यक्षता अजय प्रधान ने की संचालन दुष्यंत सैन ने किया। जनसभा में सैकड़ो महिला पुरुष शामिल हुए। किसान सभा के जिला अध्यक्ष ने उलोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान सभा के निरंतर आंदोलन के परिणाम में 10% आबादी प्लाट, नए कानून को लागू करने का प्रस्ताव प्राधिकरण बोर्ड से पास कराया है। जिसे प्राधिकरण ने शासन के अनुमोदन के लिए प्रेषित किया है। 30 जनवरी का आंदोलन उक्त दोनों प्रस्तावों का अनुमोदन करवाने के लिए किया जा रहा है।

जनप्रतिनिधि पूरी तरह निकम्मे

किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि पीड़ित किसानों ने भारी गर्मी में हजारों की संख्या में आंदोलन कर कामयाबी पाई है। लेकिन जनप्रतिनिधि पूरी तरह निकम्मे साबित हुए हैं। अभी भी उनके द्वारा शासन स्तर से इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इसलिए मजबूरी में किसान सभा को फिर से इस मुद्दे पर आंदोलन करना पड़ रहा है।

जनप्रतिनिधियों को किसानों की नहीं चिंता

किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने संबोधित करते हुए कहा 10% आबादी प्लाट और अन्य मुद्दों पर लड़ाई आर पार के नजरिए से शुरू हुई थी। लड़ाई तभी पूरी हो पाएगी जब शासन से 10% प्लाट और नए कानून के संबंध में अनुमोदन प्राप्त हो जाएगा। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को पूरी शिद्दत के साथ प्रयास करना चाहिए। लेकिन जनप्रतिनिधि आपसी गुटबाजी में लगे हुए हैं, उन्हें सैकड़ो गांव के किसानों की कोई चिंता नहीं है। जिला उपाध्यक्ष गबरी मुखिया ने कहा कि किसान सभा इस लड़ाई को पूरा करके ही दम लेंगे। 30 जनवरी से किसान सभा फिर से पक्का मोर्चा लग रही है।

ये हैं मुख्य मांगें

आबादी के नए प्रस्ताव पुरानी आबादियों की लीजबैक, भूमिहीनों की दुकानों का आवंटन, नौजवानों का रोजगार और सबसे बड़ा 10% प्लाट का मुद्दा हल कर करके ही धरना समाप्त होगा। किसान सभा के जिला सचिव सुरेंद्र यादव ने कहा कि किसान सभा ने 16 सितंबर को सभी 21 मुद्दों पर समझौता किया था पहले चरण का आंदोलन जबरदस्त और सफल रहा दूसरे चरण के आंदोलन में शासन स्तर के मुद्दों को हल करना मुख्य मकसद है प्राधिकरण स्तर के मुद्दों पर जो ढीली कार्रवाई चल रही है उसे कार्रवाई को तेजी से निपटवाने का मकसद है।

By Super Admin | January 25, 2024 | 0 Comments

किसानों ने 30 जनवरी को आंदोलन के लिए बनाई रणनीति, कहा-अपना हक लेकर रहेंगे


Noida: अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से तुगलपुर गांव में भगत सिंह की बैठक पर एडवोकेट गुरप्रीत सिंह, दीपक चेची ने सैकड़ो किसानों की जनसभा का आयोजन किया। जनसभा की अध्यक्षता ब्रह्म चेची ने की और संचालन शिशांत भाटी ने किया। जनसभा को संयोजक वीर सिंह नागर, उपाध्यक्ष अजब सिंह नेताजी, महासचिव जगदीश नंबरदार, मोहित भाटी, संजय चेची, अशोक भाटी, डॉ ओमप्रकाश, नितिन चौहान, प्रशांत भाटी, देवेंद्र वर्मा ने जनसभा को संबोधित किया।

किसानों का हक मारा गया


संयोजक वीर सिंह नागर ने संबोधित करते हुए कहा कि 30 जनवरी का आंदोलन मुख्य रूप से 10% आबादी प्लाट एवं नए कानून को लागू करने के संबंध में प्राधिकरण बोर्ड से पास प्रस्तावों को शासन से अनुमोदन करने के बाबत किया जा रहा है। आंदोलन के पहले चरण में प्राधिकरण ने किसान सभा से लिखित समझौता किया है। लेकिन 10% का मुद्दा अभी भी अधर में है। किसान सभा इसको हल करके ही दम लेगी। जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि यह लड़ाई किसानों के हक की लड़ाई है। लंबे समय से किसानों के 10% आबादी प्लाट की हक मारी की गई है। जमीनों की खरीदें नए कानून का उल्लंघन करके अत्यंत कम दामों पर की गई हैं एवं नए कानून में दिए जाने वाले लाभों से वंचित किया गया है।

किसान विरोधी है सरकार


महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार किसान विरोधी है। सरकार ने किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का वादा किया था। लेकिन किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हैं। सरकार के खास पूंजीपतियों की संपत्ति पिछले तीन वर्षों में चार गुना बढ़ गई है। बड़े पूंजीतियों का 15 लाख करोड़ रूपया बैंकों ने माफ किया है। जबकि कुल मिलाकर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी 2 लाख 71 हजार रुपए ही है। जो किसान कर्ज में आ गए, उन पर बैंकों का इतना दबाव है कि उन्हें आत्महत्या करनी पड़ रही है। फसलों के उचित दाम की कोई नीति सरकार की ओर से लागू नहीं हुई है। लागत से कम मूल्य पर किसान अपनी फसल बेचने को मजबूर है।

किसानों के हक की लड़ाई रहेगी जारी


एडवोकेट गुरप्रीत ने कहा कि हमारी लड़ाई भूमि अधिग्रहण से पीड़ित किसानों के हक की लड़ाई है। जिसे किसान सभा जीत कर ही दम लेगी। अंत में तुगलपुर गांव की ओर से भगत सिंह चेची ने आश्वासन दिया कि सैकड़ो की संख्या में 30 जनवरी को तुगलपुर के लोग आंदोलन में हिस्सा लेंगे। अजब सिंह ने कहा किसान सभा पक्का मोर्चा लगाएगी और तब तक मोर्चा लगेगा जब तक की 10% आबादी प्लाट का अनुमोदन शासन से होकर नहीं आ जाता।

By Super Admin | January 26, 2024 | 0 Comments

मांगों को लेकर किसानों का हल्ला बोल, ग्रेनो प्राधिकरण को घेरा, पुलिस से हुई झड़प

Greater Noida: मांगों को लेकर किसानों ने मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का घेराव किया। राशन पानी लेकर प्राधिकरण पर पहुंचे किसानों ने लिजबेक, आबादी निस्तारण, 10% भूखण्ड समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों महिला समेत 55 गांवों के किसान शामिल हुए। किसान सभा ने 10 प्रतिशत प्लॉट एवं नए कानून को लागू करने के लिए पक्का मोर्चा लगाकर अनिशित कालीन धरना प्रदर्शन किया शुरू किया है। प्राधिकरण ने 10 प्रतिशत प्लॉट एवं नए कानून को लागू करने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया है।


कार्यालय में आवाजाही हुई बंद


बता दें कि भारतीय किसान परिषद के बैनर तले धरनारत किसानों ने मंगलवार को पूरा प्राधिकरण घेर लिया। किसान सभी गेटों के सामने बैठ गए। ऐसे में कार्यालय में आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई। आलम यह रहा कि अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय में प्रवेश नहीं कर पाए। गिनती के कुछ कर्मचारी जो पहले ही अंदर चले गए थे, उनको गेट खोलकर बाहर निकाला गया। दिनभर प्राधिकरण का कामकाज प्रभावित रहा। इस दौरान किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय का चक्कर भी लगाया।


हक लेकर ही खत्म होगा आंदोलन


किसानों को संबोधित करते हुए किसान सभा गौतमबुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने कहा कि आंदोलन हक लेकर ही उठेगा। बीर सिंह नागर ने कहा कि आंदोलन के पहले चरण में 21 मुद्दे पर लिखित समझौता हुआ, जिसमें प्राधिकरण स्तर की मांगों पर कुछ काम हुआ है। बाकी पर तेज कार्यवाही को लेकर मांग है। महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा की लड़ाई आर पार की है, जीत कर है दम लेंगे। सुनील फौजी ने कहा की नया कानून को लागू कराकर ही दम लेंगे।


इन लोगों ने धरने को किया संबोधित

आज धरना प्रदर्शन को गजराज चेयरमैन, सपा जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी, इंदर प्रधान, कांग्रेस के नेता अजय चौधरी, यशपाल भाटी, सुशील प्रधान, नितिन प्रधान, नितिन चौहान, टीकम नागर, शिशंत भाटी, पप्पू ठेकेदार, इंद्रजीत भाटी, गाबरी मुखिया, निशांत रावल, यतेंद्र मैनेजर, प्रशांत भाटी, सुशील सुनपुरा, सुंदर भनौता, सुरेंद्र भाटी, मुकुल यादव, अंकित यादव, सतीश यादव, सुरेंद्र यादव, जोगिंद्री देवी, कमलेश, पूनम, प्रेमवती, जोगिंदर प्रधान, महेश प्रजापति, अशोक भाटी, भोजराज रावल, संदीप भाटी, तेजपाल रावल, दुष्यंत सैन, संदीप, सचिन एडवोकेट, पुष्पेंद्र त्यागी, अजयपाल भाटी, काले, निरंकार प्रधान, सुधीर रावल, मोहित भाटी ने संबोधित किया ।

By Super Admin | January 31, 2024 | 0 Comments

ग्रेनो प्राधिकरण पर किसानों का धरना जारी, 7 फरवरी को महापंचायत कर बनाएंगे रणनीति

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का धरना लगातार जारी है। बुधवार को धरने की अध्यक्षता शांति देवी और संचालन सतीश यादव गांव इटेड़ा ने किया। राष्ट्रीय लोकदल का जिला संगठन, भारतीय किसान यूनियन मंच, जय जवान जय किसान मोर्चा आदि ने पहुंचकर धरने को समर्थन दिया।

मांगे पूरी न होने तक जारी रहेगा आंदोलन


किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने बताया कि जब तक शासन से सभी किसानों को 10% प्लॉट, नई खरीद में सभी परिवारों को परियोजना प्रभावित परिवार मानने का प्रस्ताव शासन से मंजूर होकर नहीं आ जाता, तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा। 7 फरवरी को महापंचायत में आगे की रणनीति तय की जाएगी। महापंचायत में क्षेत्र के विभिन्न संगठन व राजनीतिक दल हिस्सा लेंगे।

रालोद ने दिया समर्थन, कहा-हमेशा खड़े रहेंगे


राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी ने बताया कि आंदोलन के बारे में हमने अपने शीर्ष नेतृत्व व राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को अवगत करा दिया है। पार्टी ने पूर्व में भी किसानों की लड़ाई में सहयोग किया है। पार्टी किसानों के साथ हमेशा खड़े रहने वाली पार्टी है। धरनारत किसान जब भी कहेंगे, हम अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को धरने पर बुलाएंगे। भारतीय किसान यूनियन मंच के सुधीर चौहान ने कहा कि पूरे जिले की लड़ाई एक है। अलग-अलग प्राधिकरणों ने किसानों को अपने-अपने तरीके से लूट कर चोट पहुंचाने का कार्य किया है। सभी प्राधिकरणों के खिलाफ सारे किस संगठन एकजुट होकर कार्य करेंगे। जिले के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी मोर्चा खोला जाएगा।

जनप्रतिनिधियों को किसानों की नहीं चिंता


महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि शासन को भेजे गए प्रस्ताव की जिम्मेदारी प्राधिकरण व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की बनती है। उन्हें अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। किसानों के पास आंदोलन के सिवाय और को रास्ता बचता नहीं है। इतनी भयंकर सर्दी में भी क्षेत्र के किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध रात में भी धरना स्थल पर रुके हुए हैं। संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि सर्दी के सितम में रात-दिन रुकने के कारण हमारे किसानों की तबियत बिगड़ीती जा रही है। लेकिन हमारे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को इसकी जरा भी चिंता नहीं है। उन्हें केवल अपने चुनाव दिखाई देते हैं, तिजोरी भरने में व्यस्त रहते हैं।

सैकड़ो किसान धरने में रहे शामिल


आज के धरने में मुख्य रूप से संजय नागर, राम सिंह नागर, मोहित भाटी, धर्मेंद्र भाटी, निशांत रावल, सुधीर एडवोकेट, प्रशांत भाटी, मोहित नागर, कुलदीप भाटी, शिशांत भाटी, निरंकार प्रधान, महेश प्रजापति, सोनू, सामान्य, देशराज चौहान, निशांत रावल, धर्मेंद्र भाटी, दुष्यंत सेन, अजय पाल प्रधान, नागेंद्र प्रधान, राज यादव, सुरेंद्र यादव, सालिक यादव, सतीश यादव, गुरप्रीत एडवोकेट, अशोक भाटी, संजय यादव, कमलेश, जोगेंदरी, पूनम देवी, तिलक देवी, रईसा बेगम, जितेंद्र, पप्पू ठेकेदार, मनवीर भाटी खानपुर एवं सैकड़ो महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे।

By Super Admin | February 01, 2024 | 0 Comments

किसानों का ऐलानः गांवों में वोट मांगने आने पर जनप्रतिनिधियों का किया जाएगा घेराव

Greater Noida: किसान सभा के नेतृत्व में दिन-रात के धरने का लगातार जारी है। कड़ाके ठंड के बाद भी किसान धरना स्थल पर भारी संख्या में जमे हुए हैं। धरने की अध्यक्षता पप्पू ठेकेदार ने की व संचालन संदीप भाटी ने किया। धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि जिले में जनप्रतिनिधियों को यह गुमान हो गया है कि उन्हें गांव के लोगों की वोट की आवश्यकता नहीं है। इसीलिए वे किसानों की समस्याओं को हल करने के प्रति जरा भी गंभीर नहीं है। किसान सभा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वोट मांगने आ रहे सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों का घेराव करेगी और उनसे पूछेगी कि 10 सालों बाद भी किसानों की 10 प्रतिशत प्लाट की समस्या हल नहीं हुई है। आपने इस दौरान क्या किया।

प्रस्ताव मंजूर होने तक चलेगा आंदोलन


किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि 2 फरवरी को नोएडा में होने वाली महापंचायत में ग्रेटर नोएडा के किसान बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे। किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने धरने को संबोधित करते हुए कहा 10% आबादी प्लाट, नए कानून को लागू करने के प्रस्ताव जब तक शासन से मंजूर होकर नहीं आते, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

जनप्रतिनिधियों में इच्छा शक्ति की कमी


किसान सभा के जिला सचिव सुरेंद्र भाटी ने धरनारत किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि 7 फरवरी के आंदोलन की हमें तैयारी करनी है। कमेटियों और संगठन को मजबूत करना है। संगठन के कारण ही अभी तक किसानों के मुद्दे काफी हद तक हल हुए हैं। जनप्रतिनिधियों में न केवल इच्छा शक्ति की कमी है बल्कि उनमें आत्मविश्वास की भी कमी है। 10% आबादी प्लाट के मुद्दे पर सांसद और विधायक हमेशा जनता के बीच में सरकार का ही पक्ष रखते रहे हैं और कहते रहे हैं कि यह मुद्दा हल नहीं हो सकता। जबकि किसान सभा ने मुद्दे पर आंदोलन कर प्राधिकरण बोर्ड से प्रस्ताव पास कराया है।

प्राधिकरण बंद करने की चेतावनी


जिला उपाध्यक्ष गबरी मुखिया ने प्राधिकरण की ईंट से ईंट बजाने का आह्वान किया और ऐलान किया यदि किसानों की समस्याएं हल नहीं हुई तो प्राधिकरण बंद कर दिया जाएगा। अजब सिंह नेताजी ने ऐलान किया कि गांव में प्रचार अभियान चलाकर 7 तारीख के आंदोलन की जबरदस्त तैयारी की जाएगी। सुरेंद्र यादव ने धरने को संबोधित करते हुए कहा, नोएडा ग्रेट नोएडा, यमुना के सभी किसानों की महापंचायत 2 फरवरी को नोएडा प्राधिकरण पर हो रही है। जिसमें संयुक्त रणनीति बनाकर ऐतिहासिक घोषणा की जाएगी।

By Super Admin | February 02, 2024 | 0 Comments

नोएडा में दिखा भारत बंद का असर, सड़कों पर उतरे हजारों किसान और सगठनों के कार्यकर्ता

Noida: नोएडा के ट्रेड यूनियन, किसान संगठनों के भारत बंद ऐलान असर दिखाई देने लगा है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद का ऐलान को लेकर 36 से ज्यादा संगठन जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में भारतीय किसान परिषद भी एनटीपीसी दफ्तर पर प्रदर्शन करेगा।

मजदूर संगठनों ने निकाला जुलूस

भारत बंद को सफल बनाने के लिए मजदूर संगठन सीटू समर्थन में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। सीटू के कार्यकर्ता भंगेल में जुलूस निकाल कर की नारेबाजी। सयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज भारत बंद का ऐलान किया गया है। जिसके तहत भारी पुलिस बल नोएडा में चप्पे चप्पे पर तैनात है।

नोएडा में धारा 144 लागू

वहीं, किसानों के चक्का जाम को लेकर नोएडा में धारा 144 लागू किया गया है। नोएडा पुलिस ने आम लोगों को मेट्रो से जाने की अपील की है। चिल्ला बॉर्डर पर हल्की जाम की स्थिति ट्रेफिक पुलिस मुस्तैद है। नोएडा के दिल्ली से लगने वाले बॉर्डर पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। डीसीपी नोएडा विद्या सागर मिश्र ने शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

By Super Admin | February 16, 2024 | 0 Comments

प्राधिकरण पर किसानों का धरना जारी, प्रशासन पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप, बोले-आर-पार की लड़ाई रहेगी जारी

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान सभा के दिन रात के धरना 20वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता भीम सिंह प्रधान खोदना खुर्द ने की व संचालन महासचिव जगबीर नंबरदार ने किया। धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा किसान आंदोलन की ताकत के बल पर 12 फरवरी को हुई वार्ता में प्रशासन ने 18 फरवरी तक 10% आबादी प्लाट और नए कानून को लागू करने के संबंध में हाई पावर कमेटी के गठन का आश्वासन दिया था। 18 तारीख तक प्रशासन की ओर से हाई पावर कमेटी के गठन की कोई सूचना नहीं दी गई है।

कमिश्नर ने भी की थी वादा खिलाफी

रुपेश वर्मा ने आगे कहा कि पुलिस कमिश्नर ने पूर्व में भी इसी प्रकार वादा खिलाफी की थी। जेल में बंद किसानों को इसी आधार पर आश्वासन दिया गया था कि 30 जून 2023 तक हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया जाएगा। परंतु शासन ने पत्र भेज कर हाई पावर कमेटी के गठन से इनकार कर दिया था। इसी प्रकार पुनः उन्होंने आश्वासन दिया और आज 18 फरवरी गुजर गई और कोई सूचना प्रशासन की ओर से कमेटी के गठन के बाबत नहीं आई है।

सरकार की किसानों की समस्याओं पर गंभीर नहीं

किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। बिल्डरों के मसले पर बिना किसी देरी के कार्रवाई होती है। जबकि किसानों के 5% के प्लाट भी नोएडा में बिल्डरों को आवंटित कर दिए गए हैं। किसान के साथ लगातार धोखाधड़ी इस सरकार की फितरत है। इस सरकार में चुने हुए प्रतिनिधियों को 10-10 साल हो चुके हैं उनके कान पर जू तक नहीं रेंग रही है। किसानों के मुद्दों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है।

सत्ताधारी पार्टी का करेंगे विरोध

किसान सभा के नेता निरंकार प्रधान ने कहा कि अबकी बार 10% नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया गया है, जिसे गांव-गांव में पहुंचा कर सत्ताधारी पार्टी को पूरी तरह नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाएगी और इसे पूरी तरह राजनीतिक मुद्दा बनाया जाएगा। नौजवान नेता प्रशांत भाटी ने कहा कि लड़ाई आर पार की है, जीत कर ही दम लेंगे। इसी सिलसिले में 19 फरवरी को भारतीय किसान परिषद जय जवान जय किसान संगठन एवं अन्य किसा संगठन और विपक्षी पार्टियों के नेताओं को बुलाया गया है। आज के धरने को संबोधित करने वालों में निशांत रावल सुधीर रावल भोजराज रावल हृदेश शर्मा देशराज चौहान गुरप्रीत एडवोकेट अभय भाटी शिशांत भाटी नरेश नागर मोनू नागर रईसा चौहान तिलक देवी जोगेंद्र देवी महिला सभा के नेता आशा यादव रेखा चौहान अजय पाल भाटी इंद्रजीत भाटी मोहित नागर मोहित यादव रंगीलाल भाटी जयकरण भाटी कृष्ण पाल भाटी दुष्यंत सेन सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे।

By Super Admin | February 19, 2024 | 0 Comments

हाईवे पर उतरे हजारों किसान, ट्रैक्टर श्रृंखला बनाकर मार्च निकालते हुए कर रहे प्रदर्शन

Noida: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान आंदोलन के समर्थन और विश्व व्यापार संगठन के विरोध हज़ारों किसान टैक्टरो के साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा के हाईवे पर उतर गए हैं। ट्रैक्टर श्रृंखला बनाकर मार्च करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट ने रबूपुरा के मेहंदीपुर से फलेदा कट तक यमुना एक्सप्रेसवे के नीचे से किसान ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। इसकेसाथ ही लुहारली टोल प्लाजा एवं महामाया फ्लाई ओवर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है।

मेहंदीपुर से शुरू हुआ मार्च


बता दें कि गांव और कस्बे से हो कर निकल रहे ट्रैक्टर मार्च के लिए नोएडा, जेवर बाकी अन्य जगहों के लोग ट्रैक्टर में सवार होकर रबूपुरा के मेहंदीपुर पहुंचे। जहां से ये टैक्टर मार्च शुरू हुआ फलेदा कट पहुंच गया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जा रहा है जो कि यमुना एक्सप्रेस-वे के नीचे एक लाइन में होकर निकल रहा। भारतीय किसान यूनियन के मुखिया राकेश टिकैत के निर्देशानुसार इस प्रदर्शन से आम आदमी को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। इसलिए हाईवे की एक लेन सुचारू रूप से चलती रहे, इसका ध्यान रखा जा रहा है। हाईवे पर किसी तरह की आवाजाही को बाधित नहीं होने दिया जा रहा है। ट्रैक्टर मार्च के बाद ट्रैक्टर श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन जाएगा। इसके बाद किसान संगठन के प्रतिनिधि संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे.


पुलिस बल तैनात, चेकिंग जारी


वहीं, जिला प्राशासन के अधिकारियों का कहना है कि किसान एक तरफ के हाइवे को बाधित कर सकते हैं। पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है, ताकि लोगों को आवागमन में परेशानी न हो। गौतमबुद्धनगर से दिल्ली सीमा लगने वाले सभी बॉर्डरों पर बैरियर लगाकर दिल्ली पुलिस एवं गौतमबुद्धनगर पुलिस की ओर से सघन चेकिंग की जा रही है। कई मार्गों पर

By Super Admin | February 26, 2024 | 0 Comments