Noida: साइबर अपराधी ठगी करने का अलग-अलग तरीके अपना कर लोगों की कमाई हड़प ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला नोएडा में सामने आया है। यहां साइबर ठगों ने बिजली कनेक्शन काटने का डर दिखा कर लाखों रुपए एक व्यक्ति के अकाउंट से उड़ा दिए।
दरअसल नोएडा सेक्टर 39 में रहने वाले पूर्ण चंद्र जोशी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 6 मार्च को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें बिजली बिल अपडेट करने के बात लिखी हुई थी। इसके साथ ही बिजली बिल अपडेट न होने पर कनेक्शन काटने की बात कही गई थी।
पूर्ण चंद जोशी ने बताया कि उसने जब मैसेज किए गए नंबर पर फोन किया तो जालसाज मैं थोड़ी देर में बिल अपडेट करने के बात कही और कुछ प्रक्रिया अपनाने को कहा। इसके साथ ही फोन पर बैंक से जुड़ी सारी जानकारी ले ली और फोन में एक ऐप डाऊनलोड करवाया। ऐप डाउनलोड करते ही एक एकाउन्ट से 2 लाख और दूसरे अकाउंट से 25 लाख रुपये कट गये। शिकायतकर्ता ने बताया जब वह दोबारा उस नंबर फोन किया तो बंद मिला। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर जाँच शुरू कर दी है।
Noida: साइबर ठगी के मामले इस डिजिटल युग में तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए रोज नए -नए तरीके अपना रहे हैं, जिसमें पढ़े लिखे व्यक्ति भी फंस जा रहे हैं। ताजा मामला नोएडा मामला में सामने आया है। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने पर मंगलवार को केस दर्ज कराया है। साइबर ठगों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा देकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से दस लाख रुपये की ठगी कर ली। साइबर क्राइम थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
घर बैठे पार्ट टाईम जॉब कर लाखों कमाने का दिया झांसा
जेपी अमन सोसाइटी ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीतिश कुमार ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि उसके पास कुछ समय पहले व्हाट्सऐप पर एक मैसेज आया था। जिसमें घर बैठे डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन ट्रेडिंग करके लाखों रुपये कमाने की बात कही गई थी। नीतीश ने बताया कि जब मैसेज करने वालों से बात की तो टेलीग्राम के ग्रुप में जोड़ दिया। इसके बाद आरोपियों ने कुछ ई कॉमर्स वेवसाइट के ऑनलाइन पेज को अच्छा रेटिंग और रिव्यू करने का टास्क दिया था, जिसको उन्होंने पूरा कर दिया।
पहले निवेश किया फिर धोखा दिया
सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि इस दौरान उनको कुछ फायदा हुआ। इसके बाद जालसाजों ने दूसरे टास्क में ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए कहा और उनका एक अकाउंट बना दिया गया। इसके जरिए उन्होंने कई कंपनियों के शेयर में निवेश किया। शुरुआती दौर में काफी फायदा हुआ लेकिन जब उनकी रकम लाखों में पहुंच गई तो उनके अकाउंट को बंद कर दिया गया। इसके बाद फिर से अकाउंट को खोलने का झांसा देकर कई बार में 10 लाख 45 हजार रुपए ले लिए। जब उन्होंने रुपए मांगे तो टेलीग्राम ग्रुप से बाहर कर दिया। साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है।
Noida: नोएडा धीरे-धीरे जामताड़ा बनता जा रहा है। यहां आए दिन साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफश हो रहा है। अब विदेशी नागरिकों को इन्श्योरेन्स पॉलिसी देने के नाम पर ठगी करने वाले 14 ठगों को थाना फेस 1 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार सभी लोग यूएसए के लोगों को डायलर के माध्यम से स्क्रिप्ट देखकर इन्टरनेट कॉल करते थे। कॉल करते समय अपने नाम बदल लेते और हेल्थ इन्शोरेन्स पालिसी के बारे में बताते थे। यदि वह व्यक्ति तैयार हो जाता है तो उस कॉल को HARVARD BUSINESS SERVICES INC कम्पनी को ट्रान्सफर कर देते हैं।
इंटरनेट से करते थे यूएसए के लोगों को फन
इसके एवज में इनको 30 से 35 डालर प्रति व्यक्ति मिलता है। यह काम बिना किसी अनुमति व लाइसेन्स के किया जा रहा था। शुक्रवार को इलेक्ट्रोनिक सर्विलांस टीम, मैनुअल इंटेलीजेन्स व गोपनीय सूचना के आधार पर यूएसए के भोले भाले लोगों को इन्टरनेट के माध्यम से कॉल करके हेल्थ इन्श्योरेन्स पॉलिसी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 14 - 43 सेक्टर-2 नोएडा से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 7 कम्प्यूटर, 1 लैपटाप, 7 हैडफोन व सूची कालिंग आदि बरामद हुआ है।
पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार
निखिल यशवाल (30), दरभंगा बिहार, अंकुश गुप्ता (19) निवासी गाजियाबाद , ओरको सैन निवासी नोएडा, दीपांशू चौहान, नितिन सिंह, हर्ष सिंह, नितिन चौधरी, अंकित कुमार झां, रिषभ गुप्ता, गौरव सिंह, निशान्त कुमार, कुलदीप मिश्रा, कमरान फरीदी, ताजीम अली
Noida: नोएडा में साइबर ठग पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। प्रतिदिन जालसाज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ले रहे हैं। अगर आप को भी घर बैठे कमाई का ऑफर मिल रहा है तो सावधान हो जाएं। क्योंकि घर बैठे कमाई नहीं होगी बल्कि आपका अकाउंट ही साफ हो जाएगा।
कंपनी की एचआर मैनेजर बनकर युवती ने किया फोन
सेक्टर 50 कैलाश धाम अपार्टमेंट के नवनीत शर्मा ने साइबर क्राइम थाने को दी शिकायत में बताया कि उनके पास कुछ समय पहले वाट्सएप पर इशा नाम की एक युवती का मैसेज आया था। जिसने खुद को एक ऑनलाइन रेटिंग देने वाली कंपनी का एचआर मैनेजर होने की बात बताई। इसके बाद कंपनी के साथ पार्ट टाइम नौकरी करके लाखों रुपये कमाने का ऑफर दिया। जब उसने रुचि दिखाई तो कहा कि उसे कुछ टास्क पूरे करने पड़ेगें।
पहले रेटिंग और रिव्यू का टास्क देकर फंसाया
इसके बाद उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया और कुछ यूट्यूब और ई- कामर्स वेबसाइट के ऑनलाइन पेज को अच्छा रेटिंग और रिव्यू करने का टास्क दिया, जिसको उन्होंने पूरा कर दिया। इससे उनको कुछ फायदा हुआ। इसके बाद दूसरे टास्क में ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए कहा और उनका एक अकाउंट बना दिया। उन्होंने कई कंपनियों के शेयर में निवेश किया। जिससे उनकी रकम लाखों में पहुंच गई तो उनके अकाउंट को बंद कर दिया गया। फिर से अकाउंट को खोलने का झांसा देकर आरोपी ने कई बार में 57 लाख रुपये ले लिए। जब अपने रुपये मांगे तो उनको टेलीग्राम ग्रुप से बाहर कर दिया गया।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख क्षेत्र का निवासी नीरज कुमार कुछ महीने पहले साइबर ठगी का शिकार हुआ और उसके खाते से 14 लाख रुपए ठग ने उड़ा लिए। शिकायत पर साइबर थाना पुलिस जांच में जुटी, करीब 58 हजार रुपए बैंक द्वारा वापस करने के दौरान पीड़ित के खाते में करीब 26 लाख रुपए ट्रांसफर हो गए। जिसको पीड़ित ने निकालकर खर्च कर लिया। बैंक अधिकारी की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर करीब 20 लाख की रिकवरी करली है।
14 लाख की हुई थी साइबर ठगी
साइबर थाना प्रभारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि बीते सितंबर में थाना बिसरख क्षेत्र निवासी नीरज के साथ ऑनलाइन 14 लाख रुपए की साइबर ठगी हुई थी। जिसकी पुलिस जांच कर रही थी। हमारी टीम ने 58 हजार रुपए फ्रीज करवाया और कोर्ट के आदेश पर यश बैंक को नीरज के खाते में ट्रांसफर करने को कहा। तकनीकी खामी के कारण बैंक द्वारा नीरज के खाते में 26 लाख 15 हजार 905 रुपए चले गए, जोकि वापस नहीं किए। जिसकी शिकायत बैंक अधिकारी ने साइबर थाने में दर्ज करवाई।
20 लाख रुपये की हो चुकी है रिकवरी
साइबर थाना प्रभारी का कहना है कि बैंक द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर एक जांच के के लिए टीम बनाई। नीरज को बुलाया और उससे अभी तक 20 लख रुपए की रिकवरी हो चुकी है। जबकि बाकी बचे रुपए की भी जल्द रिकवरी की जाएगी। नीरज का कहना है कि उसे इस बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं थी कि वह रुपए बैंक द्वारा आ गए हैं। इसलिए उसने अपने यूज में ले लिए।
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