इस साल होलिका दहन 24 मार्च को होगा और 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से होलिका की अग्नि में सारी परेशानियां भी जलकर भस्म हो जाती है। इन उपायों को करने से लोगों की कामना पूरी हो जाती है।
लंबी आयु के लिए उपाय
अगर आप अपनी या किसी और व्यक्ति की लंबी आयु की कामना चाहते हैं तो उसकी लंबाई का काला धागा नापें और दो से तीन बार बराबर लपेटकर तोड़ लें। इस धागे को होलिका दहन की अग्नि में डाल दें। इससे सारी बलाएं दूर हो जाती है और आयु लंबी होती है।
शीघ्र विवाह के लिए उपाय
अगर किसी कारण से किसी के विवाह में देरी हो रही है या बार-बार अड़चनें आ रही हैं तो इसके लिए होलिका की अग्नि में हवन सामग्री को घी में मिलाकर डाल दीजिए। इससे विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होंगी और शीघ्र विवाह के योग बनेंगे।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए उपाय
पति-पत्नी के रिश्ते में मनमुटाव चल रहा है तो इसके लिए घी में 108 बाती को भिगोएं और इसे एक-एक कर परिक्रमा करते हुए होलिका की अग्नि में डालें। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
आर्थिक तंगी से मुक्ति के लिए उपाय
अगर आप रुपये-पैसों से जुड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं तो इसे दूर करने के लिए होलिका दहन के दिन घी में भिगोए हुए दो बताशे, दो लौंग और एक पान के पत्ते को डाल दें। इन चीजों को होलिका की अग्नि में अर्पित करने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है।
रोग बीमारी दूर करने के लिए उपाय
यदि घर-परिवार में कोई लंबे समय से बीमार है और इलाज के बावजूद सेहत में सुधार नहीं हो रहा है तो एक मुट्ठी पीली सरसों, एक लौंग, काला तिल, फिटकरी, एक सूखा नारियल इन चीजों को एक साथ लेकर बीमार व्यक्ति के सिर से सात बार घुमाएं और फिर होलिका की अग्नि में डाल दें। ऐसा करने से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होता है।
सुख-समृद्धि के लिए उपाय
होलिका दहन की अग्नि में अनाज की आहूति देने का भी महत्व है। इससे घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है। आप भुट्टा, दाल, चावल, गेहूं आदि जैसी चीजों को होलिका की अग्नि में अर्पित कर सकते हैं।
रंगों के त्योहार होली में अब बस एक ही दिन का समय बचा है। वहीं मथुरा और काशी में पहले ही होली का आगाज हो चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विश्व भर में सबसे पहला होलिका दहन कहां होता है? नहीं तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि देश में सबसे पहले होलिका दहन देवों के देव महादेव भगवान महाकाल के दरबार में होता है। इसके बाद ही देशभर में होलिका जलाई जाती है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, महाकाल के दरबार में होलिका दहन की तैयारी एक दिन पहले ही कर ली जाती है। खास बात यह कि महाकाल के दरबार में होलिका दहन के लिए किसी प्रकार का मुहूर्त नहीं देखा जाता।
गोधूलि बेला में मंत्रोच्चार के साथ होगा होलिका दहन
ग्वालियर पंचांग के अनुसार, 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर में 24 मार्च को गोधूलि बेला में मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन किया जाएगा। इससे पहले संध्या आरती में भगवान महाकाल के साथ जमकर होली खेली जाएगी। इस अवसर पर महाकाल के हजारों भक्त रंग और गुलाल में सराबोर नजर आएंगे। होली के एक दिन पहले महाकाल मंदिर में पुजारियों और श्रद्धालुओं द्वारा भगवान महाकाल के साथ होली खेली जाएगी। इसके बाद पुजारी मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना कर होलिका दहन करेंगे। वहीं इसके अगले दिन 25 मार्च को सुबह भस्म आरती के बाद बाबा को अबीर और हर्बल गुलाल का श्रृंगार कर रंगोत्सव मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी प्रमुख त्योहार में सबसे पहले बाबा महाकाल के मंदिर में मनाए जाते हैं।
सच्चे मन से बाबा के साथ होली खेलने से दूर होते कष्ट
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार बाबा महाकाल के दरबार में होलिका दहन की तैयारी एक दिन पहले ही कर ली जाती है। बाबा महाकाल की होली में हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। संध्या आरती में जमकर रंग-गुलाल उड़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर होली के पर्व पर श्रद्धालु भगवान के रंग में रंग जाएं और भगवान के साथ सच्चे मन से होली खेल लें तो सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं देशभर में होलिका दहन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
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