Lucknow: अयध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की नई मूर्ति की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उतारेंगे। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और अमिताभ बच्चन के साथ ट्रस्ट 7000 अतिथियों को निमंत्रण भेजा।
22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में 150 वैदिक आचार्यों को लगाया जा रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि काशी के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का चयन हुआ है। काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य रहेंगे। उनके साथ डेढ़ सौ पंडितों की टोली रहेगी, जो विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे। 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाएगी। उसके बाद 18 जनवरी से पूजन, अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू होगी। गोविंद देवगिरी ने बताया कि पीएम मोदी राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जाएंगे। जटायु उन कारसेवकों, बलिदानियों के प्रतीक हैं, जिन्होंने भगवान के कार्य के लिए जीवन को न्योछावर किया।
केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की बना रही रणनीति
राममंदिर निर्माण और उसमें रामलला का विग्रह स्थापित करने की तैयारियों के बीच केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि धर्माचार्यों से संपर्क कर रहे हैं। रामलला के विग्रह की स्थापना (22 जनवरी 2024) एवं राममंदिर के भूमि पूजन (पांच अगस्त 2020) की भी तारीख श्रीराम की विरासत से जुड़े संभावित अवकाशों की सूची में शामिल किए जाने की संभावना है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का 25 लाख रुपए बजट के इंटरनेट से किया जाएगा प्रचार
अयोध्या में जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर के निर्माण कार्यों की नियमित जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग की तरफ से कवायद तेज कर दी गई है। विभाग ने इसके लिए 25 लाख रुपये बजट स्वीकृत करवाया है। यह धनराशि इंटरनेट मीडिया के प्रचार कार्यक्रम पर खर्च की जाएगी। इसके लिए इंटरनेट मीडिया के बड़े इन्फ्लूएंसर्स से संपर्क किया है। विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर राम मंदिर, इसके निर्माण कार्य, अयोध्या के विकास और भगवान राम से संबंधित गाथाओं को प्रसारित किया जाएगा।
Noida: लाखों घर खरीदने वालों और बिल्डरों की समस्याओं का हल निकालने के लिए गठित अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट अब उत्तर प्रदेश में भी लागू होगी। मंगलवार को यूपी कैबिनेट के बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ नोएडा-एनसीआर के 2.40 लाख फ्लैट आवंटियों की न केवल रजिस्ट्री होगी बल्कि बिल्डर की लापरवाही की वजह से प्राधिकरणों द्वारा लगाई गई पेनाल्टी भी माफ होगी। इस फैसले से केवल यूपी के ही लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये के रीयल इस्टेट प्रोजेक्ट्स की राह की बाधाएं खत्म होंगी।
पहले चरण में 1 लाख फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत
अमिताभ कांत समिति की संस्तुति के आधार पर बिल्डरों को छूट देने के बाद अब नोएडा और ग्रेनो के करीब एक लाख फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। पहले चरण में फ्लैटों के निर्माण और कब्जे के अलावा रजिस्ट्री हो पाएगी। हालांकि इसके लिए बिल्डरों को छूट के बाद बकाये की राशि चुकानी होगी। दूसरे चरण में एक लाख से अधिक फ्लैट खरीदारों को चरणबद्ध तरीके से राहत मिलेगी। क्योंकि इनके मामले अभी कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में फंसे हुए हैं।
बिल्डरों को ब्याज में मिलेगी छूट
बता दें कि सरकार की ओर से बिल्डरों को 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक और एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक की कोविड की अवधि को जीरो पीरियड घोषित किया गया है। इस अवधि के लिए बिल्डरों को ब्याज से छूट मिलेगी। इसके अलावा उनको दंडात्मक ब्याज से मुक्ति मिलेगी। बिल्डरों को बकाये का 25 प्रतिशत तुरंत जमा कराने के बाद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) मिलना शुरू हो जाएगा। बाकी 75 प्रतिशत राशि तीन साल में जमा करनी होगी। इस तरह से बिल्डरों को बकाये से पूरी मुक्ति मिल जाएगी और फ्लैट खरीदारों को वर्षों का सपना पूरा होने का रास्ता खुल जाएगा।
नोएडा में 118 प्रोजेक्ट
जानकारी के मुताबिक नोएडा में कुल 118 परियोजनाएं हैं। इनमें से 24 में किसी तरह का बकाया नहीं है। बची हुई 87 परियोजनाओं में बिल्डरों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इनमें से 14 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट में हैं। वहीं, 17 परियोजनाएं एनसीएलटी में हैं। 26 परियोजनाएं अधूरी तो 30 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। पहले चरण में नोएडा की 56 परियोजनाओं के 31,700 फ्लैट खरीदारों को फायदा होगा। इनमें से अधूरी परियोजनाओं के 25 हजार और पूरी हो चुकी परियोजनाओं के 6700 खरीदार शामिल हैं। इन परियोजनाओं पर प्राधिकरण का 7800 करोड़ रुपये बकाया हैं। बकाये में करीब 1800-1900 करोड़ की छूट को हटा दें तो बिल्डरों से बाकी बचे हुए पैसे जमा कराने के बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री और कब्जे की कवायद की जा सकेगी।
ग्रेटर नोएडा में 191 प्रोजेक्ट
इसी तरह से ग्रेनो में कुल 191 परियोजनाएं हैं। इनमें से 50 परियोजनाओं पर एक बकाया नहीं है। 124 परियोजनाओं के बिल्डरों को डिफॉल्टर श्रेणी में रखा गया है। इनमें से 28 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट और एनसीएलटी में हैं। इनमें से बाकी बची 96 परियोजनाओं के करीब 68 हजार फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। हालांकि इन बिल्डरों पर प्राधिकरण का 5568 करोड़ का बकाया है। अगर छूट की राशि घटा दें तो करीब 4200 करोड़ रुपये बचते हैं, जिसे नियम के तहत चुकाना होगा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के मकसद से प्राधिकरण बोर्ड ने मंगलवार को बहुत अहम फैसला लिया है। औद्योेगिक विकास आयुक्त व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता मेें मंगलवार को आयोजित 133वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लग गई है। इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मोर्टगेज परमिशन, प्रचलित एफएआर को क्रय करने, परियोजना पूरी करने के लिए समय वृद्धि का लाभ मिल सकेगा, जबकि फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे। हालांकि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा।
तीनों प्राधिकरणों के सीईओ की मौजूदगी में लगी मुहर
इस बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार व नोएडा के सीईओ डॉ एम लोकेश समेत तीनों प्राधिकरणों व बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। दरअसल, नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए गए। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 26 दिसंबर को आयोजित बोर्ड बैठक मेें प्रस्ताव रखे गए। फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के मकसद से प्राधिकरण चेयरमैन व बोर्ड के अन्य सभी सदस्यों ने इसे अंगीकृत करने पर तत्काल सहमति दे दी।
पूरा करने के लिए बिल्डरों को राहत
अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिहाज से कई राहत का ऐलान किया गया है। कोरोना महामारी के तहत बिल्डरों को 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक शून्य काल का लाभ दिया जाएगा। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा। यह केस टू केस पर लागू होगा। शून्यकाल का लाभ लेने के बाद बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा। शेष 75 प्रतिशत पैसा साधारण ब्याज के साथ तीन साल में जमा करना होगा। अब को-डेवलपर को परियोजना पूरी करने की अनुमति मिल सकेगी। प्राधिकरण की बकाया धनराशि देने की जिम्मेदारी दोनों की होगी। परियोजना की अनुपयुक्त भूमि को आंशिक सरेंडर करने की अनुमति होगी।
प्राधिकरण सरेंडर की गई भूमि के लिए पहले से भुगतान की गई राशि को बिल्डर के बकाए के साथ समायोजित करेंगे। प्राधिकरण का बकाया पैसा न देने पर आंशिक भाग का आवंटन रद्द कर सकेगा। बकाया राशि का सत्यापन एक स्वतंत्र सीए करेगा। इस पॉलिसी से लाभान्वित परियोजना के बायर्स से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रचलित दर पर अतिरिक्त एफएआर दिया जा सकेगा। परियोजना को पूरा करने के लिए समय विस्तार शुल्क के बिना अधिकतम तीन वर्ष मिलेगा। कुल ड्यूज के सापेक्ष 25 धनराशि जमा करने पर पीटीएम की अनुमति दी जाएगी। बकाया भुगतान अधिकतम तीन साल में जमा करना होगा।
खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा
सौ करोड़ रुपये तक के बकाये की राशि एक वर्ष के अंदर जमा की जाएगी। 500 करोड़ रुपये तक की राशि दो वर्षों में तथा इससे अधिक धनराशि तीन वर्ष में अदा करनी होगी। ड्यूज का 25 फीसदी धनराशि जमा करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की इस पहल से खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। सभी बने हुए फ्लैट की ओसी-सीसी हो जाएगी। फ्लैटों में रहने वाले खरीदारों के नाम जल्द रजिस्ट्री हो जाएगी। इससे खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा।
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू
प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू होंगी। ग्रुप हाउसिंग में यदि वाणिज्यिक हिस्सा है तो उसमें भी लागू होगा। टाउनशिप डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भी इसके दायरे में रहेंगे। ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट अगर एनसीएलटी अथवा कोर्ट में हैं तो वह इस पैकेज का लाभ तभी ले सकते हैं, जब वह अपना केस वापस लेंगे, लेकिन स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट, रिक्रिएशन एंटरटेनमेंट पार्क योजना में शामिल ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर ये सिफारिशें लागू नहीं होंगी। इसके अलावा व्यावसायिक, संस्थागत और औद्योगिक परियोजनाओं में ये सिफारिशें मान्य नहीं होंगी। बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मेधा रूपम, अमनदीप डुली, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, अन्नपूर्णा गर्ग, आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, यीडा की एसीईओ श्रुति समेत सभी वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।
20 हजार वर्ग मीटर तक के औद्योगिक भूखंडों के रेट बढ़ाने पर सहमति
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 20 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों की दरों में औसतन 12 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। 1000 वर्ग मीटर तक के सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 29238 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने पर सहमति बन गई है। इसी तरह 1001 वर्ग मीटर से लेकर 20,000 वर्ग मीटर तक सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 23975 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है। शेष आकार वाले भूखंडों की श्रेणी और कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
ग्रुप हाउसिंग प्रोेजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग अनिवार्य
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग 5% अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एकल भवनों में भी सिंगल पार्किंग जरूरी है। इससे सोसाइटियों में विजिटर्स की पार्किंग को लेकर होने वाले विवाद हल हो जाएंगे। यह व्यवस्था नए और पुराने, सभी प्रोजेक्टों पर लागू होंगे। इस प्रावधान पर जन सामान्य से आपत्ति/सुझाव मांगे जाएंगे। उसके बाद अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
औद्योगिक, आईटी व संस्थागत इकाइयों को बोर्ड से राहत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने निवेश व रोजगार को ध्यान में रखते हुए अब तक कंप्लीशन व फंक्शनल सर्टिफिकेट न ले पाने वाली औद्योगिक, आईटी व आईटीईएस को बडी राहत दे दी है। इन इकाइयों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट व फंक्शनल सर्टिफिकेट प्राप्त करनेे के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है। इसका लाभ लेने के लिए इन इकाइयों को निर्धारित शुल्क देना होगा। बोर्ड ने संस्थागत इकाइयों को भी बड़ी राहत दे दी है। अब तक पंजीकरण न करा पाने वाली इकाइयों को सशुल्क 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है। इसी तरह मानचित्र स्वीकृति व कंप्लीशन के लिए सशुल्क 31 दिसंबर 2025 तक का समय दिया गया है।
बकाया जल मूल्य पर ओटीएस योजना
ग्रेेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने पानी के बकायेदारों को भी बड़ी राहत दे दी है। बोर्ड ने 31 मार्च 2024 तक की लंबित देय जल मूल्य धनराशि पर कार्यालय आदेश जारी होने की तिथि से 31 जनवरी 2024 तक डिफॉल्ट धनराशि जमा करने पर कुल ब्याज में 40 फीसदी छूट मिलेगी। इसी तरह 01 फरवरी से 29 फरवरी तक जमा करने पर 30 फीसदी और एक मार्च से 31 मार्च 2024 तक जमा करने पर 20 फीसदी की छूट मिलेगी। प्राधिकरण का पानी के बकायेदारों पर करीब 34 करोड़ रुपये बकाया हैें।
सभी सेक्टरों में गंगाजल पहुंचाने के निर्देश
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने गंगाजल परियोजना की भी समीक्षा की। चेयरमैन ने इस परियोजना पर तेजी से काम करते हुए सभी सेक्टरों तक शीघ्र गंगाजल पहुंचाने के निर्देश दिए। अब तक करीब 40 सेक्टरों में गंगाजल पहुंच चुका है।
आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों को राहत
सेक्टर जीटा टू में आरपीएस 02 आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों की तरफ से जमा धनराशि को वापस किए जाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। लंबे समय से इंतजार कर रहे इस योजना के आवंटियों को बड़ी राहत मिल जाएगी।
आवासीय संपत्तियों के कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों मेें ढील
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने एकल आवासीय भवनों के लिए कंपनशनेट ग्राउंड पर कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों मेें राहत देने का निर्णय लिया है। मूल आवंटी की मृत्यु होने पर उनके वारिसानों ने कार्यपूर्ति की प्रक्रिया को पूरी नहीं की। इसी तरह मूल आवंटी की तरफ से कार्यपूर्ति के लिए आवेदन करने के पश्चात गंभीर बीमारी होने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। सेना या फिर अर्द्धसैनिक बलों के कार्यरत अधिकारी या कर्मचारी संवेदनशील जगहों पर ड्यूटी के चलते कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र नहीं ले सके। ऐसे सभी प्रकरणों में आवेदकों से आवेदन की तिथि के बाद समय विस्तरण सर्टिफिकेट नहीं लिया जाएगा।
तीनों प्राधिकरणों की एसओपी जल्द
नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की एसओपी जल्द बनाने की योजना है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मैसर्स सार्क एसोसिएट्स को तीनों प्राधिकरणों की नीतियों, नियम और विनिमय में समरूपता लाने की जिम्मेदारी दी है। इससे आवंटियों को बहुत सुविधा हो जाएगी।
प्राधिकरण व सीआरआरआई के मध्य एमओयू जल्द
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बीच एमओयू करने के लिए सहमति दे दी है। सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में आधुनिक तकनीक के जरिए सड़कों के निर्माण में और पारदर्शिता तथा गुणवत्ता बढ़ाने, वेस्ट मैटेरियल से बनी टाइल्स का फुटपाथ बनवाने, सड़कों का थर्ड पार्टी के रूप में असिस्मेंट करने, ट्रैफिक की प्लानिंग आदि में प्राधिकरण का सहयोग करेगा।
Greater Noida: फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। खरीदारों को फ्लैटों पर कब्जा मिल सके, उनके नाम शीघ्र रजिस्ट्री हो सके, इसके लिए सरकार सभी आवश्यक फैसले ले रही है, जिसके चलते लिगेसी स्टॉल्ड प्रोजेक्ट के फ्लैटों की रजिस्ट्री भी तेजी से हो रही है। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने से 94 परियोजनाओं के फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है। अब तक 16 प्रोजेक्टों में लगभग 1366 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। शेष 78 बिल्डर परियोजनाओं में भी रजिस्ट्री प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के फ्लैटों की रजिस्ट्री लंबे समय से अटकी हुई थी। इनके खरीदार बहुत परेशान थे। प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के 94 बिल्डर परियोजनाओं के हजारों फ्लैट खरीदारों के लिए राहत का पिटारा खोला।
94 प्रोजेक्टों के 15000 फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने से 94 प्रोजेक्टों के फ्लैट की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है। प्रदेश सरकार ने फ्लैट खरीदारों के हितों को ध्यान में रखतेे हुए बिल्डरों को कोविड-19 की अवधि (01.04.2020 से 31.03.2022) का जीरो पीरियड का लाभ दिया गया। को-डेवलपर की पॉलिसी को अप्रूव्ड करते हुए अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का अवसर प्रदान किया गया। ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ दिए जाने पर विचार करने का निर्णय लिया गया। साथ ही बकाया धनराशि का 25 फीसदी जमा करते ही प्लान अप्रूवल, बंधक अनुमति एवं रजिस्ट्री की अनुमति तत्काल दिये जाने के निर्देश दिए गए।
16 परियोजनाओं के ड्यूज राशि जमा
बिल्डर परियोजनाओं को अधिकतम तीन वर्ष में पूरा कराने के लिए निशुल्क समयावधि प्रदान करने और जिन परियोजनाओं में फ्लैट खरीदारों के हित जुड़े हैंए उनकी लीज डीड अगले तीन वर्ष तक निरस्त न करने समेत कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों की वहज से ही फ्लैटों की रजिस्ट्री अब शुरू हो गई है। वर्तमान में 16 परियोजनाओं के कुल ड्यूज का 25 प्रतिशत धनराशि प्राधिकरण के खाते में बिल्डरों ने जमा करा दी है, जिससे लगभग 73 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि प्राप्त हो गई है। इन परियोजनाओं के फ्लैटों की रजिस्ट्री भी शुरू हो गई है। अब तक लगभग 1366 फ्लैटों की रजिस्ट्री संपन्न भी हो चुकी है। शेष 78 परियोजनाओं में से 71 के लिए बिल्डरों ने आगामी अप्रैल माह तक 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराने का आश्वासन दिया है, जिससे लगभग 715 करोड़ रुपये धनराशि प्राप्त हो जाएगी। इन सभी 94 परियोजनाओं में कुल 15 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री होने की उम्मीद है। इसके अलावा अतिरिक्त मुआवजे के खिलाफ कोर्ट में जाने वाले प्रोजेक्टों के विवाद को जल्द सुलझाने के लिए भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रयासरत है, ताकि फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री जल्द हो सके।
इन प्रोजेक्ट के 1366 फ्लैटों की हुई रजिस्ट्री
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बिल्डर विभाग ने बीते एक माह में जिन 39 विभिन्न बिल्डर परियोजनाओं के 1366 फ्लैटों की रजिस्ट्री की है उनमें पूर्वांचल प्रोजेक्ट, सीरजा रियल एस्टेट सॉल्यूशंस, रतन बिल्डटेक, कैपिटल एथेना, निराला इंफ्राटेक, एसजेपी होटल एंड रिसॉर्ट, स्टारसिटी रियल एस्टेट, पंचशील बिल्डटेक, प्रॉस्पर बिल्डटेक, श्रीधारा इंफ्राटेक, गुलशन होम्स, एनटाइचमेंट, पंचशील हाईनिस, हैबीटेक, अल्पाइन इंफ्राटेक, आईआईटीएल निंबस, गौरसन्स हाईटेक, पिजन, ऐस प्लेटटिनम, कामरूप इंफ्राबिल्ड, महालक्ष्मी, जिंदल, डोम्स, न्यूवे होम, ऐस सिटी, एपीवी रियलिटी, ऐम्स गोल्फ टाउन, गौड़ संस प्रमोटर्स, नंदी इंफ्राटेक, बलगार्विया, आर्जा, वेलेंसिया होम्स, अरिहंत आर्डन, टाउन पार्क, आस्था ग्रीन, सोलरिस, ओंमकार नेस्ट शामिल हैं।
4500 और फ्लैटों की रजिस्ट्री जल्द
ग्रेटर नोएडा स्थित 28 प्रोजेक्ट्स में 4500 और फ्लैटों की रजिस्ट्री होनी है, जिसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बिल्डरों को तय धनराशि जमा करने के लिए पत्र जारी किया गया है। इनमें स्टार सिटी बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, जेएसएस बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड , एसएजी रियल टेक प्राइवेट लिमिटेड, निराला वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड , ट्राइडेंट इंफ्रा होमलैंड प्राइवेट लिमिटेड , गुलशन होम प्राइवेट लिमिटेड, अरिहंत इंफ्रा रिएल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, एसजेपी इनफ्रॉकाम प्राइवेट, अजय इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, ईको ग्रीन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, महालक्ष्मी बिल्ड टेक लिमिटेड , अरहम इस्कॉन प्राइवेट लिमिटेड, टाउन पार्क बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड , एआईजी इंफ्राटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, देविका गोल्ड होम प्राइवेट लिमिटेड, निराला डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जतस्या प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड , राधे कृष्णा टेक्नो बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड, निराला हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, हेब इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ओंमकार नेस्ट प्राइवेट लिमिटेड, एसडीएस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, हिमालय रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, बीएस बिल्डटेक, जेएम हाउसिंग लिमिटेड, रुद्रा बिल्डवेल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और ऐम्स गोल्फ टाउन डेवलपर्स शामिल हैं। कुछ अन्य प्रोजेक्ट भी हैं जिनके प्लेटो की रजिस्ट्री शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह आने वाले दिनों में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के कुल 94 प्रोजेक्टों में लगभग 15000 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो सकेगी।
भारतीय सिनेमा में अपनी दमदार एक्टिंग के लिए पहचानी जाने वाली कंगना रनौत इस बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। वो बीजेपी समर्थक हैं और हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी की उम्मीदवार भी हैं। सिर्फ अपने क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि वो बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि अगर वो लोकसभा चुनाव जीत जाती हैं, तो शो बिजनेज को अलविदा कह देंगीं।
राजनीति के लिए बॉलीवुड छोड़ देंगी कंगना?
कंगना रनौत ने मीडिया चैनल से बात करते हुए इशारा किया है कि अगर वो लोकसभा चुनाव में जीत जाती हैं, तो धीरे-धीरे शोबिज की दुनिया को छोड़ सकती हैं। इसके पीछ का कारण हैं कि वो एक ही काम पर फोकस करना चाहेंगी। कंगना रनौत से जब पूछा गया कि फिल्म और राजनीति को कैसे मैनेज कर पाएगी?
इस पर उन्होंने जवाब दिया कि 'मैं फिल्मों में भी पक जाती हूं, मैं रोल भी करती हूं, निर्देशन भी करती हूं। अगर मुझे राजनीति में संभावना दिखती है कि लोग मुझसे जुड़ रहे हैं, तो फिर में राजनीति ही करूंगी। आईडियली में एक ही काम करना चाहूंगी। अगर मुझे लगता है कि लोगों को मेरी जरूरत है तो फिर मैं उसी दिशा में जाऊंगी। मैं अगर मंडी से जीत जाती हूं तो फिर मैं राजनीति ही करूंगी। मुझे कई फिल्ममेकर कहते हैं कि राजनीति में मत जाओ। आपको लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए। मेरी निजी महत्वाकांक्षाओं की वजह से लोग सफर कर रहे हैं, यह तो अच्छा नहीं है। मैंने एक प्रिविलेज लाइफ जी है, अगर अब लोगों के साथ जुड़ने का मौका मिल रहा है तो उसे भी पूरा करूंगी’।
कंगना बोली परिवारवाद राजनीति और फिल्मों तक सीमित नहीं
कंगना रनौत ने बातचीत में परिवारवाद पर भी अपनी बात साझा की। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कहीं ना कहीं हमने परिवारवाद को फिल्मों और पॉलिटिक्स तक सीमित कर दिया है। परिवारवाद सबकी दिक्कत है और होनी चाहिए। इसका दुनिया में कोई अंत नहीं है। आपको ममता से उभरकर बाहर आना होगा। जहां तक हम खुद को एक्सटेंड करते हैं वो परिवार होता है। आज मुझे कहते हैं मंडी की बेटी। ये मेरा परिवार है। ममता में कमजोर नहीं होना है।
हाल में कंगना ने खुद की तुलना कर दी थी अमिताभ बच्चन से
एक्ट्रेस ने हाल ही में एक रैली के दौरान खुद की तुलना अमिताभ बच्चन से कर दी है। कंगना ने कहा था कि सारा देश हैरान है, कि वो कंगना, चाहे राजस्थान चली जाऊं, चाहे मैं पश्चिम बंगाल चली जाऊं, चाहे मैं दिल्ली चली जाऊं, चाहे मैं मणिपुर चली जाऊं, ऐसा लगता है कि मानो इतना प्यार और इतना सम्मान, मैं दावे से कह सकती हूं कि अमिताभ बच्चन जी के बाद आज किसी को कोई इंडस्ट्री में इतना प्यार और इतना सम्मान मिलता है तो वो मुझे मिलता है।'
Noida: नोएडा में बड़े बकायेदार बिल्डरों पर अब नोएडा प्राधिकरण आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की शिकंजा कसेगा। अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के बाद भी ऐसे बिल्डरों ने प्राधिकरण का बकाया नहीं चुकाया। जिसकी वजह से हजारों फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री अटकी हुई है। इन बिल्डरों ने फ्लैट खरीदारों से बुकिंग के नाम पर पैसे लिए गए लेकिन बिल्डिंग ही नहीं बनाई।
बिल्डर न पैसे जमा कर रहे न रजिस्ट्री
बता दें नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बिल्डर-खरीदार मामले को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में रजिस्ट्री के वर्तमान हालात पर पेश की गई रिपोर्ट से पता चला कि अभी भी फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। कुछ ही खरीदारों की रजिस्ट्री हुई है। बड़े बकायेदार बिल्डर न तो बकाया पैसे जमा कर रहे हैं और न ही रजिस्ट्री करवा रहे हैं। इस पर सीईओ ने नाराजगी जताते हए संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।
मंजूरी मिलने के बाद भी 50 फीसदी फ्लैटों की रजिस्ट्री
बता दें कि अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के लागू होने के बाद 28 बिल्डर परियोजनाओं में 2558 फ्लैटों की रजिस्ट्री की मंजूरी मिली है। लेकिन अभी तक तक सिर्फ 1298 फ्लैटों की रजिस्ट्री हुईं है। इसे देखते हुए प्राधिकरण के सीईओ ने आदेश दिया है कि जिन बिल्डरों ने 25 प्रतिशत राशि जमा कराई और फ्लैटों की रजिस्ट्री की मंजूरी मिली है। इसके बाद वह रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं। उन्हें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से निर्माण रोके जाने के एवज में दी जा रही जीरो पीरियड के छूट का लाभ न दिया जाए।
एक्टर प्रभास, दीपिका पादुकोण, कमल हसन, महानायक अमिताभ बच्चन और कई सुपरस्टार स्टारर फिल्म कल्कि 2898 AD थियटर्स में आ चुकी है। फिल्म का सब्जेक्ट पैराणिक कहानियों से जुड़ा हुआ था, इसलिए लोगों का फिल्म के लिए क्रेज एडवांस बुकिंग में साफ-तौर पर नजर आया। फिल्म को नाग अश्विन ने डायरेक्ट किया है।
माइथोलॉजी और विजुअल देख आएगा मजा
फिल्म 2898 AD में माइथोलॉजी और विजुअल का समावेश देखकर दर्शकों को मजा आने वाला है। फिल्म को पर्दे पर इस तरह से उतारा गया कि डायरेक्टर, एक्टर और पर्दे के पीछे से की गई मेहनत के लिए सम्मान बढ़ जाता है। हालांकि यहां पर ये कहना भी जरुरी है कि प्रोड्यूसर द्वारा फिल्म निर्माण का उद्देश्य मुनाफा ही भले होता है, लेकिन कल्कि 2898 AD से विश्व सिनेमा के सामने एडिटिंग, राइटिंग, कॉन्सेप्ट, म्यूजिक, एक्टिंग, क्रॉफ्ट, रिसर्च, वीएफएक्स और डायरेक्शन से भारतीय सिनेमा का कद काफी बढ़ाने वाला है।
कैसा है कल्कि का फर्स्ट हाफ
'कल्कि 2898 AD’ के पहले फ्रेम से डायरेक्टर नाग अश्विन ने एक दिलचस्प संसार रचा है। डिस्टोपियन वर्ल्ड की सेटिंग में काशी के डिटेल्स, सारे रिसोर्स से भरपूर कॉम्प्लेक्स का हाईटेक संसार इंटरेस्टिंग लगता है। प्रभास का किरदार भैरव, हर रोज सर्वाइवल की जंग लड़ रहे लोगों के बीच, वैसी ही सोच वाले इंटरेस्टिंग किरदार है। उनका बाउंटी हंटर पर्सोना इंटरेस्टिंग तो है, लेकिन उसकी कॉमेडी थोड़ी ओवर द टॉप लगती है।
भैरव की एंट्री, काशी में उसकी लाइफ बहुत रेगुलर लगती है। ये पोर्शन प्रभास फैन्स को तो बहुत भाएगा, लेकिन बाकियों को थोड़ा खिंचा हुआ लग सकता है। मगर इंटरवल की तरफ आते हुए समझ आता है कि नाग अश्विन असल में अपने हीरो, और कहानी को सेट करने के लिए पहले केयरलेस माहौल बनाते हैं।
क्राइमेंस ने कर दिया कमाल
इंटरवल से ठीक पहले अमिताभ बच्चन की एंट्री होती है। फ़िल्म का माइथोलॉजिकल एंगल यहां पर पीक होता है और कहानी का रहस्य पूरा गहरा चुका है। इसके साथ दीपिका की प्रेग्नेंसी का एंगल भरपुर इमोशन के साथ एक ऐसा प्लेटफॉर्म सेट कर चुका है, जिसपर सेट कहानी जानने की एक्साइटमेन्ट बहुत तगड़ी महसूस होती है। ‘सेकंड हाफ में पता चलता है कि कॉम्प्लेक्स से बचकर भाग निकली सुमति पर बाउंटी है, जिसके लिए भैरव उसे पकड़ना चाहता है। कॉम्प्लेक्स के लिए सुमति एक बहुमूल्य एक्सपरिमेंट है और अश्वत्थामा के लिए अगले अवतार की मां, इसलिए वो हमेशा सुमति की रक्षा में तैयार है।
कानपुर के एक दंपति ने इजरायली मशीन से बुजुर्गों को जवान बनाने का ख्बाव दिखाकर 35 करोड़ रुपये ठग लिए हैं. आरोपी दंपति ने लोगों को फंसाने के लिए बॉलीवुड एक्टरों की फिटनेस के बारे में बताकर ठगते थे. लोगों से कहा जाता था कि फिल्मी सितारे इसलिए फिट रहते हैं क्योंकि वो इसी मशीन से थेरेपी लेते हैं. वहीं जबतक लोगों को समझ आता कि उनके साथ ठगी की गई है. तब तक पति-पत्नी सारा माल समेटकर फरार हो गए.
आरोपियों ने एक्टर अमिताभ और शाहरुख के नाम का लिया सहारा
आरोपी दंपति रश्मि और राजीव दुबे के हाथों एक लाख 80 हजार रुपये गंवाने वाले सुनील बाली कहते हैं कि हम उनके पास मिलने गए. उन्होंने कहा कि "आप लोग इस मशीन की वैल्यू क्यों नहीं समझते. इसी मशीन का सहारा लेकर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान हमेशा फिट दिखाई देते हैं. आप अभी इस मशीन में अपना नंबर बुक करा लीजिए, नहीं तो आगे चलकर इस मशीन में बैठने के लिए इतनी वेटिंग हो जाएगी कि दो-दो साल लग जाएंगे." दंपतियों के झांसे में आकर अपना पैसा लगा दिया और अब दोनों फरार हो गए हैं.
आरोपियों के झांसे में फंसकर रश्मि ने गंवाए 2 लाख
आरोपियों ने इस मशीन का महिमामंडन लोगों के सामने ऐसे किया कि पहली बार मशीन को देखने पहुंची रश्मि बाली ने अपनी दो सहयोगियों को मशीन के अंदर बैठे हुए देखा लेकिन मशीन के अंदर पाइप लीक होने की वजह किसी केमिकल गैस का धुआं लग गया. जिससे वह बीमार पड़ गए थे. इसके बावजूद रश्मि बाली को मशीन पर विश्वास था कि यह मशीन उनकी कमजोरी को मजबूत करके जवानी के दिनों में पहुंचा देगी तो उन्होंने भी 2 लाख रुपये इसमें लगा दिए. अब पैसे के लिए परेशान घूम रही हैं और पुलिस थाने के चक्कर काट रही है.
इजरायली मशीन को पुलिस ने किया सील
वहीं इस मामले की जांच-पड़ताल कर रहे किदवई नगर थाने के इंचार्ज बहादुर सिंह का कहना है कि अभी तक आधा दर्जन लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. लोगों की शिकायतें सुनी जा रही हैं. जहां पर इजराइली मशीन लगाई गई थी, उस मशीन को सील कर दिया गया है. आरोपियों की भी तलाश की जा रही है. पुलिस ने ऑफिस का निरीक्षण करने के बाद उसे सील कर दिया है.
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022