ग्रेटर नोएडा की इकोविलेज़-1 सोसाइटी में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। निवासियों को तमाम असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते शुक्रवार रात करीब साढ़े 9 बजे सोसाइटी के मूल मुद्दों को सॉल्व करने के लिए बनाई गई SOS टीम ने सभी समस्याओं पर बातचीत की।
‘मासिक शुल्क से भर रहीं मालिकों की तिजोरियां’
इकोविलेज़-1 सोसायटी में पिछले काफी दिनों से समस्याओं में इज़ाफ़ा हुआ है। आंदोलन टीम ने बताया कि इस अधूरी सोसायटी में अधूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरे और ठीक होने तो दूर, अब निवासियों द्वारा मासिक शुल्क के तौर पर जमा होने वाले करोड़ों रुपयों का इस्तेमाल भी रखरखाव में नही किया जा रहा है। मौजूदा फैसिलिटी सिर्फ मालिक की तिजोरी भरने का काम कर रही है, जिसके चलते फैसिलिटी के बहुत से स्टाफ भी बेहद कामचोर, आलसी एवं भ्रष्ट हो गए हैं।
सिक्योरिटी की समस्या से जूझ रहे निवासी
जानकारी के मुताबिक, सभी मूल समस्याओं में सबसे मेन प्रॉब्लम सोसायटी की सिक्योरिटी की है। जिसकी वजह से कुछ न कुछ अनैतिक घटित होता रहता है। सिक्योरिटी गार्डों की संख्या भी सदैव पूर्ण नही होती, बहुत सारी सिक्योरिटी की पोस्टें खाले रहती हैं। 6 लाख से ऊपर का दाम देकर रिज़र्व पार्किंग खरीदे लोगों की पार्किंग में कोई भी गैरकानूनी तरीके से अपने वाहन लाकर खड़ी कर देता है। जिसकी वजह है नॉन स्टीकर गाड़ियों की धड़ल्ले से सोसायटी में बेरोक टोक एंट्री देना। सैकड़ों नॉन स्टीकर गाड़ियां रोज गैरकानूनी तरीके से पार्क होकर वास्तविक अलॉटी लोगों के अधिकारों का हनन करती रहती हैं।
ओपन एरिया पार्किंग के लिए उठाई मांग
आंदोलन टीम ने बताया कि निवासियों को बरगलाने के लिए, ओपन एरिया की पार्किंग (जिसको नियमानुसार किसी को अलॉट नही किया जा सकता, ये ओपन पार्किंग फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व बेसिस पर होती है, प्रमुखता से गेस्ट पार्किंग भी यही होती हैं) को रिज़र्व करते जा रहा है, जिससे समस्याएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं, अब तो सोसायटी के भीतर सड़क पर 1 या 2 लाइन पार्किंग होना आम हो गया है। निवासियों को चलने फिरने तक में भी दिक्कत हो रही है। निवासियों की मांग है ओपन एरिया में पार्किंग का जो भी मालिकाना अलॉटमेंट किया जा रहा है अविलम्ब बंद हो, अब तक जितने भी ओपन एरिया की पार्किंग का रिज़र्व अलॉटमेंट किया गया है, उन लोगों की ओपन पार्किंग को नीचे बेसमेंट में शिफ्ट किया जाए। खुली ओपन पार्किंग को 'फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व' रखा जाए। आपको बता दें, आंदोलन टीम ने NCLAT कोर्ट में इन्हीं समस्याओं बाबत IA फाइल कर रखा है जो की अब रजिस्टरी हो चुका है और IA नंबर आ गया है। अधिकारों को पाने के लिए कानूनी लड़ाई चल रही है।
आंदोलन टीम ने सामने रखी सारी समस्याएं
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