Greater noida: थाना बादलपुर क्षेत्र में दिनदहाड़े एक महिला की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।सूचना पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच में जुट गई।
बाइक पर आए बदमाशों ने चलाई गोली
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक थाना बादलपुर क्षेत्र के अंतर्गत बृज बिहारी कॉलोनी छपरौला में 30 वर्षीय महिला अपने पति विनोद से विवाद के बाद मौसम नामक युवक के साथ रह रही थी। सोमवार को दो भाई सवार बदमाश महिला के घर पहुंचे और गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं वारदात को अंजाम देकर बदमाश फरार हो गए।
पुलिस सीसीटीवी फुटेज से कर रही बदमाशों की तलाश
परिजनों ने घायल अवस्था में महिला को अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी मौत हो गई सूचना पर पहुंची बादलपुर पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया इसके साथ ही फॉरेंसिक टीम बुलाकर सबूत एकत्रित किए पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इसके साथ ही हमलावर की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन कर दिया गया है पुलिस बदमाशों की पहचान के लिए आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है।
New Dellhi: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में बड़ी राहत मिली है। तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी बुधववारर को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होकर जमानत लेने पहुंचे । लालू का परिवार विशेष सीबीआई जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट में पेश हुए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर तीनों को जमानत दे दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
गौरतलब है कि सीबीआई द्वारा 3 जुलाई को दाखिल की गई दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर 23 सितंबर को संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समन जारी कर 4 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। कोर्ट ने तेजस्वी के अलावा लालू यादव और राबड़ी देवी सहितसभी 17 आरोपियों को भी समन जारी किया था।
उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर को सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार से मामले में आरोपपी रेलवे के तीन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। इससे पहले 12 सितंबर को जांच एजेंसी ने कोर्ट को पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की केंद्र सरकार से अनुमति मिलने की जानकारी दी थी। सीबीआइ ने तीन जुलाई को दायर दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ सहित 17 लोगों को आरोपित बनाया है।
Pryagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर में कॉरीडोर निर्माण की योजना को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने मथुरा वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन को सुलभ बनाने के लिए सरकार को प्रस्तावित योजना अमल में लाने की अनुमति दे दी है। हालांकि इस कार्य के लिए मंदिर के खाते में जमा 262 करोड़ रुपए की धनराशि का उपयोग करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार इस कार्य के लिए अपने पास से पैसा खर्च करने का निर्देश दिया है।
अनंत शर्मा की जनहित याचिका पर दिया आदेश
इसके साथ ही कोर्ट ने कॉरिडोर निर्माण के लिए राज्य सरकार को हर वह कदम उठाने की छूट दी है। साथ ही अतिक्रमण हटाने के लिए भी पूरी छूट दी है । मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश अनंत शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। अनंत शर्मा ने कोर्ट के समक्ष बांके बिहारी मंदिर में भारी संख्या में आने वाले दर्शनार्थियों से हो रही असुविधा का मुद्दा उठाया था। बताया गया कि छुट्टियां और विशेष पर्वों पर बांके बिहारी में डेढ़ से ढाई लाख श्रद्धालु आते हैं. जबकि मंदिर में जाने वाले रास्ते बेहद सकरे हैं। साथ ही यात्रा मार्ग में बहुत प्रसाद आदि की दुकानें हैं, जिससे बड़ी समस्या पैदा होती है । भीड़ में दबकर लोगों के घायल होने व मौत के होने की घटनाएं भी वहां होती है।
भीड़ का प्रबंधन सरकार की जिम्मेदारी
वहीं, राज्य सरकार की ओर से विस्तृत प्रस्ताव देकर योजनाएं प्रस्तुत की गई। जिससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। लेकिन सरकार का प्रस्ताव था कि इस कार्य में आने वाला खर्च मंदिर के खाते में जमा धनराशि से किया जाएगा। मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज ने सरकार के इस प्रस्ताव पर घोर आपत्ति की । गोस्वामी समाज का कहना था कि मंदिर के फंड में हस्तक्षेप कर सरकार मंदिर का प्रबंध अपने हाथ में लेना चाहती है। यदि सरकार अपने पास से पैसा खर्च करके प्रबंध करना चाहती है तो गोस्वामी समाज को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। कोर्ट का कहना था कि मंदिर भले ही प्राइवेट प्रॉपर्टी है मगर यदि वहा इतनी बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते है तो भीड़ का प्रबंधन करना और जन सुविधाओं को ध्यान रख कर व्यवस्था करना सरकार का दायित्व है।
Mathura: वृंदावन के श्री ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन को आईं दो महिला श्रद्धालुओं की रविवार को मंदिर के रास्ते में मौत हो गई। एक महिला जबलपुर (मप्र) और दूसरी सीतापुर (उप्र) की रहने वाली थी। दोनों महिलाएं भीड़ के दबाव में अपने परिजनों से बिछड़ गई थीं। तबियत बिगड़ने से मौत होने की पुष्टि पुलिस द्वारा की गई है। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव लेकर चले गए।
भीड़ के आगे पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था ध्वस्त
रविवार को चार लाख से अधिक श्रद्धालु बांके बिहारी के दर्शन को पहुंचे। पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय पुलिस द्वारा की गई पुष्टि के अनुसार बीना गुप्ता (70) पत्नी ओम प्रकाश गुप्ता निवासी गंज बाजार, महोली, सीतापुर, जो कि अपनी पड़ोसन शिवानी व अन्य परिजनों के साथ वृंदावन में श्रीबांके के दर्शन को आई थीं। रविवार सुबह 11.30 बजे करीब वह मंदिर में दर्शन को निकली थीं। तभी वह भीड़ के चलते अपने परिजनों बिछड़ गईं। पड़ोसन शिवानी उनके साथ थीं। हरि निकुंज चौराहा के पास चलते-चलते उनकी तबीयत बिगड़ी और अचेत हो गईं। सूचना पर पहुंची पुलिस उन्हें सौ शैय्या अस्पताल में लेकर पहुंची। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
Bihar: 27 जनवरी के बाद बिहार की सियासत में आए भूचाल के बाद जेडीयू और भाजपा के गठबंधन की सरकार तो बिहार में बहाल हो गई मगर एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ| अपने महागठबंधन के साथी राजद (आर.जे.डी) को छोड़कर नीतीश कुमार फिर एक बार अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ बिहार लोकसभा चुनाव से एक साल पहले ही एनडीए की सरकार बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर काबिज हो गए|
राज्यपाल के सामने ली शपथ
28 जनवरी को बिहार के राज्यपाल-श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिती में नीतीश कुमार ने अपने गठबंधन के साथियों के साथ 9वीं बार संविधान की शपथ लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला| उनके साथ-साथ भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उप-मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेते हुए 28 जनवरी को बिहार में फिर एक बार नई सरकार का गठन किया|
एक सप्ताह बाद मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार
सामान्य प्रशासन, निगरानी, निर्वाचन और गृह विभाग समेत कुल छह विभागों को नीतीश कुमार ने अपने अधिकार क्षेत्र में रखा| डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को वित्त, वाणिज्य-कर, पंचायती राज, स्वास्थ समेत कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी दी गई तो वहीं डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को शिक्षा, जल संसाधन, भवन निर्माण, खान एवं भूतत्व के साथ अन्य विभाग मिला है|
बजट सत्र में बहुमत साबित करने की चुनौती
विधानसभा के पटल पर बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार पर बहुमत साबीत करने की चुनौती खड़ी हो गई है. जो पहले फरवरी को 'वोट ऑफ कॉफिडेन्स' पड़ने वाला था उसकी तारीक बढ़ाकर 12 फरवरी कर दी गई है. 12 तारीक को ही विधानसभा के नए सभापति का भी चुनाव होना है, जिस पद पर अभी आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी हैं, माना जा रहा है कि एनडीए इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है.
मंत्रिमंडल में कौन-कौन
विजय कुमार चौधरी को संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है, विजेन्द्र प्रसाद यादव को ऊर्जा मंत्रालय और ग्रामिण कार्य मंत्री बनाया गया है, डॉ. प्रेम कुमार को सहकारिता एवं आपदा प्रबंधन मत्री नियुक्त किया गया है, श्रवन कुमार को ग्रामिण विकास और समाज कलयाण के महकमे की जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं पर संतोष कुमार सुमन और सुमित कुमार सिंह के बीच सूचना प्रौवैधिकी और विज्ञान मंत्रालय का बंटवारा किया गया है.
बिहार में राज्यसभा चुनाव बेहद करीब हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों का सक्रिय होना भी लाजमी है. सभी दलों ने कमर-तोड़ तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसे में सियासत गलियारे में तहलका मचा देने वाली भी खबर सामने आ रही हैं. जहां बहुरानी की एंट्री की बात की जा रही है. दरअसल 27 फरवरी को 6 राज्यसभा सीटों पर बिहार में वोटिंग होनी है. जहां लालू प्रसाद यादव की बहूरानी यानि की राजश्री चुनावी मैदान में उतरने वाली हैं. इस खबर के बाद से सियासी गलियारों में खलबली मच गयी है. बताया जा रहा है कि, राज्यसभा की दो सीटें खाली पड़ी हैं. जिसमें से एक सीट पर बहूरानी राजश्री यादव राज्यसभा जा सकती हैं.
पहले बदला नाम, अब बदलेगा काम
राजनीतिक दिग्गज तेजस्वी यादव ने साल 2021 में राजश्री के साथ 7 फेरे लिए थे. शादी से पहले राजश्री का नाम रेचल था. बहुत ही कम लोगों को उनके इस रियल नाम के बारे में पता होगा. राजश्री रेवाड़ी की रहने वाली हैं और इसाई परिवार से हैं. राजश्री का बचपन दिल्ली में गुजरा. ग्रेजुएट राजश्री शादी से पहले वो एक एयर होस्टेस थीं.
15 फरवरी है नामांकन की आखिरी तारीख
राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जा चुकी है क्योंकि सांसदों का कार्यकाल जल्द ही खत्म होने वाला है. वहीं चुनाव के लिए नामांकन का प्रोसेस शुरू हो चुका है. जिसका नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी तय की गयी है.
जानिए कब होनी है वोटिंग
आने वाली 27 फरवरी को राज्यसभा के लिए वोटिंग होनी है. जो सुबह 9 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक जारी रहेगी. जिसके बाद उसी दिन वोटों की गिनती भी शाम 5 बजे से शुरू हो जाएगी.
बिहार में जब से नीतीश की अगुवाई में NDA सरकार का गठन हुआ है तभी से सियासी हलचल मची हुई है, एक ओर जहां फ्लोर टेस्ट की तैयारी में नीतीश कुमार लगे हुए है तो वहीं तेजस्वी के बयान ने अभी तक सबकी टेंशन को बढ़ाया हुआ है. ऐसा दावा है कि फ्लोर टेस्ट से पहले बड़ा खेला हो सकता है. बता दें नई सरकार के गठन के बाद 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होने जा रहा है.
फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों बने 'बंदी'
फ्लोर टेस्ट से पहले जनता दल यूनाइटेड ने 11 फरवरी को विधानमंडल की बैठक बुलाई है। जिसमें विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश जारी किये गए हैं । इसी बीच आरजेडी ने अपने विधायकों को बैठक के लिए बुलाया और तेजस्वी यादव के आवास पर करीब 3 घंटे तक विधायकों की बैठक चली। जिसके बाद सभी विधायकों को तेजस्वी के पांच देश रत्न मार्ग पर रोक दिया गया और विधायकों का सामान भी आवास में भेजा गया। वहीं विधायकों के टूटने की आशंका के चलते फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार कांग्रेस के विधायक हैदराबाद पहुँच गए हैं । बता दें कि बीते दिनों दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के विधायकों की एक बैठक हुई थी जिसमें करीब 17 विधायक शामिल हुये थे।
नये स्पीकर का चुनाव भी 12 को होगा
आपको बता दें की नीतीश कुमार ने 28 जनवरी की शाम 8 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। विजय सिन्हा डिप्टी सीएम, सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम , विजय कुमार चौधरी, डॉक्टर प्रेम कुमार , ब्रिजेन्द्र प्रसाद यादव, सुमित कुमार सिंह, संतोष कुमार और श्रवण कुमार नीतीश की नई कैबिनेट का हिस्सा हैं। वही विधानसभा के नये स्पीकर का चुनाव होना अभी बाकी है जो कि 12 फरवरी को होना है।
किसके पास, कितने विधायकों की सेना ?
243 सीटों वाली विधानसभा में जहां राजद के पास 79 विधायक हैं और राजद विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास 19 विधायक, सीपीआई के पास 16 विधायक हैं। वहीं विपक्ष के पास कुल मिलाकर 114 विधायकों की फौज है और एक विधायक AIMIM के पास है।
Mathura: सब जग होरी जा ब्रज में होरा, कैसा ये देश निगोरा। ये प्राचीन कहावत एक बार फिर से बुधवार को जग प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बरस रहे अबीर गुलाल से चरितार्थ हुई। मौका था बसंत पंचमी का, आज से करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले ब्रज के प्रसिद्ध होली पर्व की शुरुआत भी हो गई। इस पावन मौके पर अपने आराध्य के संग होली खेलने की लालसा लेकर मंदिरों की नगरी वृन्दावन में आये देश-विदेश के श्रद्धालु सुबह से ही ठाकुर बाँके बिहारी मन्दिर पर जुटने लगे।
ठाकुर जी के साथ भक्तों की होली
मंदिर में शृंगार आरती के बाद जैसे ही सेवायत गोस्वामियों द्वारा ठाकुरजी के चरणों में अर्पित अबीर-गुलाल श्रद्धालुओं के ऊपर बरसाया गया तो भक्तजन भी ठाकुरजी की इस प्रसादी में स्वयं को बार-बार रंगने को बेताब होने लगे। वहीं अपने आराध्य के संग होली खेलने का आनन्द ले रहे श्रद्धालु आनन्दित होकर जयघोष करने लगे और मन्दिर प्रांगण जयकारों से गुंजायमान हो उठा
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गुलाल में सराबोर होने के बाद ठाकुर बांके बिहारी का जयघोष करते हुए आनंद लेने लगे। बसंत पंचमी पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने अराध्य के साथ होली खेलने के लिए पहुंचते हैं। भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किये गये थे। जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए। इसी बीच ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में तैनात पुलिसकर्मी भी अपने आराध्य के साथ होली के रंग में रंगते नजर आए।
मोदी सरकार से MSP की गारंटी को लेकर किसान अड़े हुए है. किसानों के दिल्ली कूच के दूसरे दिन भी पुलिस और प्रशासन की सांसें अटकी रहीं. किसानों को रोकने के पुलिस हाई अलर्ट पर रहीं. शंभू बॉर्डर पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले फेंकने पर विवाद देखने को मिला. जहां एक तरफ किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रखा है, वहीं इतिहास में भी कुछ ऐसे वाकये हुए हैं जिनके बारे में शायद ही कोई जानता हो, आइये आज हम आपको ऐसे ही एक वाकये से रूबरू कराते है.
अटल बिहार ने भरी थी किसानों के लिए हुंकार
उस समय यूपी में कांग्रेस की सरकार थी और सत्ता की कमान हेमवती नंदन बहुगुणा के हाथों में थी. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के नेता हुआ करते थे और देश भर में लोगों से जुड़े हुए मुद्दों पर कांग्रेस के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नेताओं में गिने जाते थे. साल 1973 में किसानों की गेहूं की फसल अच्छी हुई थी और यूपी की कांग्रेस सरकार किसानों को सरकारी दामों पर गेहूं बेचने के लिए मजबूर कर रही थी, सरकार का आदेश था कि सभी किसानों का सरकारी मूल्यों पर गेंहूं बेचना अनिवार्य है. वहीं सरकारी आदेश के चलते किसान परेशान थे। जिसके चलते जनसंघ ने सरकार के खिलाफ देश भर में गेहूं की लेवी आंदोलन शुरु किया. UP में गेहूं की लेवी किसान आंदोलन की अगुवाई की जिम्मेदारी अटल बिहारी बाजपेयी के हाथों में थी. ऐसे में बाजपेयी जी अपने साथ हजारों लोगों को लेकर सड़क पर उतरकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. जिससे देश की सत्ता में खलबली मच गई .
लखनऊ में किया था धरना प्रदर्शन
गेहूं की लेवी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अटल बिहारी बाजपेई ने कहा था "कि सरकार गरीब किसान मजदूरों को अपना अनाज बेचने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना था "कि किसानों के खेतों में अगर एक क्विंटल भी गेहूं पैदा हुआ है, तो उसमें से किसान आधा बेच दे" सरकार के इस आदेश पर किसान राजी नहीं थे और सरकारी आदेश का विरोध कर रहे थे.
5 दिन नैनी जेल में रहे थे अटल बिहारी वाजपेयी
किसानों के मुद्दे पर बाजपेयी जी के सड़क पर उतरने के चलते लखनऊ में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था जहां पुलिस ने बल प्रयोग किया लेकिन अटल बिहारी के साथ सड़कों पर उतरे नौजवान किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हुए. उस समय वाजपेयी जी को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक नैनी जेल में रखा गया था. किसान आंदोलन के चलते वाजपेयी जी समेत 500 लोगों को नैनी जेल की 5 नंबर बैरिक में रखा गया था. जहां बाजपेयी जी 5 दिन तक बंद रहे और बाद में जमानत पर रिहा हुए.
PM बनकर किसानों के हक़ में लिए कई फैसले
नैनी जेल से रिहा होने के बाद आपातकाल के दौरान भी वाजपेयी को जेल जाना पड़ा था। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी देश के PM बने तो किसानों के हक में कई अहम कदम उठाएं. किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा शुरू की और गेहूं का समर्थन मूल्य 19.6 प्रतिशत बढ़ाकर इतिहास रचा. इसके अलावा चीनी मिलों को लाइसेंस प्रणाली से मुक्त किया और राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना तैयार कराई.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 'जन विश्वास यात्रा' पर निकल पड़े हैं। यात्रा के पहले पड़ाव में मुजफ्फरपुर पहुंचे जहां तेजस्वी यादव के समर्थकों ने क्रेन के ऊपर चढ़कर उन पर फूल बरसाए। इस दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। तेजस्वी यादव ने कहा "कि कुछ लोग कहते हैं कि RJD MY (MUSLIM और YADAV) की पार्टी है लेकिन RJD तो BAP (BAHUJAN बहुजन + AGDA अगड़ा + POOR की पार्टी है. RJD MY के साथ साथ BAP की पार्टी है।"
यात्रा में उठाये जनता के मुद्दे
मुजफ्फरपुर में तेजस्वी यादव ने जनता के मुद्दों पर बात करते हुए कहा, “कि मैं आपकी लड़ाई लड़ने के लिए यहां हूं, हम चाहते हैं कि बिहार शीर्ष राज्यों में गिना जाए और यह जन विश्वास यात्रा का पहला सार्वजनिक संबोधन है, हमें आपके विश्वास की जरूरत है। क्या आप हमें सत्ता देंगे? आशीर्वाद मिलेगा ना? बेरोजगारी सबसे बड़ा दुश्मन है, इसे जाना चाहिए। मैंने 10 लाख नौकरियों का वादा किया था। मैंने कहा था कि हम रिक्तियां भरेंगे और बिहार को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाएंगे। हमें धोखा दिया गया और हमारी नौकरी काट दी गई।''
जनता ने हमें बिहार की सबसे बड़ी पार्टी
'जन विश्वास यात्रा' से पहले तेजस्वी यादव ने गाय को चारा खिलाया और मंदिर में पूजा-अर्चना करके आशीर्वाद लिया। यात्रा शुरु करने से पहले तेजस्वी अपनी बेटी कात्यायनी को लाड-प्यार करते हुए भी नजर आए। इस दौरान तेजस्वी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "कि जनता हमारी मालिक है, हम मालिक के सामने जा रहे हैं। जनता ने हमें बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनाया।
'नीतीश जनमत को अपने पैर की जूती समझते'
इसके साथ ही तेजस्वी ने गठबंधन के मुद्दे पर कहा, "कि नीतीश कुमार के पास गठबंधन बदलने का न तो कोई विजन है और न ही कोई कारण। हमने 17 महीने में जो काम किया, उसे हम जनता के सामने रखेंगे। सीएम नीतीश कुमार जनता के फैसले को कोई महत्व नहीं देते, नीतीश कुमार जनमत को अपने पैर की जूती समझते हैं। जनता इसबार उनको जरूर जवाब देगी।"
11 दिनों में राज्य के 38 जिलों का करेंगे दौरा
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव 20 फरवरी से 1 मार्च तक पूरे बिहार का दौरा करेंगे. इस दौरान राज्य के सभी 38 जिलों में जायेंगे। 'जन विश्वास यात्रा' एक जन संपर्क कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य "सार्वजनिक विश्वास" जीतना है। इसकी शुरुआत मुजफ्फरपुर से हो गई है। तेजस्वी मोतिहारी, पूर्वी चंपारण जिले के मुख्यालय में रात्रि विश्राम करेंगे। इससे पहले तेजस्वी सीतामढ़ी और शिवहर में दो और सार्वजनिक बैठकों को संबोधित करेंगे।
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