Lucknow: पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव से अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। रविवार को हुई मीटिंग में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया। अब मायावती की गैर मौजूदगी में अब आकाश आनंद ही बसपा की कमान संभालेंगे। मायावती ने कुछ महीने पहले ही आकाश आनंद को बसपा का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया था। आकाश को बसपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुए चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। आकाश आनंद ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई चुनावी रैलियां भी की थी।
संगठन को मजबूत करेंगे आनंद
बहुजन समाज पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। पार्टी नेताओं की मीटिंग में मायावती ने कहा कि उनके न रहने पर आकाश आनंद बसपा की कमान संभालेंगे। जिन राज्यों में बसपा का संगठन कमजोर है, वहां भी आकाश आनंद पार्टी को मजबूती देने के लिए काम करेंगे। मायावती ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक में कहा कि सभी लोग लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। पार्टी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। गठबंधन से पार्टी को नुकसान होता है।
जानें कौन हैं मायावती के भतीजे आकाश आनंद
बता दें कि आकाश आनंद बसपा मुखिया मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं।आकाश आनंद ने लंदन से एमबीए की पढ़ाई की है। मायावती के साथ आकाश आनंद पहली बार साल 2017 में सहारनरपुर में बसपा की एक रैली में नजर आए थे। पिछले 6 सालों से आकाश की बसपा में सक्रियता बढ़ी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में आकाश आनंद का नाम दूसरे स्थान पर था। आकाश आनंद को विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी कैडर को तैयार करने के लिए गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी संगठन के पुनर्गठन का काम भी सौंपा गया है।
बीते शनिवार को यूपीएससी की तरफ से क्रेंद्र के 45 ऐसे पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया, जिनकी भर्ती ग्रुप-ए के तहत होती है। जिसपर अब राजनैतिक हलचल होती दिख रही है। पूरा विपक्ष इस फैसले के खिलाफ खड़ा है। राहुल गांधी ने एक्स पर ट्वीट कर अपनी राय रखी, तो अखिलेश यादव ने देशव्यापी आंदोलन की बात कही। पूर्व सीएम मायावती ने भी इस फैसले को गलत बताया है। साथ ही 'एक्स' पर इस फैसले के खिलाफ विरोध दिखाई दे रहा है।
राहुल बोले ‘खुलेआम छीना जा रहा SC, ST, OBC का आरक्षण’
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स राहुस गांधी ने इस कदम को प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाला बताया और लिखा, 'नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा, ‘चंद कॉरपोरेट्स के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया। प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा। IAS का निजीकरण आरक्षण खत्म करने की मोदी की गारंटी है।'
अखिलेश यादव बोले ‘देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का आ गया समय’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस फैसले के खिलाफ दो अक्टूबर से प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है। अखिलेश ने एक्स पर लिखा, ‘भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन करने का समय आ गया है।'
मायावती बोलीं ‘45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय नहीं है सही’
बसपा प्रमुख और पूर्व यूपी मुख्यमंत्री मायावती ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।'
क्या है मामला?
बीते शनिवार को केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों के लिए जल्द से जल्द 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने हैं। इस तरह के पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं आईएएस, आईपीएस, आईएफओएस और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी की तरह ही तैनाती होती है। लेकिन यूपीएससी ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, विज्ञापन में कहा गया, ‘भारत सरकार संयुक्त सचिव और निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों की ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये नियुक्ति करना चाहती है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र के कुमारी मायावती पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर हंगामा पसरा हुआ है। छात्राओं का आरोप है कि रात में सुरक्षा व्यवस्था में चूक के चलते असामाजिक तत्व हॉस्टल में घुस जाते हैं। जिससे परेशान होकर छात्राओं ने हंगामा किया है। जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस भी छात्राओं के समझाने की कोशिश में लगी है।
सुरक्षा में चूक के खिलाफ छात्राओं का हंगामा
ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र के कुमारी मायावती पॉलिटेक्निक कॉलेज में हंगामा पसरा हुआ है। ये विवाद कुमारी मायावती पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रावास में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर हो रहा है। सुरक्षा व्यवस्था में चूक को देखते हुए अभिभावक भी कॉलेज में पहुंचकर कर विरोध कर रहे हैं।
बीती दो रातों से हो रही घटनाएं
छात्रावास की छात्राओं का आरोप है कि पिछले दो दिनों से लगातार घटनाएं हो रही हैं। रात में असामाजिक तत्व छात्रावास में आते हैं। रात के समय हो रही इस घटना से छात्राओं में डर का माहौल है। छात्राएं सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं, शिकायत के बाद छात्राओं के पेरेट्स भी कैंपस में जाकर अपनी नाराजगी को जाहिर कर रहे हैं।
प्रशासन कर रहा समझाने का प्रयास
कुमारी मायावती पॉलिटेक्निक कॉलेज में सुरक्षा को लेकर हुई बड़ी चूक के बाद अब मौजूदा समय में जिला प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है। कुमारी मायावती पॉलिटेक्निक कॉलेज में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मौजूद है। वो छात्राओं और अभिभावकों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, खुद एसडीएम दादरी और एसीपी समेत भारी पुलिस फोर्स मौके पर तैनात है।
16 CCTV फिर भी हो रहीं घटनाएं!
छात्रावास में रात के समय लोगों के घुसने का मामला काफी गंभीर है। Now Noida ने जब इस लापरवाही को लेकर कुमारी मायावती पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की, तो उन्होंने बताया कि यहां पर कुल 16 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने बताया कि उन्हें हॉस्टल की सुरक्षा के लिए गार्ड पीआरडी द्वारा मिलते हैं। जिनका पेमेंट वो बजट से करते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। प्रिंसिपल ने ये भी बताया कि मौजूदा समय में यहां पर 185 छात्र है, लेकिन ये आंकड़ा 300 पहुंचने की उम्मीद है। पिछली बार यहां पर 246 छात्र थे। प्रिंसिपल ने Now Noida संग बातचीत में सुरक्षा पुख्ता होने का दावा किया और कहा कि वो और पूरा कॉलेज प्रशासन मौजूद है। इस मामले को लेकर छात्राओं और अभिभावकों में काफी गुस्सा है, आगे इसपर क्या एक्शन लिया जाता है। ये देखने वाली बात होगी।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया। उन्होंने अमेरिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के षडयंत्र में है।
'इनके नाटक से सचेत रहें' : मायवती
बसपा सुप्रीमों मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नाटक से सतर्क रहने की जरूरत है। मायावती ने लिखा- 'केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें, जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी'।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने अमेरिका में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि 'कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी। फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं'।
जिसपर मायावती ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया और लिखा कि 'जब आप वित्तीय आंकड़ें देखते हैं, तो पता चलता है कि आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपए मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही धनराशि मिलती है। लेकिन वास्तविकता यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। समस्या यह है कि देश के 90 फीसदी लोगों को समान अवसर नहीं मिल रहे हैं। देश के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखे। मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाए। मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं।मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है'।
साल 2019 में सपा और बसपा का ऐतिहासिक गठबंधन हुआ था। तब लोकसभा चुनाव के लिए मायावती और अखिलेश यादव ने मिलकर चुनाव लड़ा था। अखिलेश और मुलायम के साथ मायावती ने भी एक मंच साझा किया लेकिन चुनाव खतम होते ही दोनों पार्टियों के बीच का ऐतिहासिक गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाये। जिसके 5 साल बीत जाने के बाद एक बार फिर से मायावती और अखिलेश ने एक दूसरे पर आरोपों-प्रत्यारोपों की बारिश शुरु कर दी है।
मायावती के दावों पर अखिलेश ने खड़े किये सवाल
लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा "जिस दिन बसपा से गठबंधन टूटा, उस समय दोनों दलों के लोग आजमगढ़ में एक सार्वजनिक मंच पर थे। मैं खुद भी वहां मौजूद था। किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूट गया है। मैं खुद फोन करके पूछना चाहता था कि ऐसा क्यों किया गया। कभी-कभी अपनी बात छुपाने के लिए कुछ बातें बनाई जाती हैं।"
मायावती ने सपा को गठबंधन टूटने का ठहराया जिम्मेदार
दरअसल, मायावती ने एक बुकलेट छपवाई है। जिसमें उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के बाद सपा के साथ गठबंधन टूटने का जिक्र किया है। इसमें मायावती ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के बाद जब परिणाम आया तो बसपा को 10 सीटें मिलीं और सपा को केवल 5 सीटों पर जीत हासिल हुई। इसके बाद अखिलेश यादव समेत सपा के वरिष्ठ नेताओं ने बसपा नेताओं का फोन उठाना बन्द कर दिया। इसके बाद बसपा ने भी स्वाभिमान को ध्यान में रखते हुए गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया। मायावती द्वारा लिखित इस बूकलेट को पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में बांटा जा रहा है।
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December 17, 2022