Greater Noida: प्रदेश सरकार नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों एक और तोहफा दिया है। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने पिछले आठ वर्ष में क्रियाशील नहीं हुई औद्योगिक, आईटी और आईटीईएस भूखंडों को 31 दिसंबर 2024 तक क्रियाशील करने का समय दिया है। इससे नोएडा समेत अन्य जिले में औद्योगिक विकास की संभावना बढ़ गई हैं।
2024 दिसंबर तक का मिला समय
शासन ने ग्रेटर नोएडा, नोएडा, यमुना, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, गोरखपुर प्राधिकरण और सतहरिया (जौनपुर) प्राधिकरण को ये आदेश जारी किया है। इस आदेश से एक हजार से अधिक भूखंडों को राहत मिलेगी। इस तरह की कई पहल के जरिए प्रदेश सरकार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। अब सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए आठ वर्ष पूर्व आवंटित हुए औद्योगिक, आईटी और आईटीईएस भूखंड जो क्रियाशील नहीं हुए हैं उन्हें 31 दिसंबर 2024 तक का समय दिया गया है।
आठ साल से अटकी है रजिस्ट्री
औद्योगिक आयुक्त द्वारा जारी आदेश के तहत जो औद्योगिक, आईटी व आईटीईएस भूखंड 28 जुलाई 2020 तक आवंटित हुए, लेकिन क्रियाशील नहीं हुए। इसके अलावा 28 जुलाई 2020 तक जिन भूखंडों की रजिस्ट्री को आठ वर्ष बीत गए लेकिन वह भी क्रियाशील नहीं हुए उन्हें राहत दी गई है।
प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी
बता दें कि इन आवंटियों को कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है। पूर्व के आदेश के तहत ऐसे भूखंडों को निरस्त करने का प्रविधान है। साथ ही राज्य में निवेश बढ़ाने और रोजगार उत्पन्न करने के लिए प्रदेश सरकार समय सीमा बढ़ा सकती है। इसी के तहत ये निर्णय लिया गया है। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस निर्णय से एक हजार से अधिक औद्योगिक आईटी और आईटीईएस आवंटियों को राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
Greater Noida: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आईटी, उद्योग व संस्थागत आवंटनों की समीक्षा की। चेयरमैन ने कहा कि आईटी, उद्योग व संस्थागत के जो आवंटी लंबे समय से खाली भूखंड लेकर बैठे हैं, उन भूखंडों पर बिल्डिंग बनाकर कंप्लीशन और फंक्शनल नहीं कर रहे हैं, उनका आवंटन निरस्त कर दिया जाए। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि जिन आवंटियों ने तय प्रावधानों के मुताबिक न्यूनतम निर्माण भी पूरा कर लिया है, उनसे न्यूनतम औपचारिकताएं पूरी कराकर कंप्लीशन और फंक्शनल सर्टिफिकेट जारी करेें। आईडीसी ने इसके लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को शिविर लगाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने आवंटनों की ताजा स्थिति की दी जानकारी
आईडीसी व चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने सोमवार शाम करीब छह बजे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों प्राधिकरण के आईटी, उद्योग व संस्थागत आवंटनों की समीक्षा की। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आईटी, उद्योग व संस्थागत निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस बैठक में सभी विभागाध्यक्षों ने चेयरमैन को इनसे जुड़े आवंटनों की ताजा स्थिति से अवगत कराया।
भवन का न्यूनतम निर्माण करने वाले को दें राहत
चेयरमैन ने कहा कि जिन भूखंडों के आवंटन को लंबा समय बीत चुका है। उनको बनाने और फंक्शनल करने की अवधि भी खत्म हो चुकी है, उनका सर्वे करा लें और खाली भूखंड मिलने पर आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई करें, ताकि उन भूखंडों को नए सिरे से आवंटित किया जा सके। नए उद्यमियों को मौका मिल सके। इससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा में निवेश के द्वार खुलेंगे। इसके साथ ही चेयरमैन ने यह भी कहा कि अगर किसी आवंटी ने भवन का न्यूनतम निर्माण कर लिया है तो उससे जरूरी औपचारिकताएं पूरी कराकर कंप्लीशन और फंक्शनल सर्टिफिकेट जारी करें।
शिविर का आयोजन करने के निर्देश
उन्होंने इसके लिए दोनों प्राधिकरणों को शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन आवंटनों को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी शामिल करने के निर्देश दिए। बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, नोएडा के एसीईओ संजय खत्री व एसीईओ वंदना त्रिपाठी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।
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