एक फरवरी को आम बजट पास होने जा रहा है। हर बार की तरह इस बार भी सरकारी कर्मचारियों को बजट से काफी उम्मीदें है। अगर सरकार बजट में कर्मचारियों के तीन मांगों को मान लेती है तो उनकी सैलरी में जोरदार बढ़ोतरी होगी। ये मांगें डीए में बढ़ोतरी और डीए का भुगतान के अलावा फिटमेंट फैक्टर में इजाफा शामिल है। कर्मचारियों को उम्मदी है कि सरकार इन तीन चीजों को बजट में शामिल करेगी।
18 महीने के बकाया डीए का भुगतान
अगर कर्मचारियों की बात करें तो उनकी पहली मांग 18 महीने के बचे डीए की भुगतान की है। जिसकी मांग कर्मचारी लंबे समय से कर रहे है। कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने 18 महीने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 18 महीने के लिए होल्ड कर दिया था।
डीए में इजाफें की उम्मीद
सरकार साल में दो बार केंद्रीय कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में इजाफा करती है। अनुमान है कि सरकार कर्मचारियों के डीए मेंं 3 से 5 फीसदी का इजाफा कर सकती है।
Noida: केंद्र सरकार का अंतरिम बजट एक फरवरी को पेश हो रहा है। ऐसे में आम लोगों को इस बजट से काफी उम्मीद है। वहीं, किसान भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसी कड़ी में नोएडा पहुंचे किसान नेता व चौधरी चरण सिंह विचार मंच के राष्ट्रीय सचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता केपी सिंह ने बड़ा बयान दिया है।
केपी सिंह ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आशा है कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह अन्तरिम बजट गांव किसान की समृद्धि के लिए समर्पित बजट होगा। क्योंकि किसान और गांव की समृद्धि से ही शहर और राष्ट्र का विकास होगा।
New Delhi: केंद्र सरकार की ओर से आज अंतरिम बजट पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण में लोकसभा चुनाव से पहले बजट को संतुलित पेश किया। वित्त मंत्री ने सदन में बजटीय भाषण में कहा कि 2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आया। यह 2005-2014 के दौरान आए FDI से दोगुना था। हम विदेशी पार्टनर्स से बाइलेटरल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी कर रहे हैं।
25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला
वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
जुलाई में पेश होगा पूर्ण बजट
11.8 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 4 करोड़ से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा मिला है। जुलाई 2024 में पूर्ण बजट में हमारी सरकार विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करेगी। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं। पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं।
3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का निर्णय
मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। देश में टूरिज्म सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा और विदेशी निवेश को भी बढ़ावा दिया जाएगा। लखपति दीदी योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना से महिलाओं के जीवन में बदलाव और आत्मनिर्भरता आई है।
फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा
वित्त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा।आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा। फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा, डेयरी विकास के क्षेत्र में अच्छा काम होगा, दुग्ध किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा।फसलों पर NANO DAP का इस्तेमाल होगा, डेयरी विकास के क्षेत्र में अच्छा काम होगा, दुग्ध किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा।
2 करोड़ घर ग्रामीणों क्षेत्रों में बनाए जाएंगे
वित्त मंत्री ने कहा कि जब पीएम मोदी ने 2014 में काम शुरू किया, तब देश भारी चुनौतियों का सामना कर रहा था। हमने जनता के हित में काम शुरू किया, जनता को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर दिए हैं। देश में नई उम्मीद जागी है। हमने व्यापक विकास की बात की, हम 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास'। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत अगले 5 साल में ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ घर और बनाए जाएंगे।
महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक लोन दिए
नपीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 78 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की गई है, उनमें से कुल 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ है। पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं। पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं। मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 30 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों की आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और कल्याण… हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारी सरकार में 1.4 करोड़ युवाओं को स्किल इंडिया मिशन का लाभ मिला है। 7 IITs, 16 IIITs, 15 AIIMS और 7 IIMs खोले गए हैं। 11.8 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है। 4 करोड़ से अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा मिला है।
25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकाला
हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। हमारी सरकार ने हर घर जल, बिजली, गैस, वित्तीय सेवाएं, जन-जन को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने का काम किया है। खाद्यान्न की चिंताओं को दूर कर 80 करोड़ से अधिक लोगों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय बढ़ी है । हम लोगों को सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को खत्म किया है। हमारी सरकार ने हर घर जल, बिजली, गैस, वित्तीय सेवाएं, जन-जन को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने का काम किया है।
Bihar: 27 जनवरी के बाद बिहार की सियासत में आए भूचाल के बाद जेडीयू और भाजपा के गठबंधन की सरकार तो बिहार में बहाल हो गई मगर एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ| अपने महागठबंधन के साथी राजद (आर.जे.डी) को छोड़कर नीतीश कुमार फिर एक बार अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ बिहार लोकसभा चुनाव से एक साल पहले ही एनडीए की सरकार बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर काबिज हो गए|
राज्यपाल के सामने ली शपथ
28 जनवरी को बिहार के राज्यपाल-श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिती में नीतीश कुमार ने अपने गठबंधन के साथियों के साथ 9वीं बार संविधान की शपथ लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला| उनके साथ-साथ भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उप-मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेते हुए 28 जनवरी को बिहार में फिर एक बार नई सरकार का गठन किया|
एक सप्ताह बाद मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार
सामान्य प्रशासन, निगरानी, निर्वाचन और गृह विभाग समेत कुल छह विभागों को नीतीश कुमार ने अपने अधिकार क्षेत्र में रखा| डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को वित्त, वाणिज्य-कर, पंचायती राज, स्वास्थ समेत कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी दी गई तो वहीं डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को शिक्षा, जल संसाधन, भवन निर्माण, खान एवं भूतत्व के साथ अन्य विभाग मिला है|
बजट सत्र में बहुमत साबित करने की चुनौती
विधानसभा के पटल पर बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार पर बहुमत साबीत करने की चुनौती खड़ी हो गई है. जो पहले फरवरी को 'वोट ऑफ कॉफिडेन्स' पड़ने वाला था उसकी तारीक बढ़ाकर 12 फरवरी कर दी गई है. 12 तारीक को ही विधानसभा के नए सभापति का भी चुनाव होना है, जिस पद पर अभी आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी हैं, माना जा रहा है कि एनडीए इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है.
मंत्रिमंडल में कौन-कौन
विजय कुमार चौधरी को संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है, विजेन्द्र प्रसाद यादव को ऊर्जा मंत्रालय और ग्रामिण कार्य मंत्री बनाया गया है, डॉ. प्रेम कुमार को सहकारिता एवं आपदा प्रबंधन मत्री नियुक्त किया गया है, श्रवन कुमार को ग्रामिण विकास और समाज कलयाण के महकमे की जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं पर संतोष कुमार सुमन और सुमित कुमार सिंह के बीच सूचना प्रौवैधिकी और विज्ञान मंत्रालय का बंटवारा किया गया है.
Greater Noida लगभग चार दिनों से चले आ रहे किसानों के प्रदर्शन का आज पांचवा दिन है. लगातार दिन-रात के धरने पर ड़टे किसान केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे. 1 फरवरी को राष्ट्रपति के भाषण के बाद बजट सत्र का आरंभ हुआ. लेकीन वित्त मंत्री के पेश किए अंतरिम बजट में किसानों को कोई राहत मिलते न दिखाई देने पर लोगों किसान संगठनों ने धरने को और तीव्र करने की घोषणा कर दी.
किसान सभा ने आयोजीत किया धरना
सतीश यादव की अध्यक्षता में सैकड़ों महिला-पुरुष किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बजट की प्रतियां जलाई. धरने के दौरान लोगों से मुखातिम होते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि 1 फरवरी को संसद के पटल पर रखी गई अंतरिम बजट को किसान विरोधी बताते हुए सरकार को पूंजीपतियों की सरकार बताते हुए अपनी नाराजगी जाहीर की.
सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से किसानों का जीना हुआ मुशकिल
जिला अध्यक्ष डॉ. सतीश वर्मा ने प्रेस रिलीज में यह भी कहा कि सरकार पूंजीवादियों के लाखों-लाख करोड़ रुपए के कर्ज को मॉफ कर देती है, मगर वहीं पर कर्ज के बोझ तले दबा गरीब किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, जिसपर सरकार की कोई नजर नहीं पड़ती. खाद, बिजली-डिजल और अन्य उप्करण की व्यस्था करना किसानों के लिए मुशकिल होता जा रहा है, मगर मंहेगाई की मार खत्म ही नहीं हो रही.
सरकार शुरु से ही अध्यादेश लाकर कानून बदलने की कोशिश कर रही है.
किसानों ने अपनी व्यथा का जीक्र करते हुए यह भी कहा कि जबसे मोदी सरकार केंद्र में आई है तबसे चार बार भूमि अधिग्रहण कानून को अध्यादेश लाकर बदलने की कोशिश कर चुकी है. किसान सभा संयोजक मामले पर रोशनी डालते हुए बताते हैं कि 10% आबादी प्लाट और नये कानूनों को लागू करने की मांग को लेकर किसान सभा 7 तारीक को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापंचायत का आयोजन करेंगे और उसके बाद 8 तारीख से संसद की ओर मार्च करेंगे.
बड़े स्तर पर आंदोलन करके सरकार को नाराजगी व्यक्त करने का इरादा
किसान महापंचायत ने 21 मुद्दों को रेखांकित करते हुए बताया है कि 19 मुद्दों का सामाधान प्राधिकरण स्तर पर होगा. प्राधिकरण ने कई मसलों पर कार्रवाई शुरु भी कर दी है, 10% प्लाट एवं नए कानून को लागू करने का मुद्दा बोर्ड बैठक में पास होने के बाद शासन की मंजूरी के लिए आगे जाएगा. किसानों ने सरकार को आम चुनाव से पहले ही इस मुद्दे पर ठोस फैसला लेने के लिए अपनी इच्छा जाहीर की है वरना किसान संगठन सरकार के रवैये को देखते हुए प्राधिकरण को बंद करने का फैसला भी कर सकतें है.
Noida: केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट और विकसित भारत संकल्प को लेकर सांसद महेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सांसद महेश शर्मा का कहना है कि इस बार के अंतरिम बजट में युवाओं, महिलाओं, गरीबों और अन्य वांछित समाज के लोगों का विशेष ध्यान रखा गया है, जिसके कारण इस बार का बजट बहुत अहम हो जाता है.
विपक्ष की बातों पर जमकर बरसे सांसद
सांसद महेश शर्मा ने कहा कि पहले की सरकार केवल कागजों पर काम करते थी। आज प्रत्यक्ष तौर पर जमीनी स्तर पर देश के लगभग हर कोने में काम हो रहा है, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नेत्तृव में आज देश नई उंचाइयों को छू रहा है. नई दिशा नई नीति के पथ पर अग्रसर होने के साथ नए आयामों को हासिल करते हुए कई विकासशील देशों के लिए प्रेर्णा का स्त्रोत बन रहा है. आज से दस साल पहले, गरीबी हटाओ का नारा सुनकर कान पक चुके थे, लेकिन आज गरीबों के लिए बनाई गई कलयाण कारी नीतियां अब जमीनी स्तर पर जरूरतमंदों तक पहुंच रहीं हैं. साथ ही साथ सांसद महेश शर्मा ने पिछली सरकार की खांमियां गिनाते हुए विपक्ष पर करारा प्रहार किया.
ग्रेनो वेस्ट जल्द पहुंचेगी मेट्रो
सांसद महेश शर्मा ने कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक जल्द मेट्रो पहुंचेगी। इसके लिए हर प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं। आपको बता दें पहले मेट्रो के रूट को सरकार ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद एक बार फिर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने मेट्रो को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया था। अब सांसद के इस बयान के बाद लोगों में फिर से मेट्रो के काम में तेजी लाने की उम्मीद जगी है।
गरीबों को मिला घर, सिलेंडर और टॉयलेटः सांसद
सांसद महेश शर्मा ने कहा कि आज देश भर के करोड़ों लोगों को पक्का छत मिल चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार की सोच है कि हर गरीब को पक्का छत, सिलेंडर और टॉयलेट मिले। जो आज साकार होता भी दिखाई दे रहा है। सांसद ने कहा कि देश भर के कई इलाकों में आजादी के इतने सालों बाद भी लोग अंधेरे में रहने को मजबूर थे। आज देश भर के ऐसे इलाकों को चिन्हित कर वहां पर बिजली की सप्लाई दी गई।
देश भर में एक सामान्य सुविधा सरकार का लक्ष्यः सांसद
सांसद महेश शर्मा ने कहा कि पिछले 10 सालों में ऐसे अविश्सनीय कार्य हुए हैं, जिसका लोहा आज दुनिया मान रही है। जिसमें चांद के साउथ पोल में पहुंचना शामिल है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना, राम मंदिर बनाना जैसे उपलब्धियां भी शामिल हैं।
''विकास का नया कीर्तिमान"
सांसद महेश शर्मा ने कहा कि आज देश में 39 रूट पर वन्देभारत ट्रेन चल रही है। पिछले 10 सालों में 174 नए हवाई अड्डों का निर्माण किया गया। जिससे देश भर में पर्यटन की प्रगति की दर 11% रही। जबकि विश्व में 4% रही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जितना इन्वेस्टमेंट हुआ, उसका 26% अकेले गौतमबुद्ध नगर में हुआ है। देश में मेडिकल कॉलेज 2014 से पहले 300 के करीब थे और अब 750 हैं। चिकत्सा सुविधा में वृद्धि हुई है, बाबा साहेब डॉ भीवराव अंबेडकर को सम्मान सिर्फ मोदी जी ने दिया है।
प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नए-नए प्रयास कर रही है। इसके तहत प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों को चिन्हित कर वहां पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया। 7 लाख 36 करोड़ के बजट में उद्योगों पर खास फोकस किया गया है।
Lucknow: बुंदेलखण्ड क्षेत्र में नए औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया जा रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तर्ज पर बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है। बीडा प्राधिकरण क्षेत्र को नोएडा के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जिससे बुंदेलखंड के निवासियों को रोजगार के लिए दूसरे शहर की तरफ नहीं जाना पड़ेगा।
मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने की नीति लागू
सरकार का जोर अब प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग पर है। ताकि प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर युवाओं को मिल सके। इसके तहत सेमी कंडक्टर, डाटा सेंटर, स्टार्टअप और आईटी सेक्टर्स से संबंधित विशेष योजना के साथ इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए नीति भी लागू की गई है।
डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम
प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर में बड़े पैमाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। डिफेंस कॉरिडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स आवंटन भी पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल-500 के निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन नीति-2023 लागू की है। किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का ये अपनी तरह का पहला प्रयास है। नीति के क्रियान्यवन के लिए 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
टैबलेट, स्मार्ट फोन वितरण की व्यवस्था
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत टैबलेट और स्मार्ट फोन वितरण के लिए 4 हजार करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है। पिछले साल 25 लाख से अधिक टैबलेट/ स्मार्टफोन बांटे गये हैं।
इन योजना पर भी चल रहा काम
● गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए दो हजार 57 करोड़ 76 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जो वर्तमान साल की तुलना में दो गुने से अधिक है।
● आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने हेतु नये लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● अटल इंडस्ट्रियल इंस्ट्रक्चर मिशन हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है।
● अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश एक अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है। अपराध पर लगाम लगी है, अपराधियों का प्रदेश से सफाया हो चुका है।
यूपी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बजट में किसको कितना फायदा मिलने वाला है, किसानों और ग्रामीणों के लिए इस बजट में क्या है। क्या वाकई फाइलों का सबसे बजट साबित होगा या फिर वाकई में इस बजट में किसानों, ग्रामीणों और महिलाओं को भी ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में.
Lucknow: यूपी सरकार ने प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बार बजट में ऐसा क्या है जो अन्य बजट से अलग बनाता है। इस बार के बजट में महिलाओं, ग्रामीणों और किसानों के लिए बजट में बड़े एमाउंट को प्रस्तावित किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए वित्तीय साल 2024-25 में 7350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित की गई है।
ग्रामीणों क्षेत्रों में हेल्थ सेक्टर पर फोकस
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना की तैयारी है। इस कार्य के लिए 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए साल 2024-25 में 300 करोड़ रूपये सरकार खर्च करने जा रही है। वहीं राज्य कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की व्यवस्था भी इस बजट में है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सालयों में भी उपचार की व्यवस्था की गई है। निजी चिकित्सालय में इलाज करवाने पर राज्य सरकार पूरा खर्च वहन करेगी।
चिकित्सा शिक्षा पर सरकार का जोर
इस बार के बजट में चिकित्सा सुविधा के साथ डॉक्टर्स की पढ़ाई के लिए कॉलेज की भी व्यवस्था है। प्रदेश में अभी 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार और 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा है। 14 जिलों में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। जबकि 16 जिलो में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज की बनाए जाने की योजना है। वहीं राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग कॉलेज की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 कर दी गई है। इसके अलावा वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा के लिए 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
Delhi: पिछले काफी समय से देश में राहुल गांधी OBC फैक्टर को लेकर सवाल उठाते रहते है लेकिन अबकी बार PM मोदी ने राहुल को ऐसा जवाब दिया है जिसकी उम्मीद शायद उन्होंने कभी नहीं की होगी. दरअसल PM मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान राज्यसभा में PM मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरु का जिक्र करते हुए उनकी लिखी एक चिट्ठी को पढ़ा. राज्यसभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये उस समय देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं. 'मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे और दोयम दर्जे की तरफ ले जाए. ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी है.'
'जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं'
PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं. उनके इस बयान के बाद राज्यसभा में शोरगुल भी दिखा. PM ने इसके आगे अपनी बात को रखते हुए कहा कि नेहरू कहते थे कि अगर एससी-एसटी-ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा. आज ये लोग . गिना रहे हैं कि कौन सी जाति के कितने अफसर हैं. जो आंकड़ें गिनाते हैं ना, उसका मूल यहां हैं. उस समय इन लोगों ने इसे रोक दिया था. अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो आज यहां पर पहुंचते.
कब लिखी थी पंडित नेहरु ने ये चिट्ठी ?
27 जून 1961 को नेहरू द्वारा देश के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी गई थी. जिसका जिक्र PM मोदी ने राज्यसभा में किया. इस चिट्ठी में नेहरू ने पिछड़े समूहों को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण की पैरवी ना कर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर सशक्त करने पर जोर दिया था.
बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया
इसके बाद PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के मुंह से सामाजिक न्याय की बात अच्छी नहीं लगती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी को कभी भी पूर्ण आरक्षण नहीं दिया इसलिए उन्हें सामाजिक न्याय पर ज्ञान नहीं देना चाहिए. जनरल कैटेगरी के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया. इन्होंने कभी बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा. अब ये लोग सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं. जिनकी नेता के तौर पर कोई गारंटी नहीं है, वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं.
राहुल लगातार उठाते है आरक्षण की बात
आए दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में जातिगत जनगणना की मांग करते रहते है. राहुल ने कुछ समय पहले ही कहा था कि लोगों को पता चलना चाहिए है कि किसकी कितनी आबादी है. इसके आगे कहा कि 90 अफसरों में से सिर्फ 3 ओबीसी समाज से आते हैं. वहीं भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब रांची पहुंची तो एक रैली करते हुए वादा किया था कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना होगी. साथ ही हम आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटा देंगे. उन्होंने इस दौरान PM मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब जाति आधारित जनगणना की मांग उठी और ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है तो वो कहते हैं कि वो ओबीसी हैं.
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक संपन्न हुई। बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट पर मुहर लगा दी है। प्राधिकरण बोर्ड ने इस वित्तीय वर्ष के लिए 4859 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है। इस वर्ष जमीन अधिग्रहण पर 1200 करोड़ रुपए और विकास एवं निर्माण कार्यों पर 1272 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में 5860 करोड़ रुपए की प्राप्ति का भी लक्ष्य रखा है।
आंतरिक और बाह्य विकास कार्यों के लिए 120 करोड़
2024-25 में आवंटनों की किश्तों से और नई प्रस्तावित योजनाओं एवं डिफाल्ट धनराशि की वसूली से 5860 करोड़ के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। वहीं भू-अधिग्रहण, अतिरिक्त प्रतिकर के भुगतान, जेवर हवाई अड्डा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का अंशदान, मेट्रो रेल एवं आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास आदि के लिए 1500 करोड़ रुपए का भुगतान का प्रस्तावित है और भू-अधिग्रहण, विकास एवं निर्माण कार्यों में 2472 करोड़ के व्यय का प्रस्ताव है। आन्तरिक और बाह्य विकास कार्यों के लिए 120 करोड़, निर्माण कार्य में पूर्व में बनाये जा रहे आवासीय भवनों की अवशेष धनराशि, वेन्डर मार्केट का निर्माण और दुकानें व क्योस्क के लिए 58.60 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है।
विशेष परियोजनाओं के लिए 930.67 करोड़ होंगे खर्च
विशेष परियोजनाओं के लिए 930.67 करोड़, उद्यानीकरण के लिए 43 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसमें मुख्यतः फुटओवर ब्रिज, अंडरपास, एसटीपी, विद्युत सबस्टेशन, नये कॉलेज के निर्माण, ग्रेनो वेस्ट में अस्पताल और हेल्थ सेन्टर, अल्फा मार्केट का पुनर्विकास, कासना सुरजपुर का पुनर्विकास कार्य, बस शेल्टर, गंगाजल का अवशेष कार्य आदि शामिल हैं। वहीं ग्राम विकास के मद में 520 करोड़ रुपए, अर्बन और स्वास्थ्य सेवाओं पर 957 करोड़ रुपए का भुगतान भी प्रस्तावित है। इस साल 1500 करोड़ रुपए के लोन का भुगतान करने का भी लक्ष्य है।
बैठक में शामिल हुए सदस्य
बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर लोकेश एम., यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम व सौम्य श्रीवास्तव सहित कई वरिष्ठ अधिकारीगण और बोर्ड के सदस्य शामिल हुए।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022ठंड से ठिठुरा उत्तर भारत, पहाड़ों पर बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, UP में रेड अलर्ट
January 04, 2023