Greater Noida: ग्रेटर नोएडा तक फैला था गैंगस्टर अतीक अहमद के गुनाहों का माया जाल, योगी की पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए माफिया के आशियाने को मिट्टी में मिला दिया.
प्रयागराज पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में की कार्रवाई
BSP MLA राजू पाल के हत्याकांड के चश्मदीद गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को उनके घर के बाहर मारने की साजिश में आरोपी अतीक अहमद के ऊपर दर्जनों केस थे. गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए प्रयागराज जिले में ही करीब 16 अवैध संपत्तियों की कुर्की अभी तक प्रयागराज पुलिस कर चुकी है. इन अवैध संपत्तियों की कीमत 10 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है.
यूपी के इन शहरों में अतीक की अवैध संपत्तियां
माना जाता है कि 15 अप्रैल 2023 को हुए अतीक हत्याकांड के बाद उसके गुर्गों के बीच फूट पड़ चुकी है और पुलिस ने गंभीरता से कार्रवाई करते हुए अतीक और अशरफ के करीबियों के घर पर ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद 80 से ज्यादा अवैध संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए. इन्ही संपत्तियों में से एक संपत्ति ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-36 के ब्लॉक-ए की है.
अतीक अहमद की पसंदीदा प्रॉपर्टी "मन्नत"
अतीक अहमद ने अपने गैरकानूनी कामों को अंजाम देने के लिए इस घर को कौड़ियों के भाव खरीदा था. कहा ये भी जाता है कि अतीक ने अपने इस बंगले का नाम अपने फेवरेट बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के मुंबई स्थित घर "मन्नत" के नाम पर रखा था. इस संपत्ति की कीमत 3.5 से 5 करोड़ तक की आंकी जा रही है.
अब माफिया की बेनामी संपत्तियों पर बुलडोजर
प्रयागराज की पुलिस, अन्य शहरों और जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर अब अतीक अहमद के प्रयागराज से बाहर स्थित अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई को आगे बढ़ाने में जुटी है। इसी में से एक है ग्रेटर नोएडा स्थित माफिया का मन्नत। जहां पर कुर्की की प्रक्रिया को जारी रखा है. इसी कड़ी में गौतमबुद्ध नगर के पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर प्रयागराज पुलिस ने ग्रेटर नोएडा सेक्टर-36 के ब्लॉक-ए 107 पर बने मकान को कुर्क किया.
हल्द्वानी में पुलिस सुरक्षा बल, जिला अधिकारी और नगर निगम की टीम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर एक अवैध मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने पहुंचे तो वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और प्रशासन पर पत्थर फेकने लगी. इस हादसे में अभी तक दो लोगों की मौत और 50 से ज्यादा पुलिस कर्मीयों के घायल होने की खबर सामने आ रही है. उत्तराखंड राज्य सरकार ने दंगा करने वालों पर गोली चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं. मामले को काबू करने के लिए इलाके में कर्फ्यू लगाकर लोगों से सहयोग करने को भी कहा गया है.
Uttrakhand: हल्द्वानी की नगर पालिका टीम सूचना पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस सुरक्षा बल और जिले के अधिकारियों के साथ गांधी नगर में बने अवैध मस्जिद और मदरसे के पास पहुंची और जैसे ही बुलडोजर से अतिक्रमण को हटाने लगी वैसे ही मोहल्ले में रहने वाले सभी लोग यहां तक की महिलाएं सड़क पर उतर आईं. पुलिस ने कार्रवाई में कोई खलल ना पड़े इसके लिए बैरिकेड लगा रखा था, लेकिन लोगों ने बैरिकेड तोड़कर पुलिस, जिला अधिकारियों की टीम और नगर पालिका के सभी लोगों पर जमकर पथराव करना शुरु कर दिया था.
डीएम ने क्या बताया?
नैनीताल की जिला अधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि गैरकानून तरीके से बनाए मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने का नोटिस सभी पक्षों को हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे उत्तराखंड राज्य में जारी किया गया था. जिसमें नगर पालिका द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का विवरण और तारीक भी बताया गया है.
अल्पसंख्यक समाज के लोगों को इमारत के गैरकानूनी होने की जानकारी दी जाने के बाद भी उन्होंने पुलिस सुरक्षा बल, प्रशासन और नगर निगम की टीम पर हमला करने का प्लान बनाया था. अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शांत तरीके से चल रही थी कि अचानक से लोगों बड़ी संख्या में जमा हो कर प्रशासन और पुलिस सुरक्षा बल पर पत्थरों से और पेट्रोल बम से हमला करने लगे. इस पूरे कांड में 50 से ज्यादा पुलिस कर्मी और प्रशासन के अधिकारियों के घायल होने की खबर मिली है.
राज्य सरकार का कड़ा कदम
हल्द्वानी में हुई घटना ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया था, लेकिन हालात पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने दंगा करने वालों पर गोली चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं और जिन लोगों ने दंगा भड़काया है, उन पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। बता दें कि राज्य के उच्च न्यायालय (High Court) ने राज्य में हुए अवैध निर्माण और कब्जे की घटनाओं पर फैसला सुनाते हुए राज्य की सरकार और प्रशासन को उचित कदम उठाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कड़े लफ्जों में हाई कोर्ट के फैसले का पालन करने के आदेश जारी किए थे.
पिछले साल से ही कई जगहों पर बनाए गए अवैध मजार और जंगलों में अतिक्रमण के खिलाफ सरकार और प्रशासन ने मुहिम चला रखा था, जिसके अंतर्गत गांधी नगर में भी सरकार के फैसले का पालन करने और सरकारी संम्पत्ति पर किए गए गैरकानूनी कब्जे को हटाने की कवायद जारी थी.
जिला अधिकारी का दावा
जिला अधिकारी ने ये भी बताया कि जब सबसे पहले भीड़ हमला करने आई तो उसने इट और पत्थर का इस्तेमाल कर प्रशासन पर धावा बोला. जब दूसरी भीड़ पीछे से हमला करने आई थी, तो उसके पास पेट्रोल बम मौजूद था, जिसका इस्तेमाल इलाके में आतंक फैलाने और प्रशासन को सरकारी काम पूरा करने से रोकने का था.
भीड़ ने पूरी ताकत का इस्तेमाल कर हमे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी, लेकिन हमारा पहला काम आम आदमी की सुरक्षा के साथ-साथ हमारे लोगों की भी सुरक्षा थी, जिसे पुलिस टीम ने निभाया है. हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकार द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स ने कानूनी तौर पर सभी पक्षों को उनकी बात रखने और सबके साथ न्याय सुनिश्चित करने के काम को निष्ठा से किया है.
जिला अधिकारी वंदना सिंह ने मामले की और भी जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में दंगाइयों ने 20 बाइक और सुरक्षा बल की एक बस को जला दिया है, लेकिन सख्ती से सरकार और कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए अवैध निर्माण को जमीदोज जरूर किया जाएगा.
इस मामले पर केंद्र सरकार और यूपी सरकार कि भी नजर बनी हुई है, जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी कर दिया है. आने वाले लोकसभा चुनावों में भी इस घटना की गुंज सुनाई देने की आशंका है.
प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड को बाहर करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 में प्राइमरी स्तर पर सफल 2,20,065 बीएड प्रशिक्षितों का अंकपत्र सिर्फ देखने-दिखाने के लिए होगा। इससे वह प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नौकरी नहीं पा सकेंगे। वर्ष 2021 की प्राइमरी यूपीटीईटी के अंकपत्र वितरण पर लगी रोक अब हाई कोर्ट से हट जाने पर अगले सप्ताह सभी अभ्यर्थियों को अंकपत्र वितरित किए जाएंगे।
डीएलएड प्रशिक्षुओं ने जीती लड़ाई
प्राइमरी शिक्षक भर्ती में डीएलएड (बीटीसी) के साथ बीएड को भी सम्मिलित करने पर 2021 की यूपीटीईटी में बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने बड़ी संख्या में आवेदन किए। इसकी परीक्षा 23 जनवरी 2022 को प्रदेश के सभी जनपदों में कराई गई, जिसमें बीएड प्रशिक्षितों की संख्या 6,91,903 थी। उन्हें उम्मीद थी कि प्राइमरी स्तर पर सफल होने पर वह प्राइमरी शिक्षक भर्ती में भी सम्मिलित हो सकेंगे, लेकिन डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षितों से चल रही लड़ाई में वह सप्रीम कोर्ट में हार गए।
प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड डिग्रीधारी बाहर
डीएलएड प्रशिक्षितों का कहना था कि प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए बीएड डिग्री अर्ह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही माना और 11 अगस्त 2023 के अपने फैसले में प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बीएड डिग्रीधारियों को बाहर कर दिया। इधर, यपीटीईटी-2021 का परिणाम उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) की ओर से आठ अप्रैल 2022 को घोषित किया गया, लेकिन एक मामले में हाई कोर्ट ने प्राइमरी टीईटी का अंकपत्र वितरण रोक दिया था। अब यह रोक हट गई है। पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि यूपीटीईटी-2021 में प्राइमरी टीईटी में 4,43,558 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे, जिसमें बीएड डिग्री वालों की संख्या 2,20,065 है। रोक हट जाने पर इन्हें भी अंकपत्र तो वितरित किया जाएगा, लेकिन यह प्राइमरी शिक्षक भर्ती में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट 2024 का सिटी एवं सेंटर वाइज रिवाइज्ड रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। नतीजे जारी होते ही अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट exams.nta.ac.in/NEET पर जाकर या इस पेज पर उपलब्ध करवाए गए डायरेक्ट लिंक से अपने नतीजे चेक कर सकते हैं। नतीजे जारी होने के बाद जल्द ही काउंसिलिंग शेड्यूल जारी किया जाएगा।
एनटीए की वेबसाइट पर रिजल्ट उपलब्ध
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा - यूजी 2024 का सिटी वाइज एवं सेंटर वाइज रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनटीए को पुनः रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया गया था। नतीजे ऑनलाइन माध्यम से एनटीए की ऑफिशियल वेबसाइट exams.nta.ac.in/NEET पर जारी किये गए हैं।नतीजे जारी होने के बाद अब अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर लॉग इन क्रेडेंशियल दर्ज करके अपना परिणाम चेक कर सकते हैं। इसके साथ ही आप इस पेज पर भी डायरेक्ट लिंक उपलब्ध करवाया गया है जिस पर क्लिक करके आप आसानी से नतीजे चेक कर सकते हैं।
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