Pryagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर में कॉरीडोर निर्माण की योजना को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने मथुरा वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन को सुलभ बनाने के लिए सरकार को प्रस्तावित योजना अमल में लाने की अनुमति दे दी है। हालांकि इस कार्य के लिए मंदिर के खाते में जमा 262 करोड़ रुपए की धनराशि का उपयोग करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार इस कार्य के लिए अपने पास से पैसा खर्च करने का निर्देश दिया है।
अनंत शर्मा की जनहित याचिका पर दिया आदेश
इसके साथ ही कोर्ट ने कॉरिडोर निर्माण के लिए राज्य सरकार को हर वह कदम उठाने की छूट दी है। साथ ही अतिक्रमण हटाने के लिए भी पूरी छूट दी है । मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश अनंत शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। अनंत शर्मा ने कोर्ट के समक्ष बांके बिहारी मंदिर में भारी संख्या में आने वाले दर्शनार्थियों से हो रही असुविधा का मुद्दा उठाया था। बताया गया कि छुट्टियां और विशेष पर्वों पर बांके बिहारी में डेढ़ से ढाई लाख श्रद्धालु आते हैं. जबकि मंदिर में जाने वाले रास्ते बेहद सकरे हैं। साथ ही यात्रा मार्ग में बहुत प्रसाद आदि की दुकानें हैं, जिससे बड़ी समस्या पैदा होती है । भीड़ में दबकर लोगों के घायल होने व मौत के होने की घटनाएं भी वहां होती है।
भीड़ का प्रबंधन सरकार की जिम्मेदारी
वहीं, राज्य सरकार की ओर से विस्तृत प्रस्ताव देकर योजनाएं प्रस्तुत की गई। जिससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। लेकिन सरकार का प्रस्ताव था कि इस कार्य में आने वाला खर्च मंदिर के खाते में जमा धनराशि से किया जाएगा। मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज ने सरकार के इस प्रस्ताव पर घोर आपत्ति की । गोस्वामी समाज का कहना था कि मंदिर के फंड में हस्तक्षेप कर सरकार मंदिर का प्रबंध अपने हाथ में लेना चाहती है। यदि सरकार अपने पास से पैसा खर्च करके प्रबंध करना चाहती है तो गोस्वामी समाज को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। कोर्ट का कहना था कि मंदिर भले ही प्राइवेट प्रॉपर्टी है मगर यदि वहा इतनी बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते है तो भीड़ का प्रबंधन करना और जन सुविधाओं को ध्यान रख कर व्यवस्था करना सरकार का दायित्व है।
Mathura: वृंदावन के श्री ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन को आईं दो महिला श्रद्धालुओं की रविवार को मंदिर के रास्ते में मौत हो गई। एक महिला जबलपुर (मप्र) और दूसरी सीतापुर (उप्र) की रहने वाली थी। दोनों महिलाएं भीड़ के दबाव में अपने परिजनों से बिछड़ गई थीं। तबियत बिगड़ने से मौत होने की पुष्टि पुलिस द्वारा की गई है। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव लेकर चले गए।
भीड़ के आगे पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था ध्वस्त
रविवार को चार लाख से अधिक श्रद्धालु बांके बिहारी के दर्शन को पहुंचे। पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय पुलिस द्वारा की गई पुष्टि के अनुसार बीना गुप्ता (70) पत्नी ओम प्रकाश गुप्ता निवासी गंज बाजार, महोली, सीतापुर, जो कि अपनी पड़ोसन शिवानी व अन्य परिजनों के साथ वृंदावन में श्रीबांके के दर्शन को आई थीं। रविवार सुबह 11.30 बजे करीब वह मंदिर में दर्शन को निकली थीं। तभी वह भीड़ के चलते अपने परिजनों बिछड़ गईं। पड़ोसन शिवानी उनके साथ थीं। हरि निकुंज चौराहा के पास चलते-चलते उनकी तबीयत बिगड़ी और अचेत हो गईं। सूचना पर पहुंची पुलिस उन्हें सौ शैय्या अस्पताल में लेकर पहुंची। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022