ग्रेटर नोएडा: उद्योगों के विकास में आड़े आ रही समस्याओं को लेकर प्राधिकरण कार्यालय में बैठक की गई। इस दौरान उद्यमियों की समस्याओं को सुना गया। बैठक में जिला उद्योग केंद्र से जुड़े अलग-अलग संगठन के उद्यमियों ने हिस्सा लिया। जिन्होंने औद्योगिक भूखंडों की मांग करते हुए उन्हें समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान प्राधिकरण के ओएसडी विष्णु राज ने उद्यमियों की समस्याओं को सुनते हुए उन्हें जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
ग्रेटर नोएडा: प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने हटा दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच नोंकझोक भी देखने को मिली। किसानों पर काबू पाने के लिए पुलिस को हल्के बल का भी इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस ने मौके से 33 किसानों को हिरासत में भी लिया। जिन्हें पुलिस लाइन में लाया गया।
धरने को जबरन करवाया ख़त्म
किसान पिछले 43 दिन से अपनी कई मांगों को लेकर प्राधिकरण दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे थे। मंगलवार को किसानों ने प्राधिकरण के दूसरे गेट को भी बंद कर दिया था। किसानों ने प्राधिकरण पर डेरा डालो, घेरा डालो का आह्वन किया था। जिसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसान शामिल हुए थे।
यमुना सिटी: बहुत जल्द गौतम बुद्ध नगर जिले को पॉड टैक्सी का कार्य शुरू होने जा रहा है। अगले हफ़्ते से ग्लोबल टेंडर जारी किए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक इसके विकास कार्य के लिए 621 करोड़ रूपए ख़र्च किये जाएंगे। इस रूट की लंबाई 14.6 किलोमीटर होगी।
भारत में पहली पॉड टैक्सी की सुविधा
यमुना सिटी में पॉड टैक्सी बनने के बाद भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जहां पर इस ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि इस प्रोजेक्ट की लंबाई भी सबसे ज्यादा होगी। इस रूट की लंबाई 14.6 किमी. है। जो अभी तक दुनिया का सबसे लंबा पॉड टैक्सी रूट होगा।
यमुना सिटी में आवागमन होगा सुगम
पॉड टैक्सी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के बीच चलेगी। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके बनने से आवागमन बहुत सुगम हो जाएगा। भारत में पहली बार पॉड टैक्सी का संचालन होने जा रहा है।
पॉड टैक्सी के बनाए जाएंगे 12 स्टेशन
यमुना सिटी में लगभग 14.6 किमी. के रूट पर पॉड टैक्सी का संचालन होगा। इस पूरे रूट पर 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। जबकि 112 पॉड टैक्सी संचालित की जाएगी। पॉड टैक्सी आवास औद्योगिक और संस्थागत सेक्टरों से होते हुए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक जाएगी।
प्रोजेक्ट पर ख़र्च होंगे 621 करोड़ रुपये
ये दुनिया का सबसे लंबा पॉड टैक्सी रूट होगा, इससे पहले दुनिया के चार देशों मे पॉड टैक्सी का संचालन हो रहा है। इस परियोजना पर यमुना प्राधिकरण 621 करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रत्येक पॉड टैक्सी में 6 यात्री एक साथ यात्रा कर सकेंगे। खास बात ये कि इस पॉड टैक्सी का संचालन खुद यात्री कर सकते हैं।
ग्रेटर नोएडा: चाय की चुसकी का आनंद हर कोई लेना चाहता है, तभी तो चाय का धंधा कभी मंदा नहीं पड़ता। लेकिन आखिर कितना, चलो आपसे सवाल करते हैं कि आप दिन भर में कितनी चाय पी सकते हैं। दो, चार, दस बस... लेकिन इस हिसाब से इतनी चाय की कीमत साल भर में भी कुछ हजार रुपए ही होगी। शायद आपके पूरे परिवार या फिर कहें की पूरे मोहल्ले की चाय की ख़र्च भी साल में कुछ हजार रुपये की ही होगी। लेकिन कोई आप से कहे कि सरकारी दफ्तर में ऐसा नहीं है। यहां के बाबू और अफ़सर कुछ हजार या फिर लाख की नहीं, बल्कि लाखों की चाय साल भर में पी जाते हैं। तो शायद आप पूछेंगे कैसे? क्या कोई चाय, दूध की तरह थोड़ी ना पीता है। जिसका बिल लाखों में हो जाए। ऐसा ही कुछ मज़ेदार और चौंकाने वाला मामला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से सामने आया है। जहां सरकारी बाबुओं और अधिकारियों ने बैठकों का हवाला देकर दो साल में पूरे 71 लाख रुपये की चाय पी गये।
एक महीने में पौने चार लाख की चाय
एक-एक महीने में पौने चार लाख रुपये का बिल बनाया गया है। ये बिल क्षेत्रीय किसानों और अन्य लोगों के साथ बैठकों में पी गई है। ऐसा जवाब आरटीआई में दिया गया। दरअसल प्राधिकरण कार्यालय में समय-समय पर बैठक का आयोजन किया जाता है। बिल का ठीकरा किसानों के साथ होने वाली बैठक पर भी फोड़ा गया है।
हापुड़: उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहे गंगा एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया। गंगा एक्सप्रेस-वे के शुरुआती बिन्दु बिजौली गांव से मंत्री नंदी ने निरीक्षण शुरू किया। इस दौरान मंत्री ने वर्कर्स का काम देख उन्हें प्रोत्हासित भी किया। साथ ही दिसंबर 2024 तक हर हाल में एक्सप्रेस-वे का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।
बेस कैंप में कार्य की प्रगति को देखा
निरीक्षण के बाद मंत्री नंदी ने निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे पर यात्रा की। जिसके बाद मंत्री निर्माण कार्य कर रही कंपनी के बेस कैंप पहुंचे और कार्य की प्रगति को देखा।
मजदूरों का बढ़ाया हौसला
एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रही कंपनी के बेस कैंप पर मंत्री नंदी ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की। जहां उन्होंने दिसंबर 2024 से पहले काम पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान मंत्री नंदी ने एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रहे कर्मचारियों और मजदूरों के कार्य की भी प्रसंशा की।
ग्रेटर नोएडा: जिन आवंटियों ने समय पूरा होने के बाद भी अभी तक उद्योग नहीं लगाया प्राधिकरण उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई करने जा रही है। ऐसे आवंटियों के आवंटन को रद्द करने के निर्देश दिए गये हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन आवंटियों को अंतिम नोटिस भेजी जा चुकी है, उसके बावजूद उन्होंने उद्योग नहीं लगाया, ऐसे आवंटियों के आवंटन को तत्काल रद्द कर दिया जाए।
दूसरे निवेशकों को उद्योग लगाने का मिलेगा मौका
सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि आवंटन रद्द होने के बाद उन भूखंडों को दूसरे निवेशकों को आवंटित किया जाए, ताकि उद्योग लग सके और रोजगार का अवसर बढ़े।
धनराशि नहीं जमा तो भी रद्द होगा आवंटन
सीईओ रितु माहेश्वरी ने स्कीमों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन आवंटियों ने धनराशि जमा करा दी है, उनकी लीज डीड की प्रक्रिया तत्काल संपन्न कराएं। जबकि जिनका धनराशि नहीं जमा और अंतिम तारीख़ निकल चुकी है, ऐसे आवंटियों का भी आवंटन तत्काल रद्द करने के निर्देश दिया गया है।
वेयर हाउस स्कीम लाने की तैयारी
उधर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जल्द ही वेयर हाउस स्कीम लाने की तैयारी कर रहा है। वेयर हाउस स्कीम ईकोटेक-16 में लाया जाएगा। जिसके लिए भूखंडों को चिन्हित किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा: पिछले 52 दिन से किसान प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे हैं। गुरुवार रात 8 बजे ग्रेटर नोएडा सीईओ रितु माहेश्वरी और किसानों की बीच बातचीत विफल हो गई। इस दौरान मौजूद रहे विधायक तेजपाल नागर भी किसानों को समझाने में नाकाम रहे। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों ने उनके जेल में बंद उनके साथी किसानों को छोड़ने की मांग की। हालांकि विधायक ने किसानों को लाख समझाने का प्रयास किया कि वो अभी रात में धरना खत्म कर दें, सुबह उनके साथियों को छोड़ दिया जाएगा। इसके बावजूद किसानों ने विधायक की भी बात नहीं सुनी।
विधायक से नाराज़ दिखे किसान
किसानों ने कहा कि विधायक जनप्रतिनिधि हैं, इसके वाबजूद वो किसानों की तरफ़ से कम, अथॉरिटी अफसरों की तरफ से बोलते दिखे। किसानों का आरोप था कि विधायक की रूचि केवल धरना ख़त्म करवाने में थी, ना कि किसानों की समस्या सुलझाने में।
अथॉरिटी से बातचीत बेनतीजा
अथॉरिटी की तरफ़ से किसानों के प्रतिनिधियों को अंदर बातचीत के लिये बुलाया गया था। किसानों की बातचीत रितु माहेश्वरी की मौजूदगी में उनके कार्यालय में शुरू हुई। इससे पहले विधायक मास्टर तेजपाल सिंह भी किसानों और अधिकारियों के बीच मसले को सुलझाने पहुंचे। विधायक ने किसानों के सामने धरना ख़त्म करने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान करीब आधे घंटे विधायक और रितु माहेश्वरी की भी बातचीत हुई। इसके बाद तय हुआ कि किसानों के एक प्रतिनिधि दल को अंदर बुलाया जाए।
ग्रेटर नोएडा: गिरफ्तार 33 किसानों की रिहाई की मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से गिरफ्तार किसानों को छोड़ने की मांग की। साथ ही उन पर दर्ज फ़र्जी मुकदमें को हटाने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव सुखवीर गठिना, विधायक राजपाल बालियान, छपरौली विधायक अजय कुमार, खतौली विधायक मदन भैया मौजदूर रहे।
आप नए उद्यमी हैं, या फिर उद्यमी बनना चाहते हैं, तो नोएडा प्राधिकरण की ये स्कीम आपके स्टार्टअप में जान फूक सकती है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने किराए पर जगह देने की स्कीम निकाली है। दरअसल, शहर के फेज-टू में पुरानी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लंबा चौड़ा जगह खाली है। इस स्थान को अब प्राधिकरण स्टार्टअप को किराए पर देने जा रही है।
6 जुलाई तक करें आवेदन
इस योजना के लिए 6 जुलाई तक आवेदन प्राधिकरण में किया जा सकता है। इस योजना के बारे में प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि यहां पर 1,224 वर्ग मीटर जगह चिन्हित की गई है। स्टार्टअप के लिए ये जगह किराए पर दिया जाएगा। इस जगह को किराए पर देने के लिए 335 रुपये प्रति वर्ग मीटर रिजर्व प्राइज होगा। यानि आपको ये जगह किराए पर चाहिए तो इससे ज्यादा की बोली लगानी होगी।
पहली बार निकाली गई इस तरह की योजना
प्राधिकरण के संस्थागत विभाग की ओर से पहली बार इस तरह की स्टार्टअप योजना निकाली गई है। अभी 6 जुलाई तक इस तरह की योजना के लोग अप्लाई कर सकते हैं। उसके बाद ऑनलाइन बोली समय तय किया जाएगा।
यमुना सिटी: आगामी बोर्ड बैठक में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के हजारों आवंटियों के लिए बड़ी राहत मिल सकती है। प्राधिकरण बकायेदार आवंटियों का जुमार्ना माफ करने की तैयारी में है। कोर्ट स्टे, विकास कार्य नहीं होने, जमीन मौजूद नहीं होने के चलते अगर किसी आवंटी पर जुमार्ना लग रहा है, तो वह माफ हो जाएगा। ये प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।
26 जून को बोर्ड की बैठक
यमुना प्राधिकरण की 26 जून को बोर्ड बैठक है। जिसमें जुमार्ने की मार झेल रहे आवंटियों के लिए भी प्रस्ताव रखा जाएगा। बोर्ड बैठक में ऐसे आवंटियों को शून्यकाल का लाभ दिए जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक, अगर इसी जमीन पर कोर्ट स्टे है और आवंटी को अब तक कब्जा नहीं मिल पाया है तो उन्हें जुमार्ने से राहत मिलेगी। इसके अलावा भूखंड का विकास नहीं होने, प्राधिकरण के पास जमीन नहीं होने के चलते अगर कब्जा नहीं मिल पाया है तो भी आवंटियों का जुर्माना माफ होगा। आपको बता दें एक अनुमान के मुताबिक ऐसे आवंटियों की संख्या करीब 3000 है। अगर बोर्ड में प्रस्ताव पास होता है तो इन सभी आवंटियों को इससे राहत मिल जाएगी।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022