Noida: नए साल को लेकर नोएडा शहर में भीड़ का माहौल है। लोग अपने घरों से घूमने, शॉपिंग करने के लिए बाहर निकले हैं। रविवार को भी भारी संख्या में लोग नोएडा के सेक्टर-18 में इकट्ठा हुए। इस दौरान एक गाड़ी उठाते समय कार चालकर ने क्रेन में तोड़फोड़ कर दी। बीच सड़क पर जमकर हंगामा हुआ।
मामला सेक्टर-20 थाना क्षेत्र के सेक्टर-18 का है। यहां नए साल के उपलक्ष्य में भारी भीड़ है। रविवार की छुट्टी होने के चलते लोग घरों से खरीदारी करने के लिए निकले हुए हैं। सड़क पर ही लोग गाड़ी पार्क कर सामान खरीदने निकल जा रहे हैं। ऐसे में क्रेन द्वारा उन्हें हटाया जा रहा था, इसी दौरान एक कार चालक की क्रेन वालों के साथ बहस हो गई।
बीच सड़क पर जमकर हुआ हंगामा:
बात इतनी आगे बढ़ी की मामला मारपीट तक पहुंच गया। बीच सड़क पर जमकर हंगामा हुआ। क्रेन वालों और कार चालक के बीच जमकर मारपीट हुई। कार चालक ने क्रेन में भारी तोड़फोड़ की। गाड़ी के शीशे तोड़ दिए हैं। मौके पर पुलिस ने पहुंच कर मामला शांत करवाया और सड़क पर जुटी भीड़ को तितर-बितर कर दिया। हालांकि, किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं हैं। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
Noida: नोएडा सेक्टर-142 थाना क्षेत्र के में एक युवक का नग्न अवस्था में शव मिला है। शव मिलने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पत्थर से कूंच कर की गई हत्या:
बता दें युवक की पहचान धनेश के रूप में हुई है। जो सेक्टर-142 के सैदरा का रहने वाला था। जिसकी अज्ञात बदमाशों ने पत्थर से कूंच कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस को शक है कि युवक की हत्या कर शव को बैग में पैक कर फेंका गया है।
जांच में जुटी पुलिस:
सेक्टर-142 थाने के प्रभारी ने बताया कि मृतक के भाई ने रविवार को सूचना दी थी कि उसका बड़ा भाई धनेश कल रात से लापता है। उन्होंने ने बताया कि आज मृतक का शव मिला है और पीड़ित के द्वारा शंका जाहिर की गई है कि अज्ञात बदमाशों ने उसके भाई की हत्या की है।
थाना प्रभारी ने बताया कि जैसे पुलिस को सूचना मिली पुलिस के द्वारा तत्काल सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम गठित कर सर्विलांस के माध्यम से शीघ्र ही घटना का अनावरण कर विधित निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंसा के बाद पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और वो शरण लेने के लिए भारत रवाना हुई हैं। सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने शेख हसीना को 45 मिनट के अंदर इस्तीफा देने के लिए अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद शेख हसीना के साथ उनकी बहन ने भी ढाका छोड़ दिया है। प्रदर्शनकारी शेख हसीना के घर में घुस गए हैं और तोड़फोड़ कर रहे हैं और तो और देश के कई इलाकों में जीत का जश्न मनाया जा रहा है।
देश छोड़ निकली शेख हसीना
बांग्लादेश की हिंसा में अब तक 300 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई हैं। इस हिंसा के बाद शेख हसीना अपनी बहन के साथ ढाका छोड़ चुकी हैं। बांग्लादेश आर्मी चीफ ने हसीना से कहा था कि उनको सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा देकर सत्ता से हट जाना चाहिए। इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के बेटे ने सुरक्षा बलों से किसी भी अनिर्वाचित सरकार को सत्ता में आने से रोकने का आग्रह किया है। सेना प्रमुख देश को संबोधित करने वाले हैं।
राजधानी ढाका पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा
बीते रविवार को पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर खूब हिंसा हुई। जिसमें कुछ घंटों के भीतर ही 300 लोगों मारे गए और अरबों की संपत्ति को आगजनी का शिकार हो गई। बांग्लादेश के बड़े शहरों में लाखों की तादाद में लोग शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए सड़कों पर हैं। राजधानी ढाका पर प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह कब्जा कर रखा है और लाखों लोग प्रमुख चौकियों पर जमे हुए हैं।
क्यों हुई ये हिंसा?
बीते महीने बांग्लादेश में विवादास्पद कोटा प्रणाली पर ढाका विश्वविद्यालय में छात्र कार्यकर्ताओं की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हुई थी। इन विरोध प्रदर्शनों में भीड़ बढ़ने लगी और हिंसा शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने कोटा घटाने का फैसला दिया, तो चीजें ठीक होती दिखीं। लेकिन रविवार को हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए और चीजें शेख हसीना के हाथ से बाहर हो गईं।
नोएडा से एक ऐसी दिल दहलाने वाली खबर आई है. जिसे सुनकर जहां लोग हैरान हैं. वहीं ये सोचने को भी मजबूर हो गए हैं कि इस दौड़ती भागती जिंदगी में लोगों को अपनों की खबर लेने तक की फुरसत नहीं हैं. दरअसल नोएडा के सेक्टर-24 के एच ब्लॉक में एक घर में शुक्रवार को 82 साल के बुजुर्ग का सड़ा-गला शव बरामद हुआ है. शव करीब चार दिन पुराना बताया जा रहा है. बुजुर्ग की पहचान हरिलाल के रूप में हुई है. घर से बदबू आने पर बुजुर्ग की बेटी और दामाद को अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. चार दिन तक एक ही घर में रहने वाले बुजुर्ग की बेटी और दामाद को मौत की जानकारी नहीं हुई.
चार दिन तक चारपाई पर पड़ा रहा शव
दरअसल सेक्टर-24 के थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली कि एच ब्लॉक के एक तीन मंजिला मकान के अंदर से काफी बदबू आ रही थी. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर देखा तो बीच वाली मंजिल का दरवाजा अंदर से बंद था और बदबू आने का सिलसिला जारी था. दरवाजा तोड़कर देखा गया तो पुलिस को 82 साल के बुजुर्ग का शव चारपाई पर पड़ा मिला. कमरे के अंदर का सामान बिखरा पड़ा था. कई दिन तक शव चारपाई पड़े रहने के कारण बॉडी सड़ गई थी और कीड़े पड़ गए थे. चारपाई पर लेटे होने के कारण बुजुर्ग की पीठ भी पूरी तरह से छिल गई थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का असली कारण पता चल पाएगा. बताया जा रहा है कि हरिलाल बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे.
बेटी और दामाद से बोलचाल थी बंद
पुलिस की मानें तो तीन मंजिला मकान में ग्राउंड और सेकेंड फ्लोर पर हरिलाल के बेटी और दामाद रहते है. दोनों की बुजुर्ग से बोलचाल बंद थी. बेटा बी ब्लॉक में रहता है औ उसने धर्म परिवर्तन किया हुआ है. हरिलाल अपना खाना खुद ही बनाते थे.
योगी सरकार के कांवड रुट पर नेम प्लेट लगाने के फरमान को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखने के निर्देशपालन पर रोक लगा दी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनाई 26 जुलाई को होगी।
नेम प्लेट मसले पर कोर्ट में क्या हुआ?
कांवड़ यात्रा के रास्तें में पड़ने वाली दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के फरमान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दी गईं थीं, जिसे संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, अभी ये फैसला 2 राज्यों में हुआ है। अन्य 2 राज्य और इसे करने वाले हैं। अल्पसंख्यक और दलितों को अलग-थलग किया जा रहा है।
इसके साथ ही दूसरी याचिकाकर्ता के तौर पर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये स्वैच्छिक नहीं, अनिवार्य है। वकील सी यू सिंह ने कहा, पुलिस को ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। हरिद्वार पुलिस का आदेश देखिए, कठोर कार्रवाई की बात कही गई है। ये हजारों किलोमीटर का रास्ता है। लोगों की आजीविका प्रभावित की जा रही है। जिसके जवाब में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दुकानदार और स्टाफ का नाम लिखना जरूरी किया गया है। यह exclusion by identity है। नाम न लिखो तो व्यापार बंद, लिख दो तो बिक्री खत्म। जिस पर जस्टिस भट्टी ने कहा, बात को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं रखना चाहिए। आदेश से पहले यात्रियों की सुरक्षा को भी देखा गया होगा।
छुआछूत को दिया जा रहा है बढ़ावा
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध सब इन यात्रियों के काम आते रहे हैं। आप शुद्ध शाकाहारी लिखने पर जोर दे सकते हैं। दुकानदार के नाम पर नहीं। आर्थिक बहिष्कार की कोशिश है। छुआछूत को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
जस्टिस एसवी भट्टी ने इस मसले के बीच में कहा कि 'क्या मांसाहार करने वाले कुछ लोग भी हलाल मांस पर जोर नहीं देते'? सीयू सिंह ने कहा, 'देखिए उज्जैन में भी प्रशासन ने दुकानदारों के लिए ऐसा निर्देश जारी कर दिया गया है'। जस्टिस राय ने कहा, 'क्या कांवड़िया इस बात की भी अपेक्षा कर सकते हैं कि खाना किसी विशेष समुदाय के दुकानदार का हो, अनाज किसी विशेष समुदाय का ही उपजाया हुआ हो'? जिसपर वकील सिंघवी ने कहा, 'यही हमारी दलील है'।
जज ने केरल रेस्टोरेंट का दिया उदाहरण
जस्टिस एसवी भट्टी ने कहा, 'केरल के एक शहर में 2 प्रसिद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट हैं। एक हिंदू का और एक मुस्लिम का। मैं व्यक्तिगत रूप से मुस्लिम के रेस्टोरेंट में जाना पसंद करता था, क्योंकि वहां सफाई अधिक नजर आती थी'। इस पर सिंघवी ने कहा, 'खाद्य सुरक्षा कानून भी सिर्फ शाकाहारी-मांसाहारी और कैलोरी लिखने की बात कहता है। निर्माता कंपनी के मालिक का नाम लिखने की नहीं'। सिंघवी ने कहा, 6 अगस्त को कांवड़ यात्रा खत्म हो जाएगी। इसलिए इन आदेशों का एक भी दिन जारी रहना गलत है।
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