नोएडा: पानी की संकट को देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में जल की बर्बादी को रोकने के लिए जिला कलेक्ट्रेट में बैठक हुई। डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में जल विभाग के अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान डीएम ने जल विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
13 संस्थानों पर जुर्माना
इस दौरान निर्माणाधीन परियोजनाओं में अवैध रूप से भगर्भ जल दोहन करने वाले 13 संस्थानों पर परियोजनाओं पर 5-5 लाख रुपए की जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गये
NOIDA RAIN UPDATE: हिंडन नदी में जलस्तर बढ़ने से लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब भी डूब क्षेत्र और बाढ़ वाले गांवों में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है। इस काम में जिला प्रशासन, पुलिस और NDRF की टीम दिन रात जुटी हुई है। प्राधिकरण के CEO लोकेश एम ने DM मनीष कुमार वर्मा के साथ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे।
लगातार की जा रही है मॉनिटरिंग
यमुना और हिंडन नदी के जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही व्यवस्थाएं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित अस्थाई शिविर बनाए गये हैं। जहां पर प्रभावित लोगों को पहुंचाया जा रहा है। जिले में हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रभावित परिवारों को सभी सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं, दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में फंसे लोगों को मदद मिल रही है या नहीं, इसका निरीक्षण करने CEO लोकेश एम और DM मनीष कुमार वर्मा पहुंचे।
लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील
दोनों अधिकारी सेक्टर-142 के पास स्थित सुत्याना गांव पहुंचे, जहां पर स्थिति का जायजा लिया। यहां पर ग्रामीणों से अपील की गई कि वो सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। जिससे किसी भी तरह की अनहोनी को टाला जा सके। शिविरों में लोगों के लिए रहने, खाने, बिजली, साफ-सफाई और मेडिकल की सुविधाएं अच्छे से उपलब्ध कराई जा रही है। इस दौरान डीएम मनीष कुमार ने अधिकारियों के निर्देश दिया कि हिंडन नदी के जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग की जाए।
गौशाला का भी किया निरीक्षण
यहां से दोनों अधिकारी सेक्टर 135 में बनाए गये अस्थाई गौशाला का भी निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौशाला में रखे गए पशुओं के रहने के लिए साफ-सुथरा स्थान, चारे और मेडिकल सुविधाएं मानकों के अनुरूप उपलब्ध कराईं जाए। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर नोडल अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि उनके द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया जाए और प्रभावित परिवारों के लिए जो सुरक्षित अस्थाई शिविर स्थल बनाए गए हैं, उनमें मिलने वाली सुविधाओं की भी मॉनिटरिंग कर यह सुनिश्चित करें कि वहां पर सभी मूलभूत सुविधाएं, खानपान तथा मेडिकल सुविधा प्रवास कर रहे लोगों को मानकों के अनुरूप प्राप्त होती रहे।
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