Digital Arrest: ये खबर पढ़कर दिमाग सन्न हो जाएगा
सबसे हाईटेक महाठगी, 8 घंटे की गिरफ्तारी और 11 लाख की वसूली
Noida: इंटरनेट और एआई की दुनिया में आए दिन नए-नए तरीके के फ्रॉड को भी जन्म दे रहे हैं। जैसे-जैसे नया तरीका पुराना होने लगता है, लोगों के जेब में डांका डालने के लिए साइबर अपराधी किसी नए तरीके का इजात कर ही लेते हैं। ये सिलसिला ऐसा है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों नए तरीके का साइबर फ्रॉड सामने आया है। जिसे साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्टिंग का नाम दिया है। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों से हाल में ऐसी खबरें आईं कि लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए और लुट गए। ऐसे में कई लोगों के दिमाग में ये सवाल आता है कि ये डिजिटल अरेस्ट क्या है। जिसमें लोग अपने पैसे गंवा बैठते हैं।
क्या है डिजिटल अरेस्ट का मामला
गुरुग्राम के बाद दिल्ली एनसीआर में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला नोएडा में आया है। नोएडा सेक्टर-34 में रहने वाली महिला जो कि प्रोफेशन से आईटी इंजीनियर है, उसके साथ डिजिटली अरेस्ट की घटना घटी है। बताया जा रहा है साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस और सीबीआई टीम बताकर बात करनी शुरू की। प्लानिंग साथ पीड़ित को ये बताया गया कि उसके खिलाफ शिकायत आई है कि उसके अकाउंट में कमिशन के तौर पर 20 लाख रुपये का ट्रांसफर हुआ है। जो साइबर अपराधी इस घटना को अंजाम दे रहे थे, उन्होंने बकायदे पीड़िता को वीडियो कॉलिंग पर बुलाकर 9 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट करने की बात बताई। पीड़िता ने बताया साइबर अपराधी बकायदे वर्दी में दिखे। साथ ही बैकग्राउंड पर बकायदे पुलिस ऑफिस का माहौल बनाया था। अपराधियों ने धमकी देकर पीड़िता से 11 लाख रुपए ऐंठ लिये। अब युवती मामले से बाहर आई तो पुलिस को शिकायत दी। इस मामले को सुनकर पुलिस भी हैरान हैं। ये उत्तर प्रदेश का पहला डिजिटल अरेस्टिंग का मामला बताया जा रहा है।
इस तरह के साइबर अपराध होने पर ये करें
अगर कोई आपको पुलिस या फिर सीबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने की धमकी देता है, तो सबसे पहले आपको अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को सूचित करना चाहिए। तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत करानी चाहिए। इस बात से नहीं डरना चाहिए कि पुलिस आपके खिलाफ कोई एक्शन लेगी।
Noida: नोएडा पुलिस और साइबर थाना पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। साइबर थाना पुलिस ने महिला डॉक्टर से 45 लाख की हुई साइबर फ्राड मामले में कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में साइबर ठगों को बैंक खाता मुहैया करने वाले तीन आरोपियों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसी वर्ष मई में साइबर ठगों के एक गिरोह ने सेक्टर 49 में रहने वाली महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 45 लाख रुपए की ठगी की थी। ठगों ने जिन खातों में महिला डॉक्टर से रकम ट्रांसफर कराई थी। इसके लिए तीन आरोपियों ने अपने खाते उप्लब्ध कराये थे।
9 को महिला डॉक्टर को किया था डिजिटल अरेस्ट
साइबर थाना पुलिस ने नितेश कुमार उर्फ टाडा, गूगन राम और संजय सिंह को गिरफ्तार किया है। इन्होंने साइबर ठगों को उप्लब्ध कराया था। जिसमें महिला डॉक्टर से ठगी की रकम ट्रांसफर कराई थी। साइबर क्राइम थाने के प्रभारी विजय कुमार गौतम ने बताया कि 9 मई को डॉक्टर आरती सुरभित चौधरी ने डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपये ऐंठे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच में जुटी नोएडा पुलिस को पता चला कि जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई, वह सभी खाते राजस्थान के हैं। इसी दौरान डिजिटल अरेस्ट गिरोह के तीन मददगारों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली।
मोटी रकम लेकर खाता उपलब्ध करवाया था
साइबर क्राइम थाना प्रभारी ने बाताया कि पूछताछ के दौरान तीनों ने बताया कि अलवर के मोहित और जयपुर के साहिल उनसे बैंक खाते लेते हैं। इसके एवज में मोटी रकम देते हैं। नोएडा पुलिस ने नितेश, गूगन और संजय को पड़यंत्र में शामिल होने का आरोपी बनाया और शुक्रवार को अलग-अलग स्थानों से दबोच लिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल को कब्जे में ले लिया है। इन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। आशंका है कि मोबाइल में ठगी संबंधी कई अहम जानकारियां हैं।
ऐसे साइबर ठग बनाते हैं शिकार
बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आए दिन डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठग लाखों से लेकर करोड़ों रुपये ठग रहे हैं। साइबर ठग एसे लोगों को निशाना बना रहे हैं, जिनके खाते में पैसे अधिक जमा हैं और वह बुजुर्ग हैं। ऐसे लोगों को पुलिस, सीबीआई और एसबीआई का डर दिखाकर अपने जाल में साइबर ठग फंसाते हैं।
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December 17, 2022