ग्रेटर नोएडा में जिला कलेक्ट्रेट पर बेसिक शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया. दरअसल शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेस का जमकर विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही शिक्षक इस नीति को लेकर सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान एक शिक्षक संघ ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया. वहीं शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी डिजिटल हाजिरी रोकने और पुरानी पेंशन की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. साथ ही कोई भी शिक्षक डिजिटल हाजिरी नहीं लगाएगा.
शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
इस दौरान शिक्षकों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम वेद प्रकाश पांडे को दिया. वहीं जिलाध्यक्ष निरंजन सिंह नागर ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से ऑनलाइन हाजिरी का आदेश तुरंत निरस्त करने, पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यसेबाहर रखने, बिहार की तरह चिकित्सीय अवकाश, शिक्षा मित्र और अनुदेशकों को समान वेतन समान कार्य, अन्य कर्मचारियों को तरह 30 अर्जित अवकाश का आदेश जारी करानेऔर सामूहिक बीमा सुविधा देने की मांग की गई है.
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी के फैसले का लगातार विरोध सामने आ रहा था। जिसके बाद योगी सरकार ने फिलहाल इस फैसले पर दो महीने की रोक लगा दी है। डिजिटल हाजिरी लगाने का आदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया था। लेकिन शिक्षक संगठन की तरफ से लगातार इसका विरोध किया जा रहा था।
कमेठी करेगी दोनों पक्षों के बीच बात
यूपी मुख्य सचिव की ओर से डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। लेकिन इस पूरे विवाद को हल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश के बेसिक शिक्षकों के डिजिटल हाजिरी के मामले में ये कमेटी सभी पक्षों के साथ बैठक करेगी। जिससे इस विवाद का हल निकालेगा।
कमेटी दो महीने में देगी अपनी रिपोर्ट
यूपी मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शिक्षक संगठनों के नेताओं के साथ मुलाकात की। उनको सरकार की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। मुख्य सचिव ने शिक्षक संघ को आश्वासन दिया कि उनकी स्थिति को जानने के बाद ही डिजिटल अटेंडेंस के आदेश को प्रभावी बनाया जाएगा। मुख्य सचिव ने शिक्षक संघ को साफ किया कि एक कमेटी बनाकर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। कमिटी को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
राजनैतिक दल भी कर रहे थे सरकार पर वार!
यूपी के डिजिटल अटेंडेंस के फैसले पर राजनीतिक दलों की ओर से भी लगातार योगी सरकार को घेरा जा रहा था। जिसके बाद मंत्री राकेश सचान ने कहा कि टीचर स्कूलों में पढ़ाते नहीं हैं। वो स्कूल से गायब रहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि इस प्रकार के विरोध की क्या वजह हो सकती है? उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता को इस संबंध में बयान नहीं देना चाहिए। उनका समर्थन नहीं करना चाहिए।
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