Noida: रविवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव नोएडा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लिया था। वहीं सोमवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी नोएडा पहुंचे। उन्होंने कुछ इस अंदाज में सपा पर पलटवार किया। सेक्टर-37 पहुंचे भूपेंद्र चौधरी का बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वगात किया। यहां पर प्रदेश अध्यक्ष ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किये, साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू भी लगाई।
सपा पर BJP का पलटवार
रविवार को नोएडा पहुंचे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा था। जिस पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि आज बीजेपी का काम बोलता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार गरीबों के लिए काम कर ही है, उन्होंने कहा कि आज भारत देश दुनिया का नेतृत्व करने की तरफ है। भूपेंद्र चौधरी ने इस दौरान चंद्रयान की सफलता और G-20 सम्मलेन का भी जिक्र किया।
BJP सरकार का काम बोलता हैः भूपेंद्र चौधरी pic.twitter.com/Ugn18j8y9v
— Now Noida (@NowNoida) October 2, 2023
'जनता का BJP को समर्थन'
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी की सरकार कानून-व्यवस्था और विकास पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम अपने कार्यों को जन-जन तक पहुंचा भी रहे हैं। पत्रकारों के लोकसभा चुनाव की तैयारी पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया, पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, सांसद महेश शर्मा और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर मौजूद रहे।
Bihar: 27 जनवरी के बाद बिहार की सियासत में आए भूचाल के बाद जेडीयू और भाजपा के गठबंधन की सरकार तो बिहार में बहाल हो गई मगर एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ| अपने महागठबंधन के साथी राजद (आर.जे.डी) को छोड़कर नीतीश कुमार फिर एक बार अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ बिहार लोकसभा चुनाव से एक साल पहले ही एनडीए की सरकार बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर काबिज हो गए|
राज्यपाल के सामने ली शपथ
28 जनवरी को बिहार के राज्यपाल-श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिती में नीतीश कुमार ने अपने गठबंधन के साथियों के साथ 9वीं बार संविधान की शपथ लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला| उनके साथ-साथ भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उप-मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेते हुए 28 जनवरी को बिहार में फिर एक बार नई सरकार का गठन किया|
एक सप्ताह बाद मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार
सामान्य प्रशासन, निगरानी, निर्वाचन और गृह विभाग समेत कुल छह विभागों को नीतीश कुमार ने अपने अधिकार क्षेत्र में रखा| डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को वित्त, वाणिज्य-कर, पंचायती राज, स्वास्थ समेत कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी दी गई तो वहीं डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को शिक्षा, जल संसाधन, भवन निर्माण, खान एवं भूतत्व के साथ अन्य विभाग मिला है|
बजट सत्र में बहुमत साबित करने की चुनौती
विधानसभा के पटल पर बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार पर बहुमत साबीत करने की चुनौती खड़ी हो गई है. जो पहले फरवरी को 'वोट ऑफ कॉफिडेन्स' पड़ने वाला था उसकी तारीक बढ़ाकर 12 फरवरी कर दी गई है. 12 तारीक को ही विधानसभा के नए सभापति का भी चुनाव होना है, जिस पद पर अभी आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी हैं, माना जा रहा है कि एनडीए इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है.
मंत्रिमंडल में कौन-कौन
विजय कुमार चौधरी को संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है, विजेन्द्र प्रसाद यादव को ऊर्जा मंत्रालय और ग्रामिण कार्य मंत्री बनाया गया है, डॉ. प्रेम कुमार को सहकारिता एवं आपदा प्रबंधन मत्री नियुक्त किया गया है, श्रवन कुमार को ग्रामिण विकास और समाज कलयाण के महकमे की जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं पर संतोष कुमार सुमन और सुमित कुमार सिंह के बीच सूचना प्रौवैधिकी और विज्ञान मंत्रालय का बंटवारा किया गया है.
पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपने 48 साल के रिशते को खतम करते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया है. हाल ही में कांग्रेस से मिलिंद देवड़ा ने भी दिया था इस्तीफा.
Mumbai: मुबंई से कांग्रेस के मंत्री रहे अल्पसंख्यकों के बड़े चेहरे बाबा सिद्दीकी ने आज इस्तीफा दे दिया. उनके इस कदम से पार्टी और प्रदेश की इकाई को बड़ा झटका लगा है क्योंकी हाल ही में कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी से इस्तीफा देकर शिव सेना शींदे गुट में शामिल हो गए थे.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बाबा सिद्दीकी ने बयान जारी करते हुए ये कहा है कि उनहोंने अपने युवावस्था में लोगो के बेहतरी के लिए कांग्रेस का दामन थामा और आज 48 साल बाद जिस पार्टी और उसके लोगों के लिए उनहोंने बहुत कुछ किया है उसकी सदस्यता को छोड़ रहा हूं.
कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाने वाले बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में रहते हुए सत्ता में मंत्री के रूप में काम किया था. एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बाबा सिद्दीकी ने बताया, "मैं एक युवा किशोर के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था और यह 48 वर्षों तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा रही है। आज मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं."
एनसीपी में जाने की अटकलें
बाबा सिद्दीकी का इस्तीफा एनसीपी के शरद पवार गुट के संवैधानिक होने के फैसले के बाद आया है जिसकी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि बाबा सिद्दीकी एनसीपी का दामन थाम सकते हैं. चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब ये देखना है कि बाबा सिद्दीकी का आने वाले लोकसभा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में क्या रोल होगा.
बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी इस वक्त महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस खेमें के बांद्रा (पूर्व) से विधायक है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बाबा सिद्दीकी का अगला कदम क्या होगा?
MSP को लेकर किसानों का आंदोलन दिन पर दिन उग्र होता जा रहा है. किसानों ने आर-पार की लड़ाई को लेकर जमकर कमर कस ली है. जिसके चलते हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है. जहां एक ओर किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार और प्रशासन हाथ पांव फूलने लगे हैं और प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए प्लान भी तैयार कर लिया है. जिसके चलते हरियाणा पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी है और जनता से अपील की है कि लोग 13 फरवरी को राज्य के मुख्य मार्ग का उपयोग अति आवश्यक स्थिति में ही करें और अति आवश्यक होने पर ही पंजाब की यात्रा करें. साथ ही प्रशासन द्वारा हरियाणा से पंजाब की ओर जाने वाले सभी मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित होने की भी संभावना जताई जा रही है .
पुलिस ने बताया कहां से मिलेगी जानकारी
हरियाणा की एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सिंह ने बताया कि ट्रैफिक की वर्तमान स्थिति जानने के लिए हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- @police_haryana, @DGPHaryana और Haryana Police फेसबुक पेज को फॉलो करें. दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर यातायात बाधित होने की स्थिति में चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को डेराबस्सी, बरवाला/रामगढ़, साहा, शाहबाद, कुरूक्षेत्र के रास्ते अथवा पंचकूला, एनएच-344 यमुनानगर इंद्री/पिपली, करनाल होते हुए दिल्ली जाने की सलाह दी गई है. इसी प्रकार, दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाले यात्री करनाल, इंद्री/पिपली, यमुनानगर, पंचकूला होते हुए या फिर कुरूक्षेत्र, शाहबाद, साहा, बरवाला, रामगढ़ होते हुए अपने गन्तव्य पर पहुंच सकते हैं.
हरियाणा के करीब 12 जिलों में लगी धारा 144
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सिंह ने लोगों से किसी भी आपात परिस्थिति में डायल-112 पर संपर्क करने की अपील करते हुए कहा कि लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने, किसी भी तरह की हिंसा को रोकने और ट्रैफिक सुगम बनाने के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. इस संबंध में सभी रेंज एडीजीपी/आईजीपी, पुलिस आयुक्त और जिलों के एसपी को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गए हैं. प्रभावित जिलों खासकर अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा में ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था की गई है. वहीं राज्य के अंदर अन्य सभी मार्गों पर ट्रैफिक की स्थिति सामान्य रहेगी. हरियाणा के कम से कम 12 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है और चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में भी धारा 144 लागू है। जिसका आदेश पंचकूला के डीसीपी सुमेर सिंह प्रताप ने जारी किए हैं. साथ ही सार्वजनिक स्थान पर एकसाथ पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा.
13 फरवरी तक इंटरनेट सेवाएं बाधित
हरियाणा के गृह विभाग ने एक आदेश जारी कर जानकारी दी है कि अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और पुलिस जिला डबवाली में 11 फरवरी सुबह 6 बजे से लेकर 13 फरवरी रात 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क एसएमएस और डोंगल सर्विस ठप रहेंगी. पर्सनल एसएमएस, बैकिंग एसएमएस, ब्रॉडबैंड व लीज लाइंस पहले की तरह चलती रहेंगी और पैदल या ट्रैक्टर-ट्रालियों व अन्य वाहनों के साथ जलूस निकालने, प्रदर्शन करने, मार्च करने, लाठी, डंडा या हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध रहेगा. वहीं हरियाणा और पंजाब के करीब 23 किसान संगठनों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक उनका आंदोलन नहीं रुकेगा.
12 फरवरी को दूसरे दौर की बैठक
किसान संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल 12 फरवरी को चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में केंद्र सरकार के साथ दूसरे दौर की वार्ता करेगा. किसानों और सरकार के बीच पहले दौर की वार्ता 8 फरवरी को यहीं पर हुई थी. दूसरे दौर की बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय मौजूद रहेंगे.
चुनावी बॉन्ड स्कीम ! आप भी सोच रहे होंगे कि अब ये क्या बला है, अरे रुकिये जरा हम आपको सब कुछ बतायेंगे और विस्तार से, लेकिन पहले ये जान लेते हैं कि इन बॉन्ड को लेकर SC ने क्या फैसला सुनाया है. दरअसल लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड्स यानी चुनावी बॉन्ड योजना पर SC ने अवैध करार देते हुए रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है "कि चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है और वोटर्स को पार्टियों की फंडिंग के बारे में जानने का हक है. नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है।" कोर्ट ने माना है कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है. इस पर CJI ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस बॉन्ड के अलावा भी काले धन को रोकने के दूसरे तरीके हैं. बॉन्ड की गोपनीयता 'जानने के अधिकार' के खिलाफ है। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि बॉन्ड खरीदने वालों की लिस्ट सार्वजनिक की जाए.
आखिर है क्या चुनावी बॉन्ड ?
चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है. यह एक वचन पत्र की तरह है जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी SBI की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकता है और अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से दान कर सकता है. चुनावी बॉन्ड को ऐसा कोई भी दाता खरीद सकता है, जिसके पास एक ऐसा बैंक खाता है और जिसकी केवाईसी की जानकारियां उपलब्ध हैं. बॉन्ड में भुगतानकर्ता का नाम नहीं होता है. ये बॉन्ड SBI की 29 शाखाओं को जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया था, और ये बॉन्ड 1,000 रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये में से किसी भी मूल्य के चुनावी बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं. ये शाखाएं नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गांधीनगर, चंडीगढ़, पटना, रांची, गुवाहाटी, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु की थीं. चुनावी बॉन्ड्स की अवधि केवल 15 दिनों की होती है, इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में देती थीं और राजनीतिक दल इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते थे.
कब और क्यों चुनावी बॉन्ड जारी किया गया?
2017 में केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया. संसद से पास होने के बाद 29 जनवरी 2018 को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. इसके जरिए राजनीतिक दलों को चंदा मिलता है. यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते थे. इसके लिए ग्राहक बैंक की शाखा में या वेबसाइट से भी ऑनलाइन इसे खरीद सकता था.
चुनावी बॉन्ड योजना पर क्यों छिड़ा विवाद?
बॉन्ड को लेकर कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स समेत 4 लोगों ने याचिकाएं दाखिल की. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चुनावी बॉन्ड के जरिए गुपचुप फंडिंग पारदर्शिता को प्रभावित करती है और यह सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन है. उनका कहना था कि इसमें शेल कंपनियों की तरफ से भी दान की अनुमति दे दी गई है. चुनावी बॉन्ड पर सुनवाई पिछले साल 31 अक्टूबर को शुरू हुई थी,. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने की.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच एक के बाद एक करके कांग्रेस को बड़े झटके लग रहे है, जिसने कांग्रेस की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। जहां एक ओर कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं वहीं दूसरी ओर नकुलनाथ के एक्स हैंडल पार्टी का नाम और लोगो भी हट गया है। इसका मतलब साफ है कि नकुलनाथ ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है साथ ही छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ ने अपने तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स के अपने बायो से कांग्रेस नाम हटा दिया है और उनके नाम के आगे सिर्फ छिंदवाड़ा सांसद लिखा है और कांग्रेस का चिन्ह गायब है। इस बीच एमपी के पूर्व मंत्री व कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने भी अपना एक्स हैंडल प्रोफाइल चेंज कर दिया। इसमें भी कांग्रेस का चिन्ह नदारद है। जिसका मतलब साफ है कि कमलनाथ, नकुलनाथ समेत इनके करीबियों ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाए कमलनाथ
कमलनाथ के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी कमलनाथ ट्रेंड कर रहा है, जिसमें कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने का पुरजोर दावा किया जा रहा है। हालांकि पिछले दिनों जब कमलनाथ से उनके भाजपा में जाने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया था। मतलब कि कांग्रेस का हाथ छोड़ने की तैयारी पहले ही हो चुकी थी और अब इस प्रक्रिया को धरातल पर उतारा जा रहा है।
पूर्व इंदौर सांसद ने कमलनाथ को दिया था निमंत्रण
पूर्व लोकसभा स्पीकर और पूर्व इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन ने पिछले दिनों कमलनाथ को जय सियाराम के नारे के साथ कमलनाथ को भाजपा में आने का निमंत्रण दिया था तब उन्होंने कहा था कि यदि विकास पसंद है, तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वहीं कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि अगर वो अपनी पार्टी से परेशान हैं तो उनका भाजपा में स्वागत है। वहीं, भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी कमलनाथ और नकुलनाथ की फोटो के साथ जय श्री राम का नारा लिखकर इस बात का संदेश दे दिया है कि जल्द ही कमलनाथ कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल थामे नजर आएंगे ।
दिग्विजय सिंह ने बातों का किया खंडन
कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा ’कि कल रात मेरी कमलनाथ से बात हुई है। वह छिंदवाड़ा में हैं और वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपना राजनीतिक करियर नेहरू-गांधी परिवार के साथ शुरू किया है । इसलिए उनके भाजपा में जाने की बात सरासर गलत है ।’
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद के कुन्दरकी नगर में एक चौका देने वाला मामला संज्ञान में आया है। जहां एक युवक ने मस्जिद के इमाम और कमेटी के लोगों पर उसके पिता की मौत के बाद जनाजे की नमाज न पढ़ाने का आरोप लगाया है। युवक ने आरोप में कहा है कि उसके पिता भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे, इसलिए मस्जिद के लोगों ने भाजपा कार्यकर्ता होने की वजह से उनके जनाजे की नमाज नहीं पढ़ाई है।
हार्ट अटैक से हुई मौत
कुन्दरकी नगर के मोहल्ला कायस्थान के रहने वाले दिलनवाज का आरोप है, उसके पिता अलीदाद खान पुराने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे। वो पार्टी की मीटिंग को भी अटेंड करते थे। हफ्ते भर पहले उन्हें अचानक हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। मौत के बाद उनका जनाजा मस्जिद में ले जाया गया, जहां पर इमाम और कमेटी मेंबर्स ने जनाजे की नमाज पढ़ाने से इंकार कर दिया।
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मौलाना ने मामले पर क्या कहा?
युवक ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद किसी तरह से रिश्तेदारी से बुलाकर किसी इमाम से नमाज पढाई गई। अलीदाद के पुत्र दिलनवाज़ का कहना है कि मस्जिद के कमेटी के लोग दबंग प्रवत्ति के हैं और वो लगातार उसे धमकी भी दे रहे हैं। जिसके चलते उसने एक लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों से कर दी है। लेकिन युवक इस पूरे मामले में कार्यवाई की मांग कर रहा है। तो वहीं, दूसरे पक्ष यानी कि मस्जिद के इमाम मौलाना राशिद का कहना है कि मस्जिद में नमाज़ पढ़ाई गई है।
नमाज़ पढ़ाने का पहला अधिकार परिवार का
जानकारी के मुताबिक, नमाज़ पढ़ाने का सबसे पहला अधिकार परिवार के इंसान को होता है। हमने इनके जनाजे की नमाज़ नही पड़ी है, क्योंकि ये पैग़बरे इस्लाम की शान में गुस्ताख़ी करते थे। इसमें राजनीति से संबंधित कोई मामला नहीं है ये धार्मिक मामला है। इस मामले को राजनीति से जोड़कर तूल दिया जा रहा है। जिलाधिकारी अनुज सिंह का कहना है, एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है। इस पूरे मामले में टीम गठित कर दी गई है। सत्यता की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की 90 विधानसभा सीटों पर शनिवार को वोटिंग हुई। वोटिंग में लोगों ने जोश के साथ भाग लिया। सीएम नायब सिंह सैनी से लेकर पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और कार्यकर्ताओं से लेकर आम लोगों ने वोट डाले। लेकिन इस सब के बीच से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल चर्चा में आ गए हैं। बीजेपी सांसद नवीन जिंदल घोड़े पर बैठकर वोट डालने पहुंचे।
घोड़े पर बैठकर वोट डालने पहुंचे नवीन जिंदल
कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल अलग अंदाज में वोट डालने पहुंचे। वो सफेद घोड़े पर बैठकर हिसार में वोटिंग की जगह तक गए। ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि उनके हिसाब से ये शुभ होता है। दरअसल, विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग के नवीन जिंदल हिसार के एक पोल स्टेशन पहुंचे। इसका वीडियो न्यूज एजेंसी द्वारा शेयर किया गया। इसमें नवीन जिंदल घोड़े पर सवार नजर आ रहे हैं, जबकि उनके चारों तरफ उनकी सुरक्षा में तैनात गार्ड्स हैं। वोट डालने के बाद नवीन जिंदल ने कहा कि उन्होंने घोड़े पर सवार होकर आना इसलिए चुना क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।
बीजेपी की हैट्रिक दावा!
भारतीय जनता पार्टी के कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल ने विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की जीत की बात कही है। उनका कहना है कि राज्य के लोग बीजेपी को आशीर्वाद देंगे और पार्टी को लगातार तीसरी बार सत्ता में लाएंगे। अपने वोट का इस्तेमाल करने के बाद कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि लोगों में बहुत उत्साह है। हमें बहुत खुशी है कि वे आज अपना वोट डाल रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि हरियाणा के बहादुर और जागरूक लोग भाजपा को अपना आशीर्वाद देंगे। मैं यहां घोड़े पर सवार होकर आया हूं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।
हिसार से मां भी है चुनावी रण में
हरियाणा विधानसभा चुनाव सांसद नवीन जिंदल के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। एक तरफ जहां वो कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल को हिसार की विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में है। सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि उनकी मां सावित्री जिंदल हिसार के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं। हिसार के लोग तय करेंगे कि वो किसे अपना प्रतिनिधि बनाना चाहते हैं।
4 बजे तक 54.3 परसेंट मतदान
आपको बता दें, हरियाणा में 4 बजे तक 54.3 प्रतिशत मतदान हुआ है।
कहां कितनी वोटिंग
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