ग्रेटर नोएडा: उद्योगों के विकास में आड़े आ रही समस्याओं को लेकर प्राधिकरण कार्यालय में बैठक की गई। इस दौरान उद्यमियों की समस्याओं को सुना गया। बैठक में जिला उद्योग केंद्र से जुड़े अलग-अलग संगठन के उद्यमियों ने हिस्सा लिया। जिन्होंने औद्योगिक भूखंडों की मांग करते हुए उन्हें समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान प्राधिकरण के ओएसडी विष्णु राज ने उद्यमियों की समस्याओं को सुनते हुए उन्हें जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
यमुना सिटी: बहुत जल्द गौतम बुद्ध नगर जिले को पॉड टैक्सी का कार्य शुरू होने जा रहा है। अगले हफ़्ते से ग्लोबल टेंडर जारी किए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक इसके विकास कार्य के लिए 621 करोड़ रूपए ख़र्च किये जाएंगे। इस रूट की लंबाई 14.6 किलोमीटर होगी।
भारत में पहली पॉड टैक्सी की सुविधा
यमुना सिटी में पॉड टैक्सी बनने के बाद भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जहां पर इस ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि इस प्रोजेक्ट की लंबाई भी सबसे ज्यादा होगी। इस रूट की लंबाई 14.6 किमी. है। जो अभी तक दुनिया का सबसे लंबा पॉड टैक्सी रूट होगा।
यमुना सिटी में आवागमन होगा सुगम
पॉड टैक्सी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के बीच चलेगी। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके बनने से आवागमन बहुत सुगम हो जाएगा। भारत में पहली बार पॉड टैक्सी का संचालन होने जा रहा है।
पॉड टैक्सी के बनाए जाएंगे 12 स्टेशन
यमुना सिटी में लगभग 14.6 किमी. के रूट पर पॉड टैक्सी का संचालन होगा। इस पूरे रूट पर 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। जबकि 112 पॉड टैक्सी संचालित की जाएगी। पॉड टैक्सी आवास औद्योगिक और संस्थागत सेक्टरों से होते हुए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक जाएगी।
प्रोजेक्ट पर ख़र्च होंगे 621 करोड़ रुपये
ये दुनिया का सबसे लंबा पॉड टैक्सी रूट होगा, इससे पहले दुनिया के चार देशों मे पॉड टैक्सी का संचालन हो रहा है। इस परियोजना पर यमुना प्राधिकरण 621 करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रत्येक पॉड टैक्सी में 6 यात्री एक साथ यात्रा कर सकेंगे। खास बात ये कि इस पॉड टैक्सी का संचालन खुद यात्री कर सकते हैं।
ग्रेटर नोएडा: चाय की चुसकी का आनंद हर कोई लेना चाहता है, तभी तो चाय का धंधा कभी मंदा नहीं पड़ता। लेकिन आखिर कितना, चलो आपसे सवाल करते हैं कि आप दिन भर में कितनी चाय पी सकते हैं। दो, चार, दस बस... लेकिन इस हिसाब से इतनी चाय की कीमत साल भर में भी कुछ हजार रुपए ही होगी। शायद आपके पूरे परिवार या फिर कहें की पूरे मोहल्ले की चाय की ख़र्च भी साल में कुछ हजार रुपये की ही होगी। लेकिन कोई आप से कहे कि सरकारी दफ्तर में ऐसा नहीं है। यहां के बाबू और अफ़सर कुछ हजार या फिर लाख की नहीं, बल्कि लाखों की चाय साल भर में पी जाते हैं। तो शायद आप पूछेंगे कैसे? क्या कोई चाय, दूध की तरह थोड़ी ना पीता है। जिसका बिल लाखों में हो जाए। ऐसा ही कुछ मज़ेदार और चौंकाने वाला मामला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से सामने आया है। जहां सरकारी बाबुओं और अधिकारियों ने बैठकों का हवाला देकर दो साल में पूरे 71 लाख रुपये की चाय पी गये।
एक महीने में पौने चार लाख की चाय
एक-एक महीने में पौने चार लाख रुपये का बिल बनाया गया है। ये बिल क्षेत्रीय किसानों और अन्य लोगों के साथ बैठकों में पी गई है। ऐसा जवाब आरटीआई में दिया गया। दरअसल प्राधिकरण कार्यालय में समय-समय पर बैठक का आयोजन किया जाता है। बिल का ठीकरा किसानों के साथ होने वाली बैठक पर भी फोड़ा गया है।
ग्रेटर नोएडा: जिन आवंटियों ने समय पूरा होने के बाद भी अभी तक उद्योग नहीं लगाया प्राधिकरण उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई करने जा रही है। ऐसे आवंटियों के आवंटन को रद्द करने के निर्देश दिए गये हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन आवंटियों को अंतिम नोटिस भेजी जा चुकी है, उसके बावजूद उन्होंने उद्योग नहीं लगाया, ऐसे आवंटियों के आवंटन को तत्काल रद्द कर दिया जाए।
दूसरे निवेशकों को उद्योग लगाने का मिलेगा मौका
सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि आवंटन रद्द होने के बाद उन भूखंडों को दूसरे निवेशकों को आवंटित किया जाए, ताकि उद्योग लग सके और रोजगार का अवसर बढ़े।
धनराशि नहीं जमा तो भी रद्द होगा आवंटन
सीईओ रितु माहेश्वरी ने स्कीमों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन आवंटियों ने धनराशि जमा करा दी है, उनकी लीज डीड की प्रक्रिया तत्काल संपन्न कराएं। जबकि जिनका धनराशि नहीं जमा और अंतिम तारीख़ निकल चुकी है, ऐसे आवंटियों का भी आवंटन तत्काल रद्द करने के निर्देश दिया गया है।
वेयर हाउस स्कीम लाने की तैयारी
उधर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जल्द ही वेयर हाउस स्कीम लाने की तैयारी कर रहा है। वेयर हाउस स्कीम ईकोटेक-16 में लाया जाएगा। जिसके लिए भूखंडों को चिन्हित किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा: पिछले 52 दिन से किसान प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे हैं। गुरुवार रात 8 बजे ग्रेटर नोएडा सीईओ रितु माहेश्वरी और किसानों की बीच बातचीत विफल हो गई। इस दौरान मौजूद रहे विधायक तेजपाल नागर भी किसानों को समझाने में नाकाम रहे। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों ने उनके जेल में बंद उनके साथी किसानों को छोड़ने की मांग की। हालांकि विधायक ने किसानों को लाख समझाने का प्रयास किया कि वो अभी रात में धरना खत्म कर दें, सुबह उनके साथियों को छोड़ दिया जाएगा। इसके बावजूद किसानों ने विधायक की भी बात नहीं सुनी।
विधायक से नाराज़ दिखे किसान
किसानों ने कहा कि विधायक जनप्रतिनिधि हैं, इसके वाबजूद वो किसानों की तरफ़ से कम, अथॉरिटी अफसरों की तरफ से बोलते दिखे। किसानों का आरोप था कि विधायक की रूचि केवल धरना ख़त्म करवाने में थी, ना कि किसानों की समस्या सुलझाने में।
अथॉरिटी से बातचीत बेनतीजा
अथॉरिटी की तरफ़ से किसानों के प्रतिनिधियों को अंदर बातचीत के लिये बुलाया गया था। किसानों की बातचीत रितु माहेश्वरी की मौजूदगी में उनके कार्यालय में शुरू हुई। इससे पहले विधायक मास्टर तेजपाल सिंह भी किसानों और अधिकारियों के बीच मसले को सुलझाने पहुंचे। विधायक ने किसानों के सामने धरना ख़त्म करने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान करीब आधे घंटे विधायक और रितु माहेश्वरी की भी बातचीत हुई। इसके बाद तय हुआ कि किसानों के एक प्रतिनिधि दल को अंदर बुलाया जाए।
आप नए उद्यमी हैं, या फिर उद्यमी बनना चाहते हैं, तो नोएडा प्राधिकरण की ये स्कीम आपके स्टार्टअप में जान फूक सकती है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने किराए पर जगह देने की स्कीम निकाली है। दरअसल, शहर के फेज-टू में पुरानी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लंबा चौड़ा जगह खाली है। इस स्थान को अब प्राधिकरण स्टार्टअप को किराए पर देने जा रही है।
6 जुलाई तक करें आवेदन
इस योजना के लिए 6 जुलाई तक आवेदन प्राधिकरण में किया जा सकता है। इस योजना के बारे में प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि यहां पर 1,224 वर्ग मीटर जगह चिन्हित की गई है। स्टार्टअप के लिए ये जगह किराए पर दिया जाएगा। इस जगह को किराए पर देने के लिए 335 रुपये प्रति वर्ग मीटर रिजर्व प्राइज होगा। यानि आपको ये जगह किराए पर चाहिए तो इससे ज्यादा की बोली लगानी होगी।
पहली बार निकाली गई इस तरह की योजना
प्राधिकरण के संस्थागत विभाग की ओर से पहली बार इस तरह की स्टार्टअप योजना निकाली गई है। अभी 6 जुलाई तक इस तरह की योजना के लोग अप्लाई कर सकते हैं। उसके बाद ऑनलाइन बोली समय तय किया जाएगा।
यमुना सिटी: आगामी बोर्ड बैठक में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के हजारों आवंटियों के लिए बड़ी राहत मिल सकती है। प्राधिकरण बकायेदार आवंटियों का जुमार्ना माफ करने की तैयारी में है। कोर्ट स्टे, विकास कार्य नहीं होने, जमीन मौजूद नहीं होने के चलते अगर किसी आवंटी पर जुमार्ना लग रहा है, तो वह माफ हो जाएगा। ये प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।
26 जून को बोर्ड की बैठक
यमुना प्राधिकरण की 26 जून को बोर्ड बैठक है। जिसमें जुमार्ने की मार झेल रहे आवंटियों के लिए भी प्रस्ताव रखा जाएगा। बोर्ड बैठक में ऐसे आवंटियों को शून्यकाल का लाभ दिए जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक, अगर इसी जमीन पर कोर्ट स्टे है और आवंटी को अब तक कब्जा नहीं मिल पाया है तो उन्हें जुमार्ने से राहत मिलेगी। इसके अलावा भूखंड का विकास नहीं होने, प्राधिकरण के पास जमीन नहीं होने के चलते अगर कब्जा नहीं मिल पाया है तो भी आवंटियों का जुर्माना माफ होगा। आपको बता दें एक अनुमान के मुताबिक ऐसे आवंटियों की संख्या करीब 3000 है। अगर बोर्ड में प्रस्ताव पास होता है तो इन सभी आवंटियों को इससे राहत मिल जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण से जुड़ी बड़ी ख़बर है, प्राधिकरण में बड़ी धांधली सामने आई है। प्राधिकरण ने एक शख्स के खाते में 200 करोड़ रुपये जमा करा दिए। घटना की जानकारी सामने के बाद प्राधिकरण के आलाधिकारियों के हाथ पांव फूल गये। जिस व्यक्ति के खाते में रकम ट्रांसफर की गई थी, उस व्यक्ति ने बैंक खाते से करोड़ों रुपए निकाल भी लिए। जानकारी के मुताबिक उस शख्स ने अकाउंट से 3 करोड़ 80 लाख रुपये निकाल लिए।
मिली भगत का अंदेशा
दरअसल, 200 करोड़ रुपये की FD कराने के बजाय प्राधिकरणकर्मियों ने 'बैंक ऑफ इंडिया' के एक खाताधारक के खाते में ये पैसे ट्रांसफर कर दिए। इस घटना के बाद से अधिकारियों के ऊपर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या अधिकारियों की लापरवाही से ये हुआ है या फिर अधिकारियों और बैंककर्मियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा किया गया था। जिसकी जानकारी सामने आ गई। साथ ही अगर किसी व्यक्ति के खाते में ये रकम गलती से चली गई तो ये प्राधिकरण कर्मियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करती है।
एक्शन में रितु माहेश्वरी
मामला सामने आने के बाद CEO रितु माहेश्वरी ने नोएडा सेक्टर-58 में अज्ञात प्राधिकरण अफसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। शुरुआती जांच के मुताबिक प्राधिकरण के कुछ अफसरों से इसे लेकर पूछताछ भी की गई है।
ग्रेटर नोएडा: सूरजापुर थाना क्षेत्र के खुर्द गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्राधिकरण की टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। अचानक ग्रामीणों ने जेसीबी पर पथराव किया। इस दौरान प्राधिकरण के कर्मचारी पथराव से बचते नजर आए।
आग लगाने की कोशिश
छत्तीसगढ़ गांव में अवैध कब्जे की जमीन को प्राधिकरण की टीम मुक्त कराने दल-बल के साथ पहुंची थी। जहां पर ग्रामीणों ने प्राधिकरण के वाहन और जेसीबी पर पथराव कर दिया। जिसके बाद किसी तरह प्राधिकरण के कर्मचारी खुद को बचाते नजर आए। कुछ ग्रामीणों ने आग की मशाल भी जला ली थी। हालत बिगड़ता देख प्राधिकरण की टीम को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा।
GREATER NOIDA: प्राधिकरण GREATER NOIDA DEVELOPMENT AUTHORITY के सामने धरना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले कई दिनों तक किसानों के धरने के बाद अब एक बार फिर सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर बैठे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के गेट नंबर-1 पर सफाईकर्मी तो गेट नंबर-2 पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
'नहीं मिल रही कोई सुविधा'
सफाईकर्मियों का आरोप है कि ठेकेदारों ने उनकी भर्ती के नाम पर 50 हजार से एक लाख रुपये तक रिश्वत के नाम पर लिए हैं। इसके बावजूद उनको किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। जो प्राधिकरण के अंदर सफाई करने वाले लोगों को दी जा रही है।
GREATER NOIDA प्राधिकरण के बाहर सफाई कर्मियों का धरना @greaternoidauthority pic.twitter.com/iyswIB8nWv
— Now Noida (@NowNoida) July 25, 2023
अब तक नहीं मिली बढ़ी हुई सैलरी
सफाई कर्मियों का आरोप है कि जनवरी 2023 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंदर काम करने वाले सफाई कर्मियों की सैलरी बढ़ा दी गई है। लेकिन बाहर सैलरी नहीं बढ़ाई गई। जबकि शहर को चमकाने का काम बाहर के सफाईकर्मियों का है। अगर एक दिन भी सफाईकर्मी ड्यूटी पर नहीं आएंगे तो शहर की हालत खराब हो जाएगी।
GREATER NOIDA प्राधिकरण के सामने इन मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन @GreaterNoidaAuthority pic.twitter.com/5yGFFPG29d
— Now Noida (@NowNoida) July 25, 2023
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022ठंड से ठिठुरा उत्तर भारत, पहाड़ों पर बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, UP में रेड अलर्ट
January 04, 2023