पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपने 48 साल के रिशते को खतम करते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया है. हाल ही में कांग्रेस से मिलिंद देवड़ा ने भी दिया था इस्तीफा.
Mumbai: मुबंई से कांग्रेस के मंत्री रहे अल्पसंख्यकों के बड़े चेहरे बाबा सिद्दीकी ने आज इस्तीफा दे दिया. उनके इस कदम से पार्टी और प्रदेश की इकाई को बड़ा झटका लगा है क्योंकी हाल ही में कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी से इस्तीफा देकर शिव सेना शींदे गुट में शामिल हो गए थे.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बाबा सिद्दीकी ने बयान जारी करते हुए ये कहा है कि उनहोंने अपने युवावस्था में लोगो के बेहतरी के लिए कांग्रेस का दामन थामा और आज 48 साल बाद जिस पार्टी और उसके लोगों के लिए उनहोंने बहुत कुछ किया है उसकी सदस्यता को छोड़ रहा हूं.
कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाने वाले बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में रहते हुए सत्ता में मंत्री के रूप में काम किया था. एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बाबा सिद्दीकी ने बताया, "मैं एक युवा किशोर के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था और यह 48 वर्षों तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा रही है। आज मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं."
एनसीपी में जाने की अटकलें
बाबा सिद्दीकी का इस्तीफा एनसीपी के शरद पवार गुट के संवैधानिक होने के फैसले के बाद आया है जिसकी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि बाबा सिद्दीकी एनसीपी का दामन थाम सकते हैं. चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब ये देखना है कि बाबा सिद्दीकी का आने वाले लोकसभा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में क्या रोल होगा.
बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी इस वक्त महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस खेमें के बांद्रा (पूर्व) से विधायक है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बाबा सिद्दीकी का अगला कदम क्या होगा?
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