Lucknow: अयध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की नई मूर्ति की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उतारेंगे। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और अमिताभ बच्चन के साथ ट्रस्ट 7000 अतिथियों को निमंत्रण भेजा।
22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में 150 वैदिक आचार्यों को लगाया जा रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि काशी के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का चयन हुआ है। काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य रहेंगे। उनके साथ डेढ़ सौ पंडितों की टोली रहेगी, जो विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी। काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे। 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकालकर राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित की जाएगी। उसके बाद 18 जनवरी से पूजन, अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू होगी। गोविंद देवगिरी ने बताया कि पीएम मोदी राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जाएंगे। जटायु उन कारसेवकों, बलिदानियों के प्रतीक हैं, जिन्होंने भगवान के कार्य के लिए जीवन को न्योछावर किया।
केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की बना रही रणनीति
राममंदिर निर्माण और उसमें रामलला का विग्रह स्थापित करने की तैयारियों के बीच केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि धर्माचार्यों से संपर्क कर रहे हैं। रामलला के विग्रह की स्थापना (22 जनवरी 2024) एवं राममंदिर के भूमि पूजन (पांच अगस्त 2020) की भी तारीख श्रीराम की विरासत से जुड़े संभावित अवकाशों की सूची में शामिल किए जाने की संभावना है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का 25 लाख रुपए बजट के इंटरनेट से किया जाएगा प्रचार
अयोध्या में जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर के निर्माण कार्यों की नियमित जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग की तरफ से कवायद तेज कर दी गई है। विभाग ने इसके लिए 25 लाख रुपये बजट स्वीकृत करवाया है। यह धनराशि इंटरनेट मीडिया के प्रचार कार्यक्रम पर खर्च की जाएगी। इसके लिए इंटरनेट मीडिया के बड़े इन्फ्लूएंसर्स से संपर्क किया है। विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर राम मंदिर, इसके निर्माण कार्य, अयोध्या के विकास और भगवान राम से संबंधित गाथाओं को प्रसारित किया जाएगा।
Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की अयोध्या में जोर शोर से तैयारी चल रही है। इसी बीच काशी विद्वत परिषद ने रामलला के सिंहासन के रूप में नवरत्नों का प्रस्ताव राममंदिर ट्रस्ट को दिया है। राममंदिर के गर्भगृह में नवरत्नों से निर्मित सुमेरू पर्वत पर रामलला को विराजमान कराया जाएगा। सुमेरू पर्वत का निर्माण हीरा, पन्ना और माणिक्य जैसे बहुमूल्य रत्नों से होगा। भगवान राम के मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को भव्य बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मकांड से लेकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भी वैदिक तरीके से मृगशिरां नक्षत्र में कराया जाएगा। रामलला की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतारेंगे। समारोह में बाबा विश्वनाथ समेत काशी के समस्त देवी-देवता शामिल होंगे।
पुणे में तैयार हो रहे सोने के धागों से बने वस्त्र
रामलला की पोशाक स्वर्ण यानी सोने के धागों से पुणे में तैयार हो रही है। यह पोशाक 22 दिसंबर तक तैयार कर अयोध्या भेजी जाएगी। राममंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि बताते हैं कि पूरे देश में भगवान रामलला के लिए अनेक लोग सुंदर वस्त्र तैयार कर रहे हैं। सोने का मुकुट व सोने के वस्त्र धारण कर रामलला सोने के सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। भगवान रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सोने, चांदी व नवरत्नों से सज्जित वस्त्र धारण करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कन्नौज के इत्र से राम जन्मभूमि परिसर महकेगा। आगरा में युमना किनारे स्थित प्राचीन मथुराधीश मंदिर की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कन्नौज का इत्र व वृंदावन से विशेष नक्काशी युक्त पोशाक भेंट की जाएगी।
22 जनवरी को होगा प्राण प्रतिष्ठा समारो, ढाई लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
बता दें कि अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इससे पहले 20 और 21 जनवरी को भक्त अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर सकेंगे। केवल प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों को रामलला के दर्शन करने का मौका मिलेगा। 23 जनवरी से आम श्रद्धालु भव्य राम मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दोगुनी संख्या में श्रद्धालु पहंचने वाले हैं। माना जा रहा है कि एक दिन में डेढ़ से ढाई लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने पहुंचेंगे।
Ayodhya: भव्य निर्माणाधीन राम मंदिर इन दिनों चर्चा में है। यहां भगवान राम मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है। 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होने जा रहा है। राम मंदिर का परिसर 70 एकड़ का है, जिसमें 20 एकड़ में मंदिर का निर्माण हो रहा है। बाकी बचे हिस्से में हरियाली है। राम मंदिर का पहला तल बनकर तैयार हो चुका है, दूसरे तल पर अभी काम जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप रामनगरी सुसज्जित होने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पीएम के अभूतपूर्व स्वागत की तैयारी की जा रही है। देशी-विदेशी फूलों और तोरणद्वार के जरिए अयोध्या को सजाया जा रहा है। राम मंदिर के निर्माण में 700 से 800 कारीगर दिन रात काम में जुटे हैं।
राम भक्तों के लिए बेहतरीन सुविधाएं
राम मंदिर परिसर में हजारों तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था की जा रही है। आने वाले राम भक्तों के लिए यहां हर वो व्यवस्था की जा रही है, जिससे उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े। जिसमें अस्पताल, शौचालय, लॉकर जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। एयरपोर्ट बाईपास से फोरलेन धर्मपथ, साकेत पेट्रोल पंप हनुमानगढ़ी के रास्ते लगभग 9 किमी. से अधिक दूरी तय करने में दो दर्जन से अधिक तोरणद्वार बनाए जाएंगे। यहां रेलिंग डिवाइडर-मूर्तियों आदि को फूलों व बुके से सजाया जाएगा। पीएम के स्वागत के मद्देनजर अभूतपूर्व तैयारी की जा रही है। राममय अयोध्या के भव्य तोरणद्वार काफी शानदार होंगे।
फूलों से महक उठेगी अयोध्या
पीएम के स्वागत में देशी-विदेशी फूलों से अयोध्या महक उठेगी। लगभग 20 डीसीएम से अधिक फूल लगाए जाएंगे। इनमें कोलकाता से गेंदा की लड़ी, कानपुर और दिल्ली से अशोक की पत्ती और बेंगलुरु से विदेशी फूल आएंगे। इनमें आर्केड, इनथेरियम, कोनिया, कार्नेसन, टाटा रोज, स्टार, डेली, जरबेरा के साथ ही विक्टोरिया, सन ऑफ इंडिया, पैराग्रास, मनोकोमली, चाइना पत्ती, घोड़ापाम, एरिका पान आदि से सजावट की जाएगी। वहीं गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा, कनेर, डहलिया आदि फूल से भी रास्तों को सजाया जाएगा।
Lucknow: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे प्रदेश में एक अलग तरह का माहौल है। गांवों और शहरों में शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं। भजन-कीर्तन हो रहे हैं। इसी क्रम में सीएम योगी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने 22 जनवरी को होने वाले इस भव्य कार्यक्रम को लेकर कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत 22 जनवरी तक सभी बसों में लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम में राम भजन बजाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
बस स्टेशनों पर साफ-सफाई के निर्देश
ताकि यात्रियों का सफर राममय हो सके। भगवान राम से जुड़े भजनों में विभिन्न कलाकारों के प्रसिद्ध भजनों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय गायकों के राम भजनों को भी इसमें स्थान मिल सकता है। सभी यात्री वाहनों में व बस स्टेशनों पर साफ-सफाई सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सभी बसों में लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम में राम भजन बजाए जाने के निर्देश हैं। ताकि यात्रियों का सफर राममय हो सके। भगवान राम से जुड़े भजनों में विभिन्न कलाकारों के प्रसिद्ध भजनों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय गायकों के राम भजनों को भी इसमें स्थान मिल सकता है।
'जय श्रीराम' के जयघोष के साथ अयोध्या से रवाना हुई पहली वंदे भारत
वहीं, जय श्रीराम के उद्घोष के साथ पहली वंदे भारत एक्सप्रेस गुरुवार को अयोध्या कैंट स्टेशन से दिल्ली रवाना हुई। इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन में पहली बार सफर करने वालों में काफी उत्साह दिख रहा था। कोई ट्रेन के साथ सेल्फी लेता दिखा तो कोई वीडियो बना रहा था। गुरुवार को ट्रेन रेल समय सारणी के अनुसार पहली बार आनंद विहार दिल्ली से यात्रियों को लेकर करीब तीन बजे अयोध्या कैंट पहुंची। इसके बाद तीन बज कर 45 मिनट पर यहां से दिल्ली के लिए रवाना हुई।पहले दिन ही वंदे भारत निर्धारित समय से करीब आधा घंटा विलंब से दिल्ली के लिए प्रस्थान की। इस ट्रेन के अयोध्या कैंट से प्रस्थान का समय 3.15 बजे का है। दोहरीकरण के कारण यह ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग अयोध्या-रुदौली-बाराबंकी से न होकर वाया सुल्तानपुर दिल्ली जाएगी।
Ayodhya: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व सोनिया गांधी को निमंत्रण दिए जाने पर मुख्य अर्चक ने नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उन्होंने तो राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। ऐसे लोगों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाना चाहिए।
ऐसे लोगों को आने की जरूरत नहीं
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि जो राम को नहीं मानते हैं और जो सनातन विरोधी हैं। उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये वहीं लोग हैं जिन्होंने कभी राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। ऐसे सनातन विरोधियों को आमंत्रण देने की जरूरत नहीं है, ऐसे लोगों को आने की जरूरत नहीं है।
14 से 20 जनवरी तक सभी मंदिरों में होगा रामचरित मानस पाठ
अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर 14 से 22 जनवरी तक आयोजित होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा निर्धारित किये जाने के संबंध में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने कहा कि 2 जनवरी को भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। जिसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश-प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, साधु-संतो एवं लब्ध प्रतिष्ठित संभ्रांत नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।
प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण होगा
जिलाधिकारी ने बताया कि सभी राम मंदिरों, हनुमान मंदिरों, वाल्मीकि मंदिरों में 14 जनवरी को बालकांड, 15 जनवरी को अयोध्याकांड, 16 जनवरी को अरण्यकांड, 17 जनवरी को किष्किन्धाकांड, 18 जनवरी को सुन्दरकांड, 19 जनवरी को लंकाकांड एवं 20 जनवरी को उत्तरकांड के पाठ के साथ ही भजन-कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि 21 जनवरी की प्रातः सभी मंदिरों में अखण्ड रामायण पाठ कराई जाए जोकि 22 जनवरी की प्रातः पूर्ण हो जाएगी। इसके बाद अयोध्या में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सजीव प्रसारण किया जाएगा।
Lucknow: सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन श्रद्धालुओं व पर्यटकों के रुकने की चाक-चौबंद तैयारी कर रहा है। इसके लिए होटल, धर्मशाला-गेस्ट हाउस, होम स्टे-पेइंग गेस्ट, टेंट सिटी- आश्रय स्थल, डॉरमेट्री आदि में व्यवस्था की जा रही है।
22 जनवरी को श्रीरामलला अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। कई महीनों में अनेक राज्यों का दौरा कर चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मेजबान के रूप में 22 जनवरी के बाद लोगों को आमंत्रित भी कर चुके हैं। लिहाजा उनके रहने-खाने, रुकने, साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था हो, इसके लिए सीएम योगी ने खुद खाका तैयार कर अफसरों को टास्क दे दिया है।
योगी सरकार के निर्देश पर शासन-प्रशासन स्तर पर फिलहाल प्रतिदिन 30 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इसमें और इजाफा भी किया जाएगा। विगत दिनों रामनगरी आए योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण व समीक्षा बैठकों में साफ-सफाई, आतिथ्य स्वागत व अच्छा व्यवहार हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा था।
Lucknow: अयोध्या में 22 जनवरी को हो रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सत्ता और विपक्ष के नेताओं का आमंत्रण भेजा जा रहा है। हालांकि इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद द्वारा सपा अध्यक्ष अखिलेश को प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण देने की बात कही थी। इस पर सपा अध्यक्ष का बयान आया था कि वह विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक नहीं जानते। इसके साथ ही अखिलेश यादव लगातार बयान दे रहे हैं कि जब राम बुलाएंगे तो आएंगे और राम सबके हैं। लेकिन अब अखिलेश यादव ने स्वीकार कर लिया है कि उन्हें आमंत्रण मिल गया है।
चंपत राय को लिखा लेटर
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखकर आमंत्रण के लिए आभार जताया है। अखिलेश यादव ने पत्र में लिखा है 'श्री रामजन्मभूमि मंदिर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा के स्नेह निमंत्रण के लिए धन्यवाद एवं कार्यक्रम सकुशल संपन्न होने की शुभकामनाएं। अखिलेश ने लिखा है कि 'हम प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के पश्चात सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य आएंगे। आपका निमंत्रण के लिए पुनःधन्यवाद।'
Ayodhya: अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में 2100 किलो अष्टधातु का घंटा स्थापित किया जाएगा। पूरे परिसर में लगने वाला यह सबसे बड़ा घंटा होगा। 2100 किलो वजन का यह घंटा अष्टधातु से बनाया गया है। इससे निकलने वाले आवाज अद्भुत होगी। जो दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देगी। घंटा निर्माण में करीब 25 लाख रुपये की लागत आई है। आकार में यह छह फीट ऊंचा और पांच फीट चौड़ा है।
वहीं, मध्य प्रदेश के उज्जैन से पांच लाख लड्डू श्री राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भेजे जाएंगे। इसको लेकर पिछले दिनों ही प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश दिए थे। महाकालेश्वर मंदिर परिसर में लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई में शुद्ध देशी घी और सूखे मेवे के पांच लाख लड्डू तैयार किए जा रहे हैं।
हैदराबाद से सोने की परत चढ़ी चरण पादुका पहुंची
इसी तर भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं। 30 दिसंबर 2023 को 11 ट्रकों से तीन हजार क्विंटल चावल भेजा गया था। राजस्थान में जयपुर से सरसो के तेल के 2100 पीपे अयोध्या भेजे गए हैं। गुजरात के बड़ोदरा से 108 फीट लंबी धूपबत्ती अयोध्या भेजी गई है। नागपुर में रहने वाले शेफ विष्णु मनोहर ने घोषणा की है कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले भक्तों के लिए 7,000 किलोग्राम 'राम हलवा' तैयार करेंगे। हैदराबाद के 64 वर्षीय चल्ला श्रीनिवास शास्त्री सोने की परत चढ़ी चरण पादुका भेंट करने के लिए लगभग 8,000 किमी की दूरी तय करके पैदल ही अयोध्या पहुंचे हैं।
New Delhi: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य जजमान की भूमिका निभा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्राण प्रतिष्ठा के तीन दिन पहले कठिन व्रत और संयम से गुजरना होगा। यम नियम के तहत पीएम बिस्तर की जगह लकड़ी की चौकी पर कंबल बिछा कर शयन करेंगे। अंतिम दिन दिन सिर्फ फलाहार पर तो प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन पूर्ण उपवास पर रहेंगे। उल्लेखनीय है कि यम नियम के तहत ही पीएम मोदी बीते शुक्रवार से व्रत और कई नियमों का पालन कर रहे हैं। इस क्रम में पीएम 12 जनवरी से लगातार एक समय के उपवास पर हैं। विहिप सूत्रों के मुताबिक यम नियम और पूजा पद्धति के मुताबिक पीएम 19 जनवरी से 21 जनवरी तक पूर्ण रूप से फलहार पर निर्भर रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन उन्हें पूर्ण उपवास करना होगा। इस दौरान पीएम शास्त्रों के नियमों के मुताबिक चुनिंदा मंत्रों का जाप करेंगे।
जटायु मूर्ति की बलिदानियों की याद में करेंगे पूजा
प्राण प्रतिष्ठा के लिए यम नियमों का पालन कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राममंदिर परिसर में बने जटायु की मूर्ति की पूजा करेंगे। इस मूर्ति की स्थापना विशेष रूप से मंदिर आंदोलन में अपना जीवन न्योछावर करने वाले बलिदानियों की स्मृति में की गई। पूजा के समय कारसेवा में शहीद हुए बलिदानियों के परिजन भी मौजूद रहेंगे। इसी दिन मोदी मंदिर निर्माण में जुटे मजदूरों के साथ संवाद भी करेंगे। यम नियम के तहत पीएम मोदी शुक्रवार से ही व्रत और कई नियमों का पालन कर रहे हैं। 12 जनवरी से एक समय के उपवास पर हैं। प्राण प्रतिष्ठा से तीन दिन पहले उनका व्रत व संयम और कठिन हो जाएगा। विहिप सूत्रों के मुताबिक यम नियम और पूजा पद्धति के मुताबिक पीएम 19 से 21 जनवरी तक पूर्ण रूप से फलाहार पर निर्भर रहेंगे।
Ayodhya: अयोध्या नगरी अपने आराध्य के स्वागत के लिए तैयार है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। सात दिनों तक होने वाले इस अनुष्ठान के तीसरे दिन शाम करीब पांच बजे गर्भगृह में रामलला अपने आसन पर स्थापित हो गए। मूर्ति की स्थापना 5 घंटे तक वैदिक क्रिया बाद की गई। वहीं, देर रात मूर्ति की पहली छवि सामने आ गई है।
चौथे दिन अनुष्ठान जारी
बता दें कि अनुष्ठान के तीसरे दिन गुरुवार को कर्मकांड की शुरुआत गणेश पूजन के साथ हुई। किसी भी अनुष्ठान के शुभारंभ से पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। इसी मान्यता के चलते गणेश पूजन व अंबिका पूजन के साथ अनुष्ठान शुरू हुआ। विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक मंडल के सदस्य दिनेश चंद्र व डॉ. अनिल ने रामलला की रजत प्रतिमा का पूजन किया। इसके बाद निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने गर्भगृह में सिंहासन की पूजा की। इससे पहले मूर्ति का नगर भ्रमण कराया गया था। बता दें कि गर्भगृह में स्थापित मूर्ति श्याम रंग की है। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा के चौथे दिन अनुष्ठान जारी है।
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को इस तरह करें प्रसन्न, माता देंगी सुरक्षा का आशीर्वाद!
October 05, 2024