Lucknow: 9 नवंबर 2019 को अयोध्या के राम मंदिर प्रकरण पर देश की सर्वोच्च अदालत के सुप्रीम फैसले की तारीख के बाद पहली बार रामनगरी में कैबिनेट की मीटिंग भी इसी दिन हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 14 प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक के बाद सीएम योगी ने कैबिनेट बैठक के निर्णयों की जानकारी दी।
मंत्रियों के साथ सीएम योगी ने किए दर्शन-पूजन
इससे पहले, सीएम योगी सुबह 11 बजे अयोध्या स्थित रामकथा पार्क पहुंचे। उनके नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन किया। इसके बाद रामलला के दरबार में पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है। यूपी सरकार की पूरी कैबिनेट अयोध्या धाम आई है। उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर आज अहम बैठक हुई। केंद्र और राज्य सरकार की 30,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की 178 योजनाएं पहले से ही अयोध्या में चल रही हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कैबिनेट बैठक में 14 महत्वपूर्ण प्रस्ताव लाए गए। पहला प्रस्ताव उत्तर प्रदेश में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना का था। हमने राज्य स्तर पर इस प्राधिकरण को बनाने का निर्णय लिया है।
इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
1-इनलैंड वाटर वे प्राधिकरण के गठन के संबंध मे प्रस्ताव को मंजूरी।
2-अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ विकास परिषद का गठन।
3-माँ पटेश्वरी देवीपाटन विकास परिषद गठन।
4-मुज़फ्फरनगर मे 'शुक तीर्थ विकास परिषद' के गठन।
5-अयोध्या मे मांझा जमथरा मे 25 एकड़ भूमि पर मंदिर म्यूजियम।
6-अयोध्या शोध संस्थान को अंतराष्ट्रीय रामायण वैदिक शोध संस्थान के रूप में होगा विस्तारित।
7-हाथरस मे दाऊजी लक्खी मेला को प्रांतिकरण करने का निर्णय।
8-अयोध्या के सभी मेलों को प्रांतीय करण करने का प्रस्ताव।
9-बुलंदशहर मे गंगा मेला का प्रांतीय करण।
10-वाराणसी में देव दीपावली आयोजन का प्रांतीयकरण।
11-प्रदेश में महिला स्वयंसेवी समूहों को उनके ही ब्लॉक मे प्लांट लगाने के संबंध मे प्रस्ताव को मंजूरी
12-ड्रोन पॉलिसी को मंजूरी।
13- राज्य स्तर पर नियमावली लागू करने के संबंध मे प्रस्ताव को मंजूरी
14-स्थानीय स्तर पर प्रशासन द्वारा क्रियान्वयन कराने के प्रस्ताव
Lucknow: सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन श्रद्धालुओं व पर्यटकों के रुकने की चाक-चौबंद तैयारी कर रहा है। इसके लिए होटल, धर्मशाला-गेस्ट हाउस, होम स्टे-पेइंग गेस्ट, टेंट सिटी- आश्रय स्थल, डॉरमेट्री आदि में व्यवस्था की जा रही है।
22 जनवरी को श्रीरामलला अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। कई महीनों में अनेक राज्यों का दौरा कर चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मेजबान के रूप में 22 जनवरी के बाद लोगों को आमंत्रित भी कर चुके हैं। लिहाजा उनके रहने-खाने, रुकने, साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था हो, इसके लिए सीएम योगी ने खुद खाका तैयार कर अफसरों को टास्क दे दिया है।
योगी सरकार के निर्देश पर शासन-प्रशासन स्तर पर फिलहाल प्रतिदिन 30 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इसमें और इजाफा भी किया जाएगा। विगत दिनों रामनगरी आए योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण व समीक्षा बैठकों में साफ-सफाई, आतिथ्य स्वागत व अच्छा व्यवहार हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा था।
Ayodhya: अयोध्या नगरी अपने आराध्य के स्वागत के लिए तैयार है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। सात दिनों तक होने वाले इस अनुष्ठान के तीसरे दिन शाम करीब पांच बजे गर्भगृह में रामलला अपने आसन पर स्थापित हो गए। मूर्ति की स्थापना 5 घंटे तक वैदिक क्रिया बाद की गई। वहीं, देर रात मूर्ति की पहली छवि सामने आ गई है।
चौथे दिन अनुष्ठान जारी
बता दें कि अनुष्ठान के तीसरे दिन गुरुवार को कर्मकांड की शुरुआत गणेश पूजन के साथ हुई। किसी भी अनुष्ठान के शुभारंभ से पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। इसी मान्यता के चलते गणेश पूजन व अंबिका पूजन के साथ अनुष्ठान शुरू हुआ। विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक मंडल के सदस्य दिनेश चंद्र व डॉ. अनिल ने रामलला की रजत प्रतिमा का पूजन किया। इसके बाद निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने गर्भगृह में सिंहासन की पूजा की। इससे पहले मूर्ति का नगर भ्रमण कराया गया था। बता दें कि गर्भगृह में स्थापित मूर्ति श्याम रंग की है। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा के चौथे दिन अनुष्ठान जारी है।
New Delhi: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तकरीबन छह हजार लोग शामिल रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पीएम मोदी कठिन तपस्या से गुजर रहे हैं। वे इस समय यम नियमों का पालन कर रहे हैं। वे 11 दिनों के अनुष्ठान पर हैं।
12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी प्राण प्रतिष्ठा
इस दौरान पीएम मोदी जमीन पर सो रहे हैं। सिर्फ नारियल-पानी ही पी रहे हैं। प्रधानमंत्री ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उपवास रखा हुआ है। प्रधानमंत्री वर्तमान समय में जमीन पर सो रहे हैं। सिर्फ कंबल का इस्तेमाल करते हैं। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन भी प्रधानमंत्री का उपवास रहेगा। वे विशिष्ट मंत्रों का जाप करेंगे। 22 जनवरी के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ही मुख्य यजमान की भूमिका में हैं। राम मंदिर से जुड़े अनुष्ठान की शुरुआत 16 जनवरी से हो गई है। जोकि 21 जनवरी तक जारी रहने वाला है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे समाप्त होने की उम्मीद है।
Ayodhya: राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी, अमिताभ बच्चन समेत नामचीन हस्तियां पहुंच चुकी हैं। पीए मोदी प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजन सामग्री लेकर राम मंदिर पहुंच चुके हैं। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूजन शुरू हो चुकी है। कुछ ही देर में रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। जिसके मुख्य यजमान पीएम मोदी हैं।
अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अनुष्ठान सुबह से ही शुरू हो गया है। वीआईपी लगातार पहुंच रहे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में राम भक्त भी अयोध्या पहुंचे हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम विधि-अनुष्ठान रखे गए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी और 1 एक बजे पूरा हो जाएगा। सीएम योगी अयोध्या पहुंच चुके हैं और कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।
सांसकृतिक कार्यक्रम शुरू
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरी नगरी को आध्यात्मिक रंग देकर सजाया गया है। पूरे मंदिर परिसर की छंटा देखती ही बनती है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेटर, मशहूर हस्तियां, उद्योगपति, संत और विभिन्न देशों के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। अब भारत समेत दुनिया की नजरें प्राण प्रतिष्ठा की ऐतिहासिक घड़ी पर टिकी हुई हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातः काल 10 बजे से 'मंगल ध्वनि' का भव्य वादन होगा। विभिन्न राज्यों से 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र लगभग दो घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बनेंगे।
इस शुभ मुहूर्त में होगी प्राण प्रतिष्ठा
बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है। यह कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में होगा। शुभ मुहूर्त दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक का रहेगा। यानि प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकंड का है।
काशी के विद्वान संपन्न कराएंगे अनुष्ठान
पूजा-विधि के यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अनुष्ठान काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपन्न कराएंगे। इस दौरान 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य और 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी, जनजातीय परंपराओं की भी उपस्थिति होगी।
Ayodhya: श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं ने एक दिन में दान का सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है। देश भर के प्रमुख मंदिरों में रोज चढ़ने वाले चढ़ावे और दान के औसत से राम मंदिर को केवल प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिले दान की तुलना करें, तो यह सबसे ज्यादा है। केवल 22 जनवरी को तीन करोड़ 17 लाख से अधिक की राशि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को दान में प्राप्त हुई। हालांकि, किसी सेलेब्रिटी व उद्यमी के समर्पण राशि का ब्योरा कार्यालय के पास नहीं है।
ऑनलाइन भी किया दान
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा की तिथि पर देश-दुनिया से राम भक्तों ने ऑनलाइन दान भी किया है। पहले रोज चार लाख तक की धनराशि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय में जमा हो रही थी। यह ऑनलाइन भेजी गई राशि के अतिरिक्त थी। 23 को यह राशि दस लाख तक पहुंच गई।
बिना विश्राम अनवरत 18 घंटे दर्शन देते रहे बालक राम
बुधवार को नवीन विग्रह की एक झलक पाने के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने कठिन जतन किए तो रामलला ने भी उनके लिए तप करने में कसर नहीं छोड़ी। भक्त और भगवान के इस स्नेहमयी योगदान की सुखद परिणति सामने आई। सुबह से रात तक बिना किसी विघ्न व दुश्वारी के सुगम दर्शन होते रहे। ठिठुरती ठंड में पांच वर्ष के 'बालक राम' अनवरत 18 घंटे बिना विश्राम भक्तों को दर्शन देते रहे। अपने नव्य मंदिर में विराजने के तीसरे दिन सबके आराध्य तड़के चार बजे निद्रा से जागे तो फिर रात 10 बजे के बाद ही शयन के लिए प्रस्थान किया। आरती व भोग के दौरान भी नृत्य, रंग और गूढ़ मंडप में मौजूद दर्शनार्थियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा।
ट्रेनों के लिए खुला अयोध्या रूट, 6 ट्रेनें हुईं बहाल
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अयोध्या रूट की कई ट्रेनें बंद कर दी गईं थीं, वह आज से बहाल हो जाएंगी। अयोध्या रूट की निरस्त चल रहीं छह ट्रेनें बृहस्पतिवार से बहाल हो जाएंगी। वहीं बदले रास्ते से चलाई जा रहीं अयोध्या रूट की 30 ट्रेनें भी अपने तय मार्ग पर लौट आएंगी। इससे अयोध्या जाने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मेंटेनेंस कार्यों के कारण निरस्त व बदले रूट से चलाई जा रही थीं।
Ram Navami 2024 Surya Tilak: रामनवमी के शुभ अवसर पर अयोध्या में स्थित राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक किया गया। जी हां दोपहर के वक्त भगवान राम के माथे पर सूर्य की किरणें पड़ी, जिसने हर किसी को एक अद्भुत नजारा दिखाया। वहां मौजूद सभी लोग इस भव्य दिव्य नजारे को देखते ही रहे।
दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही भक्तों का यहां तांता लगा रहता है। हर कोई रामलला के दर्शन के लिए बेताब है। ऐसे में आज रामनवमी के अवसर पर भगवान राम का सूर्य से तिलक किया गया। साथ ही रामलला को 56 प्रकार का भोग लगाया गया।
वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूर्य तिलक का अद्भुत वीडियो अपने सोशल मीडिया एक्स पर शेयर किया। इस दौरान उन्होंने लिखा कि सूर्यकुल भूषण श्री रामलला के ललाट पर सुशोभित भव्य सूर्य तिलक आज अखिल राष्ट्र को अपने सनातन गौरव से आलोकित कर रहा है।
रामलला का कैसे हुआ सूर्य तिलक?
राम मंदिर में दर्पण और लेंस से जुड़ी एक विस्तृत प्रणाली के माध्यम से रामलला का सूर्य तिलक किया गया। दोपहर के समय सूर्य की किरणें सीधे गर्भगृह में विराजमान रामलला के ललाट पर पड़े, जिसके लिए वहां पर पहले से ही तैयारियां कर रखी थीं।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या के रामपथ पर कई जगह की सड़क पहली बारिश भी नहीं झेल सकी है। पहली बारिश से ही सड़क धंस गई है। जिसके बाद योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए 6 अधिकारियों को लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया है।
अयोध्या रामपथ पर धंसी सड़क
जानकारी के मुताबिक, बीते 23 जून और 25 जून को अयोध्या में बारिश हुई थी, जिससे रामपथ के साथ करीब 15 गलियों और सड़कों पर पानी भर गया। सड़क के किनारे के घरों में भी पानी भर गया था और साथ ही 14 किलोमीटर लंबी सड़क के कई हिस्से भी कई जगहों पर धंस गए।
योगी सरकार का एक्शन, 6 ऑफिसर सस्पेंड
इस जानकारी के बाद यूपी सरकार ने इसकों लेकर जांच की और 6 अफसरों के खिलाफ एक्शन लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिन अफसरों ने प्रदेश शासन ने निलंबित किया है, उनमें पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, सहायक अभियंता, जूनियर इंजीनियर, उत्तर प्रदेश जल निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, सहायक अभियंता और जूनियर इंजीनियर का नाम है।
ठेकेदार के खिलाफ नोटिस
इसी के साथ ही ये भी खबर सामने आई है कि राज्य सरकार ने इस मामले में अहमदाबाद स्थित ठेकेदार भुवन इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया है। पीडब्ल्यूडी के ऑफिशियल आदेश में कहा गया है कि रामपथ की सबसे ऊपरी परत निर्माण के तुरंत बाद क्षतिग्रस्त हो गई थी, जो उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्य में लापरवाही को दर्शाता है। आम लोगों के बीच राज्य की छवि को नुकसान पहुंचाता है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने मीडिया को बताया है कि इस मामले में आगे की जांच चल रही है।
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