Noida: 10 प्रतिशत आबादी के भूखंड, 64.7 प्रतिशत मुआवजा देने सहित कई मांगों को लेकर एक बार फिर किसानों ने प्राधिकरण के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। किसानों ने सेक्टर-5 स्थित बारातघर पर इकट्ठा होकर किसान पैदल मार्च करते नोएडा प्राधिकरण पहुंचे और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि उनकी मांग प्राधिकरण पूरी नहीं कर रहा है। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। इस दौरान कुछ किसान बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए दफ्तर में घुसने का प्रयास करते नजर आए। जिसके चलते पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली।
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी लड़ाई
प्रदर्शन में पुरुष किसानों के साथ-साथ महिला किसान भी बड़ी संख्या में पहुंची। किसानों का कहना है कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन की मिल रहा है। किसानों की मांगें अब तक पूरी नहीं हुईं। आंदोलन की अगुवाई कर रहे सुखबीर खलीफा ने कहा किसान 10 प्रतिशत आबादी के भूखंड, 64.7 प्रतिशत मुआवजा देने सहित कई मांगों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक लड़ाई जारी रहेगी।
प्राधिकरण कार्यालय में तालाबंदी की चेतावनी
सुखबीर खलीफा ने कहा कि अधिग्रहण के 50 साल बाद भी किसानों को उनका हक नहीं दिया गया है। किसान अपनी मांगों को लेकर काफी सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके बावजूद इंसाफ की रोशनी कहीं भी दिखाई नहीं दे रही है। जिसकी वजह से किसान दोबारा प्राधिकरण पर धरना देने को मजबूर हैं। हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो नोएडा प्राधिकरण में परमानेंट ताला जड़ देंगे। इस बार किसानों को जीत दिलवाकर ही दम लेंगे।
Greater Noida: अखिल भारतीय किसान सभा आज जेवर टोल पर प्रदर्शन करेगी। जिसमें हजारों किसान हिस्सा लेंगे। किसानों की मांग है कि नोटिफाई गांव के सभी किसानों की गाड़ियां यमुना एक्सप्रेस वे पर परिचय पत्र दिखाने पर फ्री में निकालनी चाहिए।
किसानों के साथ अन्याय नहीं करेंगे बर्दाश्त
किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि जिन किसानों ने अपने पुरखों की जमीन सड़कों में दी है, उनसे भी टोल वसूली होती है। यह सरासर अन्याय है, जिसे किसान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों के लिए यमुना एक्सप्रेसवे टोल फ्री किया जाएगा। किसान सभा के युवा नेता प्रशांत भाटी ने कहा कि जीरो पॉइंट से सैकड़ो किसान जेवर टोल के लिए प्रस्थान करेंगे। इसी सिलसिले में किसान सभा ने कई गांवों में प्रचार किया। इसके साथ ही नुक्कड़ सभाएं कर लोगों का आह्वान किया।
Noida: नोएडा में किसानों ने अपनी मांगो को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। 105 गावों के किसानों ने मांगे पूरी ने होने पर दादरी एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ बुधवार को मटका यात्रा निकाली। किसान नेता सुखबीर खलीफा के ऐलान पर हजारों की तादात में किसान मटका यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान किसानों ने नोएडा प्राधिकरण और दादरी एनटीपीसी की मरी आत्मा बताई।
नोएडा प्राधिकरण और दादरी एनटीपीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए महिला सिर पर मटका लेकर चल रही थीं। नोएडा एनटीपीसी भवन से होकर स्पाइस मॉल से नोएडा स्टेडियम होती हुई मटका यात्रा निकाली गई। बढ़ा हुआ मुवावजा, स्थानीय लोगो को रोजगार, दस पर्सेंट का प्लॉट आबादी का पूर्ण निस्तारण स्वास्थ सुविधाएं की मांग को लेकर किसानों आवाज उठाई.
किसान नेता सुखबीर खलीफा ने नोएडा प्राधिकरण और दादरी एनटीपीसी को मरा हुआ बताया। कहा किसानों के दर्द को दोनों विभाग नहीं समझ पा रहे हैं। बता दें कि सेक्टर 24 एनटीपीसी भवन के गेट पर अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं।
Greater Noida: भारतीय किसान यूनियन अम्बावत ने फर्जी किसान संगठनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान संगठन के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। धरने पर बैठे किसानों ने फर्जी किसान संगठनों के खिलाफ धरना देकर बैठे हैं। आरोप है कि किसान संगठन की आड़ में अवैध काम किए जा रहे हैं। किसान संगठनों ने अन्य मांगों को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा।
फर्जी किसान यूनियन को बैन करने की मांग
किसान नेता चौ. अनिल नागर के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (अ) कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम डीएम मनीष कुमार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है। जिसमें मांग की गई है कि कुछ लोग फर्जी किसान यूनियन बनाकर भोले भाले किसानों को लूटने का कार्य कर रहे हैं। ऐसी फर्जी किसान यूनियन के रजिस्ट्रेशन की जांच कराई जाए। जिन किसान यूनियनों के रजिस्ट्रेशन सरकारी अभिलेखों में दर्ज नहीं है, उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएं और उन पर अंकुश लगाए जाए।
एमएसपी कानून और किसानों का कर्ज माफ करने की मांग
इसके अलावा देश के अंदर एमएसपी गारंटी कानून योजना को एक समान लागू किया जाए। देश के किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ किया जाए। इसके साथ ही चिकित्सा व शिक्षा निशुल्क की जाए। वृद्धावस्था पेंशन देश में 5000 रुपये प्रतिमाह की जाए। किसानों ने राष्ट्रपति से जनहित में इन समस्याओं का संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को देने की मांग की है।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022