दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय के नौ समन के बाद केजरीवाल की 21 मार्च को गिरफ्तारी हुई थी। करीब 50 दिन बाद उन्हें राहत मिली है। उन्हें यह राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाईं हैं, जिनका उन्हें पालन करना होगा। आपको बता दें कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में 1 अप्रैल (39 दिन) से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में थे। इससे पहले 11 दिन वे ED की हिरासत में रहे। अदालत ने आज दोपहर 2 बजे एक लाइन में फैसला सुनाया। हालांकि, उनके वकील ने 5 जून तक की रिहाई का अनुरोध किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया एक जून को खत्म हो जाएगी।
मैं तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं- केजरीवाल
रिहाई के बाद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा, 'आप से निवेदन है हमें सबको मिलकर देश को तानाशाही से बचाना है। मैं तन-मन-धन से लड़ रहा हूं। तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं। आज आपके बीच आके अच्छा लग रहा है। कल सुबह 11 कनॉट प्लेस हनुमान जी के मंदिर में मिलेंगे। हनुमान जी का आशीर्वाद लेंगे। 1 बजे पार्टी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।'
क्या था अंतरिम जमानत का आधार
कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को 22 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, 'अगस्त 2022 में ED ने केस दर्ज किया था। केजरीवाल को मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया। डेढ़ साल तक वे कहां थे? गिरफ्तारी बाद में या पहले हो सकती थी। 22 दिन इधर या उधर से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।' ईडी ने चुनाव प्रचार के आधार केजरीवाल को अतंरिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कोर्ट में कहा कि ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं है।
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